Chronological
किसान अउर बिआ क दिस्टान्त
(मरकुस 4:1-9; लूका 8:4-8)
13 उहइ दिन ईसू उ घरवा क छोड़िके झिलिया क किनारे उपदेस देइ जाइ बइठा। 2 बहोत मिला ओकरे चारिउँ कइँती ऍकट्ठा होइ गएन। तउ एक दिन उ नाउ प चढ़िके बइठि गवा। अउ भीड़ किनारे खड़ी रही। 3 उ ओनका दिस्टान्त क सहारा लेत भवा बहोत सी बात बताएस। उ कहेस,
“एक किसान बिआ बोअइ निकरा। 4 उ जब बोआई करत रहा तउ कछू बिआ राहे क किनारे जाइ गिरेन। चिड़ियन आइन अउर चुन गइन। 5 तनिक बिआ चट्टान क धरती प जाइ गिरेन। हुआँ क माटी उथली रही। बिआ फउरन उगेन, काहेकि माटी गहिर नाहीं रही। 6 यह बरे जइसे सूरज निकरा तउ उ पउधन झुराइ गएन। अउर काहेकि उ सबइ जिआदा जर पकड़े नाहीं रहेन एह बरे झुराइके गिर गएन। 7 बिआ क एक हींसा कँटहरी झाड़िन मँ जाइ गिरा, झाड़िन बाढ़िन, अउर उ सबइ उ पउधन क दहबोच लिहेन। 8 मुला थोड़ा बिआ जउन बढ़िया धरती प गिरा रहेन, बढ़िया फसल देइ लागेन। फसल, जेतना बोइ ग रही, ओसे कउनो तीस गुनी, साठ गुनी, या सौ गुनी स भी जिआदा भई। 9 जउन सुन सकत ह, उ सुनि लेई!”
दिस्टान्त कथा क मतलब
(मरकुस 4:10-12; लूका 8:9-10)
10 फिन ईसू क चेलन ओकॅरे लगे जाइके पूछेन, “तू ओनसे बात करत भए दिस्टान्त कथा क प्रयोग काहे करत ह?”
11 जवाबे मँ उ ओनसे कहेस, “सरगे क राज्य क भेद क जानइ क अधिकार सिरिफ तोहका दीन्ह ग अहइ, ओनका नाहीं। 12 काहेकि जेकरे लगे थोड़ा बहोत बाटइ, ओका अउर भी दीन्ह जाई अउर ओकरे लगे ढेर होइ जाई। मुला जेकरे लगे कछू भी नाहीं अहइ, ओहसे जेतना स ओकरे लगे बाटइ, उ भी छोर लीन्ह जाइ। 13 एह बरे मइँ ओनसे दिस्टान्त कथा क प्रयोग करत कहत हउँ। काहेकि अगर उ सबइ निहारत हीं मुला असल मँ ओनका कछू देखॉई नाहीं देत, उ पचे अगर सुनत हीं, मुला असल मँ उ सबइ न सुनत हीं, न समझत हीं। 14 इ तरह ओन प यसायाह की भविस्सबाणी खरी उतरत ही:
‘तू सुनब्या अउर सुनतइ ही रह्ब्या
मुला तोहरे कछू भी समुझ न आई
तू लखत ह, बस देखतइ ही रह्ब्या
मुला तोहका तउ कछू सूझ ना पाई,
15 काहेकि ओनके अकिल प पाथर पड़ा हइ
सबइ आपन कान मूँद लिहेन,
अउर आँखी बंद कई राखी अहइँ
जेसे आपन आँखिन स उ सबइ कछू न निहारइँ
अउर उ सबइ कनवा स कछू सुनि न पावइँ
या आपन हिरदय स कबहुँ बूझइँ
अउ मुड़िकइ कबहुँ मोरी कइँती आवइँ
अउर जेसे मइँ ओनका उद्धार करउँ।’ (A)
16 मुला तोहार आँखी अउर कान धन्य अहइँ काहेकि उ सबइ देख सुन सकत हीं। 17 मइँ सच कहत हउँ बहोतन नबियन अउर धर्मी जउन बातन क देखइ चाहत रहेन, ओनका तू देखत अहा। उ पचे ओनका नाहीं देखि सकतेन। अउ जउन बातन क उ सबइ सुनइ चाहत रहेन, ओनका तू सुनत बाट्या। उ सबइ ओनका नाहीं सुन सकेन।
बिआ बोवइ क दिस्टान्त कथा क अरथ
(मरकुस 4:13-20; लूका 8:11-15)
18 “तउ बिआ बोअइ क दिस्टान्त क अरथ सुन ल्या।
19 “उ बिआ जउन राह क किनारे गिर गवा रहा, ओकर अरथ अहइ कि जबहिं कउनो सरगे क राज्य क उपदेस सुनावत ह अउर समझत नाहीं तउ दुस्ट आइके, ओकरे मनवा मँ जउन उगा रहा, उखाड़ लइ जात ह।
20 “उ सबइ बिआ जउन पथरही धरती प छितराइ ग रहेन, ओकर अरथ अहइ उ मनई जउन उपदेस सुनत ह, ओका खुसी होइके फउरन अपनावत ह 21 मुला आपन भीतर ओनकइ जड़ नाहीं जमइ देत, उ तनिक देर ठहर पावत ह, जब उपदेस क कारण ओह प कस्ट अउर यातना आवत हीं तउ उ फउरन डगमगाइ जात ह।
22 “कँटवन मँ छितराइ गवा बिआ क मतलब अहइ, उ मनई जउन उपदेस क तउ सुनत ह, मुला संसार क फिकिर अउर धन क लालच उपदेस क दहबोच लेत ह अउर उ मनई सफल नाहीं होइ पावत।
23 “नीक धरती प छितरान बिआ क अरथ अहइ उ मनई जउन उपदेस क सुनत ह अउर समझत ह। उ सफल होत ह। ओकर सफलता तीस गुनी, साठ गुनी या सौ गुनी तक होत ह।”
गोहूँ अउर खरपतवारे क दिस्टान्त
24 ईसू ओनके समन्वा एकठू अउर दिस्टान्त कथा राखेस, “सरगे क राज्य उ मनई क नाईं अहइ जउन आपन खेतवा मँ नीक बिआ बोएस। 25 मुला जब मनइयन सोवत रहेन, उ मनई क दुस्मन आवा अउर गोहूँ क बीचउबीच खरपतवार बोइ गवा। 26 जइसे गोहूँ अँखुवान अउर ओह प बालन आइन तउ खरपतवार देखाइ लाग। 27 तइसेन खेते क मालिक क लगे आइके ओकर नउकरन ओसे कहेन, ‘मालिक, तू तउ खेतवा मँ बढ़िया बिआ बोए रहा, बोए रह्या न? फिन ई खरपतवार कहाँ ते आइ गवा?’
28 “तब उ ओनसे कहेस, ‘इ कउनो दुस्मने क काम अहइ।’
“ओकर नउकरन ओसे पूछेन, ‘का तू चाहत ह कि हम सबइ जाइके खरपतवार उखाड़ देइ?’
29 “उ बोला, ‘नाहीं काहेकि जब तू खरपतवार उखड़ब्या तउ ओनके संग तू गोहूँ भी उखाड़ देब्या। 30 जब ताईं फसल पाकइ, दुइनउँ क साथ साथ बाढ़इ द्या, फिन कटनी क समइ फसल क कटइयान स कहब कि पहिले खरपतबारे क गट्ठर बनाइके ओनका जराइ द्या अउर गोहूँ बटोरिके मोरे खरिहाने मँ धइ द्या।’”
अउर दिस्टान्त कथा
(मरकुस 4:30-34; लूका 13:18-21)
31 ईसू ओनके समन्वा अउर दिस्टान्त कथन्क राखेस: “सरग क राज्य राई क बिआ क छोटवार बिआ क नाईं अहइ, जेका कउनो लइके खेते मँ बोई दिहे होय। 32 ई बिआ नान्ह स नान्ह होत ह मुला बड़वार होए प इ बगिया क सबइ पउधन स बड़वार होइ जात ह। इ पेड़ बनत ह अउर अकासे क पंछी आइके ऍकर डारन प सरन लेत हीं।”
33 ईसू ओनका एक दिस्टान्त कथा अउ कहेस, “सरगे क राज्य खमीर क नाई अहइ, जेका जउनो स्त्री तीन अढ़इया आटा मँ मिलाएस अउर तब ताई ओका राखि दिहेस जब तलक उ सबइ क सबइ खमीर नाहीं भवा।”
34 ईसू लोगन्स सब कछू दिस्टान्त कथन स बताएस। असिल मँ उ ओनसे दिस्टान्त कथा क बिना कछू नाहीं कहत रहा। 35 अइसा एह बरे भवा कि परमेस्सर नबी स जउन कछू कहवाए रहा पूरा होइ जाइ: परमेस्सर कहेस,
“मइँ दिस्टांत कथन स आपन मुँहना खोलिहउँ।
सृस्टि क सुरू स जउन बात छुपी रहिन, ओनका परगट करब।” (B)
गोहूँ अउर खरपतवारे क दिस्टान्त क बखान
36 फिन ईसू उ भीड़ क बिदा कइके घर आइ गवा। तब्बइ ओकर चेलन आइके ओसे कहेन, “खेते क खरपतवार क दिस्टान्त क अरथ हमका समझाइ द्या।”
37 जवाबे मँ ईसू बोला, “जउन उत्तिम बिआ बोए रहा, उ अहइ मनई क पूत। 38 अउर खेत इ संसार अहइ। नीक बिआ क अरथ अहइ, सरगे क राज्य क मनई। खरपतवार क अरथ अहइ, दुस्ट (सइतान) क संतान। 39 उ दुस्मन जउन खरपतवारे क बोएस, सइतान अहइ, अउर कटनी क समइ अहइ, इ संसार क अंत अउर कटइया अहइँ परमेस्सर क दूतन।
40 “तउ ठीक उहइ जइसे खरपतवारे क ऍकट्ठा कइके आगी मँ जराइ दीन्ह ग, वइसे ही संसार क अंत होई। 41 मनई क पूत आपन दूतन क पठइ अउर उ सबइ ओनके राज्य स सबइ पापिन क अउ ओनक जउन पाप बरे मनइयन क भड़कावत हीं, 42 ऍकट्ठा कइके धधकत भट्ठी मँ झोक देइहीं जहाँ बस दाँतन क पीसब अउर रोउब ही रोउब होई। 43 तब धर्मी आपन परमपिता क राज्य मँ सूरज क नाई चमकिहीं। जउन सुनि सकत ह, सुनि लेइ।
धने क भण्डार अउर मोती क दिस्टान्त
44 “सरग क राज्य खेत मँ गड़ा भवा खजाना क नाईं अहइ, जेका कउनो मनई पाएस अउर फिन ओका हुवँई गाड़ दिहेस। उ ऍतना खुस भवा कि ओकरे लगे जउन कछू रहा उ ओका बेंच दिहस अउर उ खेत बेसहि लिहस।
45 “सरग क राज्य एक अइसे बेवपारी क नाईं अहइ कि जउन बढ़िया मोती क खोज मँ होइ। 46 जइसेन ओका एक अनमोल मोती मिला तउ जाइके जउन कछू ओकरे पास रहा, उ बेंच डाएस अउर मोती वेसहि लिहस।
मछरी पकड़इ क जाल
47 “सरगे क राज्य मछरी पकड़इ बरे झीले मँ फेंक गवा जाल क नाईं भी अहइ। जेहमाँ किसिम किसिम क मछरी पकड़ लीन्ह गइन। 48 जब उ जाले मँ मछरी मुचामुच भरि गइन तउ किनारे ओका हींच लीन्ह गवा अउर हुवाँ बैठिके नीक मछरी छाँटिके टोकरिन मँ भरि लीन्ह गइन मुला बेकार मछरी फेंकि दीन्ह गइन। 49 सृस्टि क अंत मँ अइसे ही होई। सरगदूतन अइहीं अउर धर्मियन मँ स दुस्ट मनइयन क छाँटिके 50 धधकत भट्ठी मँ झोकि देइहीं। हुवाँ बस रोउब अउर दाँत पीसब होई।”
51 ईसू आपन चेलन स पूछेस, “का तू सबइ इ बातन क समझत ह”
उ पचे जबाव दिहन, “हाँ।”
52 फिन उ ओनसे कहेस, “देखा, एह बरे हर धरम सास्तरी जउन सरग क राज्य क जानत ह, एक अइसे ग्रिहस्त क नाई अहइ, जउन आपन बखरी स नई पुरानी चीजन्क बाहेर निकारत ह।”
ईसू क आपन देस लौटब
(मरकुस 6:1-6; लूका 4:16-30)
53 इ सबन दिस्टान्त कथा क पूरा कइके उ हुवाँ स चला गवा। 54 अउर आपन देस आइ गवा। फिन उ आराधनालय मँ उपदेस देब सुरू करेस। ऍसे हर कउनो अचरजे मँ पड़िके कहइ लाग, “ऍका अइसी सूझबूझ अउर अद्भुत कारजन क सक्ती कहाँ त मिल गइ? 55 का इ उहई बढ़ई क बेटवा नाहीं अहइ? का ऍकर महतारी क नाउँ मरियम नाहीं अहइ? याकूब, यूसुफ, समौन अउर यहूदा इहई क भाई अहइँ न? 56 ऍकर सबहिं बहिनियन हमरे बीच मँ नाहीं अहइँ? तउ फिन ओका इ सब कहाँ त मिली गवा?” 57 तउ उ सबइ ओका मानेन नाहीं।
फिन ईसू कहेस, “कउनो नबी इ आपन गाँव अउर घरवा क छाँड़िके, सब मनइयन इज्जत करत हीं।” 58 तउ ओनके बिसवास न होइके कारण उ हुवाँ जिआदा अद्भुत कारजन नाहीं किहेस।
ईसू आपन चेलन क संग
8 ऍकरे बाद अइसा भवा कि ईसू परमेस्सर क राज्य क सुसमाचार मनइयन क सुनावत भवा सहर-सहर अउर गाउँ गाउँ घूमइ लाग। ओकर बारहु प्रेरितन भी ओकरे संग होत रहेन। 2 ओकरे संग कछू स्त्रियन भी होत रहीं जेनका उ बेरामी अउर दुस्ट आतिमन स छुटकारा दियावत रहा। एनमाँ मरियम मगदलीनी नाउँ क एक स्त्री रही जेका सात दुस्ट आतिमन स छुटकारा मिला रहा। 3 हेरोदेस क संरकाम अफसर खोजा क पत्नी योअन्ना भी एनहीं मँ रहिन। साथ ही सूसन्नाह अउर ढेर क स्त्रियन भी रहिन। इ स्त्रियन आपन जतन स ईसू अउर ओकरे प्रेरितन क सेवा क संरजाम करत रहिन।
बिआ बोवइ क दिस्टान्त कथा
(मत्ती 13:1-17; मरकुस 4:1-12)
4 जब सहर-सहर स आइके मनइयन क बड़ी भीड़ ऍकट्ठा होत रही, तउ उ ओनसे एक दिस्टान्त कथा कहेस,
5 “एक किसान आपन बिआ बोवइ निकरा। जब उ बिआ बोएस कछू बिआ राह क किनारे जाइके गिरेन अउर गोड़े तरे रौंद गएन। अउर चिड़ियाँ ओनका चुग लिहेन। 6 कछू बिआ पथरही धरती प गिरेन, उ सबइ जब उगेन तउ ओद न होइ स मुरझाइ गएन। 7 कछू बिआ कँटेहरी झाड़िन मँ गिरेन। काँटन क बाढ़इ क संग संग उ भी बाढ़ेन अउर कँटवन ओनका दबोच लिहन। 8 अउर कछू बिआ धरती प गिरेन। उ उगेन अउर उ सबइ सउ गुना फसल दिहेन।”
इ बातन क बतावत भवा उ पुकारिके कहेस, “जेकरे लगे कान अहइँ, उ सबइ सुनि लेइँ।”
9 ओकर चेलन ओसे पूछेन, “इ दिस्टान्त कथा क अरथ का अहइ?”
10 तउ उ बताएस, “परमेस्सर क राज्य क भेद जानइ क सुविधा तोहका दीन्ह गइ अहइ मुला दूसर क इ भेद दिस्टान्त कथा स दीन्ह ग अहइँ जेहसे:
‘उ पचे देखत भी
न देख पावइँ
अउर सुनते हुए भी
न समुझ पावइँ।’ (A)
बिआ बोअइ क दिस्टान्त कथा क अरथ
(मत्ती 13:18-23; मरकुस 4:13-20)
11 “इ दिस्टान्त कथा क अरथ इ अहइ: बिआ परमेस्सर क उपदेस अहइ। 12 उ बिआ जउन राह क किनारे गिरा रहेन, उ मनइयन उपदेस जउन अब उपदेस सुनत हीं, सइतान आवत ह अउर उपदेस क ओनके मने स निकार लइ जात ह जेहसे उ सबइ पतिआय न पावइँ अउर ओनकइ उद्धार न होइ सकइ। 13 उ बिआ जउन पथरही भुइयाँ प गिरा रहेन ओनकइ अरथ अहइ ओन मनइयन स जउन उपदेस सुनत हीं तउ ओका खुसी स तउ अपनावत हीं। मुला बिआ ओनके भितरे जम नाहीं पावत उ सबइ कछू समइ बरे बिसवास करत हीं मुला परीच्छा क घड़ी मँ डुग जात हीं।
14 “अउर जउन बिआ काँटन मँ गिरेन ओकर अरथ अहइ, ओन मनइयन स जउन उपदेस सुनत हीं, मुला जब उ पचे आपन राहे प चलइ लागत हीं। तउ फिकिर, धन दौलत अउर जिन्नगी क भोग बिलास ओका दहबोचि लेत हीं, जेहसे ओन प कबहुँ फसल पाकत नाहीं। 15 अउर बढ़िया भुइयाँ प गिरा भवा बिआ क अरथ अहइ ओन मनइयन स जउन अच्छा अउर सच्चा मन स जब उपदेस क सुनत हीं तउ ओका धारण भी करत हीं। फिन आपन धीरज क संग उ पचे उत्तिम फल देत हीं।
आपन सच्चाई क बैपरा
(मरकुस 4:21-25)
16 “कउनो दीया ढकना स ढाकइ बरे नाही जलावत। या ओका बिछउना तरे नाहीं धरत। मुला उ ओका डीबट प धरत ह काहेकि जउन भीतर आवइँ, रोसनी देखि सकइँ। 17 काहेकि कछू भी अइसा छुपा नाहीं अहइ जउन उजागर न होई अउर कछू भी अइसा छुपा नाहीं बा जउन जाना न जाई अउर परगट न होई। 18 एह बरे धियान स सुना काहेकि जेकरे लगे बा ओका भी दीन्ह जाई अउर जेकरे लगे नाहीं अहइ, ओसे भी ओकरे नगिचे देखात ह, उ भी लइ लीन्ह जाई।”
ईसू क मनवइयन ही ओकर सच्चा परिवार
(मत्ती 12:46-50; मरकुस 3:31-35)
19 तबहीं ईसू क महतारी अउर ओकर भाइयन ओकरे लगे आएन मुला उ पचे भीड़ क कारण ओकरे नगिचे नाहीं जाइ सकेन। 20 यह बरे ईसू स इ कहा गवा, “तोहार महतारी अउर तोहार भाइयन बाहेर खड़ा अहइँ। उ पचे तोसे भेंटइ चाहत हीं।”
21 मुला ईसू ओनका जवाब दिहस, “मोर महतारी अउर मोर भाइयन तउ इ सबइ अहइँ जउन परमेस्सर क उपदेस सुनत हीं अउर ओह प चलत हीं।”
चेलन क ईसू क सक्ति क दर्सन
(मत्ती 8:23-27; मरकुस 4:35-41)
22 तब्बइ एक दिन अइसा भवा कि उ आपन चेलन क संग एक नाउ प चढ़ा अउर ओनसे “आवा, झिलिया क उ पार चली।” तउ उ पचे पाल खोलि दिहन। 23 उ पचे जब नाउँ खेवत रहेन, ईसू सोइ गवा। झिलिया प आन्धी अउर तूफान उतर आवा। ओनके नाउ मँ पानी भरइ लाग। उ पचे खतरा मँ रहेन। 24 ऍहसे उ सबइ ओकरे लगे आएन अउर ओका जगाइके कहइ लागेन, “स्वामी! स्वामी! हम बूड़त अही!”
फिन उ खड़ा भवा अउर उ आन्धी, अउर लहरन क फटकारेस। उ सबइ थम गइन अउर हुवाँ सान्ति होइ गइ। 25 फिन उ ओनसे पूछेन, “तोहार बिसवास कहाँ गवा?”
मुला उ पचे डेरान रहेन अउर अचरज मँ पड़ा रहेन। उ पचे आपुस मँ एक दूसरे स कहेन, “आखिर इ अहइ कउन जउन हवा अउर पानी दुइनउँ क हुकुम देत ह अउर उ सबइ ओका मानत हीं!”
दुस्ट आतिमन स छुटकारा
(मत्ती 8:28-34; मरकुस 5:1-20)
26 फिन उ पचे गिरासेनियन लोगन क पहँटा मँ पहुँचेन जउन गलील झीले क समन्वा रहा। 27 जइसेन ही उ किनारे प उतरा, सहर क एक मनई ओका मिला। ओहमा दुस्ट आतिमन क सवारी रहिन। बहोत दिना स उ न तउ ओढ़ना पहिरत रहा, न ही उ घरे मँ रहत रहा, मुला उ कबरे मँ रहत रहा।
28-29 उ जब ईसू क लखेस तउ चिचियात भवा ओकरे समन्वा गिरिके ऊँची अवाज मँ बोला, “हे सर्वोच्च परमेस्सर क पूत ईसू तू मोसे का चाहत ह? मइँ बिनती करत हउँ मोका पीरा जिन द्या।” उ दुस्ट आतिमा क उ मनई मँ स बाहेर निकरइ क हुकुम दिहेस, काहेकि उ दुस्ट आतिमा उ मनई क बहोत दाई पकड़े रही। अइसेन अवसरन प ओका हथकड़ी बेड़ी स बाँधि के पहरुअन क बीच राखि जात रहा। मुला उ हमेसा जंजीरे क तोरि डावत अउर दुस्ट आतिमा ओका वीरान जगहन मँ भगावत रहत!
30 तउ ईसू ओसे पूछेस, “तोहार नाउँ का अहइ?”
उ कहेस, “सेना।” (काहेकि बहोत स दुस्ट आतिमन ओहमा समाई रहिन।) 31 उ सबइ ईसू स बहस मोबहसा क संग बिनती करत रहेन कि ओनका गहिर गड़हा मँ जाइके हुकुम न देइँ। 32 अब देखा, तबहिं हुआँ पहाड़ी प सुअरन क झुण्ड चरत रहा। दुस्ट आतिमन ओसे बिनती किहेन कि उ ओनका सुअरिअन मँ जाइ देइँ। तउ उ ओनका जाइके हुकुम दिहेस। 33 ऍह प उ सबइ दुस्ट आतिमन उ मनई मँ स बाहेर निकरीं अउर ओन सुअरिअन मँ घुस गइन। अउर सुअरिअन क झुण्ड तरखाले उ ढालू तट स लुढ़कत पुढ़कत अउर दउड़त भवा झीले मँ जाइके गिरि गवा अउर बूड़ गवा।
34 सुअरिअन क झुण्ड क बहोरिया, जउन कछू भवा रहा, ओका निहारिके हुवाँ स परानेन। अउर ऍकर खबर उ पचे सहर अउर दिहात मँ सुनाएन। 35 फिन हुवाँ क मनइयन जउन कछू घटा रहा ओका लखइ बाहेर आएन। उ सबइ ईसू स भेंटेन। अउर उ पचे उ मनई क जेहमाँ स दुस्ट आतिमन निकरी रहिन, ईसू क गोड़वा प बइठा पाएन। उ मनई ओढ़ना पहिरे रहा अउर ओकर दिमाग एकदम सही रहा। ऍहसे उ सबहिं डेराइ गएन। 36 जउन निहारेन, उ पचे बताएन क दुस्ट आतिमन क सवारीवाला मनई कइसे नीक भवा। 37 गिरासेन पहँटा के सबहीं वसइया ओसे बिनती किहेन कि उ हुवाँ स चला जाइ काहेकि सबहिं बहोत डेरान रहेन।
तउ ईसू नाउ मँ आवा अउर लौटि गवा। 38 मुला जउने मनई स दुस्ट आतिमन निकरी रहिन, उ ईसू स आपन क संग लइ जाइके बिनती करत रहा। ऍह पइ ईसू ओका इ कहत भवा लौटाइ दिहस, 39 “घर जा अउर जउन कछू परमेस्सर तोहरे बरे किहे अहइ ओका बतावा।”
तउ उ लौटिके ईसू ओकरे बरे जउन कछू किहस ह, ओका सारे नगर मँ कहत फिरा।
मरी लरकी क जिन्नगी देब अउर बेरमिया स्त्री क चंगा होब
(मत्ती 9:18-26; मरकुस 5:21-43)
40 अब लखा जब ईसू लौटा तउ मनइयन क भीड़ ओकर अगवानी किहेस, काहेकि उ सबइ ओका जोहत रहेन। 41-42 तबहीं याईर नाउँ क एक मनई हुवाँ आइ। उ हुवाँ क आराधनालय क मुखिया रहा। उ ईसू क गोड़वा मँ गिरि गवा अउर ओसे आपन घरे जाइके बिनती करइ लाग। काहेकि ओकर बारह बरिस क एक इकलौती बिटिया रही, उ मरइ क रही।
तउ ईसू जब जात रहा तउ भीड़ ओका कुचरि देत रही। 43 हुवाँ एक स्त्री रही जेकर बारह बरिस स खून बहत रहा। जउन कछू ओकरे लगे रहा, उ बैद्य पर खरिच कइ दिहस, मुला उ कउनो स नीक नाहीं होइ पाइ। 44 उ ओकरे पाछे आइ अउर ओकरे चोंगा क मोहरी छुएस अउर तुरंतहि ओकर लहू बहब रुकि गवा। 45 तब ईसू पूछेस, “उ कउन अहइ जउन मोका छुएस ह?”
जब सबहिं मुकरइ लागेन कि उ पचे ईसू क नाहीं छुएन तउ पतरस कहेस, “स्वामी तोहका भिड़िया घेरे अहइ अउर तोहका दबावति अहइ।”
46 मुला ईसू कहेस, “कउनो मोका छुएस ह काहेकि मोका लागत अहइ कि मोसे सक्ती निकरी गइ होइ।” 47 जब उ स्त्री देखेस कि मइँ छुप नाहीं सकित तउ उ काँपत काँपत आइ अउर ईसू क समन्वा गिरि गइ। हुवाँ सबहीं मनइयन क समन्वा उ बताएस कि मइँ तोहका कउने कारण स छुए हउँ अउर कइसे फउरन नीक होइ गइ। 48 ऍह प ईसू ओसे कहेस, “बिटिया तोहरे पतियाये स तोहार उद्धार भवा ह। चइन स जा।”
49 उ अबहीं बोलत रहा कि आराधनालय क मुखिया क घरे स कउनो आवा अउर बोला, “तोहार बिटिया मरि गइ अहइ। तउ गुरु क अब अउर कस्ट जिन द्या।”
50 ईसू इ सुनि लिहस। तउ उ ओसे बोला, “डेराअ जिन! बिसवास राखा। उ बचि जाई।”
51 जब ईसू उ घरे मँ आवा उ आपन संगे पतरस, यूहन्ना, याकूब अउर बिटिया क महतारी बाप क तजिके कउनो अउर क आपन संग भितरे नाहीं लइ गवा। 52 सबहीं मनइयन उ लरकी बरे रोवत रहेन अउर बिलाप करत रहेन। ईसू कहेस, “रोउब बंद कइ द्या। इ मरी नाहीं बा, मुला सोवति अहइ।”
53 ऍह पइ मनइयन ओकर हँसी उड़ाएन। काहेकि उ जानत रहेन कि लरकी मरि चुकी बा। 54 मुला ईसू ओकर हथवा पकड़ेस अउर चिल्लाइके कहेस, “बच्ची, खड़ी होइ जा!” 55 ओकर आतिमा लौटि आइ, अउर उ फउरन उठि गइ। ईसू हुकुम दिहेस, “ऍका कछू खइया क दीन्ह जाइ।” 56 ऍह पइ लरकी क महतारी बाप क बहोत अचरज भवा मुला ईसू ओनका हुकुम दिहेस कि जउन भवा अहइ, ओका उ पचे कउनो क न बतावइँ।
Awadhi Bible: Easy-to-Read Version. Copyright © 2005 Bible League International.