Awadhi Bible: Easy-to-Read Version
ईसू मंदिर मँ
45 फिन ईसू मंदिर मँ घुसा अउर जउन हुवाँ दुकानदारी करत रहेन ओनका बाहेर निकारइ लाग। 46 उ ओनसे कहेस, “पवित्तर सास्तर मँ लिखा ग अहइ, ‘मोर घर पराथना घर होइ।’(A) मुला तू पचे ऍका ‘डाकुअन क अड्डा(B) बनए अहा।’”
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