Book of Common Prayer
44 “जंगल में गवाही का तम्बू हमारे पूर्वजों के पास था. इसका निर्माण ठीक-ठीक परमेश्वर द्वारा मोशेह को दिए गए निर्देश के अनुसार किया गया था, जिसका आकार स्वयं मोशेह देख चुके थे. 45 हमारे पूर्वज इस गवाही के तम्बू को योशुआ के नेतृत्व में अपने साथ उस भूमि पर ले आए, जिसे उन्होंने अपने अधिकार में ले लिया था और जहाँ से परमेश्वर ने हमारे पूर्वजों के सामने से राष्ट्रों को निकाल दिया था. ऐसा दाविद के समय तक रहा. 46 दाविद पर परमेश्वर की कृपादृष्टि थी. दाविद ने उनसे याक़ोब के परमेश्वर के लिए एक निवास स्थान बनाने की आज्ञा चाही. 47 किन्तु इस भवन का निर्माण शलोमोन द्वारा किया गया.
48 “सच तो यह है कि, परमप्रधान परमेश्वर मनुष्य के हाथ से बने भवन में वास नहीं करते. भविष्यद्वक्ता की घोषणा है: 49 परमेश्वर का कहना है,
“‘स्वर्ग मेरा सिंहासन
तथा पृथ्वी मेरे पैरों की चौकी है.
किस प्रकार का घर बनाओगे तुम मेरे लिए?
या कहाँ होगा मेरा विश्राम स्थान?
50 क्या ये सभी मेरे ही हाथों की रचना नहीं?’
51 “आप, जो हठीले हृदय और कान के ख़तना रहित लोग हैं, हमेशा पवित्रात्मा का विरोध करते रहते हैं. आप ठीक वही कर रहे हैं, जो आपके पूर्वजों ने किया. 52 क्या कभी भी कोई ऐसा भविष्यद्वक्ता हुआ है, जिसे आपके पूर्वजों ने सताया न हो? यहाँ तक कि उन्होंने तो उन भविष्यद्वक्ताओं की हत्या भी कर दी जिन्होंने उस धर्मी जन के आगमन की पहले से ही घोषणा की थी. यहाँ उसी की हत्या करके आप लोग विश्वासघाती और हत्यारे बन गए हैं. 53 आप वही हैं जिन्हें स्वर्गदूतों द्वारा प्रभावशाली व्यवस्था सौंपी गई थी, फिर भी आपने उसका पालन नहीं किया.”
स्तेफ़ानॉस का पथराव—शाऊल भी एक उत्पीड़क
54 यह सुन सारे सुननेवाले तिलमिला उठे और स्तेफ़ानॉस पर दाँत पीसने लगे.
55 किन्तु पवित्रात्मा से भरकर स्तेफ़ानॉस ने जब अपनी दृष्टि स्वर्ग की ओर उठाई, उन्होंने परमेश्वर की महिमा को और मसीह येशु को परमेश्वर के दाहिनी ओर खड़े हुए देखा. 56 स्तेफ़ानॉस ने सुननेवालों को सम्बोधित करते हुए कहा, “वह देखिए! मुझे स्वर्ग खुला हुआ तथा मनुष्य का पुत्र परमेश्वर के दाहिनी ओर खड़े हुए दिखाई दे रहे हैं.”
57 यह सुनते ही सुननेवालों ने चीखते हुए अपने कानों पर हाथ रख लिए. फिर वे गुस्से में स्तेफ़ानॉस पर एक साथ टूट पड़े. 58 उन्होंने स्तेफ़ानॉस को पकड़ा और घसीटते हुए नगर के बाहर ले गए और वहाँ उन्होंने पथराव करके उनकी हत्या कर दी. इस समय उन्होंने अपने बाहरी कपड़े शाऊल नामक युवक के पास रख छोड़े थे.
59 जब वे स्तेफ़ानॉस का पथराव कर रहे थे, स्तेफ़ानॉस ने प्रभु से इस प्रकार प्रार्थना की, “प्रभु येशु, मेरी आत्मा को स्वीकार कीजिए.” 60 तब उन्होंने घुटने टेककर ऊँचे शब्द में यह कहा, “प्रभु, इन्हें इस पाप का दोषी न ठहराना.” यह कहते हुए स्तेफ़ानॉस लंबी नींद में सो गए.
8 स्तेफ़ानॉस की हत्या में पूरी तरह शाऊल सहमत था.
कलीसिया की सताहट और बिखराव
उसी दिन से येरूशालेम नगर की कलीसियाओं पर घोर सताहट शुरु हो गयी, जिसके फलस्वरूप प्रेरितों के अलावा सभी शिष्य यहूदिया तथा शोमरोन के क्षेत्रों में बिखर गए.
52 तब मसीह येशु ने प्रधान पुरोहितों, मन्दिर के पहरुओं तथा वहाँ उपस्थित पुरनियों को सम्बोधित करते हुए कहा, “तलवारें और लाठियाँ ले कर क्या आप किसी राजद्रोही को पकड़ने आए हैं? 53 आपने मुझे तब तो नहीं पकड़ा जब मैं मन्दिर आँगन में प्रतिदिन आपके साथ हुआ करता था! यह इसलिए कि यह क्षण आपका है—अन्धकार के हाकिम का.”
पेतरॉस का नकारना
(मत्ति 26:69-75; मारक 14:66-72; योहन 18:25-27)
54 वे मसीह येशु को पकड़ कर महायाजक के घर पर ले गए. पेतरॉस दूर ही दूर से उनके पीछे-पीछे चलते रहे. 55 जब लोग आँगन में आग जलाए हुए बैठे थे, पेतरॉस भी उनके साथ बैठ गए. 56 एक सेविका ने पेतरॉस को आग की रोशनी में देखा और उनको एकटक देखते हुए कहा, “यह व्यक्ति भी उसके साथ था!”
57 पेतरॉस ने नकारते हुए कहा, “नहीं! हे स्त्री, मैं उसे नहीं जानता!”
58 कुछ समय बाद किसी अन्य ने उन्हें देख कर कहा.
“तुम भी तो उनमें से एक हो!”
“नहीं भाई, नहीं!” पेतरॉस ने उत्तर दिया.
59 लगभग एक घण्टे बाद एक अन्य व्यक्ति ने बल देते हुए कहा, “निस्सन्देह यह व्यक्ति भी उसके साथ था क्योंकि यह भी गलीलवासी है.”
60 पेतरॉस ने उत्तर दिया, “महोदय, मेरी समझ में नहीं आ रहा कि आप क्या कह रहे हैं!” जब वह यह कह ही रहे थे कि एक मुर्ग ने बाँग दी. 61 उसी समय प्रभु ने मुड़ कर पेतरॉस की ओर दृष्टि की और पेतरॉस को प्रभु की पहले कही हुई बात याद आ गई: “इसके पहले कि मुर्ग बाँग दे, तुम आज तीन बार मुझे नकार चुके होगे.” 62 पेतरॉस बाहर चले गए और फूट-फूट कर रोने लगे.
New Testament, Saral Hindi Bible (नए करार, सरल हिन्दी बाइबल) Copyright © 1978, 2009, 2016 by Biblica, Inc.® All rights reserved worldwide.