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Book of Common Prayer

Daily Old and New Testament readings based on the Book of Common Prayer.
Duration: 861 days
Awadhi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-AWA)
Version
भजन संहिता 26

दाऊद क समर्पित।

हे यहोवा, मोर निआव करा, प्रमाणित करा कि मइँ पवित्तर जिन्नगी बिताएउँ ह।
    मइँ यहोवा पइ कबहुँ बिस्सास करब नाहीं तजे रहेउँ।
हे यहोवा, मोका परखा अउर मोर जाँच करा,
    मोर हिरदइ मँ अउर बुद्धि क निचके स लखा।
मइँ तोहरे पिरेम क सदा ही लखत हउँ,
    मइँ तोहरे सत्य क सहारे जिअत रहत हउँ।
मइँ ओन बेकार लोगन मँ स नाहीं अहउँ।
मइँ बुरे लोगन क संगति स घिना करत हउँ।
    मइँ दुस्ट लोगन मँ सामिल नाहीं होत हउँ।

हे यहोवा, मइँ निर्दोखी दिखाइ बरे आपन हथवा धोए हउँ,
    एह बरे सायद मइँ तोहार वेदी पइ आइ सकत हउँ।
हे यहोवा, मइँ तोहरी प्रसंसा क गीत गावत हउँ,
    अउर जउन अचम्भा स भरा करम तू किह्या ह, ओनके बारे मँ मइँ गीत गावत हउँ।
हे यहोवा, मइँ तोहार मनोहर मन्दिर स अउ उ तम्बू स
    जहाँ तोहार महिमा[a] निवास करत ह पिरेम करत हउँ।

हे यहोवा, तू मोका ओन पापियन क दले मँ जिन मिलावा,
    जब तू ओन हत्तियारन क प्राण लेब्या तब मोका जिन मार्या।
10 उ हमेसा दूसर लोगन क धोखा देइ बरे
    अउर रिसवत लेइ बरे तइयार रहत ह।
11 लेकिन मइँ अटल हउँ, तउ हे परमेस्सर,
    मोहे पइ दयालु ह्वा अउर मोर रच्छा करा।
12 मइँ नेक जिन्नगी जिअत रहेउँ।
    मइँ तोहरी बड़कई गीत, हे यहोवा, जब भी तोहार भक्त मण्डली साथे मिलि गइ, गावत रहेउँ।

भजन संहिता 28

दाऊद क समपिर्त।

हे यहोवा, तू मोर चट्टान अहा,
    मइँ तोहका मदद पावइ क गोहरावत हउँ।
    मोरा पराथनन स आपन कान जिन मूँदा,
अगर तू मोर मदद क पुकार क जवाब नाहीं देब्या,
    तउ लोग मोका कब्र मँ मरा भवा जइसा पइहीं।
हे यहोवा, आपन पवित्तर तम्बू कइँती बढ़्या, मइँ तोहार पराथना बरे आपन हाथ उठाए हउँ।
    जब मइँ तोहका पुकारउँ, तू मोर सुना।
    तू मोहे पइ आपन करुणा देखाँवा।
हे यहोवा, मोका ओन बुरे मनइयन क तरह जिन सोचा
    जउन बुरा काम करत हीं।
जउन आपन पड़ोसियन स सान्ति करत हीं,
    मुला आपन हिरदइ मँ आपन पड़ोसियन क बारे मँ कुचक्र रचत हीं।
हे यहोवा, उ सबइ मनइयन दूसर लोगन क बुरा करत हीं।
    तउ तू ओनकी संग बुरी घटना क घटावा
    ओन दुर्जनन क तू वइसेन ही दण्ड द्या जइसे ओनका देइ चाही।
दुर्जन ओन उत्तिम बातन क जउन यहोवा करत ओका नाहीं समुझतेन।
    उ पचे परमेस्सर क उत्तिम कारजन क नाहीं लखतेन।
उ पचे ओकर भलाई क नाहीं समुझतेन।
    उ पचे तउ सिरिफ कउनो क नास करइ क जतन करत हीं।

यहोवा क स्तुति करा!
    उ मोहे पइ करुणा करइ क बिनती सुनेस।
यहोवा मोर सक्ति अहइ, उ मोर ढार अहइ।
    मोका ओकर भरोसा रहा।
उ मोर मदद किहेस।
    मइँ बहोतइ खुस हउँ, अउ ओकर खुसी क गीत गावत हउँ।
यहोवा आपन चुना राजा क रच्छा करत ह।
    उ ओका हर पल बचावत ह।
    यहोवा ही ओकर सक्ती अहइ।

हे परमेस्सर, आपन लोगन क रच्छा करा।
    जउन तोहार अहइँ ओनका आसीस द्या।
    ओनका धियान रखा अउर हमेसा ओनका लइके चला।

भजन संहिता 36

संगीत निर्देसक बरे यहोवा क दास दाऊद क एक पद।

बुरा मनई बहोत बुराई करत ह जब उ खुद स कहत ह,
    “मइँ परमेस्सर क आदर नाहीं करत हउँ अउ न ही डेरात हउँ।”
उ मनई खुद स झूठ बोलत ह।
    उ मनई खुद क आपन खोट नाहीं लखत।
    एह बरे उ छिमा नाहीं माँगत।
ओकर वचन सिरिफ बियर्थ अउ झूठा होत हीं।
    उ विवेकवाला नाहीं होत अउर न ही अच्छा काम सीखत ह।
राति क उ बिछउना मँ कुचक्र रचत ह।
    उ जागिके कउनो भी नीक काम नाहीं करत।
    उ कुकरम क तजई नाहीं चाहत।

हे यहोवा, तोहार बिस्ससनीय पिरेम अकासे स भी ऊँच बाटइ।
    हे यहोवा, तोहार सच्चाई बादर स भी ऊँच बाटइ।
हे यहोवा, तोहार धर्मी भावना सबन त ऊँची पर्वते स भी ऊँची बाटइ।
    तोहार सोभा गहिर सागर स भी गहिर अहइ।
हे यहोवा, तू मनइयन अउ गोरूअन क रच्छक अहा।
    तोहरी करुणा स जियादा मूल्यवान कछू भी नाहीं अहइ।
    मनई अउ दूत तोहरे सरण मँ आवा अहइँ।
हे यहोवा, तोहरे मन्दिर क उत्तिम बातन स उ सबइ नई सक्ती पावत हीं।
    तू ओनका आपन अद्भुत नदी क पानी क पिअइ देत अहा।
हे यहोवा, तोहसे जिन्नगी क झरना फूटत ह!
    तोहार जोति ही हमका प्रकास देखाँवत ह।
10 हे यहोवा, जउन तोहका सच्चाई स जानत हीं, ओनसे पिरेम करत रहा।
    ओन लोगन पइ तू आपन खुद क नेकी बरसावा जउन तोहरे बरे सच्चा अहइँ।
11 हे यहोवा, तू मोका घमण्डियन क जाल मँ जिन फँसइ द्या।
    दुट्ठ लोग मोका कबहुँ धइ न पावइँ।

12 ओनकर कब्रन क पाथरन पइ इ लिखि द्या:
“दुट्ठ लोग हिआँ पइ गिरेन ह।
    उ सबइ कुचर दीन्ह गएन।
    उ पचे फिन कबहुँ खड़ा नाहीं होइ पइहीं।”

भजन संहिता 39

संगीत निर्देसक क यदूतून बरे दाऊद क एक ठु पद।

मइँ कहेउँ, “जब तलक इ सबइ दुट्ठ मोरे समन्वा रइहीं,
    तब तलक मइँ आपन कहनी बरे सचेत रहब।
मइँ आपन वाणी क पाप स दूर रखब।
    अउर मइँ आपन मुँह क बंद कइ लेबउँ।”

तउ एह बरे मइँ कछू नाहीं कहेउँ।
    मइँ भला भी नाहीं कहेउँ।
    मुला मइँ बहोत परेसान भएउँ।
मइँ बहोत गुस्सान रहेउँ।
    इ बारे मँ मइँ जेतना सोचत चला गएउँ, ओॅतना ही मोर किरोध बाढ़त चला गवा।
    तउ मइँ आपन मुँह तनिकउ नाहीं खोलेउँ।

हे यहोवा, मोका बतावा कि मोरे संग का कछू घटित होइवाला अहइ?
    मोका बतावा, मइँ कब तलक जिअत रहब?
    मोका जानइ द्या फुरइ मोर जिन्नगी केतनी छोट अहइ।
तू मोका जिअइ बरे बहोत कम समइ दिहा ह।
    तोहार तुलना मँ मोर जिन्नगी बहोत अल्प अहइ।
    एक मनई क जिन्नगी सिरिफ एक साँस अहइ।
कउनो भी सदा नाहीं जिअत।

उ जिन्नगी जेका हम लोग जिअत ह, उ झूठी छाया भइ होत ह।
    जिन्नगी क सारी भाग दौड़ निस्प्रयोजन होत ह।
    हम पचे तउ बेकार ही चिन्ता पालित ह।
    धन दौलत वस्तुअन क हम जोरिके धरित ह, मुला हम नाहीं जानित ओनका कउन भोगी।

तउ, मोरे यहोवा, मइँ का आसा रखउँ?
    तू ही बस मोर आसा अहा!
हे यहोवा, जउन कुकरम मइँ किहेउँ ह, ओनसे तू ही मोका बचउब्या।
    तू मोरे संग कउनो क भी कउनो विवेकी न होइवाला जन क संग क नाई बेउहार नाहीं करइ देब्या।
मइँ आपन मुँह नाहीं खोलब।
    मइँ कछू भी नाहीं कहब।
    यहोवा तू वइसे किह्या जइसे करइ चाही रहा।
10 मुला परमेस्सर, मोका सजा देब तजि देइ।
    अगर तू मोका सजा देब नाहीं तज्या, तउ तू मोर नास करब्या।
11 हे यहोवा, तू लोगन क ओनकर कुकरमन क सजा देत अहा, अउर इ तरह जिन्नगी क खरी राह लोगन क सिखावत ह।
    हमार काया पुरान अउ दुबराइ जात ह।
    अइसे उ ओढ़ना क नाईं जेहमाँ कीरा लाग होइ।
    हमार जिन्नगी एक ठु नान्ह बादर जइसे लखत बिलाइ जात ह।

12 हे यहोवा, मोर विनती सुना।
    मोरे ओन सब्दन क सुना जउन मइँ तोहसे गोहराइके कहत हउँ।
    मोरे आँसुअन क लखा।
मइँ बस राहगीर हउँ, तोहका संग लिए इ जिन्नगी क राहे स गुजरत हउँ।
    इ जिन्नगी क राहे पइ मइँ आपन पुरखन क तरह कछू समइ मात्र पइ टिका भवा हउँ।
13 हे यहोवा, मोका अकेल्ले रहइ द्या।
    मरइ स अउ चलि जाइ स पहिले मोका फुन स आनन्दित होइ द्या।

यहोसू 2:15-24

15 उ मेहरारू क घर सहर क देवारे मँ देवारे क एक ठु हींसा क रूप मँ बना रहा। ऍह बरे उ मेहरारू सहर क देवारे क अन्दर अउर बाहेर क हींसा मँ रहर रहेन। ऍह बरे उ महरारू लसुरी क उपयोग कइ क ओनका आपन खिड़की स नीचे (सहर क बाहेर भुइँया प) उतारहेस। 16 तब उ मेहरारु ओनसे कहेस, “पच्छिम क पहाड़ियन मँ जा, जेहसे राजा क सिपाही तू पचन्क एकाएक न घर पकड़इँ। हुआँ तीन दिन छुपा रहा। राजा क मनई जब लउटि आवइँ तब तू पचे आपन राहे पइ जाइ सकत ह।”

17 मनइयन ओसे कहेन, “हम पचे तोहका वचन दिहे अही। मुला तोहका एक ठु काम करइ क होइ, नाहीं तउ हम पचे आपन वचन बरे जिम्मेदार नाहीं होब। 18 तू इ लाल लसुरी क उपयोग हम पचन्क बचिके पराइ जाइ बरे करति अहा। हम पचे इहइ ठउर मँ लउटब। उ समइ तोहका इ लाल लसुरी क आपन खिड़की स जरुर बाँधइ क होइ। तोहका आपन पिता, आपन महतारी, आपन भाई अउर आपन पूरा परिवार क आपन संग इ घरे मँ रखइ क होइ। 19 हम पचे हर एक मनई क सुरिच्छत रखब जउन इ घरे मँ होइ। अगर तोहरे घरे क भीतर कउनो क चोट पहोंचत ह, तउ ओकरे बरे हम जिम्मेदार होब। अगर तोहरे घरे स कउनो मनई बाहेर जाइ, तउ उ मार डावा जाइ सकत ह। उ मनई बरे हम जिम्मेदार नाहीं होब। इ ओकर आपन दोख होइ। 20 हम पचे इ वाचा तोहरे संग करत अही। मुला अगर तू कउनो क बतउबिउ कि हम पचे क करत अही, तउ हम पचे आपन इ वचन स अजाद होब।”

21 मेहरारु जवाब दिहस, “मइँ ऍका अंगीकार करत हउँ।” मेहरारु नमस्कार किहस अउर मनइयन ओकर घर छोड़ दिहन। मेहरारु खिड़की मँ लाल लसुरी बाँधेस।

22 उ पचे ओकरे घरे क तजिके पहाड़ियन मँ चला गएन जहाँ उ पचे तीन दिन रुकेन। राजा क मनइयन पूरी सड़किया पइ ओनकर खोजबीन किहस। तीन दिन पाछे राजा क मनइयन खोज बन्द कइ दिहन। उ पचे ओनका नाहीं हेर पाएन, सो उ पचे सहर मँ लउटि आएन। 23 तब दुइनउँ मनइयन यहोसू क लगे लउटि आएन। मनइयन पहाड़ियन क तजेन अउर नदी पार किहन। उ पचे नून क पूत यहोसू क लगे गएन अउर जउन कछू ओनके संग भए रहेन, उ सबइ यहोसू क बताएन। 24 उ पचे यहोसू स कहेन, “यहोवा फुरइ सारा भुइँया हम लोगन क दइ दिहस ह। उ देस क सबहिं लोग हम पचन्स डेरान अहइँ।”

रोमियन 11:13-24

13 इ अब मइँ तोहसे कहत हउँ, जउन यहूदियन नाहीं होइँ काहेकि मइँ विसेस रूप स गैर यहूदियन क बरे प्रेरित हउँ, मइँ अपने काम क बरे पूरा प्रयत्नसील हउँ। 14 एह आसा स कि मइँ अपने लोगन मँ भी स्पर्द्धा जगाइ सकउँ अउ ओहमाँ स कछू क उद्धार करउँ। 15 काहेकि अगर परमेस्सर क द्वार ओनके नकार दिहे जाइ स जगत मँ परमेस्सर क साथे मेलमिलाप पैदा होत ह तउ फिन ओनकर अपनावा जाब का मरा हुवन मँ स जियावा जाब न होइ? 16 अगर हमरी भेंट का एक पहला हिस्सा पवित्तर बा तउ का उ समूचइ पवित्तर नाहीं बा? अगर पेड़ का जड़ पवित्तर बा तउ ओकर सबइ साखा भी पवित्तर बाटिन।

17 परन्तु अगर कछू साखा तोड़िके फेक दीन्ह गइन अउ तू जउन एक जंगली जैतून क टहनी अहा ओह पे पेबन्द चढ़ाइ दीन्ह जाइ अउ उ जैतून क अच्छा पेड़ का खुराक अउर आधार क हिस्सा बाँटइ लगइ। तू सबइ गैर यहूदियन जंगली साखा क तरह अहा अउर तू पचे पहिले पेड़ (यहूदी) क खुराक अउर जीवन बाँटत अहा। 18 तउ तोहे ओन्हन टहनियन क आगे, जउन तोड़ी क फेंक दीन्ह गइन, अभिमान न करइ चाही। अउर अगर तू अभिमान करत ह तउ इ याद रखा इ तू नाहीं अहा जे जड़न क पालत बा, बल्कि इ तउ उ जड़ ही अहइ जउन तोहे पालत बाटइ। 19 अब तू कहब्या, “हाँ परन्तु सबइ साखा एह बरे तोड़ी गई कि मोर पेबन्द चढ़इ।” 20 इ सत्य अहइ, उ सबइ अपने अबिसवास क कारण तोड़िके फेंक गइन परन्तु तु अपने बिसवास क बल पे आपन जगह टिका रह्या। इही बरे एकर गर्ब न करा बल्कि डेरात रहा। 21 अगर परमेस्सर प्राकृतिक डारन नाहीं रहइ दिहेस तउ उ तोहका भी न रहइ देइ।

22 इही बरे तू परमेस्सर क कोमलता क देखा, अउर ओकरे कठोरता प धियान द्या। इ कठोरता ओनके बरे बा जउन गिर गएन परन्तु ओकर करुणा तोहरे बरे बा अगर तू अपने पे ओकर अनुग्रह बना रहइ द्या। नाहीं तउ पेंड़े स तुहउँ काटिके फेंका जाब्या। 23 अउर अगर उ पचे अपने अबिसवास मँ नाहीं रहेन तउ ओनहूँ फिन पेड़ स जोड़ लीन्ह जाइ काहेकि परमेस्सर समर्थ अहइ कि ओनका फिन स जोड़ देइ। 24 जब तोहे प्राकृतिक रूप स जंगली जैतून क पेड़े स एक साखा क तरह कटके प्रकृति क विरुद्ध एक अच्छा जैतून क पेड़े स जोड़ दीन्ह गवा, तउ उ जउन ओह पेड़े क अपना डारिन बाटिन, अपनेन ही पेड़ मँ आसानी स, फिन स काहे नाहीं जोड़ दीन्ह जा इहीं।

मत्ती 25:14-30

तीन सेवकन क दिस्टान्त कथा

(लूका 19:11-27)

14 “सरग का राज्य उ मनई क नाई होई जउन जात्रा प जात भवा आपन नउकरन क बोलाइके अपने समान क रखवारा बनाएस। 15 उ एक क चाँदी स भरी पाँच ठु थैली दिहस। दुसरे क दुइ अउ तिसरे क एक दिहस। उ हर एक क ओकर जोग्गता होइ क मुताबिक दइके जात्रा प निकरि गवा। 16 जेका चाँदी क रूपया स भरी पाँच ठु थैली मिलीं, उ फउरन उ पइसे क धंधा मँ लगाइ दिहस फिन पाँच थैली अउर कमाएस। 17 अइसे ही जेका दुइ थैली मिलिन, उ भी दुइ अउर कमाइ लिहस। 18 मुला जेका एक मिली रही उ कहूँ जाइके भुइँया मँ गड़हा खोदेस अउर स्वामी क धने क गाड़ दिहस।

19 “बहोत समइ बीत जाए क पाछे ओन सेवकन क स्वामी लउटि आवा अउर हर कउनो स लेखा जोखा लेइ लाग। 20 उ मनई जेका चाँदी क पाँच थैली मिलिन, आपन स्वामी क लगे गवा अउर चाँदी क पाँच अउर थैली लइ जाइके ओसे बोला, ‘स्वामी, तू मोका पाँच थैली दिहे रहा। ‘चाँदी क इ पाँच थैली अउर अहइँ जउन मइँ कमायउँ ह।’

21 “ओकर स्वामी ओहसे कहेस, ‘साबास! तू भरोसा क बढ़िया नउकर अहा। तनिक क रकम क बारे मँ तू बिसवास क जोग्ग रह्या मइँ तोहका अउर जिआदा हक देब। भितरे जा अउर आपन स्वामी क खुसी मँ खुसी मनावा।’

22 “फिन जेका चाँदी क दुइ थैली मिली रहीं, आपन स्वामी क लगे गवा अउर बोला, ‘स्वामी तू मोका चाँदी क दुइ थैली दिहे रहा, चाँदी क इ दुइ थैली अउ अहइँ जेका मइँ कमायो ह।’

23 “ओकर स्वामी ओसे कहेस, ‘साबास! तू भरोसा क लायक बढ़िया नउकर अहा। तनिक रकम क बारे मँ तू बिसवास क जोग्ग रह्या। मइँ तोहका अउर जिआदा हक देब। भितरे जा अउर आपन स्वामी क खुसी मँ खुसी मनावा।’

24 “फिन उ जेका चाँदी क एक थैली मिली रही, आपन स्वामी क लगे आवा अउर बोला, ‘स्वामी, मइँ जानत हउँ तू बहोत कठोर मनई अहा। तू हुवाँ काटत ह जहाँ तू बोया नाहीं रहा, अउर जहाँ तू कउनो बिआ नाहीं छिटकाया तू हुवाँ स फसिल बटोरब्या। 25 यह बरे मइँ डेराइ गवा रहे। तउ मइँ जाइके चाँदी क थैलिया क भुइँया मँ गाड़ दीन्ह। इ लइ ल्या जउन तोहार अहइ इ बाटइ, लइ ल्या।’

26 “जवाबे मँ ओकर मालिक ओसे कहेस, ‘तू एक बुरा आलसी सेवक अहा, तू जानत ह कि मइँ बिन बोए कटनी करत हउँ, हुवाँ स फसिल बटोरत हउँ। 27 तउ तोहका मोर धन साहूकार क लगे जमा कइ देइ चाही रहा। फिन जब मइँ आइत तउ जउन मोर रहा बियाज क साथ लइ लेइत।’

28 “एह बरे ऍसे चाँदी क एक थैली लइ ल्या अउर जेकरे लगे चाँदी क दस थैली अहइँ, ऍका उहइ क दइ द्या। 29 काहेकि हर उ मनई क जो जउन कछू ओकरे लगे रहा ओकर सही प्रयोग किहेस ओका अउ जिआदा दीन्ह जाई। अउर जेतॅनी ओका जरूरत अहइ, उ ओसे जिआदा पाई। मुला ओसे, जो जउन कछू ओकरे लगे रहा ओकर सही प्रयोग नाहीं किहेस, सब कछू ओकरे लगे रहा ओकर सही प्रयोग नाहीं किहेस, सब कछू छोर लीन्ह जाई। 30 तउ उ बेकार क नउकर क बाहेर अँधियरे मँ धकियाइ द्या जहाँ लोग रोइहीं अउर आपन दाँत पिसिहीं।

Awadhi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-AWA)

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