Book of Common Prayer
1 यहोवा क बड़कई करा।
यहोवा क धन्यवाद करा काहेकि उ उत्तिम अहइ।
परमेस्सर क पिरेम सदा ही रहत ह।
2 फुरइ यहोवा केतॅना महान अहइ, एकर बखान कउनो मनई कइ नाहीं सकत।
परमेस्सर क पूरी बड़कई कउनो नाहीं कइ सकत।
3 जउन लोग परमेस्सर क आदेस क पालन करत हीं, उ पचे धन्न अहइ।
उ पचे हमेसा उत्तिम करम करत हीं।
4 यहोवा, जब तू आपन भगतन पइ कृपा करा मोका याद करा।
मोर भी उद्धार करइ बरे याद करा।
5 यहोवा, मोका भी ओन भली बातन मँ हींसा बटावइ द्या
जेनका तू आपन लोगन बरे करत अहा।
तू आपन रास्ट्रन क संग मोका भी खुस होइ द्या।
तोह पइ तोहार लोगन क संग मोका भी गर्व करइ द्या।
6 हम पचे वइसेन ही पाप किहेन ह जइसे हमार पुरखन किहेन ह।
हम गलत किहेन।
हम बुरा काम किहे अही।
7 हे यहोवा, मिस्र मँ हमार पुरखन तोहार अचरज कर्मन स कछू भी नाहीं सीखेन।
उ पचे तोहरे पिरेम क
अउर तोहार करुणा क याद नाहीं रखेन।
हमार पुरखन हुआँ लाल सागर क किनारे तोहरे खिलाफ भएन।
8 मुला परमेस्सर निज नाउँ क कारण ओनका बचाए रहा।
उ आपन सक्ति क परगट किहेस।
9 परमेस्सर हुकुम दिहस अउर लाल सागर झुरान होइ गवा।
उ ओनका उ गहिर समुद्दर स अइसा निकारि चला जइसे कउनो रेगिस्तान होइ।
10 परमेस्सर हमरे पुरखन क ओनकर दुस्मनन स बचाएस।
उ ओनका आपन दुस्मनन स आजाद किहस।
11 अउर फिन ओनकर दुस्मनन क उहइ सागर क बीच ढाँपिके बोर दिहस।
ओनकर एक दुस्मन बचिके निकर नाहीं पाएस।
12 तब हमार पुरखन परमेस्सर क वचन पइ बिस्सास किहन।
उ पचे ओकर गुण गाएन।
13 मुला हमार पुरखन ओन बातन क हाली बिसरि गएन जउन परमेस्सर किहे रहा।
उ पचे परमेस्सर क सम्मति पइ कान नाहीं दिहन।
14 उ पचे दूसर चिजियन क कामना किहेन।
रेगिस्तान मँ उ पचे परमेस्सर क परखेन।
15 मुला हमार पुरखन जउन कछू भी माँगेन परमेस्सर ओनका दिहस
मुला परमेस्सर ओनका एक महामारी भी दइ दिहस।
16 लोग मूसा स डाह रखइ लागेन
अउर हारून स उ पचे डाह रखइ लागेन जउन यहोवा क पवित्तर याजक रहा।
17 एह बरे धरती फट गई अउ दातान क निगल गवा।
अउर उ अबिराम क समूह क निगल लिहस।
18 फिन आगी ओन
दुट्ठ लोगन क बारि दिहस।
19 ओ लोग होरब क पहाड़े पइ एक ठु सोना क बछवा बनाएन।
उ पचे उ मूरति क पूजा करइ लागेन।
20 उ पचे आपन महिमावान परमेस्सर क
एक घास खाइवाला बछवा क प्रतिमा स बदल डालेन।
21 हमार पुरखन परमेस्सर क बिसरि गएन जउन ओनका मुक्ति दियाए रहा।
उ पचे परमेस्सर क बिसरि गएन जउन मिस्र मँ अचरज भरा करम किहे रहा।
22 परमेस्सर हाम क देस मँ अचरज भरा करम किहे रहा।
परमेस्सर लाल सागर क लगे भय विस्मय भरा काम किहे रहा।
23 परमेस्सर ओन लोगन क नस्ट करइ चाहत रहा।
मुला परमेस्सर क चुना भवा सेवक मूसा,
परमेस्सर क समन्वा ओन लोगन क नास करइ स
बचाइ बरे बीच मँ आइ गएन।
24 तब ओन लोग उ अद्भुत देस कनान मँ जाइ स मना कइ दिहन।
उ पचे ओकरे वाचा क बिस्सास नाहीं किहेस।
25 आपन तम्बुअन मँ उ पचे सिकाइत करत रहेन।
हमार पुरखन परमेस्सर क बात मानइ स नकारेन।
26 तउ परमेस्सर किरिया खाएस
कि उ पचे रेगिस्तान मँ मरि जइहीं।
27 परमेस्सर किरिया खाएस कि ओनकर सन्तानन क दूसर लोगन क हरावइ देइ।
परमेस्सर कसम खाएस कि उ हमरे पुरखन क देसन मँ छितराइ।
28 बाद मँ परमेस्सर क लोग “बाल-पिऑर” मँ “बाल” क पूजइ करइ सुरू कइ दिहेन।
उ पचे उ माँस खाइ लागेन जेका निर्जीव देवतन पइ चढ़ावा ग रहा।
29 यहोवा ओन लोगन क करमन पइ बहोत कोहाइ गवा।
अउर उ ओन लोगन क खिलाफ महामारी लिआएन।
30 मुला पीनहास बिनती किहस
अउ परमेस्सर उ बियधि क रोकेस
31 परमेस्सर इ काम क ओकरे बरे आवइवालन
पीढ़ियन बरे बहोत उत्तिम करम समझेस।
32 लोग मरिबा मँ यहोवा क किरोध भड़काएन,
अउर ओकरे कारण मूसा स बुरा काम कराएन।
33 उ सबइ लोग मूसा क बहोत उदास किहन।
तउ मूसा बिना ही बिचारे बोल उठा।
34 तउ उ कनान क रास्ट्र क नस्ट नाहीं किहेस,
हाँलाकि यहोवा ओनका इ करइ बरे कहे रहा।
35 इस्राएल क लोग दूसर लोगन स हिल मिल गएन,
अउर उ पचे भी वइसेन काम करइ लागेन जइसे दूसर लोग करत रहेन।
36 उ सबइ दूसर लोग परमेस्सर क जनन बरे फंदा बन गएन।
परमेस्सर क लोग ओन देवन क पूजइ लागेन जेनकर उ पचे दूसर लोग पूजा करत रहेन।
37 हिआँ तलक कि परमेस्सर क जन आपन ही गदेलन क हत्या करइ लागेन।
अउर उ पचे ओन गदेलन क ओन दानवन क प्रतिमा पइ अर्पित करइ लागेन।
38 परमेस्सर क लोग निर्दोख गदेलन क हत्या किहन।
उ पचे आपन ही गदेलन क मारि डाएन अउर ओनका कनान क देवन क अर्पित किहेन।
उ पचे खून स धरती क दूसित किहेन।
39 उ पचे आपन कामन स असुद्ध भएन
अउर आपन कार्यन दुआरा अबिस्सासी बन गए रहेन।
40 परमेस्सर आपन ओन लोगन पइ कोहाइ गवा।
परमेस्सर ओनसे तंग आइ चुका रहा।
41 तब परमेस्सर आपन ओन लोगन क दूसर जातियन क दइ दिहस।
परमेस्सर ओन पइ ओनकर दुस्मनन क हुकूमत करवावइ दिहस।
42 ओनकर दुस्मनन ओन पइ अत्याचार किहन
अउ ओनकर जिअब बहोत कठिन कइ दिहन।
43 परमेस्सर आपन लोगन क बहोत बार बचाएस।
मुला उ पचे ओनका स मुँह मोड़ लिहन।
अउर उ पचे अइसी बातन करइ लागेन जेनका उ पचे करइ चाहत रहेन।
एह बरे उ पचे आपन पाप क कारण हराइ दीन्ह गवा रहेन।
44 मुला जब कबहूँ परमेस्सर क जनन पइ विपद पड़ी उ पचे सदा ही मदद पावइ क परमेस्सर क गोहराएन।
परमेस्सर हर दाईं ओनकर सबइ पराथना क सुनेस।
45 परमेस्सर सदा आपन करार क याद राखेस।
परमेस्सर आपन महा पिरेम स ओनका सदा ही सुख चैन दिहस।
46 परमेस्सर ओन लोगन बरे
दूसर कैदियन क समन्वा दयालुता दिखाएस।
47 यहोवा हमार परमेस्सर, हमार रच्छा किहस।
परमेस्सर ओन दूसर देसन स हमका ऍकट्ठा कइके लइ आवा,
ताकि हम ओकरे पवित्तर नाउँ क गुणगान कइ सकी;
तकि हम ओकर बड़कई क गीत गाइ सकी।
48 इस्राएल क परमेस्सर यहोवा क धन्य कहा।
परमेस्सर सदा ही जिन्दा रहत आवा ह।
उ सदा ही जिन्दा रही।
अउर सबइ जन बोलइँ, “आमीन।”
यहोवा क गुण गावा।
बिलाम अउ मोअब क राजा
22 तब इस्राएल क मनइयन मोआब क समतल स होइ के यरदन नदी क पार यरीहो तलक जात्रा किहेन। 2-3 सिप्पोर क पूत बालाक उ सब लखेस जेका इस्राएल क मनइयन एमोरी मनइयन क संग किहे रहेन। मोआब बहोतइ जियादा डेराइ ग रहा काहे की हुवाँ इस्राएल क बहोत मनई रहेन। मोआब इस्राएल क लोगन स बहोत ससान रहा।
4 मोआब क राजा मिद्यान क नेता लोगन स कहेस, “मनइयन क इ बड़का झुण्ड हमरे चारिहुँ कइँती क सब चीज क वइसे ही बरबाद कइ देइ जइसे कउनो गइया खेते क घास चरि जात ह।”
इ टेमॅ सिपोर क पूत बालाक मोआब क राजा रहा। 5 उ कछू मनइयन क बोर क पूत बिलाम क बोलावइ बरे पठाएस। बिलाम फरात नदी क निअरे पतोर नाउँ क पहँटा मँ रहा। बालाक कहेस,
“मनइयन क एक नवा रास्ट्र मिस्र स आवा ह। उ पचे ऍतना जियादा अहइँ कि समूचइ प्रदेस मँ संचर सकत हीं। उ पचे ठीक हमरे निअरे सिबिर डाए अहइँ। 6 आवा अउ इ मनइयन क संग भिड़इ मँ मोर मदद करा। उ पचे मोर ताकत स जियादा बरिआर ताकत वाला अहइँ। इ होइ सकत ह कि तब मइँ ऍनका हराइ सकउँ। तब मइँ ओनका आपन देस छोड़इ क मजबूर कइ सकउँ। मइँ जानत अहउँ कि तू बड़की ताकत धरत ह। अगर तू कउनो मनई क आसीर्बाद देइ तउ उ आसीसित होइ, अगर तू कउनो मनई क सराप देइ तउ उ मनई सापित होइ।[a] एह बरे आवा अउ इ मनइयन क सराप देइ।”
7 मोआब अउ मिद्यान क नेतन बालाम स मिलइ बरे गएन अउर आपन संग जादूइ सेवा क फीस भी लइ गएन। तब उ पचे, बालाक जउन कछू कहे रहा, ओसे कहेन।
8 बिलाम ओनसे कहेस, “हिआँ रात भइ ठहरा। मइँ यहोवा स बात करब अउर जउन जवाब, उ पचे मोका देइहीं, उ तोहसे कहब।” एह बरे उ रात मोआबियन क नेता ओनके संग ठहरेन।
9 परमेस्सर बिलाम क लगे आवा अउ उ पूछेस, “तोहरे संग इ सबइ कउन लोग अहइँ?”
10 बिलाम परमेस्सर स कहेस, “मोआब क राजा सिपोर क पूत बालाक एक संदेसा मोका देइ बरे ओनका पठए अहइ। 11 सँदेसा इ अहइ: मनइयन क एक ठु नवा रास्ट्र मिस्र स आवा अहइ। उ पचे ऍतना जियादा अहइँ कि समूचइ देस मँ फइलि सकत हीं। एह बरे आवा अउ इ मनइयन क खिलाफ कछू कहा। इ होइ सकत ह ओनसे लड़इ मँ मइँ समर्थ होइ सकउँ अउ आपन देस तजि देइ क ओनका मजबूर कइ सकउँ।”
12 मुला परमेस्सर बिलाम स कहेस, “ओनके संग जिन जा। तू ओनका सराप नाहीं देइ चाही, काहेकि उ आसीर्बाद पाएस ह।”
13 दूसर दिन बिलाम उठा अउ बालाक क नेता स कहेस, “अपने देस क लउटि जा। यहोवा मोका तोहरे संग नाहीं जाइ देइहीं।”
14 एह बरे मोआबी नेता बालाक क लगे लउटि गएन अउ ओसे इ बात किहेन। उ पचे कहेन, “बिलाम हम सबन क संग आवइ स मना कइ दिहे अहइ।”
15 एह बरे बालाक दूसर नेता लोगन क बिलाम क लगे पठाएस। इ दाई उ पहिली दाई क अपेच्छा बहोत ढेर क मनई पठाएस। अउर इ नेता लोग पहिली दाई क अपेच्छा जियादा सम्मान्न रहेन। 16 उ सबइ बिलाम क निअरे गएन अउ कहेन: “जिपोर क पूत बालाक तोहसे कहत ह: कृपा कइके आपन क हिआँ आवइ स कउनो क रोकइ जिन द्या। 17 जउन मइँ तोहसे माँगत अहउँ जदि तू उ करब्या तउ मइँ तोहका बहोत जियादा भुगतान करब। आवा अउ इ मनइयन क खिलाफ मोरे बरे कछू कहा।”
18 मुला बिलाम उ मनइयन क जवाब दिहस। उ कहेस, “मोका यहोवा मोरे परमेस्सर क आग्या मानइ चाही। मइँ ओकरे हुकुम क खिलाफ कछू नाहीं कइ सकत हउँ। मइँ बड़का-छोटका कछू भी तब तलक नाहीं कइ सकत जब तलक परमेस्सर नाहीं कहत कि मइँ ओका कइ सकत हउँ। अगर राजा बालाक आपन सोना चाँदी भी सुन्दर घर क भी दइ देइ तउ भी मइँ आपन परमेस्सर यहोवा क हुकुम क खिलाफ कछू नाहीं करब। 19 मुला तू भी ओन दूसर लोगन क तरह आज क रात हिआँ ठहर सकत ह। अउ रात मँ मइँ जान जाब कि यहोवा मोहसे क कहवावइ चाहत ह।”
20 उ रात परमेस्सर बिलाम क लगे आवा। परमेस्सर कहेस, “इ लोग अपने संग लइ जाइ बरे कहइ खातिर फुन आवा अहइँ। एह बरे तू ओनके संग जाइ सकत ह मुला सिरिफ उहइ करा जउन मइँ तोहसे करइ क कहउँ।”
बिलाम अउ ओकर गदहा
21 दूसरे भिन्सारे बिलाम उठा अउ अपने गदहा प काठी धरेस। तब उ भी मोआबी नेता लोगन क संग गवा।
12 इही बरे तोहर नास होइवाला सरीरन क उप्पर पाप क बस न चलइ। ताकि तू उन चीजन का गुलाम न बना जेका तोहार पातकी अहम चाहत ह। 13 अपने सरीर क अंगन क अधर्म क सेवा क बरे पाप क हवाले न कर बल्कि मरा हुवन मँ स जी उठइवालन क समान परमेस्सर क हवाले कइ द्या। अउ अपने सरीर क अंगन क धार्मिकता क सेवा क साधन क रूप मँ परमेस्सर क हवाले कइ द्या। 14 तोह पे पाप क सासन न होइ काहेकि तू व्यवस्था क सहारे नाहीं जिअत अहा बल्कि परमेस्सर क अनुग्रह क सहारे जिअत अहा।
धार्मिकता क सेवक
15 तउ हम का करी? का हम पाप करी? काहेकि हम व्यवस्था क अधीन नाहीं, बल्कि परमेस्सर क अनुग्रह क अधीन जिअत अही। निस्चय ही नाहीं। 16 का तू नाहीं जानत अहा कि जब तू कीहीउ क आज्ञा मानइ क बरे अपने आप क दास क रूप मँ ओका सँउपि देत ह तउ तू दास अहा। उ मनई जेकर आज्ञा मानत अहा तोहार स्वामी अहइ! या परमेस्सर क आज्ञा भावा। पाप स आध्यात्मिक मउत होत ह। मुला परमेस्सर क हुकुम मानइ स नेकी कइँती लइ जात ह। फिन चाहे तू पाप क दास बना। 17 परन्तु पर्भू क धन्यवाद बा कि यद्यपि तू पाप क दास रह्या, तू अपने मन स ओन्हन उपदेसन क रीति क मान्या जउन तोहे सौंपा गवा रहेन। 18 तोहे पाप स छुटकारा मिलि गवा अउ तू धार्मिकता क सेवक बन गया। 19 (मइँ एक ठु मानवीय उदाहरण देइत ह जेका सभन लोग समाझि सकइँ काहेकि ओका समझब तू लोगन क बरे कठिन बा।) काहेकि तू अपने सरीर क अंगन क अपवित्तर अउ व्यवस्थाहीनता क आगे ओनके दास क रूप मँ सौंप दिहे रह्या जेसे व्यवस्थाहीनता पैदा भई, अब तू लोग ठीक वइसेन ही अपने सरीर क अंगन क दास क रुप मँ धार्मिकतइ क हाथन मँ सौंप द्या ताकि कुल समर्पण पैदा होइ।
20 काहेकि तू जब पाप क दास रह्या तउ धार्मिकता कइँती स तोहे प कउनउ बन्धन नाहीं रहा। 21 अउर देखा ओह समइ तोहे कइसेन फल मिला? जेकरे बरे आजु तू सर्मिन्दा अहा। जेकर अन्तिम परिणाम मउत बा। 22 परन्तु अब तोहे पाप स छुटकारा मिलि चुका बा अउ परमेस्सर क दास बनाइ दीन्ह अहा गवा अहा तउ जउन खेती तू काटत अहा, तोहे परमेस्सर क बरे कुल समर्पण मँ लइ जाइ। जेकर अन्तिम परिणाम बा अनन्त जीवन। 23 काहेकि पाप क मूल्य तो बस मृत्यु ही अहइ। जबकि हमार पर्भू मसीह ईसू मँ अनन्त जीवन, परमेस्सर क सेंतमेत क बरदान बाटइ।
ईसू मन्दिर माँ
(मरकुस 11:15-19; लूका 19:45-48; यूहन्ना 2:13-22)
12 फिन ईसू मन्दिर क अहाते मँ आवा अउर उ मन्दिर क अहाते मँ जउन बेंचत बेसहत रहेन, ओन सबन क बाहेर खदेरेस। उ पइसा क लेवइया देवइया क चउकी उलटि दिहस अउ कबूतरे क दुकानदार क तखता पलटेस। 13 उ ओनसे कहेस, “पवित्तर सास्तरन मँ कहत बा, ‘मोर घर पराथना घर कहा जाई।’(A) मुला तू सबइ ऍका ‘डाकुअन क अड्डा’ बनावत अहा।’(B)”
14 मन्दिर मँ कछू आँधर, लँगड़ा लूला ओकरे लगे आएन। जेनका उ नीक किहेस। 15 जब मुख्ययाजकन अउर धरम सास्तिरियन ओकर अचरज कारजन क लखेन जउन उ किहे रहा अउर मन्दिर मँ गदेलन क ऊँची आवाजे मँ कहत सुनेन: “दाऊद क पूत क होसन्ना।”
16 तउ उ पचे कोहाइ गएन अउ ओसे पूछेन, “तू सुनत अहा इ सबन का कहत अहइँ?”
ईसू ओनसे कहेस, “हाँ सुनत अही। का पवित्तर सास्तर मँ तू बचन नाहीं पढ़्या, ‘तू गदेलन अउर दूधमुँहन बचवन स स्तुति कराया ह।’(C)”
17 फिन उ ओनका हुवँइ तजिके यरूसलेम सहर स बाहेर बैतनिय्याह चला गवा। जहाँ उ राति बिताएस।
बिसवास क सक्ती
(मरकुस 11:12-14,20-24)
18 दूसर दिन अलख भिन्सारे जब उ सहर लउटत रहा तउ ओका भूख लागि। 19 रस्ता क किनारे अंजीर क बिरवा क लखेस तउ उ ओकरे नगिचे गवा, मुला ओका ओह प पातन क छोड़िके कछू नाहीं मिल सका। तब उ बिरवा स कहेस, “तोह प आगे कछू फल न लागइ।” अउर अंजीरे क बृच्छ फउरन झुराइ गवा।
20 जइसेन चेलन इ निहारेन तउ अचरजे मँ आइके पूछेन, “इ अंजीरे क बिरवा ऍतनी हाली कइसे झुराइ गवा?”
21 ईसू जवाब देत भवा ओन पचेन स कहेस, “मइँ तोहसे सच कहत हउँ जदि तोहरे मँ बिसवास अहइ अउ तू संदेस नाहीं करत बाट्या तउ तू न सिरिफ उ कइ सकत ह जउन मइँ अंजीरे क बृच्छ कीन्ह, मुला जदि तू इ पहाड़े स कहि द्या, ‘उठा अउर आपन क सगरे मँ बोर द्या’ तउ उहइ होइ जाई। 22 अउर पराथना करत तू जउन कछू मंगब्या, जदि तोहका बिसवास बा तउ तू पउब्या।”
Awadhi Bible: Easy-to-Read Version. Copyright © 2005 Bible League International.