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Book of Common Prayer

Daily Old and New Testament readings based on the Book of Common Prayer.
Duration: 861 days
Awadhi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-AWA)
Version
भजन संहिता 5-6

बाँसुरी क बजनिया निर्देसक बरे दाऊद क गीत।

हे यहोवा, मोरे सब्द क सुना
    अउर तू ओकर सुध ल्या जेका तोका कहइ क मइँ जतन करत हउँ।
हे मोरे राजा, मोर परमेस्सर मोर दुहाइ पइ धियान द्या,
    काहेकि मइँ तोहसे ही पराथना करत हउँ।
हे यहोवा, हर भिंसारे तोहका, मइँ आपन भेंटन क अर्पण करत हउँ।
    तू ही मोर सहायक अहा।
मोर निगाह तोहे पइ लागि अहइ अउर तू ही मोर पराथना हर भिंसारे सुनत अहा।

तू अइसा परमेस्सर नाहीं जउन झूठे देवतन क नाईं दुट्ठता क चाहत ह।
    बद लोग तोहरे चारिहुँ कइँती नाहीं रहइ सकतेन!
सेखी हाँकइ वाला लोग तोहार समन्वा नाहीं रुक सकतेन
    जउन दुस्टता करत ह तू ओनसे नफरत करत ह।
जउन झूठ बोलत हीं ओनका तू नस्ट करत ह।
    यहोवा अइसेन मनइयन स घिना करत ह, जउन दूसर लोगन क नोस्कान पहुँचावइ क सड़यन्त्र रचत रहत हीं।

मुला हे यहोवा, तोहरी अपार करुणा स मइँ तोहरे मन्दिर मँ आउब।
    हे यहोवा, मोका तोहार डर अहइ मइँ सम्मान तोहका देत अहउँ।
    एह बरे मइँ तोहरे पवित्तर मन्दिर कइँती निहुरिके तोहार पइलगी करब।
हे यहोवा, तू मोका आपन नेकी क राह देखाँवा।
    तू आपन राह क मोरे समन्वा सोझ करा
काहेकि मइँ दुस्मनन स
    घिरा भवा अहउँ।
उ सबइ लोग फुरइ नाहीं बोलतेन।
    उ सबइ लबार अहइँ, जउन फुरइ क तोड़त मरोड़त रहत हीं।
ओनकर मुँह खुली कब्र क नाई अहइँ।
    उ सबइ अउरन स उत्तिम चिकनी-चुपरी बातन करत उ पचे ओनका बस जालि मँ फँसावा चाहत हीं।
10 हे परमेस्सर, ओनका सजा द्या।
    ओनकर आपन ही जालन मँ ओनका अरझइ द्या।
इ सबइ लोग तोहरे खिलाफ होइ ग अहइँ,
    ओनका ओनकर आपन ही बहोत स पापन क सजा द्या।
11 मुला जउन परमेस्सर मँ आस्था धरत रहत हीं, उ सबइ प्रसन्न होइँ अउ उ सबइ सदा सदा ही आनन्दित रहइँ।
    हे परमेस्सर, तू ओनकर रच्छा करा अउर ओनका सक्ती द्या जउन लोग तोहरे नाउँ स पिरेम राखत हीं।
12 हे यहोवा, तू निहचय ही धर्मी क आसिस देत ह।
    आपन कृपा स तू ओन पचन्क एक ठु बड़की ढ़ाल बनिके फुन ढक लेत ह।

सौमिनिथ सैली क तार वाद्य क संग निर्देसक बरे दाऊद क एक ठु गीत।

हे यहोवा, जब तू किरोध मँ होब्या तउ मोका सज़ा मत द्या।
    मोका मत सुधारा जब तू बहोत कोहाइ भवा ह्वा।
हे यहोवा, मोहे प दाया करा।
    मइँ रोगी अउ दुर्बल अहउँ।
मोरे बेरामियन क हर ल्या।
    मोर हाड़ काँपत हीं।
    मोर समूचा देह थर-थर काँपत ह।
हे यहोवा, मोर भारी दुःख तू कब तलक रखब्या।
हे यहोवा, मोका फुन स बलवान करा।
    तू महा दयावान अहा, मोर रच्छा करा।
मरे भए लोग तोका आपन कब्रन मँ याद नाहीं करतेन।
    मउत क देस मँ उ पचे तोहार स्तुति नाहीं करतेन। एह बरे मोका बचावा।

हे यहोवा, सारी रात मइँ तोहका पुकारत रहत हउँ।
    मोर बिछउना मोरे आँसुअन स भीज गवा ह।
मोरे बिछउना स आँसू टपकत रहत हीं।
    तोहरे बरे मइँ रोवत भवा छीन होइ गवा हउँ।
मोर दुस्मनन मोका बहुतेरा दुःख दिहन।
    इ मोका सोक मँ डाइके अउर बहोत दुःखी कइ डाएन अउर अब मोर अँखियन बिलखइ स थकी भइ हारी अउर दुर्बल अहइँ।

अरे ओ दुर्जन लोगो, तू मोसे दूर हटा।
    काहेकि यहोवा मोका रोवत भवा सुनि लिहस ह।
मोर बिनती यहोवा क काने तलक पहोंच चुकी बाटइ
अउर मोरी पराथना क सुनिके यहोवा जवाब दइ दिहस ह।

10 मोर सबहिं दुस्मनन डर जाईं अउ निरास होइहीं।
    कछू अचानक ही घटित होइ अउर उ फुन स अपमानित कीन्ह जाइहीं।

भजन संहिता 10-11

हे यहोवा, तू ऍतना दूर काहे खड़ा रहत ह?
    कि संकट मँ पड़ा लोग तोहका निहारि नाहीं पउतेन।
अहंकारी दुट्ठ जन दुर्बल क दुःख देत हीं।
    उ पचे आपन सड़यन्त्र क रचत रहत हीं।
दुट्ठ जन ओन चिजियन पइ घमण्ड करत हीं, जेनकर ओनका गहरी इच्छा अहइ
अउ लालची मनई परमेस्सर क कोसत रहत हीं।
    इ तरह दुट्ठ देखाँवत हीं कि उ पचे यहोवा स घिना करत रहत हीं।
दुट्ठ लोग ऍतना घमण्डी होत हीं कि उ पचे परमेस्सर क पाछे नाहीं चल सकतेन।
    उ पचे खराब खराब जोजना रचत हीं।
    उ पचे अइसा करम करत हीं, जइसे परमेस्सर क कउनो अस्तित्व ही न बाटइ।
दुट्ठ जन सदा कुटिल करम करत हीं।
    उ पचे परमेस्सर क विवेक स पूरी व्यवस्था अउ सिच्छन पइ धियान नाहीं देतेन।
    हे परमेस्सर, तोहार सबहिं दुस्मन तोहरे उपदेसन क उपेच्छा करत हीं।
उ पचे सोचत हीं, जइसेन कउनो बुरी बात ओनके संग नाहीं घटि जाइ।
    उ पचे कहत रहत हीं, “हम पचे मउज मँ रहब अउ कबहुँ भी दण्डित नाहीं होब।”
अइसेन दुट्ठ क मुँह सदा साप देत रहत ह।
    उ पचे दूसर जन क निन्दा करत हीं अउर काम मँ लिआवइ क सदा ही बुरी बुरी जोजना रचत रहत हीं।
अइसे लोग गुप्त ठउरन मँ लुकान रहत हीं,
    अउर लोगन क फँसावइ क प्रतीच्छा करत हीं।
    उ पचे लोगन क नस्कान पहुँचावइ खातिर लुकान रहत हीं अउ निरपराधी लोगन क हत्या करत हीं।
दुट्ठ जन सिंह क नाई होत हीं जउन ओन गोरूअन क धरइ क घात मँ रहत हीं।
    जेनका उ पचे खाइ जइहीं।
दुट्ठ जन दीन लोगन पइ मार करत हीं
    ओनकर बनाए भए जालि मँ बेसहारा दीन फँसि जात हीं।
10 दुट्ठ जन बार-बार दीनन पइ घात करत
    अउ ओनका दुःख देत ह।
11 एह बरे दीन जन सोचइ लागत हीं, “परमेस्सर हमका बिसराइ ही दिहस।
    हमसे तउ परमेस्सर सदा-सदा बरे दूर होइ गवा बाटइ।
    उन कछू भी मोरे संग घटत अहइ, ओहसे परमेस्सर दृस्टि फेरि लिहस ह!”

12 हे यहोवा, उठा अउर कछू तउ करा!
    हे परमेस्सर, ओन दुट्ठ जनन क आपन हाथ उठाइके सजा द्या!
    अउर ऍन दीन दुःखियन क जिन बिसरा।

13 दुट्ठ जन काहे परमेस्सर क खिलाफ होत हीं?
    काहेकि उ पचे सोचत हीं कि परमेस्सर ओनका कबहुँ नाहीं दण्डित करी।
14 हे यहोवा, तू ही अहइ जउन बुरे लोगन दुआरा कीन्ह भावा अत्याचार अउर बुरे कामन क कउनो स भी जियादा लखत ह।
    तू एकर बारे मँ कछू कदम उठा।
दुःखन स घिरा लोग मदद माँगइ तोहरे लगे आवत हीं।
    हे यहोवा, सिरिफ तू ही अनाथ लोगन क सहायक अहा, एह बरे ओनकर रच्छा करा।

15 हे यहोवा, दुट्ठ जनन क तू नस्ट कइ द्या।
16 तू ओनका आपन धरती स
    ढकेलिके बाहेर करा!
17 हे यहोवा, दीन दुःखी लोग जउन चाहत हीं उ तू सुनि लिहा।
    ओनकर पराथना सुना अउर ओनका पूरा करा जेनका उ पचे माँगत हीं।
18 हे यहोवा, अनाथ गदेलन क तू रच्छा करा।
    दुःखी लोगन क अउर जियादा दुःख जिन पावइ द्या।
    दुट्ठ लोगन क तू ऍतना भयभीत कइ द्या कि उ पचे हिआँ न टिक पावइँ।

संगीत निर्देसक बरे दाऊद क पद।

मइँ यहोवा पइ भरोसा करत हउँ!
फुन तू मोसे काहे कहत ह कि मइँ पराइके कहूँ जाउँ।
    तू कहत अहा मोसे कि, “पंछी क नाई आपन पहाड़े पइ उड़ि जा!”

दुट्ठ जन ओन सिकारी क समान अहइँ।
उ पचे अँधियारे मँ लुकात हीं।
    उ पचे धनुस क डोरी क पाछे हींचत हीं।
    उ पचे आपन बाणन क साधत हीं अउर उ पचे नीक, नेक मनइयन क हिरदइ मँ सोझइ बाण छोड़त हीं।
धर्मी का कइ सकहीं
    जब समाज क नींव ही तबाह कइ दीन्ह जाइ?

यहोवा आपन विसाल पवित्तर मन्दिर मँ विराजा बाटइ।
    यहोवा सरगे मँ आपन सिंहासने पइ बइठत ह।
यहोवा सब कछू लखत ह, जउन भी होनी होत ह।
    यहोवा क आँखिन लोगन क सज्जनाई व दुर्जनाई क परखइ मँ लाग रहत हीं।
यहोवा धर्मी अउ दुट्‌ठ लोगन क परख करत ह,
    अउर उ ओन लोगन स घिना करत ह जउन हिंसा स प्रीति धरत हीं।
उ गरम कोयलन अउ बरत भइ गन्धक क बरखा क तरह ओन बुरे लोगन पइ गिराई।
    ओन बुरे लोगन क हींसा मँ बस झुरसत भइ हवा बही।
मुला यहोवा, तू धर्मी अहा।
तोहका अच्छे जन भावत हीं।
    अच्छे मनई यहोवा क संग रइहीं अउर ओकरे मुँहना क दर्सन पइहीं।

गनती 35:1-3

लेवी बंस क सहर

35 यहोवा मूसा स बात किहस। इ यरीहो क पार मोआब मँ यरदन घाटी मँ यरदन नदी क निचके रहा। यहोवा कहेस, “इस्राएल क लोगन स कहा कि ओनका आपन हींसा क देस मँ कछू सहर लेवी-बंस क लोगन क देइ चाही। इस्राएल क लोगन क सहर अउ ओकरे चारिहुँ कइँती क चरागाह लेवी-बंस क देइ चाही। लेवी बंसी लोग ओन सहरन म रइहीं। अउ सब गोरुअन, अउ दूसर जनावर, जउन लेवी बंसी मनइयन क होइहीं, सहर क चारिहुँ कइँती क चरागाह मँ चरि सकिहीं।

गनती 35:9-15

तब यहोवा मूसा स बात किहेस। उ कहेस, 10 “मनइयन स इ कहा: तू पचे यरदन नदी क पार करब्या अउ कनान देस मँ जाब्या। 11 तोहका ‘सरण-सहर’ बनावइ बरे सहरन क चुनइ चाही। जदि कउनो मनई सँजोग स कउनो क मारि डावत ह तउ इ सुरच्छा बरे इ सहरन मँ स कउनो मँ पराइके जाइ सकत ह। 12 उ ओ कउनो मनई स बचा रही जउन मरे परिवार क होइ अउ ओका धरइ चाहत होइ। उ तब तलक सुरच्छित रही जब तलक अदालन मँ ओकरे बारे मँ फइसला नाहीं होइ जात। 13 अउ छ: सहर जेका तू चुनिहीं उ तोहार ‘सरण-नगर’ होइहीं। 14 ओन सहर मँ स तीन सहर यरदन नदी क पूरब मँ होइहीं। अउर तीन दूसर सहर कनान प्रदेस मँ यरदन नदी क पच्छिउँ मँ होइहीं। 15 उ सबइ सहर नागरिक लोगन, स्थाई निवासियन अउ अस्थाई निवासियन बरे सरण-ठउर होइहीं। कउनो भी मनई संजोग स कउनो क मारि डावत ह, इ कउनो एक सहर मँ पराइके जाइ सकत ह।

गनती 35:30-34

30 “हत्तियारा क तबहिं मउत-सजा दीन्ह जाइ सकत ह। जब ओकरे बिरोध मँ एक स जियादा गवाही होइहीं। जदि एक ठु ही गवाह होइ तउ कउनो मनई क मउत क सजा नाहीं दीन्ह जाइ।

31 “जदि कउनो मनई हत्तियारा अहइ तउ ओका मारि डावइ चाही। धन क बदले ओका नाहीं छोड़ दीन्ह जाइ चाही। उ हत्तियारे क मार दीन्ह जाइ चाही।

32 “अगर कउनो मनई कउनो क मारेस अउ उ पराइके कउनो ‘सरण-सहर’ मँ गवा तउ घर लउटइ बरे ओसे धन जिन ल्या। उ मनई क उ नगर मँ तब तलक रहइ क पड़ी जब तलक महायाजक न मरइ।

33 “भोले मनइयन क खून स आपन देस क जिन दुसित करा। जदि कउनो मनई कउनो क मारि डावत ह तउ इ अपराध क बदला इहइ अहइ कि उ मनई क मार दीन्ह जाइ। दूसर कउनो अइसा बदला उ जुर्म बरे नाहीं बा कि हत्तियारा क जान स मारि डावा जाइ। दूसर कउनो चारा नाहीं कि उ देस क अजाद कइ सकइ। 34 मइँ यहोवा हउँ! मइँ इस्राएल क लोग क बीच तोहरे देस मँ सदा रहत रहबइ। मइँ उ देस मँ रहत रहब। एह बरे बे अपराधी मनइयन क खून स उ देस क दुसित जिन करा।”

रोमियन 8:31-39

परमेस्सर क पिरेम

31 तउ एका देखत हम का कही? अगर परमेस्सर हमरे पच्छ मँ बा हमरे विरोध मँ कउन होइ सकत ह? 32 उ जे अपने पूत तलक क नाहीं छोड़ेस बल्कि ओका हम सबके बरे मरइ क सउँप दिहेस। उ भला हमका ओकरे साथ अउर सब कछू काहे न देई? 33 परमेस्सर क चुना भवा लोगन पे अइसेन कउन बा जउन दोस लगावइ? उ परमेस्सर ही अहइ जउन ओनका धर्मी ठहराता ह? 34 अइसेन कउन अहइ जउन ओका दोसी ठहरावइ? मसीह ईसू उ अहइ जउन मरि गवा अउर (इहींउँ स जियादा जरूरी इ बा कि) ओका फिन जियावा गवा। जउन परमेस्सर क दहिनी कइँती बइठा अहइ अउर हमरे कइँती स बिनती भी करत ह 35 कउन अहइ जउन हमका मसीह क पियार स अलग करी? यातना या कठिनाइ या अत्याचार या अकाल या नंगापन या जोखिम या तलवार? 36 जइसेन कि सास्तर कहत ह:

“तोहरे (मसीह) बरे सारा दिन हमका मउत क सौंपा जात ह।
    हम काटी जाइवाली भेड़ जइसेन समझा जात हीं।” (A)

37 तबउ ओकरे जरिये जउन हमसे पिरेम करत ह, ऐन सब बातन मँ हम एक सानदार विजय पावत अही। 38 काहेकि मइँ मान चुका हउँ कि न मउत, न जीवन, न सरगदूतन अउर न सासन करइवाली आतिमन, न वर्तमान क कउनउ चीज अउर न भविस्स क कउनउ चीज, न आत्मिक सक्ति, 39 न कउनउ हमरे ऊपर क, अउर न हमसे नीचे क, न सृस्टि क कउनउ अउर चीज हमका पर्भू क ओह पिरेम स, जउन हमरे भीतर पर्भू मसीह ईसू बरे बाटइ, हमका अलग कइ सकइ।

मत्ती 23:13-26

13 “हे कपटी धरम सास्तिरियो अउ फरीसियो! तोहका धिक्कार अहइ। तू सबइ सरगे क राज्य क दुआर ढाँपि दिहा ह। न तउ तू पचे ओहमाँ घुसि पउब्या अउर न ही ओनका जाइ देब्या जउन घुसइ बरे जतन करत हीं। 14 अरे कपटा धरम सास्तिरियन अउ फरीसियन तू पचे विधवा क धन दौलत हड़पत ह। देखाँवा बरे बड़ी बड़ी पराथना करत ह। एकरे बरे तोहका करर् सजा मिली।

15 “अरे कपटी धरम सास्तिरियो अउ फरीसियो! तोहका धिक्कार अहइ। तू कउनो क आपन मत मँ लइ आवइ बरे धरती अउर समुद्दर पार कइ जात ह। अउ उ तोहरे नेम धरम मँ आइ जात ह तउ तू ओका आपन स भी दुइ गुना नरक क काबिल बनाइ देत ह।

16 “अरे कपटी धरम सास्तिरियो अउ फरीसियो! तोहका धिक्कार अहइ। तोहका धिक्कार अहइ जउन कहत ह, ‘जदि कउनो मन्दिर क सपथ खात ह तउ ओका सपथ क खाब जरूरी नाहीं मुला अगर कउनो मन्दिरे क सोने सपथ खात ह तउ ओका सपथ क मानब जरूरी अहइ!’ 17 अरे आँधर मूर्ख लोगो! बड़का कउन अहइ? मन्दिर क सोना या उ मन्दिर जउन उ सोना क पवित्तर बनएस।

18 “तू सबइ इ भी कहत ह, ‘जदि कउनो वेदी क सपथ खात ह तउ कछू नाहीं, मुला जदि कउनो वेदी प धरा चढ़ावा क सपथ खात ह तउ आपन सपथ स बँधा भवा अहइ।’ 19 अरे आँधर लोगो! कउन बड़कवा अहइ? वेदी प धरा चढ़ावा या उ वेदी जेसे उ चढ़ावा पवित्तर बनत ह 20 यह बरे जदि कउनो वेदी क सपथ लेत ह तउ उ वेदी क साथे वेदी प जउन धरा बाटइ, उ सबन क सपथ खात ह। 21 उ जउन मन्दिर अहइ, ओकर भी सपथ लेत ह उ मंदिर क संग जउन मंदिर क भितरे बा, ओकर भी सपथ खात ह। 22 अउर उ जउन सरगे क सपथ खात ह, उ परमेस्सर क सिंहासने क संग जउन उ सिंहासने प बिराजत बा ओकर भी सपथ खात ह।

23 “अरे कपटी धरम सास्तिरियो अउ फरीसियो! तोहका धिक्कार अहइ। तोहरे लगे जउन कछू अहइ, तू ओकर दसवाँ, हींसा, हीयाँ तलक कि आपन पुदीना, सौंफ अउर जीरा तक क दसवाँ हींसा परमेस्सर क देत ह। फिन भी तू व्यवस्था क खास बातन, निआव, दाया अउर बिसवास क धकियाइ दिहा। तोहका इ चाहत रहा कि ओन बातन क बगैर छोड़े भए इन बातन क करत जात्या। 24 अरे आँधर अगुवा लोगो! तू आपन पिअइ क पानी स मच्छर तउ छान लेत ह पर ऊँटे क लील जात ह।

25 “अरे कपटी धरम सास्तिरियो अउ फरीसियो! तोहका धिक्कार अहइ। तू आपन खोरा अउर टाठी बाहेर स धोइके फर्छइ करत ह पर ओकरे भितरे तू जउन चाल चपेट या आपन बरे रियायत मँ पाया ह, भरा बाटइ। 26 अरे आँधर फरीसियो! पहिले आपन खोरा क भितरे स माँज ल्या जेसे भितरे क साथ साथ उ बाहेर स भी चमकइ लगाइ।

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