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Book of Common Prayer

Daily Old and New Testament readings based on the Book of Common Prayer.
Duration: 861 days
Awadhi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-AWA)
Version
भजन संहिता 16-17

दाऊद क एक गीत।

हे परमेस्सर, मोर रच्छा करा, काहेकि मइँ तोहे पइ निर्भर अहउँ।
मोर यहोवा स निवेदन अहइ, “यहोवा, तू मोर सुआमी अहा।
    मोरे लगे जउन कछू उत्तिम अहइ
    उ सबइ तोहसे ही अहइ।”
यहोवा आपन लोगन क धरती पइ अद्भूत काम करत ह।
    यहोवा इ देखाँवत ह कि
    उ फुरइ ओनसे पिरेम करत ह।

मुला जउन दूसर देवतन क पाछे ओनकर पूजा बरे परात हीं, उ पचे दुःख उठइहीं।
    ओन मूरतियन क जउन रकत अर्पण कीन्ह गवा, ओनकर ओन बलियन मँ मइँ हीसां नाहीं लेब।
    मइँ ओन मूरतियन क नाउँ तलक नाहीं लेब।
नाहीं, बस मोर हींसा यहोवा मँ अहइ।
    बस यहोवा स ही मोर अंस अउर मोर पात्र आवत ह।
    हे यहोवा मोका सहारा द्या अउर मोर हींसा द्या।
मोर हींसा बहोतइ अद्भुत अहइ।
    असल मँ मोरे लगे बहोत स सुन्नर उत्तराधिकार अहइ।
मइँ यहोवा क गुण गावत हउँ काहेकि उ मोका गियान दिहस।
    मोरे अन्तर्मन स राति मँ सिच्छन निकरिके आवत हीं।

मइँ यहोवा क सदा ही आपन सम्मुख राखत हउँ।
    मइँ ओकर दाहिने छोर
    कबहुँ नाहीं छोड़ब।[a]
इहइ स मोर मन अउर मोर आतिमा बहोतइ आनन्दित होइ
    अउर मोरी देह तलक सुरच्छित रही।
10 काहेकि, यहोवा, तू मोर प्राण कबहुँ भी मउत क जगह मँ न तजी।
    तू आपन वफ़दार क कब्र मँ सड़इ नाहीं देब्या।
11 तू मोका जिन्नगी क राह देखउब्या
    जउन मोका तोहार मौजूदगी मँ पूरा आनन्द देत ह।
    तोहार दाहिन कइँती होब मोका सदा सदा ही आनन्द देइ।

दाऊद क पराथना गीत।

हे यहोवा, मोरी पराथना निआव क खातिर सुना।
    मइँ तोहका ऊँच अवाज स गोहरावत अहउँ।
मइँ आपन बात ईमानदारी स कहत हउँ।
    तउ कृपा कइके मोर पराथना सुना।
यहोवा तू ही मोर उचित निआव करब्या
    तू ही फुरइ क लख सकत अहा।
मोर मन परखइ क तू ओकरे बीच गहिराई मँ निहारि लिहा ह।
    तू मोरे संग राति भइ रहा तू मोका जाँचा,
अउ तोका मोहे मँ कउनो खोट नाहीं मिला।
    मइँ कउनो बुरी जोजना नाहीं रचेउँ रहे।
तोहरे आदेसन क मानइ मँ मइँ कठिन जतन किहेउँ
    जेतॅना कि कउनो मनई कइ सकत ह।
मइँ तोहरी राहे पइ चलत रहत हउँ।
    मोर गोड़ तोहरे जिन्नगी क रीति स नाहीं डुगेन।
हे परमेस्सर, मइँ हर कउनो अवसर पइ तोहका पुकारेउँ ह अउर तू मोका जवाब दिहा ह।
    तउ अब भी तू मोर सुना।
हे परमेस्सर, तू आपन विस्सासी चेलन क दिखावा
    कि तू केतॅना अजूबा अहा!
तू ओन लोगन क बचाया जउन ओन लोगन पइ हमला करत ह
    जउन ओन बचइ बरे तोहार सक्ती पइ निर्भर करत ह।
मोर रच्छा तू आपन आँखी क पुतली क नाईं करा।
    मोका आपन पखना क छाया क खाले तू छुपाइ ल्या।
हे यहोवा, मोर रच्छा ओन दुट्ठ जनन स करा जउन मोका नस्ट करइ क जतन करत अहइँ।
उ सबइ मोका घेरे अहइँ अउ मोका हानि पहोंचावइ क प्रयत्नसील अहइँ।
10 दुट्ठ लोग घमण्ड क कारण परमेस्सर क बात पइ कान नाहीं लगावत अहइँ।
    इ सबइ आपन ही डींग हाँकत रहत हीं।
11 उ सबइ लोग मोरे पाछे पड़ा भवा अहइँ,
    अउर अब मइँ ओनके बीच मँ घिर गवा हउँ।
उ पचे मोह पइ वार करइ क तय्यार ठाड़ बाटेन।
12 उ सबइ दुट्ठ जन अइसे अहइँ जइसे कउनो सिंह घात मँ दूसर पसु क मारइ क बइठा होइ।
    उ पचे सिंह क नाई झपटइ बरे छुपा रहत हीं।

13 हे यहोवा, दुस्मन क खिलाफ उठा
    अउर ओनका आत्मसर्मपन करइ बरे मज़बूर करा।
    आपनि तरवार उठावा अउ इ सबइ दुट्ठ जनन स मोर रच्छा करा।
14 हे यहोवा, जउन मनई सजीव अहइँ ओनका धरती स दुट्ठन क आपन सक्ती स दूर करा।
    हे यहोवा, बहुतेरे तोहरे लगे सरण माँगइ आवत हीं।
तू ओनका बहुतायत स भोजन द्या।
    ओनकर सन्तानन क परिपूर्ण कइ द्या।
    ओनके लगे आपन गदेलन क देइ क बहुतायत स धन होइ।

15 मोर विनय निआव बरे अहइ।
तउ मइँ यहोवा क मुँह क दर्सन करब।
    हे यहोवा, तोर दर्सन करतइ ही, मइँ पूरी तरह सन्तुट्ठ होइ जाबउँ।

भजन संहिता 22

प्रभात क हरिणी नाउँ क राग पइ संगीत निर्देसक बरे दाऊद क एक ठु भजन।

हे मोरे परमेस्सर, हे मोरे परमेस्सर, तू मोका काहे तजि दिहा ह?
    मोका बचावइ बरे तू काहे बहोतइ दूर अहा?
    मोर मदद क पुकार क सुनइ बरे तू बहोतइ दूर अहा।
हे मोरे परमेस्सर, मइँ तोहका दिन मँ पुकारेउँ
    मुला तू जवाब नाहीं दिहा,
अउर मइँ राति भर तोहका पुकारत रहेउँ।

हे परमेस्सर, तू पवित्तर अहा।
    तू राजा क नाई बिराजमान अहा।
    इस्राएल क स्तुतियन तोहार सिंहासन अहइ।
हमार पुरखन तोह पइ बिस्सास किहन।
    हाँ हे परमेस्सर उ पचे तोहार भरोसा रहेन।
    अउर तू ओनका बचाए रह्या।
हे परमेस्सर, हमार पुरखन तोहका मदद क गोहराएन अउर उ पचे आपन दुस्मनन स बच निकरेन।
    उ पचे तोह पइ बिस्सास किहन अउर उ पचे निरास नाहीं भएन।
तउ का मइँ फुरइ कउनो कीरा हउँ,
    जउन लोग मोहसे लज्जित भए बाटेन अउर मोहसे घिना करत हीं?
जउन भी मोका लखत ह मोर हँसी उड़ावत ह,
    उ पचे आपन मूड़ँ हलावत अउ आपन ओंठ बिरावत हीं।
उ पचे मोसे कहत हीं कि, “आपन रच्छा बरे तू यहोवा क गोहँराइँ सकत ह।
    उ तोहका बचाइ लेइ।
    अगर तू ओका ऍतना भावत ह तउ, निहचय ही उ तोहका बचाइ लेइ।”

हे परमेस्सर फुरइ तउ इ अहइ कि सिरिफ तू ही अहा जेकरे ऊपर मइँ निर्भर हउँ।
    तू मोका उ दिन स संभालया ह, जब स मोर जन्म भवा।
    तू ही अहा जेकर कारण स मइँ बच्पन स बिस्सास किहेउँ।
10 ठीक उहइ दिना स जब स मइँ जन्म लिहेउँ ह, तू मोर परमेस्सर रह्या ह।
    जइसे ही मइँ आपन महतारी क कोख स बाहेर आए रहेउँ, मोका तोहरी देखरेख मँ रख दीन्ह ग रहा।

11 तउ हे, परमेस्सर! मोका जिन बिसरि जा,
    संकट निअरे बाटइ, अउर कउनो भी मनई मोर मदद क नाहीं अहइ।
12 मइँ ओन लोगन स घिरा अहउँ,
    जउन सक्तीसाली साँड़न जइसे मोका घेरे भए अहइँ।
13 उ पचे ओन सिंहन जइसे अहइँ, जउन कउनो जन्तु क चीरत होइँ अउ दहाड़त होइँ
    अउर ओनकर मुँह विकराल खुला भवा होइँ।

14 मोर सक्ती धरती पइ बिखरे जल
    स लुप्त होइ गइ।
मोर हाड़न अलगाइ ग अहइँ।
    मोर साहस खतम होइ चुका अहइ।
15 मोर मुँह एक पुराना टूटा भवा बर्तन क टूका क नाईं सूख गवा अहइ।
    मोर जीभ आपन ही तालु स चिपकत अहइ।
    तू मोका कब्र क धूरि मँ डार दिहा ह।
16 दुट्ठ लोग मोर चारिहुँ कइँती “कुकुरन” क नाईं घेरे भए अहइँ,
    दुस्ट जनन क उ समूह मोका फँसाएस ह।
    उ पचे मोरे हथवन अउर गोड़न क छेद दिहेन ह।
17 मोका आपन हाड़ देखाँइ देत ह।
    इ सबइ लोग मोका घूरत अहइँ।
    इ सबइ मोका नस्कान पहोंचावइ क ताकत रखत हीं।
18 उ पचे मोर कपड़ा आपुस मँ बाँटत अहइँ।
    मोरे ओढ़नन बरे उ पचे पाँसा लोकावत अहइँ।

19 हे यहोवा, तू मोका जिन तजा।
    तू मोर बल अहा, मोर मदद करा।
    अब तू देर जिन लगावा।
20 हे यहोवा, मोर प्राण तलवार स बचाइ ल्या।
    ओन कुत्तन स तू मोर मूल्यवान जिन्नगी क रच्छा करा।
21 मोका सेर क मुँह स बचाइ ल्या
    अउ साँड़ क सीगंन स मोर रच्छा करा।

22 हे यहोवा, मइँ आपन भाइयन मँ तोर प्रचार करब।
    मइँ तोर प्रसँसा तोहरे भक्तन क सभा क बीच करब।
23 ओ यहोवा क उपासक लोगो, यहोवा क बड़कई करा।
    इस्राएल क सन्तानन यहोवा क आदर करा।
    ओ इस्राएल क सबहिं लोगो, यहोवा क भय माना अउ आदर करा।
24 काहेकि यहोवा अइसे मनइयन क मदद करत ह जउन विपत्ति मँ होत हीं।
    यहोवा ओनसे घिना नाहीं करत ह।
अगर लोग मदद बरे यहोवा क पुकारइँ
    तउ उ खुद क ओनसे न छिपाइ।

25 मइँ तोहका धामिर्क सभा मँ स्तुति बरे का भेंट कइ सकत हउँ।
    तोहार भक्त लोगन क समन्वा मइँ तोहका उ देबउँ जेका मइँ वादा किहेउँ ह।
26 दीन जन भोजन पइहीं अउर सन्तुट्ठ होइहीं।
    तू लोग जउन ओका हेरत भए आवत अहा ओकर स्तुति करा।
    मन तोहार हमेसा हमेसा आनन्द स भरि जाइँ।
27 तब सबहिं दूर भुइँयन क लोग यहोवा क सुमिरइँ अउर ओकर लगे लउटि आवइँ।
    हे यहोवा, धरती क सबइ परिवार क हरेक लोग तोहार समन्वा निहुरिहीं।
28 काहेकि यहोवा राजा अहइ।
    उ हर एक रास्ट्र पइ सासन करत ह।
29 मानव जाति घास क नाईं स्थाइ नाहीं अहइँ जउन कि समूचइ धरती मँ उगत हीं।
    हम सबहिं आपन खइया क खाब अउर परमेस्सर क समन्वा निहुरि दण्डवत करब।[a]
हाँ मानव जाति मरत ह अउ ओनका कब्र मँ डार दीन्ह जात ह।
    सबइ लोग जउन जीवित अहइ या नाहीं अहइ परमेस्सर क समन्वा नम्रता स निहुरिके दण्डवत करइँ।
30 अउर भविस्स मँ हमार सन्तान यहोवा क सेवा करिहीं।
    लोग सदा सदा ही ओकरे बारे मँ बखनिहीं।
31 उ सबइ लोग अइहीं अउर परमेस्सर क भलाई क
    प्रचार करिहीं जेनकर अबहिं जन्म ही नाहीं भवा।

व्यवस्था विवरण 31:7-13

तब मूसा यहोसू क बोलाएस। जउने समइ मूसा यहोसू स बातन करत रहा ओह समइ इस्राएल क सबहिं लोग लखत रहेन। जब मूसा यहोसू स कहेस, “मजबूत अउ हिम्मती बना। तू इ सबइ लोगन क उ देस मँ लइ जाब्या जेका यहोवा ऍनकइ पुरखन क देइ क बचन दिहे रहा। तू इस्राएल क लोगन क मदद उ देस क लेइ अउ आपन बनावइ मँ करब्या। यहोवा आगे चली। उ खुद तोहरे संग अहइ। उ तू पचन्क न मदद देब बन्द करी, न ही तू पचन्क छोड़ी। तू न ही डेरान अउ फिकिर मँ रहब्या।”

मूसा व्यव्सथा लिखत ह

तब मूसा इ कानून क लिखेस अउ लेवी क सन्तान याजक क अउर इस्राएल क सबइ बुजुर्गन क दइ दिहस। ओनकर काम यहोवा क करार क सन्दूखे क लइ चलब रहा। 10 मूसा ओनका आदेस दिहस, “हर सात बरिस पाछे, कुटीर क त्यौहार मँ इ सबइ नेमन क बाँचा। 11 उ समइ इस्राएल क सबहिं लोग यहोवा, आपन परमेस्सर स मिलइ बरे उ खास ठउरे पइ अइहीं जेका उ पचे चुनिहीं। तब तू लोगन मँ इ सबइ कानून क अइसे बाँचब जेहसे उ पचे सुनि सकइँ। 12 सबहिं लोगन, मनसेधुअन, मेहररुअन, नान्ह गदेलन अउ आपन नगरन मँ रहइवाले सबहिं प्रवासियन क बटोरा। उ पचे नेमन क सुनिहीं, अउर उ पचे यहोवा तोहरे परमेस्सर क आदर करब सिखिहीं अउर उ पचे इ नेमन क सब्दन क मानइ मँ होसियार रइहीं 13 अउर तब ओनकी संतानन जउन नेमन नाहीं जानत ह, ऍका सुनिहीं अउर उ पचे यहोवा तोहरे परमेस्सर क सम्मान करब सिखिहीं। उ पचे तब तलक सम्मान करिहीं जब तलक तू पचे उ देस मँ रहब्या जेका तू पचे यरदन नदी क ओह पार लेइ बरे तइयार अहा।”

व्यवस्था विवरण 31:24-32:4

मूसा इस्राएल क लोगन क चिताउनी देत ह

24 मूसा इ सारे नेमन क सब्दन क एक ठु किताबे मँ लिखेस। जब उ ऍका पूरा कइ लिहस तब 25 उ लेवीबंसियन क आदेस दिहस (सबइ लोग यहोवा क करार क सन्दूखे क देख-रेख करत रहेन।) मूसा कहेस, 26 “इ व्यवस्था क किताबे क ल्या अउर यहोवा, आपन परमेस्सर क करार क सन्दूखे क बगल मँ धरा। तब इ हुआँ तोहरे खिलाफ साच्छी होइ। 27 मइँ जानत हउँ कि तू बहोतइ अड़ियल अहा। मइँ जानत हउँ तू मनमानी करइ चाहत अहा। धियान द्या, आजु जब मइँ तोहरे संग हउँ तब भी तू यहोवा क आग्या मानइ स मना किह्या ह। मोरे मरइ क पाछे तू यहोवा क आग्या मानइ स अउर जियादा इन्कार करब्या। 28 आपन सबहिं परिवार समूहन क प्रमुखन अउ अफसरन क एक संग बोलावा। मइँ ओनका इ सब कछू बताउब अउर मइँ पृथ्वी अउ अकास क ओनके खिलाफ साच्छी होइ बरे बोलाउब। 29 मइँ जानत हउँ कि मोर मउत क पाछे तू सबइ लोग पूरी तरह भ्रस्ट होइ जाब्या। तू पचे उ राहे स बगद जाब्या जेह पइ चलइ क आदेस मइँ दिहेउँ ह। तब भविस्स मँ तोहे सबन पइ आपदा अइहीं। काहेकि तू पचे उ करइ चाहत अहा जेका यहोवा बुरा बतावत ह। तोहार बुरा काम करइ क कारण उ पचे तोहस कोहाइ जाब्या।”

मूसा क गीत

30 तब मूसा इस्राएल क सबहिं लोगन क गीत सुनाएस। उ तब तलक नाहीं रुका जब तलक उ ऍका पूरा नाहीं कइ लिहस।

32 “हे गगन, सुन ल्या मइँ बोलिहउँ,
    पृथ्वी मोरे मुँहना स बात सुनी।
मोरे उपदेस बरसिहइँ बर्खा क नाई,
    ओस समान बही पृथ्वी पइ मोरी वाणी,
नरम घासन पइ बर्खा क मन्द झरी सी,
    हरिअर पौधन पइ बर्खा सी।
मोर वाणी परमेस्सर क नाउँ सुनाई महँ कहब,
    स्तुति कर, परमेस्सर महान अहइ।

“उ (यहोवा) हमार चट्टान अहइ
    ओकर सबहिं काम पूर्ण अहइँ!
    काहेकी ओकर सबहिं राह उचित अहइँ!
उ विस्सास अउ निस्पाप परमेस्सर अहइ
    करत जउन उचित अउ सही अहइ।

रोमियन 10:1-13

10 भाइयो तथा बहिनियो, मोरे हीये क इच्छा बा अउर मइँ परमेस्सर स ओन्हन सबके बरे पराथना करत हउँ कि ओनकर उद्धार होइ जाइ। काहेकि मइँ साच्छी देत हउँ कि ओहमाँ परमेस्सर क धुन बा। परन्तु उ ज्ञान पे नाहीं टिकी बा काहेकि उ पचे उ धार्मिकता क नाहीं जानत रहेन जउन परमेस्सर स मिलत अहइ। अउर उ सबइ आपन निजी धार्मिकता क स्थापना क जतन करत रहेन। तउ उ परमेस्सर क धार्मिकता क नाहीं स्वीकारेन। मसीह व्यवस्था क अन्त किहेस ताकि हर कउनो क जउन बिसवास करत ह, उ परमेस्सर बरे धार्मिक होइ जाइ।

धार्मिकता क बारे मँ जउन व्यवस्था स मिलत ह, मूसा लिखे बाटइ, “जउन व्यवस्था पे चली, उ ओनके कारण जिन्दा रही।”(A) परन्तु बिसवास स मिलइवाली धार्मिकता क बरे मँ पवित्तर सास्तर इ कहत ह, “तू अपने स इ न पूछा, ‘सरगे मँ ऊप्पर कउन जाई?’” (यानि “मसीह क नीचे धरती पे लियावइ।”) “या, ‘नीचे अधोलोक मँ कउन जाई?’” (यानि “मसीह क मरा हुवन मँ स ऊपर लियावइ?”)

पवित्तर सास्तर इ कहत ह: “बचन तोहरे लगे बा, तोहरे ओठन पे बा अउर तोहरे मने मँ बा।”(B) यानि बिसवास क वह बचन जेकर हम प्रचार करत अही, कि अगर तू अपने मूँहे स घोसित करा, “ईसू मसीह पर्भू अहइ”, अउर तू अपने मने मँ इ बिसवास करा कि परमेस्सर तउ ओका मरा हुवन मँ स जिन्दा किहेस तउ तोहार उद्धार होइ जाई। 10 काहेकि अपने हृदय क बिसवास स मनई धार्मिक ठहरावा जात ह अउर अपने मुँहे स ओकरे बिसवास क स्वीकार करइ स ओकर उद्धार होत ह।

11 पवित्तर सास्तर कहत ह, “जउन केऊ ओहमाँ बिसवास रखत ह ओका निरास न होइ पड़ी।”(C) 12 इ एह बरे बा कि यहूदी अउर गैर यहूदी मँ कउनउ भेद नाहीं कहेकि सब क पर्भू तउ एक्कइ अहइ। अउर ओकर दया ओन्हन सब क बरे, देत ह जउन ओकर नाउँ लेत हीं, अपरम्पार बा। 13 पवित्तर सास्तर कहत ह, “हर केऊ जउन पर्भू क नाउँ लेत हीं, उद्धार पइहीं।”(D)

मत्ती 24:15-31

15 “एह बरे जबहिं तू लोग ‘खौफनाक बिनास करइवाली चीज’[a] क पवित्तर स्थान प खड़ा होइके देखा, जेकरे बारे मँ दानिय्येल नबी बताएन ह, (पढ़इया खुद समुझ जाई कि एकर अरथ का बाएइ।) 16 तब जउन मनई यहूदिया मँ होइँ, ओनका पहाड़े प भाग जाइ चाही। 17 जउन आपन घरे क छत प होईं, उ घरवा स बाहेर कछू भी लइ जाइके तर खाले न आवइँ। 18 अउ जउन बाहेर खेतन मँ काम करत होइँ, उ पाछे मुड़िके आपन ओढ़ना तक न लेइँ।

19 “ओन स्त्रियन बरे जेकरे कोखे मँ गरभ होइ या जेकर लरिकन दूध पिअत होइँ, उ दिनन कस्टे क होइहीं। 20 पराथना करा कि तोहका जाड़े क दिनन मँ या सबित क दिन पराइ क न पड़इ। 21 उ दिनन मँ अइसी बिपत आई जइसी जबते परमेस्सर सृस्टि रचेस ह, आजु तक कबहुँ नाहीं आइ अउ न कबहुँ आई।

22 “अउर जदि परमेस्सर उ दिनन क घटावइ क पक्का इरादा न कइ लिहे होत तउ कउनो भी न बच पावत किन्तु चुना भएन क कारण उ दिनन मँ कमती कइ देइ।

23 “उ दिनन मँ जदि कउनो तू पचन स कहइ, देखा, इ रहा मसीह या उ राह मसीह। तउ ओकर बिसवास जिन किहा। 24 मइँ इ कहत हउँ काहेकि कपटी मसीह अउप कपटी नबी खड़ा होइहीं अउर अइसे अचरज कारजन देखइहीं अउर अद्भुत कारजन करिहइँ कि बन पड़इ तउ चुने भएन क भी चकमा दइ देइँ। 25 देखा, मइँ तोहका पहिले ही चेतावनी दइ चुका अहउँ।

26 “तउ जदि उ सबइ तोहसे कहइँ, ‘देखा, मसीह जंगल मँ बा!’ फन हुवाँ जिन जाया अउर जदि उ कहइँ, ‘देखा उ पचे कोठरी मँ छुपा बाटइ!’ तउ ओनकइ बिसवास जिन कर्‌या। 27 मइँ इ कहत हउँ काहेकि जइसे बिजुली पुरब मँ सुरू होइके पच्छिम क अकासे तक चमक जात इ वइसे ही मनई क पूत भी परगट होई। 28 जहाँ कहूँ ल्हास होई हुआँ गिद्ध एकट्ठा होइहीं।

29 “उ दिनन जउन मुसीबत पड़ी, ओकरे फउरन बाद:

‘सूरज करिया पड़ि जाई,
    चन्दा स चाँदनी न निकसी,
अकासे स तारा टुटिहीं,
    अउ अकास मँ आसमानी सक्ति झकझोर दीन्ह जइहीं।’[b]

30 “उ समइ मनई क पूत क आवइ क चीन्हा अकास मँ परगट होई। तबहिं भुइयाँ प सब जातिन क मनइयन फूटि फूटि क रोइहीं अउर उ सबइ मनई क पूत क सक्ती अउर महिमा क संग सरग क बदरन मँ परगट होत देखिहीं। 31 उ ऊँच सुर क तुरूही क संग आपन दूतन क पठइ। फिन उ पचे सरग क एक छोर स दूसर छोर तलक सब कहूँ स आपन चुना भवा मनइयन क ऍकट्ठा करी।

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