Book of Common Prayer
बेभिचार
12 “मोला कुछू भी चीज करे के अनुमती हवय” – पर हर चीज ह लाभ के नो हय। “मोला कुछू भी चीज करे के अनुमती हवय” – पर मेंह कोनो भी चीज के गुलाम नइं बनंव। 13 “भोजन ह पेट खातिर अऊ पेट ह भोजन खातिर अय” – पर परमेसर ह ए दूनों ला नास करही। देहें ह बेभिचार करे बर नो हय, पर परभू के सेवा करे बर अय अऊ परभू ह देहें के खियाल रखथे। 14 परमेसर ह अपन सामरथ ले परभू ला मरे म ले जियाईस, अऊ ओह हमन ला घलो जियाही। 15 का तुमन नइं जानव कि तुम्हर देहें ह मसीह के अंग ए? त का मेंह मसीह के अंग ला लेके बेस्या के संग जोड़ंव? अइसने कभू नइं होवय। 16 का तुमन नइं जानव कि जऊन ह अपन-आप ला एक बेस्या के संग जोड़थे, ओह ओकर संग म एकेच तन हो जाथे? काबरकि परमेसर के बचन ह कहिथे, “ओ दूनों एक तन हो जाहीं।”[a] 17 पर जऊन ह अपन-आप ला परभू के संग जोड़थे, ओह ओकर संग आतमा म एक हो जाथे।
18 एकरसेति छिनारी ले दूर रहव। आने जम्मो पाप जऊन ला मनखे ह करथे, ओह ओकर देहें के बाहिर होथे, पर जऊन ह छिनारी करथे, ओह अपन खुद के देहें के बिरोध म पाप करथे। 19 का तुमन नइं जानव कि तुम्हर देहें ह पबितर आतमा के मंदिर ए, जऊन ह तुमन म रहिथे अऊ जऊन ला परमेसर ह तुमन ला दे हवय? तुमन अपन खुद के नो हव। 20 परमेसर ह दाम देके तुमन ला बिसोय हवय। एकरसेति, अपन देहें के दुवारा परमेसर के आदर करव।
जरूरतमंद ला दान
6 “सचेत रहव! तुमन मनखेमन के आघू म ओमन ला देखाय बर अपन धरमीपन के काम झन करव। नइं तो तुमन ला अपन स्वरगीय ददा ले कुछू इनाम नइं मिलय।
2 एकरसेति, जब तुमन जरूरतमंद मनखे ला देथव, त डुगडुगी झन पिटवाव, जइसने कि ढोंगी मनखेमन सभा-घर अऊ गली मन म करथें, ताकि मनखेमन ओमन के बड़ई करंय। मेंह तुमन ला सच कहत हंव कि ओमन अपन जम्मो इनाम पा गीन। 3 पर जब तुमन जरूरतमंद मनखे ला देथव, त तुम्हर डेरी हांथ ए बात ला झन जानय कि तुम्हर जेवनी हांथ का करत हवय। 4 तुम्हर दान ह गुपत म रहय। तब तुम्हर स्वरगीय ददा जऊन ह गुपत म करे गय काम ला घलो देखथे, तुमन ला इनाम दिही।”
पराथना
(लूका 11:2-4)
5 “जब तुमन पराथना करथव, त ढोंगी मनखेमन सहीं झन करव, काबरकि मनखेमन ला देखाय बर, सभा-घर अऊ गली के चऊकमन म ठाढ़ होके पराथना करई, ओमन ला बने लगथे। मेंह तुमन ला सच कहत हंव कि ओमन अपन जम्मो इनाम पा गीन। 6 जब तुमन पराथना करथव, त अपन खोली म जावव, अऊ कपाट ला बंद करके, अपन ददा ले पराथना करव जऊन ह नइं दिखय। तब तुम्हर ददा जऊन ह गुपत म करे गय काम ला घलो देखथे, तुमन ला इनाम दिही।
उपास
16 “जब तुमन उपास करथव, त तुमन अपन चेहरा ला उदास झन बनावव, जइसने कि ढोंगीमन करथें; ओमन अपन चेहरा ला ओरमाय रहिथें, ताकि मनखेमन देखंय कि ओमन उपास करत हवंय। मेंह तुमन ला सच कहत हंव कि ओमन अपन जम्मो इनाम पा चुकिन। 17 पर जब तुमन उपास करथव, त अपन मुड़ म तेल चुपरव अऊ मुहूं ला धोवव, 18 ताकि मनखेमन ए झन जानंय कि तुमन उपास करत हवव, पर सिरिप तुम्हर ददा परमेसर ह जानय, जऊन ह नइं दिखय। अऊ तुम्हर ददा, जऊन ह हर गुपत के काम ला देखथे, तुमन ला इनाम दिही।”
Copyright: New Chhattisgarhi Translation (नवां नियम छत्तीसगढ़ी) Copyright © 2012, 2016 by Biblica, Inc.® All rights reserved worldwide.