Book of Common Prayer
दू किसम के बुद्धि
13 तुमन म बुद्धिमान अऊ समझदार कोन ए? ओह अपन काम अऊ बने चाल-चलन के दुवारा एला नमरता सहित देखावय, जऊन ह बुद्धि ले उपजथे। 14 पर कहूं तुमन अपन मन म भारी जलन अऊ सुवारथ रखथव, त एकर बर घमंड झन करव अऊ सत के बिरोध झन करव। 15 अइसने बुद्धि ह स्वरग ले नइं आवय, पर एह संसारिक, सारीरिक अऊ सैतान के अय। 16 काबरकि जिहां जलन अऊ सुवारथ होथे, उहां झंझट अऊ हर किसम के बुरई पाय जाथे।
17 पर जऊन बुद्धि ह स्वरग ले आथे, ओह पहिली सुध, ओकर बाद मिलनसार, कोमल, नम्र सुभाव, दया, अऊ बने फर ले भरे रहिथे अऊ ओम भेदभाव अऊ कपट नइं रहय। 18 अऊ जऊन मेल-मिलाप करइयामन ह मेल-मिलाप करवाथें, ओमन धरमीपन के फर उपजाथें।
4 तुमन म लड़ई अऊ झगरा कहां ले आ गीस? का एमन तुम्हर संसारिक ईछा ले नइं आवंय, जऊन मन तुम्हर भीतर लड़त-भिड़त रहिथें? 2 तुमन कुछू चीज ला पाय के आसा रखथव, पर तुमन ला नइं मिलय। तुमन मनखे के हतिया करथव अऊ लालच करथव, अऊ जऊन कुछू के ईछा रखथव, ओह तुमन ला नइं मिलय। तुमन लड़थव-झगरथव। तुमन ला नइं मिलय, काबरकि तुमन परमेसर ले नइं मांगव। 3 जब तुमन मांगथव, त तुमन ला नइं मिलय, काबरकि तुमन गलत मनसा ले मांगथव कि ओला अपन भोग-बिलास म उड़ा देवव।
4 हे छिनारी करइया मनखेमन, का तुमन नइं जानव कि संसार ले मितानी करई के मतलब परमेसर ले बईरता करई ए? जऊन कोनो संसार के संगवारी होय चाहथे, ओह अपन-आप ला परमेसर के बईरी बनाथे। 5 का तुमन ए समझथव कि परमेसर के बचन ह बिगर कारन के कहिथे कि जऊन आतमा ला ओह हमन म बसाय हवय, ओकर दुवारा जलन पैदा होवय। 6 ओह तो अनुग्रह देथे। एकर कारन परमेसर के बचन ह कहिथे:
“परमेसर ह घमंडीमन के बिरोध करथे,
पर दीन-हीन मनखेमन ऊपर अनुग्रह करथे।”[a]
7 एकरसेति तुमन परमेसर के बस म रहव, अऊ सैतान के सामना करव, त सैतान ह तुम्हर करा ले भाग जाही। 8 परमेसर के लकठा म आवव, त ओह घलो तुम्हर लकठा म आही। हे पापी मनखेमन, अपन हांथ ला धोवव, अऊ हे ढोंगी मनखेमन, अपन हिरदय ला सुध करव। 9 दुःखी होवव, अऊ सोक करव अऊ रोवव। तुम्हर हंसई ह सोक म अऊ तुम्हर आनंद ह उदासी म बदल जावय। 10 परभू के आघू म दीन-हीन बनव, त ओह तुमन ला बढ़ाही।
11 हे भाईमन हो, एक-दूसर ला बदनाम झन करव। जऊन ह अपन भाई के बदनामी करथे अऊ अपन भाई ऊपर दोस लगाथे, ओह परमेसर के कानून ला बदनाम करथे अऊ कानून ऊपर दोस लगाथे। जब तेंह कानून ऊपर दोस लगाथस, त तेंह कानून म चलइया नइं, पर ओकर ऊपर हाकिम ठहिरे। 12 कानून के देवइया अऊ नियाय करइया एकेच झन अय अऊ ओह परमेसर ए, जेकर करा बचाय अऊ नास करे के सामरथ हवय। पर तेंह कोन अस कि अपन पड़ोसी ऊपर दोस लगाथस?
12 एला सुनके पीलातुस ह ओमन ले पुछिस, “त फेर मेंह ए मनखे के का करंव, जऊन ला तुमन यहूदीमन के राजा कहत हवव।”
13 ओमन चिचियाके कहिन, “ओला कुरुस ऊपर चघाके मार डार।”
14 पीलातुस ह ओमन ले पुछिस, “काबर? ओह का अपराध करे हवय?”
पर ओमन अऊ चिचियाके कहिन, “ओला कुरुस ऊपर चघाके मार डार।”
15 तब भीड़ ला खुस करे बर पीलातुस ह बरब्बा ला छोंड़ दीस अऊ यीसू ला कोर्रा म पीटवाके कुरुस ऊपर चघाय बर सऊंप दीस।
सिपाहीमन यीसू के हंसी उड़ाथें
(मत्ती 27:27-31; यूहन्ना 19:2-3)
16 सिपाहीमन यीसू ला किला के भीतर अंगना म ले गीन अऊ सिपाहीमन के जम्मो दल ला बलाईन। 17 ओमन बैंजनी रंग के कपड़ा ओला पहिराईन अऊ कांटा के मुकुट गुंथके ओकर मुड़ ऊपर रखिन। 18 अऊ ओमन ओकर हंसी उड़ाके कहिन, “हे यहूदीमन के राजा।” 19 अऊ बार-बार ओमन ओकर मुड़ ला लउठी म मारंय, अऊ ओकर ऊपर थूकंय अऊ माड़ी ला टेकके ओला जोहार करंय। 20 जब ओमन ओकर हंसी उड़ा चुकिन, त बैंजनी रंग के कपड़ा ला ओकर ऊपर ले उतारके ओला ओकरेच कपड़ा ला पहिराईन अऊ तब ओमन कुरुस ऊपर चघाय बर ओला बाहिर ले गीन।
यीसू ला कुरुस म चघाय जाथे
(मत्ती 27:32-44; लूका 23:26-43; यूहन्ना 19:17-27)
21 सिकन्दर, अऊ रूफुस के ददा सिमोन नांव के कुरेन के रहइया एक मनखे गांव ले आवत रिहिस। ओह ओहीच डहार ले निकरिस। सिपाहीमन ओला जबरन यीसू के कुरुस ला उठाके ले जाय बर कहिन।
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