Book of Common Prayer
घमंड के बिरोध म चेतउनी
13 सुनव, तुमन जऊन मन ए कहिथव कि आज या कल हमन कोनो अऊ सहर म जाके उहां एक बछर रहिबो, अऊ काम-धंधा करके पईसा कमाबो। 14 तुमन ए नइं जानत हव कि कल का होही। तुम्हर जिनगी ह का ए? तुमन त भाप के सहीं अव, जऊन ह छिन भर दिखथे, अऊ तब लोप हो जाथे। 15 एकर बदले, तुमन ला ए कहना चाही कि कहूं परभू के ईछा होही, त हमन जीयत रहिबो अऊ ए या ओ बुता ला करबो। 16 पर तुमन अपन डींग मारथव अऊ घमंड करथव। अइसने जम्मो घमंड के बात ह गलत ए। 17 एकरसेति, जऊन मनखे ह भलई करे ला जानथे अऊ नइं करय, ओकर बर एह पाप ए।
धनवानमन ला चेतउनी
5 हे धनवान मनखेमन, मोर बात ला सुनव; तुमन अपन ऊपर अवइया बिपत के कारन गोहार पारके रोवव। 2 तुम्हर धन-दौलत ह सड़ गे हवय अऊ तुम्हर कपड़ामन ला कीरा खा गे हवय। 3 तुम्हर सोना-चांदी म जंक लग गे हवय, अऊ ए जंक ह तुम्हर बिरोध म गवाही दिही कि तुमन कतेक लालची अव अऊ एमन तुम्हर कठोर सजा के कारन बनहीं। तुमन संसार के आखिरी समय म धन बटोरे हवव। 4 देखव, जऊन बनिहारमन तुम्हर खेत के फसल ला लुईन, ओमन के बनी ला तुमन धोखा देके रख ले हवव, एकरसेति ओमन रोवत हवंय; अऊ ओमन के रोवई ह सर्वसक्तिमान परभू के कान तक पहुंच गे हवय। 5 तुमन धरती म भोग-बिलास अऊ सुख के जिनगी बिताय हवव। तुमन बध होय के दिन खातिर अपन-आप ला मोटा-ताजा कर ले हवव। 6 तुमन धरमी मनखेमन ऊपर दोस लगाके ओमन ला मार डारेव। ओमन तुम्हर बिरोध नइं करत रिहिन।
22 ओमन यीसू ला गुलगुता नांव के ठऊर म लानिन, जेकर मतलब होथे “खोपड़ी के ठऊर”। 23 तब ओमन ओला मुर्र म मिले अंगूर के मंद देवन लगिन, पर ओह ओला नइं लीस। 24 तब ओमन ओला कुरुस ऊपर चघाईन। अऊ ओकर ओन्ढा बर चिट्ठी डालके फैसला करिन कि कोन ला का मिलही, अऊ ओकर हिसाब ले ओला बांट लीन।
25 दिन के करीब 9 बजे के समय होही, जब ओमन यीसू ला कुरुस ऊपर चघाईन। 26 अऊ ओकर ऊपर म ए दोस लिखके टांग दीन: “यहूदीमन के राजा”। 27 ओमन ओकर संग दू झन डाकूमन ला घलो कुरुस ऊपर चघाईन; एक झन ला ओकर जेवनी कोति अऊ दूसर ला ओकर डेरी कोति। 28 तब परमेसर के ओ बचन कि ओह पापीमन के संग गने जाही, पूरा होईस। 29 अऊ रसता म अवइया-जवइयामन मुड़ी डोला-डोला के अऊ ठट्ठा करके ए कहंय, “तेंह कहत रहय कि मंदिर ला गिरावव अऊ मेंह तीन दिन म ओला बना दूहूं। 30 कुरुस ले उतरके अपन-आप ला बंचा।”
31 अइसनेच मुखिया पुरोहित अऊ कानून के गुरूमन घलो आपस म ठट्ठा करके कहंय, “एह आने मन ला बंचाईस अऊ अपन-आप ला नइं बंचाय सकत हवय। 32 इसरायल के राजा, मसीह! अब कुरुस ले उतर आ कि हमन देखके बिसवास करन।” अऊ जऊन मन ओकर संग कुरुस ऊपर चघाय गे रिहिन, ओमन घलो ओकर ठट्ठा करत रहंय।
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