Book of Common Prayer
9 मेंह अपन चिट्ठी म तुमन ला लिखे हवंव कि छिनार मनखेमन संग संगति झन करव। 10 मोर कहे के मतलब ए संसार के ओ मनखेमन नो हंय, जऊन मन अनैतिक, या लोभी अऊ धोखेबाज या मूरती-पूजा करइया अंय। काबरकि अइसने दसा म तो तुमन ला ए संसार ला छोड़ना पड़ जाही। 11 पर मोर कहे के मतलब ए अय कि तुमन ओ मनखे के संग संगति झन करव, जऊन ह अपन-आप ला भाई (मसीह ऊपर बिसवास करइया) कहिथे, पर ओह छिनार या लोभी, मूरती-पूजा करइया या बदनामी करइया, पियक्कड़ या धोखेबाज ए। अइसने मनखे संग खाना घलो झन खावव।
12 कलीसिया के बाहिर के मनखेमन के बारे म नियाय करई मोर काम नो हय। पर कलीसिया के मनखेमन के नियाय करई तुम्हर काम ए। 13 परमेसर ह बाहिर के मनखेमन के नियाय करही। परमेसर के बचन म लिखे हवय, “कुकरमी मनखे ला अपन बीच म ले निकार दव।”[a]
बिसवासीमन के बीच म मुकदमा
6 यदि तुमन ले काकरो अपन संगी बिसवासी के संग कोनो बिवाद हवय, त ओह अबिसवासीमन करा नियाय बर जाय के हिम्मत कइसने करथे; एकर बनिसपत कि ओह संतमन (बिसवासीमन) ले ए झगरा के निपटारा करवाय? 2 का तुमन नइं जानव कि परमेसर के मनखेमन संसार के नियाय करहीं? अऊ जबकि तुमन ला संसार के नियाय करना हवय, त का तुमन छोटे-छोटे झगरा के निपटारा करे के लइक नो हव? 3 का तुमन नइं जानव कि हमन स्वरगदूतमन के नियाय करबो? त ए जिनगी के समस्या ला तुमन ला असानी से निपटाना चाही। 4 एकरसेति, यदि तुम्हर बीच म अइसने बिवाद हवय, त तुमन नियाय करइया के रूप म ओमन ला ठहिरावव, जऊन मन कलीसिया म कम महत्व के समझे जाथें। 5 मेंह ए बात एकरसेति कहथंव कि तुमन ला कुछू तो सरम होवय। का ए हालत हो गे हवय कि तुम्हर बीच म अइसने कोनो बुद्धिमान मनखे नइं ए, जऊन ह बिसवासी भाईमन म झगरा के निपटारा कर सकय? 6 पर एकर बदले एक भाई ह दूसर भाई के बिरोध म अदालत जाथे अऊ अबिसवासीमन एकर नियाय करथें।
7 तुम्हर बीच म मुकदमा होथे; एकर मतलब ए अय कि तुमन पूरा-पूरी हार मान ले हवव। तुमन खुद अनियाय काबर नइं सहव? तुमन खुद हानि काबर नइं उठावव? 8 एकर बदले कि तुमन खुद अनियाय करथव अऊ हानि पहुंचाथव, अऊ ओ भी अपन भाईमन ला।
बदला लेय के बारे म उपदेस
(लूका 6:29-30)
38 “तुमन सुने हवव कि ए कहे गे रिहिस, ‘आंखी के बदला म आंखी अऊ दांत के बदला म दांत।’[a] 39 पर मेंह तुमन ला कहत हंव कि दुस्ट मनखे के सामना झन करव। यदि कोनो तुम्हर जेवनी गाल म थपरा मारथे, त अपन डेरी गाल ला घलो ओकर अंग कर देवव। 40 अऊ यदि कोनो तुम्हर ऊपर मुकदमा चलाके तुम्हर कुरता ला लेय चाहथे, त तुमन ओला अपन कोटी ला घलो लेवन दव। 41 यदि कोनो तुमन ला जबरदस्ती एक मील ले जाथे, त तुमन ओकर संग दू मील चले जावव। 42 जऊन ह तुम्हर ले मांगथे, ओला देवव, अऊ जऊन ह तुम्हर ले उधार मांगथे, ओला उधार देवव।”
बईरीमन बर मया
(लूका 6:27-28, 32-36)
43 “तुमन सुने हवव कि ए कहे गे रिहिस, ‘अपन पड़ोसी ले मया, अऊ बईरीमन ले नफरत करव।’ 44 पर मेंह तुमन ला कहत हंव कि अपन बईरीमन ले मया करव, अऊ जऊन मन तुम्हर ऊपर अतियाचार करथें, ओमन बर पराथना करव।[b] 45 ताकि तुमन अपन स्वरगीय ददा के संतान बन जावव। ओह खराप अऊ बने दूनों मनखेमन ऊपर अपन सूरज चमकाथे, अऊ धरमी अऊ अधरमी दूनों के ऊपर पानी बरसाथे। 46 यदि तुमन ओमन ला मया करथव, जऊन मन तुम्हर ले मया करथें, त तुमन ला का इनाम मिलही? लगान लेवइया पापीमन घलो अइसने करथें। 47 यदि तुमन सिरिप अपन भाईमन ला ही जोहार करथव, त आने मन ले तुमन का बड़े बुता करथव? का आनजातमन घलो अइसने नइं करंय? 48 एकरसेति, तुमन सिद्ध बनव, जइसने स्वरग म रहइया तुम्हर ददा ह सिद्ध अय।”
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