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Book of Common Prayer

Daily Old and New Testament readings based on the Book of Common Prayer.
Duration: 861 days
Saral Hindi Bible (SHB)
Version
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प्रेरित 13:44-52

पौलॉस और बारनबास का अन्यजातियों के लिए भाषण

44 अगले शब्बाथ पर लगभग सारा नगर परमेश्वर का वचन सुनने के लिए उमड़ पड़ा. 45 उस बड़ी भीड़ को देख यहूदी जलन से भर गए तथा पौलॉस द्वारा पेश किए गए विचारों का विरोध करते हुए उनकी घोर निन्दा करने लगे. 46 किन्तु पौलॉस तथा बारनबास ने निडरता से कहा: “यह ज़रूरी था कि परमेश्वर का वचन सबसे पहिले आपके सामने स्पष्ट किया जाता. अब, जबकि आप लोगों ने इसे नकार दिया है और यह करते हुए स्वयं को अनन्त जीवन के लिए अयोग्य घोषित कर दिया है, हम अपना ध्यान अब अन्यजातियों की ओर केन्द्रित करेंगे, 47 क्योंकि हमारे लिए परमेश्वर की आज्ञा है:

“‘मैंने तुमको अन्यजातियों के लिए एक ज्योति के रूप में चुना है,
    कि तुम्हारे द्वारा सारी पृथ्वी पर उद्धार लाया जाए.’”

48 यह सुन कर अन्यजाति आनन्द में प्रभु के वचन की प्रशंसा करने लगे तथा अनन्त जीवन के लिए पहले से ठहराए गए सुननेवालों ने इस पर विश्वास किया.

49 सारे क्षेत्र में प्रभु का वचन-सन्देश फैलता चला गया. 50 किन्तु यहूदियों ने नगर की भली, श्रद्धालु स्त्रियों तथा ऊँचे पद पर बैठे व्यक्तियों को भड़का दिया और पौलॉस और बारनबास के विरुद्ध उपद्रव करवा कर उन्हें अपने क्षेत्र की सीमा से निकाल दिया. 51 पौलॉस और बारनबास उनके प्रति विरोध प्रकट करते हुए अपने पैरों की धूलि झाड़ते हुए इकोनियॉन नगर की ओर चले गए. 52 प्रभु के शिष्य आनन्द और पवित्रात्मा से भरते चले गए.

मारक 4:1-20

बीज और भूमि का दृष्टान्त

(मत्ति 13:1-9; लूकॉ 8:4-8)

एक बार फिर मसीह येशु ने झील तट पर शिक्षा देना प्रारम्भ किया. ऐसी बड़ी भीड़ उनके आस-पास इकठ्ठी हो गयी कि उन्हें झील तट पर लगी एक नाव में जा कर बैठना पड़ा और भीड़ झील तट पर खड़ी रही. वह अनेक विषयों को दृष्टान्तों के माध्यम से स्पष्ट करने लगे. शिक्षा देते हुए उन्होंने कहा, “ध्यानपूर्वक सुनो: एक बीज बोने वाले ने बीज बोना शुरू किया. इस प्रक्रिया में कुछ बीज मार्ग के किनारे जा गिरे जिन्हें पक्षियों ने आ कर चुग लिया. कुछ बीज पथरीली भूमि पर गिरे. वहाँ मिट्टी काफी न थी. वे जल्द ही अंकुरित हो गए क्योंकि मिट्टी गहरी न थी. सूर्य निकलने पर उसकी गर्मी में वे झुलस गए तथा जड़ न पकड़ने के कारण मुरझा गए. कुछ अन्य बीज कँटीली झाड़ियों में गिरे और कँटीली झाड़ियों ने उन्हें दबा दिया और उनसे कोई फल उत्पन्न न हुआ. कुछ अन्य बीज अच्छी भूमि पर जा गिरे, अंकुरित हो बड़े हुए तथा उनमें तीस गुणा, साठ गुणा तथा सौ गुणा फसल हुई.”

मसीह येशु ने आगे कहा, “जिस किसी के सुनने के कान हों, वह सुन ले.”

10 जैसे ही शिष्यों और अन्य साथियों ने मसीह येशु को अकेला पाया, उन्होंने मसीह येशु से दृष्टान्तों के विषय में पूछा. 11 मसीह येशु ने उनसे कहा, “तुम्हें तो परमेश्वर के राज्य का भेद सौंपा गया है किन्तु अन्यों को सब कुछ दृष्टान्तों के माध्यम से समझाया जाता है 12 क्योंकि,

“वे देखते तो हैं किन्तु उन्हें कुछ दिखता नहीं,
    वे सुनते तो हैं किन्तु कुछ समझ नहीं पाते ऐसा न हो वे मेरे पास लौट आते और क्षमा प्राप्त कर लेते!”

13 तब मसीह येशु ने उनसे प्रश्न किया, “क्या यह दृष्टान्त तुम्हारी समझ में नहीं आया? तब तुम अन्य सब दृष्टान्तों का अर्थ कैसे समझोगे? 14 बीज बोने वाला परमेश्वर के सुसमाचार को बोता है. 15 मार्ग के किनारे की भूमि वे लोग हैं, जिनमें सुसमाचार बोया तो जाता है किन्तु जैसे ही वे उसे सुनते हैं शैतान आ कर उस बोये हुए सुसमाचार को उठा ले जाता है. 16 इसी प्रकार पथरीली भूमि वे लोग हैं, जिनमें सुसमाचार बोया जाता है और वे इसे तुरन्त खुशी से अपना लेते हैं. 17 उनमें स्थायी जड़ें तो होती नहीं इसलिए जब सुसमाचार के कारण उन पर कष्ट और अत्याचारों का प्रहार होता है, वे शीघ्र ही पीछे हट जाते हैं. 18 अन्य लोग उस भूमि के समान हैं, जहाँ सुसमाचार काँटों के बीच बोया जाता है. वे सुसमाचार को सुनते हैं, 19 संसार की चिन्ताएँ, धन-सम्पत्ति का छलावा तथा अन्य वस्तुओं की लालसाओं का प्रवेश उस सुसमाचार को दबा देता है, जिससे उसका फलदाई होना असम्भव हो जाता है. 20 अन्य लोग उस बीज के समान हैं, जो उत्तम भूमि में बोया जाता है. वे सुसमाचार सुनते हैं, उसे ग्रहण करते हैं तथा उनमें फल आता है—तीस गुणा, साठ गुणा तथा सौ गुणा.”

Saral Hindi Bible (SHB)

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