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Book of Common Prayer

Daily Old and New Testament readings based on the Book of Common Prayer.
Duration: 861 days
Saral Hindi Bible (SHB)
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प्रेरित 11:1-18

पेतरॉस द्वारा अपने स्वभाव का स्पष्टीकरण

11 सारे यहूदिया प्रदेश में प्रेरितों और शिष्यों तक यह समाचार पहुँच गया कि अन्यजातियों ने भी परमेश्वर के वचन-सन्देश को ग्रहण कर लिया है. परिणामस्वरूप येरूशालेम पहुँचने पर ख़तना किए हुए शिष्यों ने पेतरॉस को आड़े हाथों लिया, “आप वहाँ खतनारहितों के अतिथि होकर रहे तथा आपने उनके साथ भोजन भी किया!”

इसलिए पेतरॉस ने उन्हें क्रमानुसार समझाना शुरु किया, “जब मैं योप्पा नगर में प्रार्थना कर रहा था, तन्मयावस्था में मैंने दर्शन में एक चादर जैसी वस्तु को चारों कोनों से लटके हुए स्वर्ग से नीचे उतरते देखा. वह वस्तु मेरे एकदम पास आ गई. उसे ध्यान से देखने पर मैंने पाया कि उसमें पृथ्वी पर के सभी चौपाये, जंगली पशु, रेंगते जन्तु तथा आकाश के पक्षी थे. उसी समय मुझे यह शब्द सुनाई दिया, ‘उठो, पेतरॉस, मारो और खाओ.’

“मैंने उत्तर दिया, ‘बिलकुल नहीं प्रभु! क्योंकि मैंने कभी भी कोई अपवित्र या अशुद्ध वस्तु मुँह में नहीं डाली.’

“स्वर्ग से दोबारा यह शब्द सुनाई दिया, ‘जिसे परमेश्वर ने शुद्ध घोषित कर दिया है तुम उसे अशुद्ध मत समझो.’ 10 तीन बार दोहराने के बाद वह सब स्वर्ग में उठा लिया गया.

11 “ठीक उसी समय तीन व्यक्ति उस घर के सामने आ खड़े हुए, जहाँ मैं ठहरा हुआ था. वे कयसरिया नगर से मेरे लिए भेजे गए थे. 12 पवित्रात्मा ने मुझे आज्ञा दी कि मैं बिना किसी आपत्ति के उनके साथ चला जाऊँ. मेरे साथ ये छः शिष्य भी वहाँ गए थे. हम उस व्यक्ति के घर में गए. 13 उसने हमें बताया कि किस प्रकार उसने अपने घर में उस स्वर्गदूत को देखा, जिसने उसे आज्ञा दी थी कि योप्पा नगर से शिमोन अर्थात् पेतरॉस को आमन्त्रित किया जाए, 14 जो उन्हें वह सन्देश देंगे जिसके द्वारा उसका तथा उसके सारे परिवार को उद्धार प्राप्त होगा.

15 “जब मैंने प्रवचन शुरु किया उन पर भी पवित्रात्मा उतरे—ठीक उसी प्रकार, जिस प्रकार वह शुरुआत में हम पर उतरे 16 थे—तब मुझे प्रभु के ये शब्द याद आए, ‘निःसन्देह योहन जल में बपतिस्मा देता रहा किन्तु तुम्हें पवित्रात्मा में बपतिस्मा दिया जाएगा.’ 17 इसलिए जब प्रभु मसीह येशु में विश्वास करने पर परमेश्वर ने उन्हें भी वही दान दिया है, जो हमें दिया था, तब मैं कौन था, जो परमेश्वर के काम में रुकावट उत्पन्न करता?”

18 यह सुनने के बाद इसके उत्तर में वे कुछ भी न कह पाए परन्तु इन शब्दों में परमेश्वर का धन्यवाद करने लगे, “इसका मतलब तो यह हुआ कि जीवन पाने के लिए परमेश्वर ने अन्यजातियों को भी पश्चाताप की ओर उभारा है.”

मारक 1:14-28

प्रचार का प्रारम्भ गलील प्रदेश से

(मत्ति 4:12-17; लूकॉ 4:14-15; योहन 4:43-45)

14 योहन के बन्दी बना लिए जाने के बाद येशु, परमेश्वर के सुसमाचार का प्रचार करते हुए गलील प्रदेश आए. 15 उनका सन्देश था, “समय पूरा हो चुका है, परमेश्वर का राज्य पास आ गया है. मन फिराओ तथा सुसमाचार में विश्वास करो.”

पहिले चार शिष्यों का बुलाया जाना

(मत्ति 4:18-22)

16 गलील झील के पास से जाते हुए मसीह येशु ने शिमोन तथा उनके भाई आन्द्रेयास को देखा, जो झील में जाल डाल रहे थे. वे मछुवारे थे. 17 मसीह येशु ने उनसे कहा, “मेरे पीछे आओ. मैं तुम्हें मनुष्यों के मछुवारे बनाऊँगा.” 18 अपने जाल वहीं छोड़ वे तुरन्त उनके साथ चल दिए.

19 आगे जाने पर उन्होंने ज़ेबेदियॉस के पुत्र याक़ोब तथा उनके भाई योहन को देखा. वे भी नाव में थे और अपने जाल सुधार रहे थे. 20 उन्हें देखते ही मसीह येशु ने उनको बुलाया. वे अपने पिता ज़ेबेदियॉस को मज़दूरों के साथ नाव में ही छोड़ कर उनके साथ चल दिए.

मसीह येशु की अधिकार भरी शिक्षा

(लूकॉ 4:31-37)

21 वे सब कफ़रनहूम नगर आए. शब्बाथ पर मसीह येशु स्थानीय यहूदी सभागृह में जाकर शिक्षा देने लगे. 22 लोग उनकी शिक्षा से आश्चर्यचकित रह गए क्योंकि वह शास्त्रियों के समान नहीं परन्तु इस प्रकार शिक्षा दे रहे थे कि उन्हें इसका अधिकार है. 23 उसी समय सभागृह में एक व्यक्ति, जो दुष्टात्मा से पीड़ित था, चिल्ला उठा, 24 “नाज़रेथवासी येशु! क्या चाहते हैं आप? क्या आप हमें नाश करने आए हैं? मैं जानता हूँ कि आप कौन हैं: परमेश्वर के पवित्र जन!”

25 “चुप!” उसे फटकारते हुए मसीह येशु ने कहा, “बाहर निकल जा इसमें से!” 26 उस व्यक्ति को मरोड़ते हुए वह प्रेत ऊँचे शब्द में चिल्लाता हुआ उसमें से बाहर निकल गया.

27 सभी हैरान रह गए. वे आपस में विचार करने लगे, “यह सब क्या हो रहा है? यह अधिकारपूर्वक शिक्षा देते हैं और अशुद्ध आत्मा तक को आज्ञा देते है और वे उनका पालन भी करती हैं!” 28 तेज़ी से उनकी ख्याति गलील प्रदेश के आस-पास सब जगह फैल गई.

Saral Hindi Bible (SHB)

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