Revised Common Lectionary (Semicontinuous)
1 यहोवा क गुण गावा।
यहोवा क आपन सम्पूर्ण मने स अइसी उ सभा मँ धन्यवाद करत हउँ
जहाँ सज्जन मिला करत हीं।
2 यहोवा महान करम करत ह।
लोगन जउन ओन चिजियन क महत्व जानत हीं ओनका खोजत हीं।
3 यहोवा फुरइ इ महिमामय अउर अचरजे स भरा काम करत हीं।
ओकरा खरापन सदा-सदा बना रहत ह।
4 परमेस्सर अद्भुत करम करत ह ताकि हम याद राखी
कि यहोवा करुणा स भरा अउर दाया स भरा बाटइ।
5 उ आपन भगतन क भोजन देत ह।
उ हमेसा आपन करार क याद राखत ह।
6 उ आपन लोगन क ओन भुइँया देइके
जउन दूसर रास्ट्रन अहइ महान कारज देखाएस ह।
7 परमेस्सर जउन कछू करत ह उ बिस्सास योग्य अउर फुरइ बाटइ।
ओकर सबहिं आग्यन नियावपूर्वक अहइँ।
8 परमेस्सर क आग्यन सदा ही बना रइहीं।
परमेस्सर क ओन आदेसन क देइ क प्रयोजन फुरइ अउ निस्पच्छ रहेन।
9 उ आपन लोगन क मुक्त करत ह।
उ ओनसे एक करार किहेस ह जउन सदा-सदा रहइ।
परमेस्सर क नाउँ अचरजे स भरा अउर पवित्तर अहइ।
10 विवेक भय अउर यहोवा क आदर स उपजत ह।
उ पचे लोग बुद्धिमान होत हीं जउन यहोवा क आदर करत हीं।
यहोवा क स्तुति सदा-सदा गाई जात रही।
28 जउन आदेस मइँ देत अहउँ ओनका मानइ मँ होसियार रहा। जब तू पचे उ सब कछू करत अहा जउन यहोवा तोहार परमेस्सर बाटइ अउ ठीक अउ अच्छा अहइ, तब हर चीज तोहरे बरे अउ तोहरे सन्ताने बरे भविस्य मँ सदा भला रही।
29 “जब यहोवा तोहार परमेस्सर उ रास्ट्रन क बरबाद करब्या अउ तो ओकर भुइँया पइ कब्जा करब्या। तू पचे हुआँ जाब्या अउ ओनसे भुइँया लेब्या। तू पचे ओनकइ भुइँया पइ रहब्या। 30 किन्तु ओकर पाछे होसियार रहा काहेकि उ तोहार समन्वा बरबाद भवा। ओकरे कैद मँ जिन फँसा जेहसा उ देवतन क पूजा करत अहइ। इ सीखइ क कोसिस न करा कि उ सबइ आपन देवतन क पूजा कइसे करत हीं। ‘उ सबइ जइसे पूजा करत ही वइसेन पूजा करइ क बारे मँ जिन सोचा।’ 31 तू पचे यहोवा आपन परमेस्सर क वइसेन उपासना नाहीं करब्या जइसे उ पचे आपन देवतन क करत हीं। काहेकि उ पचे आपन पूजा मँ सब किसिम क बुरी चीजन करत हीं जेनसे यहोवा घिना करत ह। उ पचे आपन देवतन क बलि बरे आपन गदेलन क भी बार देत हीं।
32 “तू पचन्क ओन सबहिं काम क करइ बरे होसियार रहइ चाही जेनके बरे मइँ आदेस देत हउँ। जउन मइँ तू पचन्स कहत हउँ ओहमाँ न तउ कछू जोरा, न ही ओहमाँ स कछू कमती करा।
पिरगमुन की कलीसिया क मसीह क संदेस
12 “पिरगमुन क कलीसिया क सरगदूतन क इ लिखा:
“उ जउन तेज दोधारी तलवार क धरत अहइ उ इ तरह स कहत ह:
13 “मइँ जानत हउँ कि तू कहाँ रहत बाट्या जहाँ सइतान क सिंहासन बाटइ। अउर मइँ इहउ जानत हउँ कि तू मोरे नाउँ प स्थिर अहा, अउर तू मोरे बरे आपन बिसवास क कबहुँ जकारया नाहीं। तोहरे उ नगर मँ जहाँ सइतान क निवास अहइ, मेरा बिसवासपूर्ण साच्छी अन्तिपास मार दीन्ह गवा रहा।
14 “मुला मइँ तोरे बिरोध मँ कछू कहइ चाहत हउँ: तोहरे हिआँ कछू अइसे लोग बाटेन जउन बिलाम क सिच्छा क मानत ही। उ बालाक क सिखावत रहा कि इस्राएलियन क मूर्तियन क चड़ावा खाइ अउर व्यभिचार करइ क प्रोत्साहित करइ। 15 अइसे तोहरे हिआँ भी कछू अइसे मनइयन अहइँ जउन नीकुलइयन क सीख प चलत अहइँ। 16 एह बरे मनफिरावा नाहीं तउ मइँ जल्दी ही तोहरे पास आउब अउर ओनके बिरोध मँ उस तलवार स युद्ध करबइ जउन मोरे मुँह स निकरत बाटइ।”
17 “जउन सुन सकत ह, सुन लेइ कि आतिमा कलीसियन स का कहत अहइ।
“जउन बिजयी होई मइँ हर एक क गुप्त मन्ना देब। मइँ ओका एक सफेद पाथर देब जेह पइ एक नवा नाउँ लिखा होई। जेका ओकरे अलावा अउर कउनउँ नाही जानत अहइ, जेका उ दीन्ह गवा बाटइ।
Awadhi Bible: Easy-to-Read Version. Copyright © 2005 Bible League International.