Revised Common Lectionary (Semicontinuous)
5 मोर प्राण सान्ति स परमेस्सर क बाट जोहत अहा
काहेकि सिरिफ उ ही मोर उद्धार क आसा अहइ।
6 परमेस्सर मोर गढ़ अहइ, परमेस्सर मोका बचावत ह।
ऊँच पर्वत मँ परमेस्सर मोर सुरच्छा स्थल अहइ।
7 महिमा अउ विजय, मोका परमेस्सर स मिलत ह।
उ मोर सुदृढ़ गढ़ अहइ, परमेस्सर मोर सुरच्छा स्थल अहइ।
8 लोगो, परमेस्सर पइ हर घड़ी भरोसा राखा।
आपन सबइ समस्या परमेस्सर स कहा।
परमेस्सर हमार सुरच्छा स्थल अहइ।
9 फुरइ लोग कउनो मदद नाहीं कइ सकतेन।
फुरइ तू ओनके भरोसे मदद पावइ क नाहीं रहि सकत्या।
परमेस्सर क तुलना मँ
उ पचे हवा क झोंका क नाईं अहइँ।
10 तू बल पइ भरोसा जिन रक्खा कि तू सक्ति क संग चिजियन क छोर लेब्या।
जिन सोचा तू पचन्क चोरी करइ स कउनो लाभ होइ।
अउर अगर धनवान भी होइ जाइ
तउ कबहुँ दौलत पइ भरोसा जिन करा कि उ तू पचन्क बचाई लेइ।
11 एक ठु बात अइसी अहइ जउन परमेस्सर कहत ह जेकरे भरोसे तू फुरइ रहि सकत अहा:
“सक्ती परमेस्सर स आवत ह!”
12 मोरे सुआमी, तोहार पिरेम सच्चा अहइ।
तू कउनो जन क ओकरे ओन कामन क प्रतिफल या सजा देत ह, जेनका उ करत ह।
टूटी सुराही
19 यहोवा मोहसे कहेस: “यिर्मयाह, जा अउर कउनो कोमहार स एक ठु माटी क सुराही बेसहा। 2 ठीकरा-दुआरे समन्वा क लगे बेन हिन्नोम घाटी क जा। अपने संग लोगन क अग्रजन अउर कछू याजकन क ल्या। उ ठउरे पइ ओनसे इ कहा जउन मइँ तोहसे कहत हउँ। 3 अपने संग क लोगन स कहा, ‘यहूदा क राजा लोग अउर इस्राएल क लोगो, यहोवा क हिआँ स इ सँदेसा सुना। इस्राएल क लोगन क परमेस्सर सर्वसक्तिमान यहोवा जउन कहत ह, उ इ अहइ: मइँ इ ठउरे पइ हाली ही एक खउफनाक घटना घटित कराउब। हर एक मनई जउन एका सुनी, चकित अउर भयभीत होइ। 4 मइँ इ सबइ काम करब काहेकि यहूदा क लोग मोर अनुसरण करब तजि दिहेन ह। उ पचे एका बिदेसी देवतन क ठउर बनाइ दिहेन ह। यहूदा क लोग इ ठउरे पइ दूसर देवतन बरे बलियन बारेन ह। उ हियाँ बेकुसूर लोगन क खून बहावत रहा। ओनकर पुरखन या ओनकर राजा ओन देवतन क नाहीं पूजत रहेन। 5 उ पचे बाल देवता का पूजा करइ बरे जगहन क चुनेस ह। उ पचे ओन ठउरन क उपयोग आपन पूतन क आगी मँ बारइ बरे किहेन। उ पचे आपन पूतन क बाल बरे होमबलि क रूप मँ बारेन। मइँ ओनका इ करइ क नाहीं कहेउँ। मइँ तोहसे इ नाहीं माँगा कि तू आपन पूतन क बलि क रूप मँ भेट करा। मइँ कबहुँ इ सम्बंध मँ सोचेउँ भी नाहीं। 6 अब लोग उ ठउरे क हिन्नोम क घाटी तोपेत कहत हीं। किन्तु मइँ तोहका इ चितउनी देतहउँ, उ सबइ दिन आवत अहइँ। इ सँदेसा यहोवा क अहइ, जब लोग इ ठउरे क बध क घाटी कहिहीं। 7 इ ठउरे पइ मइँ यहूदा अउर यरूसलेम क लोगन क जोजनन क बर्बाद करब। दुस्मन एन लोगन क पाछा करिहीं अउर मइँ इ ठउरे पइ यहूदा क लोगन क तरवार क घाट उतरि जाइ देब अउर मइँ ओनकर ल्हासन क पंछियन अउर जंगली जनावरन क भोजन बनाउब। 8 मइँ इ नगर क पूरी तरह बर्बाद करब। जब लोग यरूसलेम स गुजरिहीं तउ सीटी बजइहीं अउर मूँड़ि हिलइहीं। ओनका विस्मय होइ जब उ पचे लखिहीं कि नगर कउने तरह ध्वस्त कीन्ह गवा अहइ। 9 दुस्मन आपन फउज क सहर क चारिहुँ कइँती लिआइ। उ फउज लोगन क भोजन लेइ बाहेर नाहीं आवइ देइ। एह बरे सहर मँ लोग भूखन मरिहीं। उ पचे एतना भूखा होइ जइहीं कि आपन पूत अउर बिटियन क तने क खाइ लगिहीं अउर तब उ पचे एक दूसर क खाइ लगिहीं।’
10 “यिर्मयाह, तू इ सबइ बातन लोगन क कहब्या अउर जब उ पचे लखत रहत होइँ तबहिं तू उ सुराही क तोड़्या। 11 उ समइ, तू इ कहया, सर्वसक्तिमान यहोवा कहत ह, ‘मइँ यहूदा रास्ट्र अउ यरूसलेम नगर क वइसे ही तोड़ब जइसे कउनो माटी क सुराही तोड़त ह। इ सुराही फुन जोड़के नाहीं बनाई जाइ सकत। यहूदा रास्ट्र बरे भी इहइ सब होइ। मरे लोग इ तोपेत मँ तब तलक दफनावा जइहीं जब तलक हिआँ जगह नाहीं रहि जाइ। 12 मइँ इ एन लोगन अउर इ ठउरे क संग अइसा करब। मइँ इ नगर क तोपेत क तरह कइ देब।’ इ सँदेसा यहोवा क अहइ। 13 ‘यरूसलेम क घर तथा राजा क महल तोपेत क इ जगह क नाईं असुद्धता स भरि जाब। काहेकि लोग ओन घरन क छत पइ लबार देवतन क पूजा किहन। उ पचे ग्रह-नछत्रन क पूजा किहन अउर ओनके सम्मान मँ बलि बारेन। उ पचे लबार देवतन क पेय भेंट दिहन।’”
14 तब यिर्मयाह तोपेत क तजेस जहाँ यहोवा उपदेस देइ क कहे रहा। यिर्मयाह यहोवा क मन्दिर क गवा अउर ओकरे आँगन मँ खड़ा भवा। यिर्मयाह सबहिं लोगन स कहेस, 15 “इस्राएल क परमेस्सर सर्वसक्तिमान यहोवा इ कहत ह: ‘मइँ कहेउँ ह कि मइँ कि मइँ यरूसलेम अउर ओकरे चारिहुँ कइँती क गाँवन पइ अनेक विपत्तियन ढाउब। मइँ एनका हाली घटित कराउब। काहेकि लोग बहोत हठी अहइँ उ पचे मोर सुनइ अउर मोर आग्या क पालन करइ स इन्कार करत हीं।’”
11 “इ धरती क व्यापारी ओकरे कारन रोइहीं अउ चिल्लइहइँ काहे बरे कि ओनके कउनो चीज केउ अउर मोल न लेई, 12 न तउ केहू कउनो चीज लेइ-सोने क, चाँदी क, बेसकीमती रत्न, मोती, मलमल, बैंजनी, रेसमी अउर किरमिजी कपरा हर तरह क महकउआ लकड़ी, हाथी क दाँत क बनी तमाम चीज, अनमोल लकड़ी, काँसा, लोहा अउर संगमरमर सी बनी तमाम चीज, 13 दारचीनी, गुलमेंहदी, महकोरा, धूप, रसगन्धक, लोहबान, दाखरस, जइतून क तेल, मइदा, गोहूँ मवेसी, भेड़ी, घोड़ा अउर रथ, दास अउर मनई क सरीर अउर आतिमा क व्यापारिन कहिहीं:
14 ‘अरे बेबीलोन! उ सब चीजन अच्छी स अच्छी, जउने मँ तोहार दिल रम ग रहा,
तोहका छोड़के सब चली गइ अहइ।
तोहार बहुमूल्य अउर बहुमूल्य वस्तुअन तोहरे हाथ स चली गइन ह।’
15 “उ व्यौपारी जउन एकइ सबकइ व्यौपार करत रहेन अउर एहसे धनी बन ग रहेन, उ दूर खड़ा रहिहइँ काहे बरे कि उ कस्ट स डेराइ ग अहइ। उ रोअत चिल्लात 16 कहिहइँ:
‘केतना डरावना अहइ अउर केतना भयानक अहइ, महानगरी इ उहीं क बरे हहइ।
जउन नीक नीक मलमली कपड़ा पहनत रही,
जउने रंग बैंजनी अउत किरमीजी रहा!
अउर जउन सोने स सजत रही, बेसकीमती रत्नन स, सजी मोतियन स
17 अउर इ सारी सम्पत्ति तनिक देर मँ मिट गइ।’
“फिन जहाज क हर कप्तान या हर उ मनई जउन जहाज स चाहे जहाँ कहूँ जाइ सकत ह अउर सबइ मनई जउन समुद्र स आपन जीविका चलावन हीं, उ नगरी स दूर खड़ा रहेन। 18 अउर जउ उ पचे ओकरे जरे स उठत धुँआ क उठत भए देखेन तउ जोर स चिल्लाइ उठेन, ‘इ बड़ी नगरी क तरह अउर कउन नगरी अहइ?’ 19 फिन उ पचे आपने मूँडे प धूल डावत जोर स चिल्लानेन, अउर कहेन:
‘महानगरी! हाय, इ केतॅनी भयानक अहइ! उ रोअत अउर सोक मनावत भए कहेन: हाय, हाय!
महान नगरी जेकरे सम्पत्ति स सब जहाजवाले धनवान होइ गए रहेन!
अब घण्टा भर ही मँ उजर गई।
20 हे सरग, प्रेरितन! अउर नबियन! ओकरे बरे खुसी मनावा,
परमेस्सर क लोगन खुसी मनावा!
काहेकि परमेस्सर ओका उहइ तरह दण्ड दइ दिहेन जइसेन दण्ड उ तोहका दिहे रहा।’”
Awadhi Bible: Easy-to-Read Version. Copyright © 2005 Bible League International.