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Revised Common Lectionary (Complementary)

Daily Bible readings that follow the church liturgical year, with thematically matched Old and New Testament readings.
Duration: 1245 days
Hindi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-HI)
Version
भजन संहिता 74

आसाप का एक प्रगीत।

हे परमेश्वर, क्या तूने हमें सदा के लिये बिसराया है?
    क्योंकि तू अभी तक अपने निज जनों से क्रोधित है?
उन लोगों को स्मरण कर जिनको तूने बहुत पहले मोल लिया था।
    हमको तूने बचा लिया था। हम तेरे अपने हैं।
याद कर तेरा निवास सिय्योन के पहाड़ पर था।
हे परमेश्वर, आ और इन अति प्राचीन खण्डहरों से हो कर चल।
    तू उस पवित्र स्थान पर लौट कर आजा जिसको शत्रु ने नष्ट कर दिया है।

मन्दिर में शत्रुओं ने विजय उद्घोष किया।
    उन्होंने मन्दिर में निज झंडों को यह प्रकट करने के लिये गाड़ दिया है कि उन्होंने युद्ध जीता है।
शत्रुओं के सैनिक ऐसे लग रहे थे,
    जैसे कोई खुरपी खरपतवार पर चलाती हो।
हे परमेश्वर, इन शत्रु सैनिकों ने निज कुल्हाडे और फरसों का प्रयोग किया,
    और तेरे मन्दिर की नक्काशी फाड़ फेंकी।
परमेश्वर इन सैनिकों ने तेरा पवित्र स्थान जला दिया।
    तेरे मन्दिर को धूल में मिला दिया,
    जो तेरे नाम को मान देने हेतु बनाया गया था।
उस शत्रु ने हमको पूरी तरह नष्ट करने की ठान ली थी।
    सो उन्होंने देश के हर पवित्र स्थल को फूँक दिया।
कोई संकेत हम देख नहीं पाये।
    कोई भी नबी बच नहीं पाया था।
    कोई भी जानता नहीं था क्या किया जाये।
10 हे परमेश्वर, ये शत्रु कब तक हमारी हँसी उड़ायेंगे?
    क्या तू इन शत्रुओं को तेरे नाम का अपमान सदा सर्वदा करने देगा?
11 हे परमेश्वर, तूने इतना कठिन दण्ड हमकों क्यों दिया?
    तूने अपनी महाशक्ति का प्रयोग किया और हमें पूरी तरह नष्ट किया!
12 हे परमेश्वर, बहुत दिनों से तू ही हमारा शासक रहा।
    इस देश में तूने अनेक युद्ध जीतने में हमारी सहायता की।
13 हे परमेश्वर, तूने अपनी महाशक्ति से लाल सागर के दो भाग कर दिये।
14 तूने विशालकाय समुद्री दानवों को पराजित किया!
    तूने लिव्यातान के सिर कुचल दिये, और उसके शरीर को जंगली पशुओं को खाने के लिये छोड़ दिया।
15 तूने नदी, झरने रचे, फोड़कर जल बहाया।
    तूने उफनती हुई नदियों को सुखा दिया।
16 हे परमेश्वर, तू दिन का शासक है, और रात का भी शासक तू ही है।
    तूने ही चाँद और सूरज को बनाया।
17 तू धरती पर सब की सीमाएं बाँधता है।
    तूने ही गर्मी और सर्दी को बनाया।
18 हे परमेश्वर, इन बातों को याद कर। और याद कर कि शत्रु ने तेरा अपमान किया है।
    वे मूर्ख लोग तेरे नाम से बैर रखते हैं!
19 हे परमेश्वर, उन जंगली पशुओं को निज कपोत मत लेने दे!
    अपने दीन जनों को तू सदा मत बिसरा।
20 हमने जो आपस में वाचा की है उसको याद कर,
    इस देश में हर किसी अँधेरे स्थान पर हिंसा है।
21 हे परमेश्वर, तेरे भक्तों के साथ अत्याचार किये गये,
    अब उनको और अधिक मत सताया जाने दे।
    तेरे असहाय दीन जन, तेरे गुण गाते है।
22 हे परमेश्वर, उठ और प्रतिकार कर!
    स्मरण कर की उन मूर्ख लोगों ने सदा ही तेरा अपमान किया है।
23 वे बुरी बातें मत भूल जिन्हें तेरे शत्रुओं ने प्रतिदिन तेरे लिये कही।
    भूल मत कि वे किस तरह से युद्ध करते समय गुर्राये।

यशायाह 26:16-27:1

16 हे यहोवा, तुझे लोग दु:ख में याद करते हैं,
और जब तू उनको दण्ड दिया करता है
    तब लोग तेरी मूक प्रार्थनाएँ किया करते हैं।
17 हे यहोवा, हम तेरे कारण ऐसे होते हैं
    जैसे प्रसव पीड़ा को झेलती स्त्री हो
    जो बच्चे को जन्म देते समय रोती—बिलखती और पीड़ा भोगती है।
18 इसी तरह हम भी गर्भवान होकर पीड़ा भोगतेहैं।
    हम जन्म देते हैं किन्तु केवल वायु को।
हम संसार को नये लोग नहीं दे पाये।
    हम धरती परउद्धार को नहीं ला पाये।
19 यहोवा कहता है,
    मरे हुए तेरे लोग फिर से जी जायेंगे!
मेरे लोगों की देह मृत्यु से जी उठेगी।
    हे मरे हुए लोगों, हे धूल में मिले हुओं,
उठो और तुम प्रसन्न हो जाओ।
    वह ओस जो तुझको घेरे हुए है,
ऐसी है जैसे प्रकाश में चमकती हुई ओस।
    धरती उन्हें फिर जन्म देगी जो अभी मरे हुए हैं।

न्याय: पुरस्कार या दण्ड

20 हे मेरे लोगों, तुम अपने कोठरियों में जाओ।
    अपने द्वारों को बन्द करो
और थोड़े समय के लिये अपने कमरों में छिप जाओ।
    तब तक छिपे रहो जब तक परमेश्वर का क्रोध शांत नहीं होता।
21 यहोवा अपने स्थान को तजेगा
    और वह संसार के लोगों के पापों का न्याय करेगा।
उन लोगों के खून को धरती दिखायेगी जिनको मारा गया था।
    धरती मरे हुए लोगों को और अधिक ढके नहीं रहेगी।

27 उस समय, यहोवा लिब्यातान का न्याय करेगा जो एक दुष्ट सर्प है।
    हे यहोवा अपनी बड़ी तलवार,
अपनी सुदृढ़ और शक्तिशाली तलवार, कुंडली मारे सर्प लिब्यातान को मारने में उपयोग करेगा।
    यहोवा सागर के विशालकाय जीव को मार डालेगा।

लूका 11:14-28

यीशु में परमेश्वर की शक्ति

(मत्ती 12:22-30; मरकुस 3:20-27)

14 फिर जब यीशु एक गूँगा बना डालने वाली दुष्टात्मा को निकाल रहा था तो ऐसा हुआ कि जैसे ही वह दुष्टात्मा बाहर निकली, तो वह गूँगा, बोलने लगा। भीड़ के लोग इससे बहुत चकित हुए। 15 किन्तु उनमें से कुछ ने कहा, “यह दैत्यों के शासक बैल्ज़ाबुल की सहायता से दुष्टात्माओं को निकालता है।”

16 किन्तु औरों ने उसे परखने के लिये किसी स्वर्गीय चिन्ह की माँग की। 17 किन्तु यीशु जान गया कि उनके मनों में क्या है। सो वह उनसे बोला, “वह राज्य जिसमें अपने भीतर ही फूट पड़ जाये, नष्ट हो जाता है और ऐसे ही किसी घर का भी फूट पड़ने पर उसका नाश हो जाता है। 18 यदि शैतान अपने ही विरुद्ध फूट पड़े तो उसका राज्य कैसे टिक सकता है? यह मैंने तुमसे इसलिये पूछा है कि तुम कहते हो कि मैं बैल्ज़ाबुल की सहायता से दुष्टात्माओं को निकालता हूँ। 19 किन्तु यदि मैं बैल्ज़ाबुल की सहायता से दुष्टात्माओं को निकालता हूँ तो तुम्हारे अनुयायी उन्हें किसकी सहायता से निकालते हैं? सो तुझे तेरे अपने लोग ही अनुचित सिद्ध करेंगे। 20 किन्तु यदि मैं दुष्टात्माओं को परमेश्वर की शक्ति से निकालता हूँ तो यह स्पष्ट है कि परमेश्वर का राज्य तुम तक आ पहुँचा है!

21 “जब एक शक्तिशाली मनुष्य पूरी तरह हथियार कसे अपने घर की रक्षा करता है तो उसकी सम्पत्ति सुरक्षित रहती है। 22 किन्तु जब कभी कोई उससे अधिक शक्तिशाली उस पर हमला कर उसे हरा देता है तो वह उसके सभी हथियारों को, जिन पर उसे भरोसा था, उससे छीन लेता है और लूट के माल को वे आपस में बाँट लेते हैं।

23 “जो मेरे साथ नहीं है, मेरे विरोध में है और वह जो मेरे साथ बटोरता नहीं है, बिखेरता है।

खाली व्यक्ति

(मत्ती 12:43-45)

24 “जब कोई दुष्टात्मा किसी मनुष्य से बाहर निकलती है तो विश्राम को खोजते हुए सूखे स्थानों से होती हुई जाती हैं और जब उसे आराम नहीं मिलता तो वह कहती हैं, ‘मैं अपने उसी घर लौटूँगी जहाँ से गयी हूँ।’ 25 और वापस जाकर वह उसे साफ़ सुथरा और व्यवस्थित पाती है। 26 फिर वह जाकर अपने से भी अधिक दुष्ट अन्य सात दुष्टात्माओं को वहाँ लाती है। फिर वे उसमें जाकर रहने लगती हैं। इस प्रकार उस व्यक्ति की बाद की यह स्थिति पहली स्थिति से भी अधिक बुरी हो जाती है।”

वे धन्य हैं

27 फिर ऐसा हुआ कि जैसे ही यीशु ने ये बातें कहीं, भीड़ में से एक स्त्री उठी और ऊँचे स्वर में बोली, “वह गर्भ धन्य है, जिसने तुझे धारण किया। वे स्तन धन्य है, जिनका तूने पान किया है।”

28 इस पर उसने कहा, “धन्य तो बल्कि वे हैं जो परमेश्वर का वचन सुनते हैं और उस पर चलते हैं!”

Hindi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-HI)

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