Revised Common Lectionary (Complementary)
1 यहोवा! हमको कोई गौरव ग्रहण नहीं करना चाहिये।
गौरव तो तेरा है।
तेरे प्रेम और निष्ठा के कारण गौरव तेरा है।
2 राष्ट्रों को क्यों अचरज हो कि
हमारा परमेश्वर कहाँ है?
3 परमेश्वर स्वर्ग में है।
जो कुछ वह चाहता है वही करता रहता है।
4 उन जातियों के “देवता” बस केवल पुतले हैं जो सोने चाँदी के बने है।
वह बस केवल पुतले हैं जो किसी मानव ने बनाये।
5 उन पुतलों के मुख है, पर वे बोल नहीं पाते।
उनकी आँखे हैं, पर वे देख नहीं पाते।
6 उनके कान हैं, पर वे सुन नहीं सकते।
उनकी पास नाक है, किन्तु वे सूँघ नहीं पाते।
7 उनके हाथ हैं, पर वे किसी वस्तु को छू नहीं सकते,
उनके पास पैर हैं, पर वे चल नहीं सकते।
उनके कंठो से स्वर फूटते नहीं हैं।
8 जो व्यक्ति इस पुतले को रखते
और उनमें विश्वास रखते हैं बिल्कुल इन पुतलों से बन जायेंगे!
9 ओ इस्राएल के लोगों, यहोवा में भरोसा रखो!
यहोवा इस्राएल को सहायता देता है और उसकी रक्षा करता है
10 ओ हारुन के घराने, यहोवा में भरोसा रखो!
हारुन के घराने को यहोवा सहारा देता है, और उसकी रक्षा करता है।
11 यहोवा की अनुयायिओं, यहोवा में भरोसा रखे!
यहोवा सहारा देता है और अपने अनुयायिओं की रक्षा करता है।
12 यहोवा हमें याद रखता है।
यहोवा हमें वरदान देगा,
यहोवा इस्राएल को धन्य करेगा।
यहोवा हारून के घराने को धन्य करेगा।
13 यहोवा अपने अनुयायिओं को, बड़ोंको
और छोटों को धन्य करेगा।
14 मुझे आशा है यहोवा तुम्हारी बढ़ोतरी करेगा
और मुझे आशा है, वह तुम्हारी संतानों को भी अधिकाधिक देगा।
15 यहोवा तुझको वरदान दिया करता है!
यहोवा ने ही स्वर्ग और धरती बनाये हैं!
16 स्वर्ग यहोवा का है।
किन्तु धरती उसने मनुष्यों को दे दिया।
17 मरे हुए लोग यहोवा का गुण नहीं गाते।
कब्र में पड़े लोग यहोवा का गुणगान नहीं करते।
18 किन्तु हम यहोवा का धन्यवाद करते हैं,
और हम उसका धन्यवाद सदा सदा करेंगे!
यहोवा के गुण गाओ!
29 “हारून जब पवित्र स्थान में प्रवेश करे तो उसे इस सीनाबन्द को पहने रहना चाहिए। इस प्रकार इस्राएल के बारहों पुत्रों के नाम उसके मन में रहेंगे और यहोवा को सदा ही उन लोगों की याद दिलाई जाती रहेगी। 30 ऊरीम और तुम्मीम को सीनाबन्द में रखो। हारून जब यहोवा के सामने जाएगा तब ये सभी चीज़ें उसे याद होंगी। इसलिए हारून जब यहोवा के सामने होगा तब वह इस्राएल के लोगों का न्याय करने का साधन सदा अपने साथ रखेगा।”
याजक के अन्य वस्त्र
31 “एपोद के नीचे पहनने के लिए एक चोगा बनाओ। चोगा केवल नीले कपड़े का बनाओ। 32 सिर के लिए इस कपड़े के बीचोबीच एक छेद बनाओ। इस छेद के चारों ओर गोट लगाओ जिससे यह फटे नहीं। 33 नीले, लाल और बैंगनी कपड़े के फुँदन बनाओ जो अनार के आकार के हों। इन अनारों को चोगे के निचले सिरे में लटकाओ और उनके बीच सोने की घंटियाँ लटकाओ। 34 इस प्रकार चोगे के निचले सिरे के चारों ओर क्रमशः एक अनार और एक सोने की घंटी होगी। 35 हारून तब इस चोगे को पहनेगा जब वह याजक के रूप में सेवा करेगा और यहोवा के सामने पवित्र स्थान में जाएगा। जब वह पवित्र स्थान में प्रवेश करेगा और वहाँ से निकलेगा तब ये घंटियाँ बजेंगी। इस प्रकार हारून मरेगा नहीं।[a]
36 “शुद्ध सोने का एक पतरा बनाओ। सोने में मुहर की तरह शब्द लिखो। ये शब्द लिखो: यहोवा के लिए पवित्र 37 सोने के इस पतरे को उस पगड़ी पर लगाओ जो सिर को ढकने के लिए पहनी गयी है। उस पगड़ी से सोने के पतरे को बाँधने के लिए नीले कपड़े की पट्टी का उपयोग करो। 38 हारून यह दर्शाने के लिए इसे अपने ललाट पर पहनेगा कि इस्राएल के लोगों ने अपने अपराधों के लिए जो पवित्र भेंटे यहोवा को अर्पित की हैं उनके अपराधों को प्रतीक रूप में हारून वहन कर रहा है। हारून जब भी यहोवा के सामने जाएगा ये सदा पहने रहेगा, ताकि यहोवा उन्हें स्वीकार कर ले।
पौलुस की प्रार्थना
3 मैं जब जब तुम्हें याद करता हूँ, तब तब परमेश्वर को धन्यवाद देता हूँ। 4 अपनी हर प्रार्थना में मैं सदा प्रसन्नता के साथ तुम्हारे लिये प्रार्थना करता हूँ। 5 क्योंकि पहले ही दिन से आज तक तुम सुसमाचार के प्रचार में मेरे सहयोगी रहे हो। 6 मुझे इस बात का पूरा भरोसा है कि वह परमेश्वर जिसने तुम्हारे बीच ऐसा उत्तम कार्य प्रारम्भ किया है, वही उसे उसी दिन तक बनाए रखेगा, जब मसीह यीशु फिर आकर उसे पूरा करेगा।
7 तुम सब के विषय में मेरे लिये ऐसा सोचना ठीक ही है। क्योंकि तुम सब मेरे मन में बसे हुए हो। और न केवल तब, जब मैं जेल में हूँ, बल्कि तब भी जब मैं सुसमाचार के सत्य की रक्षा करते हुए, उसकी प्रतिष्ठा में लगा था, तुम सब इस विशेषाधिकार में मेरे साथ अनुग्रह में सहभागी रहे हो। 8 परमेश्वर मेरा साक्षी है कि मसीह यीशु द्वारा प्रकट प्रेम से मैं तुम सब के लिये व्याकुल रहता हूँ।
9 मैं यही प्रार्थना करता रहता हूँ:
तुम्हारा प्रेम गहन दृष्टि और ज्ञान के साथ निरन्तर बढ़े। 10 ये गुण पाकर भले बुरे में अन्तर करके, सदा भले को अपना लोगे। और इस तरह तुम पवित्र व अकलुष बन जाओगे उस दिन को जब मसीह आयेगा। 11 यीशु मसीह की करुणा को पा कर तुम अति उत्तम काम करोगे जो प्रभु को महिमा देते हैं और उसकी स्तुति बनते हो।
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