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Revised Common Lectionary (Complementary)

Daily Bible readings that follow the church liturgical year, with thematically matched Old and New Testament readings.
Duration: 1245 days
Hindi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-HI)
Version
भजन संहिता 121

मन्दिर का आरोहण गीत।

मैं ऊपर पर्वतों को देखता हूँ।
    किन्तु सचमुच मेरी सहायता कहाँ से आएगी
मुझको तो सहारा यहोवा से मिलेगा जो स्वर्ग
    और धरती का बनाने वाला है।
परमेश्वर तुझको गिरने नहीं देगा।
    तेरा बचानेवाला कभी भी नहीं सोएगा।
इस्राएल का रक्षक कभी भी ऊँघता नहीं है।
    यहोवा कभी सोता नहीं है।
यहोवा तेरा रक्षक है।
    यहोवा अपनी महाशक्ति से तुझको बचाता है।
दिन के समय सूरज तुझे हानि नहीं पहुँचा सकता।
    रात में चाँद तेरी हानि नहीं कर सकता।
यहोवा तुझे हर संकट से बचाएगा।
    यहोवा तेरी आत्मा की रक्षा करेगा।
आते और जाते हुए यहोवा तेरी रक्षा करेगा।
    यहोवा तेरी सदा सर्वदा रक्षा करेगा!

यशायाह 51:4-8

“हे मेरे लोगों, तुम मेरी सुनो!
    मेरी व्यवस्थाएँ प्रकाश के समान होंगी जो लोगों को दिखायेंगी कि कैसे जिया जाता है।
मैं शीघ्र ही प्रकट करूँगा कि मैं न्यायपूर्ण हूँ।
    मैं शीघ्र ही तुम्हारी रक्षा करूँगा।
मैं अपनी शक्ति को काम में लाऊँगा और मैं सभी राष्ट्रों का न्याय करूँगा।
    सभी दूर—दूर के देश मेरी बाट जोह रहे हैं।
उनको मेरी शक्ति की प्रतीक्षा है जो उनको बचायेगी।
ऊपर आकाशों को देखो।
    अपने चारों ओर फैली हुई धरती को देखो,
आकाश ऐसे लोप हो जायेगा जैसे धुएँ का एक बादल खो जाता है
    और धरती ऐसे ही बेकार हो जायेगी
जैसे पुराने वस्त्र मूल्यहीन होते हैं।
    धरती के वासी अपने प्राण त्यागेंगे किन्तु मेरी मुक्ति सदा ही बनी रहेगी।
    मेरी उत्तमता कभी नहीं मिटेगी।
अरे ओ उत्तमता को समझने वाले लोगों, तुम मेरी बात सुनो।
    अरे ओ मेरी शिक्षाओं पर चलने वालों, तुम वे बातें सुनों जिनको मैं बताता हूँ।
दुष्ट लोगों से तुम मत डरो।
    उन बुरी बातों से जिनको वे तुमसे कहते हैं, तुम भयभीत मत हो।
क्यों क्योंकि वे पुराने कपड़ों के समान होंगे और उनको कीड़े खा जायेंगे।
    वे ऊन के जैसे होंगे और उन्हें कीड़े चाट जायेंगे,
किन्तु मेरा खरापन सदैव ही बना रहेगा
    और मेरी मुक्ति निरन्तर बनी रहेगी।”

लूका 7:1-10

विश्वास की शक्ति

(मत्ती 8:5-13; यूहन्ना 4:43-54)

यीशु लोगों को जो सुनाना चाहता था, उसे कह चुकने के बाद वह कफ़रनहूम चला आया। वहाँ एक सेनानायक था जिसका दास इतना बीमार था कि मरने को पड़ा था। वह सेवक उसका बहुत प्रिय था। सेनानायक ने जब यीशु के विषय में सुना तो उसने कुछ बुजुर्ग यहूदी नेताओं को यह विनती करने के लिये उसके पास भेजा कि वह आकर उसके सेवक के प्राण बचा ले। जब वे यीशु के पास पहुँचे तो उन्होंने सच्चे मन से विनती करते हुए कहा, “वह इस योग्य है कि तू उसके लिये ऐसा करे। क्योंकि वह हमारे लोगों से प्रेम करता है। उसने हमारे लिए आराधनालय का निर्माण किया है।”

सो यीशु उनके साथ चल दिया। अभी जब वह घर से अधिक दूर नहीं था, उस सेनानायक ने उसके पास अपने मित्रों को यह कहने के लिये भेजा, “हे प्रभु, अपने को कष्ट मत दे। क्योंकि मैं इतना अच्छा नहीं हूँ कि तू मेरे घर में आये। इसीलिये मैंने तेरे पास आने तक की नहीं सोची। किन्तु तू बस कह दे और मेरा सेवक स्वस्थ हो जायेगा। मैं स्वयं किसी अधिकारी के नीचे काम करने वाला व्यक्ति हूँ और मेरे नीचे भी कुछ सैनिक हैं। मैं जब किसी से कहता हूँ ‘जा’ तो वह चला जाता है और जब दूसरे से कहता हूँ ‘आ’ तो वह आ जाता है। और जब मैं अपने दास से कहता हूँ, ‘यह कर’ तो वह उसे ही करता है।”

यीशु ने जब यह सुना तो उसे उस पर बहुत आश्चर्य हुआ। जो जन समूह उसके पीछे चला आ रहा था, उसकी तरफ़ मुड़ कर यीशु ने कहा, “मैं तुम्हे बताता हूँ ऐसा विश्वास मुझे इस्राएल में भी कहीं नहीं मिला।”

10 फिर भेजे हुए वे लोग जब वापस घर पहुँचे तो उन्होंने उस सेवक को निरोग पाया।

Hindi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-HI)

© 1995, 2010 Bible League International