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Old/New Testament

Each day includes a passage from both the Old Testament and New Testament.
Duration: 365 days
Saral Hindi Bible (SHB)
Version
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लूकॉ 1:1-20

अभिलेख का उद्देश्य

अनेक व्यक्तियों ने उन घटनाओं को लिखकर इकट्ठा करने का कार्य किया है, जो हमारे बीच में घटी. ये सबूत हमें उनसे प्राप्त हुए हैं, जो प्रारम्भ ही से इनके प्रत्यक्षदर्शी और परमेश्वर के वचन के सेवक रहे. मैंने स्वयं हर एक घटनाओं की शुरुआत से सावधानीपूर्वक जांच की है. इसलिए परम सम्मान्य थियोफ़िलॉस महोदय, मुझे भी यह उचित लगा कि आपके लिए मैं यह सब क्रम के अनुसार लिखूँ कि जो शिक्षाएं आपको दी गई हैं, आप उनकी विश्वसनीयता को जान लें.

बपतिस्मा देने वाले योहन के जन्म की भविष्यवाणी

यहूदिया प्रदेश के राजा हेरोदेस के शासनकाल में अबियाह दल के एक याजक थे, जिनका नाम ज़कर्याह था. उनकी पत्नी का नाम एलिज़ाबेथ था, जो हारोन की वंशज थीं. वे दोनों ही परमेश्वर की दृष्टि में धर्मी तथा प्रभु के सभीं आदेशों और नियमों के पालन में दोषहीन थे. उनके कोई सन्तान न थी क्योंकि एलिज़ाबेथ बाँझ थीं और वे दोनों ही अब बूढ़े हो चुके थे.

अपने दल की बारी के अनुसार जब ज़कर्याह एक दिन परमेश्वर के सामने अपनी याजकीय सेवा भेंट कर रहे थे, उन्हें पुरोहितों की रीति के अनुसार पर्ची द्वारा चुनाव कर प्रभु के मन्दिर में प्रवेश करने और धूप जलाने का काम सौंपा गया था. 10 धूप जलाने के समय बाहर सभी लोगों का विशाल समूह प्रार्थना कर था.

11 तभी ज़कर्याह के सामने प्रभु का एक स्वर्गदूत प्रकट हुआ, जो धूपवेदी की दायीं ओर खड़ा था. 12 स्वर्गदूत को देख ज़कर्याह चौंक पड़े और भयभीत हो गए 13 किन्तु उस स्वर्गदूत ने उनसे कहा, “मत डरो, ज़कर्याह! तुम्हारी प्रार्थना सुन ली गई है. तुम्हारी पत्नी एलिज़ाबेथ एक पुत्र जनेगी. तुम उसका नाम योहन रखना. 14 तुम आनन्दित और प्रसन्न होंगे तथा अनेक उसके जन्म के कारण आनन्द मनाएंगे. 15 यह बालक प्रभु की दृष्टि में महान होगा. वह दाख़रस और मदिरा का सेवन कभी न करेगा तथा माता के गर्भ से ही पवित्रात्मा से भरा हुआ होगा. 16 वह इस्राएल के वंशजों में से अनेकों को प्रभु—उनके परमेश्वर—की ओर लौटा ले आएगा. 17 वह एलियाह की आत्मा और सामर्थ में प्रभु के आगे चलने वाला बन कर पिताओं के हृदय सन्तानों की ओर तथा अनाज्ञाकारियों को धर्मी के ज्ञान की ओर फेरेगा कि एक राष्ट्र को प्रभु के लिए तैयार करें.”

18 ज़कर्याह ने स्वर्गदूत से प्रश्न किया, “मैं कैसे विश्वास करूँ—क्योंकि मैं ठहरा एक बूढ़ा व्यक्ति और मेरी पत्नी की आयु भी ढ़ल चुकी है?”

19 स्वर्गदूत ने उन्हें उत्तर दिया, “मैं गब्रिएल हूँ. मैं नित परमेश्वर की उपस्थिति में रहता हूँ. मुझे तुम्हें यह बताने और इस शुभ समाचार की घोषणा करने के लिए ही भेजा गया है. 20 और सुनो! जब तक मेरी ये बातें पूरी न हो जाए, तब तक के लिए तुम गूँगे हो जाओगे, बोलने में असमर्थ, क्योंकि तुमने मेरे वचनों पर विश्वास नहीं किया, जिसका नियत समय पर पूरा होना निश्चित है.”

Saral Hindi Bible (SHB)

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