Print Page Options
Previous Prev Day Next DayNext

Read the New Testament in 24 Weeks

A reading plan that walks through the entire New Testament in 24 weeks of daily readings.
Duration: 168 days
Awadhi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-AWA)
Version
रोमियन 2-3

तू सबइ पापी अहा

अरे वो, सुना ह, मोर मित्र तू सब निआव करत अहा मुला तू उहइ करत अहा जउन बरे दूसरन का सजा देत अहा तू का कउनो बहाना नाहीं चल सकत अहा। उहइ स तू अपने आपको भी अपराधी सिद्ध करत अहा काहेकि तू जिन करमन क निआव करत अहा ओनका आप खुद भी करत अहा। अब हम पचे इ सब जानइ लागिन कि जे अइसन काम करत ह ओनका परमेस्सर उचित निरनय देत ह। मुला मोर दोस्त तू सुना, तू का सोचत ह कि जउने बरे तू दूसरन पर निरनय देत अहा अउर अपनउ उहइ काम करत ह तउ तू का समझत अहा कि तू परमेस्सर क निआव स बच सकत ह। या तू ओकरे अनुग्रह ब सहनसीलता अउर धीरज का हीन समझत बाट्या तू लोगन इ बात क अपेक्षा करत अहा कि परमेस्सर क अनुग्रह तोहार मनफिराव करत अहइ।

मुला तू पचे जान ल्या कि अपने कठोरता अउर कबहुँ न पछताइवाले मन क कारण तू परमेस्सर क गुस्सा का बहोत दिना बरे बटोरत अहा जब परमेस्सर क सचमुच निआव परगट होइ। परमेस्सर सबन का ओकरे करतब क कारण फल चखाई। जे अच्छा काम करत बा, परमेस्सर क महिमा आदर अउर अमरता का खोजत बा, उ सब तो अनन्त जीवन पइहीं। मुला जे अपने स्वारथ स सत्य पर नहीं चलिके बस अधरम करत बाटेन ओन्हन का ओकरे बदले मँ क्रोध व प्रकोप मिली। उ सब मनइयन पै दुःख अउर संकट आई जे अधरम पर चलत अहइँ। पहले यहूदियन फिन उ लोग जे गैर यहूदियन अहइँ। 10 इहइ तरह जे कोइ अच्छाई प चलइ ओका महिमा स आदर अउर सान्ति मिली, पहले यहूदियन क फिन गैर यहूदियन अहइँ। 11 काहेकि परमेस्सर केहू क साथे भेदभाव नाहीं करत।

12 जे व्यवस्था क पाए बगैर पाप किहेन उ सब व्यवास्था क बाहेर ही उ छिन्न होइ जइहीं अउर जे व्यवस्था मँ रहिके पाप किहेन ओनकइ निपटारा व्यवस्था क अन्दरइ दण्ड दीन्ह जाई। 13 काहेकि जे कोई सिरफ व्यवस्था क कथा सुनत ह परमेस्सर की दृष्टि मँ धर्मी नाहीं अहइ बल्कि जे व्यवस्था पर चलत अहइँ उही धरमी कहरावा जइही।

14 सो जब गैर यहूदियन जेनके लगे व्यवस्था नाहीं बा, सुभाव स व्यवस्था क बातन पर चलत ह, तउ चाहे ओनके पास व्यवस्था न भी होइ तउ भी उ आपन व्यवस्था खुद ही अहइँ। 15 उ लोगन अपने मन प लिखे व्यवस्था क करमन का देखावत बाटेन। ओनके विवेक ओनकइ साच्छी अहइँ। ओनके मानसिक संघर्ष ओनका अपराधी व निरदोस कहत अहइ।

16 इ सब बातन उ दिना होइही जउने दिना परमेस्सर मनइयन क छुपी बातन क, जउने क मइँ उपदेस देइत हउँ इ उ सुसमाचार क मुताबिक मसीह ईसू निआव करी।

यहूदियन अउर व्यवस्था

17 काहेकि जदि तु सब अपने क यहूदी कहत ह अउर व्यवस्था मँ तोहार बिसवास अहइ अउ अपने परमेस्सर प तोहका घमण्ड बाटइ 18 अउर तू परमेस्सर क इच्छा का जानत आहा अउर उत्तिम बातन का ग्रहण कर सकत ह काहेकि परमेस्सर तोहका इ सब सिखाइस ह 19 तू इ तउ मानत ह कि तू आंधरे क अगुआ अहा, जे अंधेरे मँ भटकत अहइँ, ओनकइ बरे तू उजियारा अहा, 20 अबोधन क तू सिखावइवाला अहा, लरिकन क तू उपदेस देइवाला अहा काहेकि व्यवस्था मँ तोहका साच्छात गियान अउर सत्य ठोस रूप स पाइ ग अहा। 21 जउन तू पचे दुसरन का सिखावत ह ओका आपन क काहे नही सिखउत्या। तू इ उपदेस देत अहा कि चोरी न करा, मुला खुद चोरावत अहा। 22 तू इ कहत अहा कि व्यभिचार नाहीं करइ क चाही मुला अपुना काहे करत ह। मुरतिइन स तू घिना करत अहा मुला मंदिरन मँ धन काहे छीनत ह? 23 तू लोग व्यवस्था प गरब करत ह, मुला व्यवस्था का तोरि क परमेस्सर क निरादार काहे करत ह? 24 अउर इहइ बात पवित्तर सास्तरन मँ लिखी बा, “तू सबन क वजह स परमेस्सर क नाउँ क ओनमा अपमान होत ह जे गैर यहूदियन अहइँ।”(A)

25 जउ तू लोगन व्यवस्था क मानत अहा अउर ओका पालन करत ह तउ तो खतना क महत्व बाटइ। मुला जदि व्यवस्था क तोड़त अहा तो ओकर मतलब वगैर खतना क बराबर अहइ। 26 मान ल्या केहू क खतना नाहीं भवा बा अउर उ व्यवस्था क पालन करत ह पवित्तर नियमन प चलत ह, तउ का ओकर खतना न करावइ क बावजूद ओका खतना मँ सामिल न कीन्ह जाइ? 27 उ मनई जेकर सरीर स खतना नाहीं भवा बा मुला व्यवस्था क पालन करत ह उ तू लोगन का अपराधी सिद्ध कइ देई। वोका जेकरे पास लिखा पढ़ी मँ परमेस्सर क विधान बाटइ अउर जेकर खतना भवा बा अउर जे व्यवस्था क नाहीं मानत।

28 जे बाहेर स यहूदी अहइँ, उ वास्तव मँ यहूदी नाहीं अहइ। सरीर क खतना असली मँ खतना नाहीं बाटइ। 29 सच्चा यहूदी उ अहइ जे भीतर स यहूदी होइ, सच्चा खतना तउ आतिमा क जरिये मन क खतना अहइ। नबी न कि लिखी व्यवस्था क। अइसे व्यक्ति क प्रसंसा मनई नाहीं बल्कि परमेस्सर कइँती स कीन्ह जात अहइ।

अब यहूदियन होइ क लाभ या अउर खतना क महत्ता केतॅनी बा? यहूदियन होइ क बड़ी महत्ता अहइ, काहेकि सबसे पहिला इ कि परमेस्सर क उपदेस ओनहिन का सौंपा गवा रहा। ओन्हन मँ स कछू एक धोखाबाज होइ, अहइ तउ का अहइ? ओन्हन धोखाबाजेन क वजह स परमेस्सर क बिसवास तो नाहीं कम होइ जात? बिल्कुल नाहीं, सबइ झूठे होइ जाइँ तबउ परमेस्सर सच्चा रही, इ बात पवित्तर सास्तरन मँ लिखी बाटइ:

“जब तू बोलब्या तउ तोहका सबइ पतियइहइँ
    जब तोहार न्याय होई, तउ तू जितब्या।” (B)

अगर मनई क अधार्मिकता मँ परमेस्सर की धार्मिकता सिद्ध करत ह, अइसन मँ हमका का करइ क चाही? का परमेस्सर हम पइ कुपित होइ क मनइयन क दण्ड देत ह? (मइँ मनई क नाई आपन बात कहत हउँ) बिलकुल नाहीं, नाहीं तो परमेस्सर जगत क निआव कइसे करी?

मुला तू इ कहि सकत ह, “मोरे झूठ बोलइ स परमेस्सर क सच उजागिर होत ह तउ एहसे ओकर महिमा ही होत ह; फिन मोका दोखी (पापी) काहे का बतावत ह?” इ कहइ क वइसे होई काहे, “अगर हम बुरा काम करी तउ भलाई उजागिर होइ।” अइसेन आरोप हम पचन क ऊपर लोग लगावत हीं। इ सबइ लोग जे इ कहत हीं कि हम पचे ओनका पढ़ाइत ह। अइसे लोग दोखी कहा जाइ लायक अहइँ ओनका सजा देइ चाही।

सबहिं लोग दोखी अहउँ

फिन का भवा? यहूदी अउ गैर यहूदियन मँ कउनो भेद नाहीं बा, जइसेन कि पहले बतावा गवा बा कि चाहे यहूदियन होइँ या गैर यहूदियन सबहीं पाप क बस मँ अहइँ।

10 पवित्तर सास्तरन कहत हीं:

“कउनो धर्मी नाहीं अहइ,
    एक ठु भी नाहीं!
11 एकउ भी समझदार नाहीं,
    एकउ क उ अइसा नाहीं उहइ जे परमेस्सर क वास्तव मँ खोजत ह।
12 इहाँ प सबइ परमेस्सर स विमुख होइके भटकत अहइँ,
    सबन खोटे अहइँ।
एकउ नाहीं अहइ जे अच्छा काम करत ह
    एकउ नाहीं!” (C)

13 “ओनकर मुँह खुली कब्र अहइ,
    अउर वे अपनी जीभ स धोखा देत अहइँ।” (D)

“नाग क बिख क तहर ओनकर ओंठ अहइँ,” (E)

14 “मुँह पइ सराप व कटुता भरी रहत ह।” (F)

15 “जान मारइ का तउ हरदम उतावला रहत हीं।
16     जहाँ कहूँ जात हीं उ पचे नास ही करत हीं, अउर संताप ही देत हीं।
17 सान्ति का मारग इ नाहीं जनतेन।” (G)

18 “ओनके आँखिन मँ पर्भू क भय नाहीं बा।” (H)

19 अब हम पचे इ जानित ही कि व्यवस्था मँ जउऩ कछू कहा गवा बाटइ उ सब ओनके बरे अहइ जे व्यवस्था क अधीन अहइँ। ऍहसे इ होइ कि सबइ का मुँह तोप दीन्ह जाइ अउर परमेस्सर क दण्ड सबइ क मिलइ। 20 व्यवस्था मँ कउनो काम किहे स कउनो धर्मी न सिद्ध होइ जाइ। केवल व्यवस्था पाप क बोध करावत अहइ।

परमेस्सर मनइयन का धर्मी कइसे बनावत ह

21 मुला अब इ देखइ क अहइ कि परमेस्सर एक नए तरीके स मनइयन क व्यवस्था क बगैर कइसे सोझ मारग प लावत ह। व्यवस्था व नबियन इ नए तरीके क साच्छी दिहे बाटेन। 22 जे केउ परमेस्सर क उ धार्मिकता जउन ईसू मसीह मँ बिसवास क द्वारा इ बिसवास करइवालन क बरे अहइ। एहमाँ कउनो भेदभाव नाहीं बा। 23 काहेकि सबइ तउ पाप किहे बाटेन अउर सबइ तउ परमेस्सर क महिमा स विहीन बाटेन। 24 मुला ईसू मसीह का विसेख महिमा क अनुग्रह स उ पचे सेत मेंत मँ उपहार पाइके धर्मी ठहरावा गवा अहइँ। 25-26 परमेस्सर ईसू मसीह क मारे लोगन क दिहेस कि लोग ओहमाँ बिसवास करइँ अउर अपने पापन स मुक्ति पाइ जाइँ। उ इ काम ईसू मसीह क बलिदान द्वारा करवाएस। अइसा इ प्रमाणित करइ क बरे कीन्ह गवा कि परमेस्सर बहुत सहनसील अहइ। काहेकि उ पहिले ओनका बिना दण्ड दिहे छोड़ दिहस रहा। आजउ परमेस्सर ईसू को दिहेस हमका इ सिद्ध करइ बरे कि परमेस्सर जउन करत ह उहइ सही बा। परमेस्सर इ किया कि यह देखावइ बरे कि वह सही निरनय लेत ह, अउर उही समइ वह कउनो मनई क ठीक बनाइ सकत ह, जेनकर ईसू मसीह मँ बिसवास अहइ।

27 घमण्ड तउ एक दम्मै खतम अहइ। उ अइसेन कि व्यवस्था क मुताबिक करम किहे स नाहीं बहोतउ विधी क अपनाये स जेसे बिसवास कीन्ह गवा अहइ। 28 मनई व्यवस्था क मुताबिक काम कइके नाहीं मुला बिसवास स धर्मी बनत ह। 29 का परमेस्सर सिरिफ यहूदियन क अहइ? का उ ओन्हन क ना होइ जे गैर यहूदियन अहइँ? हाँ उ ओन्हून क अहइ जे गैर यहूदियन होइँ। 30 काहेकि केवल एक ही परमेस्सर अहइ। उ यहूदियन, का ओनकर बिसवास क द्वारा सही बनवाई, अउर उ गैर यहूदियन क भी ओनकर बिसवास क द्वारा सही बनवाई। जे ओहमाँ बिसवास करी उहइ धर्मी कहा जाई। 31 तउ का मइँ बिसवास क द्वारा व्यवस्था क विफल करत अही? ना बिल्कुलै नाहीं बल्कि हम पचे तउ व्यवस्था का अउर सक्तीवाला बनवत अही।

Awadhi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-AWA)

Awadhi Bible: Easy-to-Read Version. Copyright © 2005 Bible League International.