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Read the New Testament in 24 Weeks

A reading plan that walks through the entire New Testament in 24 weeks of daily readings.
Duration: 168 days
Awadhi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-AWA)
Version
इब्रनियन 10-11

अन्तिम बलिदान

10 व्यवस्था त आवइवाली अच्छी बातन क छाया मात्र प्रदान करत ह। अपने आप मँ उ बात यर्थाथ नाहीं हइन। इही बरे उही बलियन क द्वारा जेन्हे हमेसा हर बरिस अनन्त रूप स दीन्ह जात रहत ह, आराधना क बरे लगे आवइवालन क हमेसा-हमेसा क बरे पूरा सिद्ध नाहीं कीन्ह जाइ सकत। अगर अइसेन होइ पावत तउ का ओनकर चढ़ावा जाब बन्द न होइ जात? काहेकि फिन तउ आराधना करइवालन एक ही इ बार मँ सदा-हमेसा क बरे पवित्तर होइ जातेन। अउर आपने पापन क बरे फिन कबहुँ खुद क अपराधी न समझतेन। मुला उ बलिदान तउ बस पापन क एक बरस भरे क स्मृति मात्र अहइँ। काहेकि साँड़न अउर बकरन क लहू पापन क दूर कइ देइ, इ सम्भव नाहीं बा।

इही बरे जब मसीह एह जगत मँ आइ रहा तउ उ कहे रहाः

“तू बलिदान अउर कउनउ भेंट नाहीं चाह्या,
    मुला मोरे बरे एक देह तइयार किहा।
तू नाहीं कउनउ दग्ध भेंटन स न
    तउ पाप भेंटन स खुस भया।
तब फिन मइँ कहे रहेउँ, ‘किताबे मँ मोर बरे
    इ लिखा भी बा मइँ इहाँ अहइ।
    हे परमेस्सर तोहार इच्छा पूरा करइ क आइ हउँ।’” (A)

उ पहिलेन कहे रहा, “बलिदान अउर भेंटन, दग्ध भेंटन अउर पाप भेंटनन तउ तू चाहत अहा अउर न तउ तू ओसे खुस होत ह।” (यद्यपि व्यवस्था इ चाहत ह कि उ सबइ चढ़ाइ जाइँ) तब उ कहे रहा, “मइँ इहाँ अहउँ। मइँ तोहार इच्छा पूरी करइ आई हउँ।” त उ दुसरे व्यवस्था क स्थापित करइ क बरे, पहिली क रद्द कइ देत ह। 10 तउन परमेस्सर क इच्छा स एक बार ही हमेसा-हमेसा क बरे ईसू मसीह क देह क बलिदान द्वारा हम पवित्तर कइ दिन्ह गएन।

11 हर याजक एक दिना क बाद दुसरे दिन खड़ा होइके अपने धार्मिक कारज क पूरा करत ह। उ पचे फिन-फिन एक जइसेन ही उ बलि चढ़ावत हीं जउन पापन क कबहुँ दूर नाहीं कइ सकतेन। 12 मुला याजक क रूप मँ मसीह तउ पापन क बरे, हमेसा क बरे एक्कइ बलि चढ़ाइके परमेस्सर क दहिने हाथ जाइ बइठा। 13 अउर उही समइ स ओका अपने विरोधियन क ओकरे चरण क चौकी बनाइ दीन्ह जाइ क प्रतीच्छा बा। 14 जउन पवित्तर कीन्ह जात अहइ, ओनका हमेसा-हमेसा क बरे पूरा सिद्ध कइ दिहेस

15 एकरे बरे पवित्तर आतिमा हमका साच्छी देत ह। पहिले उ बतावत हः

16 “इ अहइ उ करार जेका मइँ ओनसे करबइ।
    अउर फिन ओकरे बाद पर्भू घोसित करत निज व्यवस्था मइँ
ओनकइ हिरदइ मँ बसबउबइ
    ओनके मने पर लिखी देबइ.” (B)

17 उ इहउ कहत हः

“ओनके पापन
    अउर ओनके दुस्करमन क अब मइँ कबहुँ यादत रखब।” (C)

18 अउर फिन जब पाप छमा कइ दीन्ह गएन त पापन क बरे कउनो बलिदान क कउनउ जरूरत रही ही नाहीं।

परमेस्सर क लगे आवअ

19 इही बरे भाइयो तथा बहिनियो, काहेकि ईसू क लहूक द्वारा हमका ओह परम पवित्तर स्थान मँ प्रवेस करइ क निडर भरोसा बा। 20 जेका उ परदा क द्वारा, मतलब जउन ओकर सरीरइ, अहइ, एक नवा अउर सजीव रस्ता क माध्यम स हमरे बरे खोलि दिहे अहइ। 21 अउर काहेकि हमरे लगे एक अइसेन महान याजक अहइ जउन परमेस्सर क घराना क अधिकारी अहइ। 22 तउ फिन आवा, हम सच्चे हिरदइ, निस्चितपूर्ण बिसवास आपन अपराधपूर्ण चेतना स हमका सुद्ध करइ क बरे कीन्ह गए छिड़क भी स युक्त अपने हिरदइ क लइके सुद्ध जल स धोवा भए अपने सरीरन क साथे परमेस्सर क लगे पहुँचाय अही। 23 तउ आवअ जेह आसा क हम अंगीकार किहे हई, हम अडिग भाउ स ओह पर डटा रही काहेकि जे हमका बचन दिहे अहइ, उ बिसवासपूर्ण बा।

एक दुसरे क बलवान करइ

24 अउर आवा हम धियान रखी कि हम पिरेम अउर अच्छा करमन क बरे एक दुसरे क कइसेन बढ़ावा दइ सकित ह। 25 हमरे सबइ सभा मँ आउब जिन छोड़ा। जइसेन कि कछून क तउ उहाँ न आवइ क आदत ही पड़ि गइ बा। बल्कि हमका तउ एक दूसरे क बलवान करइ चाही। अउर जइसेन कि तू देखत अहा कि उ दिन लगे आवत बा-तउन तोहे इ अउर जियादा करइ चाही।

मसीह स मुँह न फेरा

26 सत्य क गियान पाइ लेइके बाद उ अगर हम जानबूझ क पाप करित ही रहित ह फिन तउ पापन क बरे कउनउ बलिदान बचा नाहीं रहत। 27 बल्कि फिन त निआव क भयानक प्रतीच्छा अउर भीसण आगी बाकी रहि जात ह जउन परमेस्सर क बिरोधियन क चट कइ जाई। 28 जउन कउनउ मूसा क व्यवस्था क पालन करइ स मना करत ह, ओका बिना दया देखाए दुइ या तीन साच्छियन क साच्छी प मारि डावा जात ह। 29 सोचा, उ मनइयन केतना जियादा कड़ा दंड क पात्र अहइँ, जे अपने गोड़न तले परमेस्सर क पूत क कुचलेन, जे करार क उ लहू के, जे ओनका पवित्तर किहे रहा, एक अपवित्तर चीज मानेन अउर अनुग्रह क आतिमा क अपमान किहेन। 30 काहेकि हम ओनका जानित ह जे कहे रहेने, “बदला लेब काम बा मोर, मइँ हीं बदला लेब।”(D) अउर फिन, “पर्भू अपने लोगन क निआव करी।”(E) 31 कउनो पापी क सजीव परमेस्सर क हाथन मँ पड़ि जाब एक भयानक बात अहइ।

बिसवास बनाये रखा

32 आरम्भ क उ दिनन क याद करा जब तू प्रकास पाए रह्या, अउर ओकरे बाद जब तू कस्टन क सामना करत भए कठोर संघर्स मँ मजबूती क साथे डटा रह्या। 33 तब कबहुँ तउ सब लोगन क सामने तोहे अपमानित कीन्ह गवा अउर सताया गवा अउर कबहुँ जेनके साथे अइसेन बर्ताव कीन्ह जात रहा, तू ओनकर साथ दिह्या। 34 तू, जउन बन्दीघरे मँ पड़ा रह्या, ओनसे सहानुभूति क अउर अपने सम्पत्ति क जब्त कीन्ह जाब सहर्स स्वीकार किह्या काहेकि तू इ जानत रह्या कि खुद तोहरे अपने लगे अच्छी अउर टिकाऊ सम्पत्तियन बाटिन।

35 तउन अपने साहस बिसवास क जिन तियागा काहेकि एकइ भरपूर प्रतिफल दीन्ह जाई। 36 तोहे धीरज क जरुरत बा ताकि तू जब परमेस्सर क इच्छा पूरी कइ चुका तउ जेकर बचन उ दिहे अहइ, ओका तू पाइ सका। 37 काहेकि,

“बहुत जल्दी ही, जेका आवइ क बा,
    उ जल्दी ही आई, अउर देर नाहीं करी।
38 मोर धर्मी जन
    जउने बिसवास स
अउर अगर उ पीछे हटी तउ मइँ
    ओनसे खुस न रहबइ।” (F)

39 मुला हम ओनसे नाहीं हई जउन पीछे हटत हीं अउर खतम होइ जात हीं बल्कि ओनमाँ स अही जउन बिसवास करत हीं अउर उद्धार पावत हीं।

बिसवास क महिमा

11 बिसवास क मतलब बा, जेकर हम आसा करित ह, ओकरे बरे सुनिस्चित होब। अउर बिसवास क मतलब बा कि हम चाहे कउनो चीज क देखत न अही मुला ओकरे अस्तित्व क बारे मँ सुनिस्चित होब कि उ बा। इही कारण पुरानन क परमेस्सर क आदर मिला भआ रहा।

बिसवास क आधार पर ही हम इ जानित ह कि परमेस्सर क आदेस स जगत क रचना भइ रही। इही बरे जउन दृस्य बा, उ दृस्य स नाहीं बना बा।

हाबिल तउ बिसवास क कारण ही परमेस्सर क कैन स अच्छी बलि चढ़ाए रहा। बिसवास क कारण ही ओका एक धर्मी मनई क रूप मँ तब सम्मान मिला रहा जब परमेस्सर त ओकरी भेंटन क प्रसंसा किहे रहा। अउर बिसवास क कारण उ आजऊ बोल थीं जद्यपि उ मरी चुका अहइ।

बिसवास क कारण ही हनोक क एह जीवन स उप्पर उठाइ लिहा गवा रहा ताकि ओका मउत क अनुभव न होइ। परमेस्सर तउ काहेकि ओका दूर हटाइ दिहे रहा इही बरे उ पावा नाहीं गवा। काहेकि ओका उठावा जाइ स पहिले परमेस्सर क प्रसन्न करइवाले क रूप मँ ओका सम्मान मिल चुका रहा। बिसवास के बिना परमेस्सर क खुस करब असम्मभव रहा। काहेकि हरएक उ जउन ओकरे लगे आवत ह, ओकरे बरे इ जरूरी बा कि उ एह बात क बिसवास करइ कि परमेस्सर क अस्तित्व बा अउर उ जउन ओका सच्चाई क साथ खोजत ह, उ ओन्हे ओकर प्रतिफल देत ह।

बिसवास क कारण ही नूह क जब ओन्हन बातन क चेतावनी दीन्ह गइ जउन उ देखे तक नाहीं रहा तउ उ पवित्तर भय स भरा आपन परिवार क बचावइ क बरे एक नाव क निर्माण किहे रहा। अपने बिसवासे स ही उ एह संसार क दोसपूर्ण मानेस अउर ओह धार्मिकता क उतराधिकारी बना जउन बिसवास स आवत ह।

बिसवास क कारण ही, जब इब्राहीम क अइसेन स्थान प जाइके बरे बोलावा गवा रहा, जेका बाद मँ उतराधिकार क रुप मँ ओका पावइ क रहा, जदि उ इ जानत तक नाहीं रहा कि उ कहाँ जात बा, फिन भी उ आज्ञा मानेस अउर उ चला गवा। बिसवास क कारण ही जउने धरती क देइ क ओका बचन दीन्ह गवा रहा, ओह प उ एका अनाजान परदेसी क समान आपन घरे बनाइके निवास किहेस। उ तम्बुवन मँ वइसेन रहा जइसेन इसहाक अउर याकूब रहत रहेन जउन ओकरे संग परमेस्सर क ओह प्रतिज्ञा क उतराधिकारी रहेन। 10 उ मजबूत आधारवाली उ नगरी क बाट जोहत रहा जेकर सिल्पी अउर निर्माण कर्ता परमेस्सर अहइ।

11 बिसवास क कारण ही, इब्राहीम जउन बूढ़ा होइ चुका रहा अउर सारा जउन खुद बाँझ रही, जे बचन दिहे रहा, ओका बिसवासनीय समझिके गर्भवती भइ अउर इब्राहीम क बाप बनाइ दिहेस। 12 अउर एह तरह इ एक्कइ मनई स जउन मरियल स रहा, अकास क तारन जेतनी असंख्य अउर सागर-तट क रेत-कणन जेतनी अनगिनत संतान भइन।

13 बिसवास क अपने मन मँ लिए भए इ लोग मरि गएन। जिन चीजन क प्रतिज्ञा दीन्ह गइ रही, उ ओ चीजन क नाहीं पाएन। उ पचे बस ओनका दुर स ही देखेन अउर ओनकर स्वागत किहेन अउर उ इ मानि लिहेन कि ओ पचे इ धरती प परदेसी अउर अनजान अहइँ। 14 उ लोग जउन अइसेन बात कहत हीं, उ इ देखावत हीं कि उ पचे एक अइसेन देस क खोज मँ अहइँ जउन ओनकर आपन अहइ। 15 अगर उ पचे ओह देस क बारे मँ सोचतेन जेका उ छोड़ि चुका अहइँ तउ ओनके फिन स लउटइ क अवसर रहत। 16 मुला ओन्हे तउ सरगे क एक अच्छा प्रदेस क उत्कट अभिलासा बा। इही बरे परमेस्सर क ओनकर परमेस्सर कहवावइ मँ संकोच नाहीं होत काहेकि उ तउ ओनके बरे एक नगर तइयार कइ रखे अहइ।

17-18 बिसवास क कारण ही इब्राहीम तउ, जब परमेस्सर ओकर परीच्छा लेत रहा, इसहाक क बलिदान चढ़ाएस। उहइ जेका प्रतिज्ञा मिली भइ रही, अपने एक मात्र बेटवा क जब बलिदान देई बाला रहा। तउ जद्यपि परमस्सर त ओसे कहे रहा, “इसहाक क द्वारा ही तोहरा वंस बाढ़ी।” 19 मुला इब्राहीम तउ सोचेस क परमेस्सर मरे भएन क भी जियाइ सकत ह अउर अगर अलंकारित भाखा मँ कहा जाइ तउ उ इसहाक क मउत स फिन वापस पाइ लिहेस।

20 बिसवास क कारण ही इसहाक तउ याकूब अउर एसाब क ओनके भविस्स क बारे मँ आसीर्बाद दिहेस। 21 बिसवास क कारण ही याकूब तउ जब उ मरत रहा।

22 यूसुफ जब ओकर अंत निकट रहा हर बेटवा क आसीर्बाद दिहेस अउर लाठी क उपर सिरे झुकि के सहरा लेत परमेस्सर क आराधना किहेस।

23 बिसवास क अधार पर ही, मूसा क महतारी-बाप तउ, मूसा क जनम क बाद ओनका तीन महिना तक छुपाये रखेन काहेकि ओ देखि लिहे रहेन कि उ कउनो सामान्य बालक नाहीं रहा अउर उ राजा क आज्ञा स नाहीं डरेन।

24-25 बिसवास स ही, मूसा जब बड़ा भवा तउ फिरौन क बिटिया क बेटवा कहवावइ स इन्कार कइ दिहेस। उ पाप क छणिक सुक भोगन क अपेच्छा परमेस्सर क लोगन क साथे दुर्व्यवहार झेलबइ ही चुनेस। 26 उ मसीह क बरे अपमान झेलइ क मिस्र क धन भंडारन क अपेच्छा जियादा मूल्यवान मानेस काहेकि उ आपन प्रतिफल पावइ क बाट जोहत रहा।

27 बिसवास क कारण ही, राजा क क्रोध स न डरत भए उ मिस्र क परित्याग कइ दिहेस। उ डटा रहा, मान ओका अदृस्य परमेस्सर देखात अहइ। 28 बिसवास स ही, उ फसह क त्यौहार अउर लहू छिड़कइ क पालन किहेस, ताकि पहिलौठा क बिनास करइवाला इस्राएल क पहिलौठा क छू तक न पावइ।

29 बिसवास क कारण ही, लोग लाल-सागर स अइसेन पार होइ गएन जइसेन उ कउनो सूखी जमीन होइ। मुला जब मिस्र क लोगन अइसेन करइ चाहेन तउ उ पचे डूबि गएन।

30 बिसवास क कारण ही, यहीहो क नगर-परकोट लोगन क सात दिन तलक ओकरे चारिहुँ कइँती परिक्रमा कइ लेइके बाद ढह गवा।

31 बिसवास क कारण ही, राहाब नाउँ क बेस्या आज्ञा क उल्लंघन करइवालन क साथे नाहीं मारी गइ रही काहेकि उ गुप्तचरन क स्वागत सत्कार किहे रही।

32 अब मइँ अउर जियादा का कही। गिदोन, बाराक, सिमसोन, यिफतह, दाऊद, समूएल अउर ओन्हन नबियन क चर्चा करइ क मोरे लगे समइ नाहीं बाटइ। 33 जे बिसवास स, राज्यन क जीत लिहेस, निआवपूर्ण काम किहेस अउर परमेस्सर जउन देइ क बचन दिहे रहा, ओका पाएस। जे सिंहन क मुँह बन्द कइ दिहेस, 34 लपलपात लपटन क क्रोध क सान्त किहेस अउर तलवार क धार स बच निकलेन, जेकरे कमजोरी इ सकित मँ बदल गइ, अउर युद्ध मँ जउन सक्तिसाली बनेन अउर जे बिदेसी सेनन क छिन्न-भिन्न कइ डाएन।

35 स्त्रियन तउ अपने मरन हुवन क फिन स जिन्दा पाएन। बहुतन क सतावा गवा, मुला उ छुटकारा पावइ स मना कइ दिहेन ताकि ओनका एक अउर अच्छा जीवन मँ पुनरूत्थान मिलि सकइ। 36 कछू क उपहासन अउर कोड़न क सामना करइ पड़ा जबकि कछू क जंजीरन स जकड़िके बन्दी घरे मँ डालि दीन्ह गवा। 37 कछू पइ पथराऊ कीन्ह गवा। ओनका आरा स चीरके दुइ फाँक कइ दीन्ह गवा, ओनका तलवार स मउत क घाट उतारि दीन्ह गवा। उ पचे गरीब रहेन, ओनका जातना दीन्ही गइ अउर ओनके साथे बुरा व्यवहार कीन्ह गवा! उ पचे भेड़ बकरियन क खाल ओढ़े रहेन अउर एहर ओहर भटकत रहेन। 38 इ संसार ओनके योग्य नाहीं रहा। उ पचे रेगिस्तानन अउर पहाड़न मँ घूमत रहेन अउर सबइ गुफा अउर धरती मँ बने भए बिलन मँ छुपत-छुपावत फिरेन।

39 अपने बिसवासे क कारण ही इ लोग सब स सराहा गएन। फिन भी परमेस्सर क जेकर महान बचन ओनका दीन्ह गवा रहा, ओका एनमाँ स कउनो नाहीं पाइ सका। 40 परमेस्सर क लगे आपन योजना क अनुसार हमरे बरे कूछ अउर जियादा अच्छा रहा जइसेन ओनहूँ बस हमरे साथे ही पूरा सिद्ध कीन्ह जाइ।

Awadhi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-AWA)

Awadhi Bible: Easy-to-Read Version. Copyright © 2005 Bible League International.