Read the New Testament in 24 Weeks
बहुंत खराप बेस्या
17 तब जऊन सात स्वरगदूतमन सात ठन कटोरा धरे रिहिन, ओम के एक झन मोर करा आईस अऊ कहिस, “आ, मेंह तोला ओ बड़े बेस्या के दंड ला देखाहूं, जऊन ह कतको पानीमन ऊपर बईठे हवय। 2 ओकर संग धरती के राजामन छिनारी करे हवंय अऊ धरती के मनखेमन ओकर छिनारीपन के मंद ला पीके मतवाला हो गे हवंय।”
3 तब ओ स्वरगदूत ह मोला आतमा म एक ठन सुनसान जगह म ले गीस। उहां मेंह एक झन माईलोगन ला लाल रंग के एक पसु ऊपर बईठे देखेंव। पसु के जम्मो देहें म खराप नांवमन लिखाय रहय, अऊ ओकर सात ठन मुड़ी अऊ दस ठन सिंग रहय। 4 ओ माईलोगन ह बैंजनी अऊ लाल रंग के कपड़ा पहिरे रहय अऊ सोन, कीमती पथरा अऊ मोती मन ले सजे रहय। ओह अपन हांथ म एक ठन सोन के कटोरा धरे रहय। ओ कटोरा ह घिन-घिन चीज अऊ ओकर छिनारीपन के गंदगी ले भरे रहय। 5 अऊ ओकर माथा म एक भेद के नांव लिखाय रहय:
महान बाबूल,
धरती के बेस्यामन के
अऊ घिन-घिन चीजमन के दाई।
6 मेंह देखेंव कि ओ माईलोगन ह पबितर मनखेमन के लहू अऊ यीसू के बिसवास लइक गवाहमन के लहू ला पीके माते हवय। जब मेंह ओला देखेंव, त बहुंत अचरज म पड़ गेंव। 7 तब स्वरगदूत ह मोला कहिस, “तेंह काबर अचम्भो करत हवस? मेंह तोला ओ माईलोगन के भेद ला बताहूं अऊ ओ पसु के भेद ला घलो बताहूं, जेकर ऊपर ओ माईलोगन ह सवारी करे हवय अऊ जेकर सात ठन मुड़ी अऊ दस ठन सिंग हवय। 8 जऊन पसु ला तेंह देखे, ओह पहिली रिहिस, पर अब नइं ए; ओह अथाह कुन्ड ले निकरके आही अऊ ओह नास हो जाही। धरती के ओ मनखेमन, जेकर नांव संसार के रचे के समय ले जिनगी के किताब म नइं लिखे हवय, ओमन पसु ला देखके अचम्भो करहीं, काबरकि ओह पहिली रिहिस, पर अब नइं ए, पर ओह फेर आही।”
9 एला समझे बर बुद्धि के जरूरत हवय। ओ सात ठन मुड़ीमन सात ठन पहाड़ अंय, जेकर ऊपर ओ माईलोगन ह बईठे हवय। 10 ओमन सात झन राजा घलो अंय। ओम ले पांच झन गिर गे हवंय; एक झन अभी राज करत हवय, अऊ दूसर ह अभी तक नइं आय हवय; पर जब ओह आही, त थोरकन समय तक राज करही। 11 ओ पसु जऊन ह पहिली रिहिस, पर अब नइं ए, ओह आठवां राजा ए। असल म, ओह ओ सातों म ले अय अऊ ओह नास हो जाही।
12 जऊन दस ठन सिंग तेंह देखे, ओमन दस राजा अंय। ओमन ला अभी तक राज नइं मिले हवय, पर ओमन ला एक घंटा बर पसु के संग म राजामन सहीं अधिकार मिलही। 13 ओमन के एकेच उदेस्य हवय अऊ ओमन अपन सक्ति अऊ अधिकार पसु ला दे दिहीं। 14 ओमन मेढ़ा-पीला के बिरोध म लड़ई करहीं, पर मेढ़ा-पीला ह ओमन ऊपर जय पाही, काबरकि ओह परभूमन के परभू अऊ राजामन के राजा ए, अऊ जऊन मन ओकर संग रहिहीं, ओमन बलाय गे हवंय अऊ चुने गे हवंय अऊ ओमन बिसवास लइक अंय।
15 तब स्वरगदूत ह मोला कहिस, “जऊन पानी ला तेंह देखे, जिहां ओ बेस्या ह बईठे हवय, ओ पानी ह मनखेमन के भीड़, देस अऊ भासा मन अय। 16 जऊन पसु अऊ दस सिंगमन ला तेंह देखे, ओमन ओ बेस्या ले घिन करहीं। ओमन ओला नंगरी करके अकेला छोंड़ दिहीं। ओमन ओकर मांस ला खाहीं अऊ ओला आगी म जला दिहीं। 17 काबरकि परमेसर ह ओमन के मन म ए बात ला डाले हवय कि ओमन ओकर उदेस्य ला पूरा करंय अऊ जब तक परमेसर के बचन ह पूरा नइं हो जावय, तब तक ओमन एक मत होके अपन राज करे के अधिकार ला ओ पसु ला दे देवंय। 18 जऊन माईलोगन ला तेंह देखे, ओह ओ महान सहर ए, जऊन ह धरती के राजामन ऊपर राज करथे।”
बाबूल सहर के बिनास
18 एकर बाद मेंह एक अऊ स्वरगदूत ला स्वरग ले उतरत देखेंव। ओकर करा बड़े अधिकार रिहिस अऊ धरती ह ओकर सोभा ले जगमगा गीस। 2 ओह ऊंचहा अवाज म चिचियाके कहिस,
“सतियानास हो गीस! बड़े सहर बाबूल ह सतियानास हो गीस!
ओह भूतमन के अऊ जम्मो दुस्ट आतमामन के
अऊ जम्मो असुध अऊ घिन-घिन चिरईमन के डेरा हो गे हवय।
3 काबरकि जम्मो देस के मनखेमन ओकर छिनारीपन के मंद ला पीये हवंय।
धरती के राजामन ओकर संग छिनारी करिन
अऊ धरती के बेपारीमन ओकर बिलासिता के धन ले धनवान हो गे हवंय।”
4 तब मेंह स्वरग ले एक अऊ अवाज सुनेंव, जऊन ह ए कहत रहय:
“हे मोर मनखेमन, ओ सहर म ले निकर आवव,
ताकि तुमन ओकर पाप के भागी झन होवव
अऊ ओकर कोनो बिपत्ती तुम्हर ऊपर झन पड़य।
5 काबरकि ओकर पाप के घघरी ह भर गे हवय,
अऊ परमेसर ह ओकर अपराध ला सुरता करे हवय।
6 ओकर संग वइसने करव,
जइसने ओह तुम्हर संग करे हवय।
ओकर कुकरम के दू गुना बदला चुकावव।
जऊन कटोरा म ओह भरे हवय,
ओ कटोरा म ओकर बर दू गुना भर देवव।
7 ओह जतेक डींग मारे हवय अऊ जतेक भोग-बिलास करे हवय,
ओला ओतके दुःख अऊ तकलीफ देवव।
ओह अपन मन म कहिथे,
‘मेंह रानी सहीं बईठथंव;
मेंह बिधवा नो हंव, अऊ मेंह कभू दुःख नइं मनाहूं।’
8 एकरसेति एकेच दिन म ओकर ऊपर मिरतू,
सोक अऊ अकाल के बिपत्ती आ पड़ही।
ओह आगी म भसम हो जाही।
काबरकि जऊन ह ओकर नियाय करथे, ओह सर्वसक्तिमान परभू परमेसर ए।
9 धरती के जऊन राजामन ओकर संग छिनारी अऊ भोग-बिलास करिन, ओमन जब ओकर जरे के धुआं ला देखहीं, त ओमन रोहीं अऊ ओकर बर सोक मनाहीं। 10 ओमन ओकर पीरा ले डरके दूरिहा म ठाढ़ होहीं अऊ ए कहिहीं,
‘हे महान सहर! हाय! तोर ऊपर हाय!
हे बाबूल, सक्तिसाली सहर! एकेच घंटा म तोला तोर दंड मिल गीस।’
11 धरती के बेपारीमन ओकर बर रोहीं अऊ कलपहीं, काबरकि अब कोनो ओमन के ए मालमन ला नइं बिसोही – 12 सोना, चांदी, कीमती पथरा, मोती; सुन्दर मलमल, बैंजनी, रेसमी अऊ लाल कपड़ा; जम्मो किसम के महकत कठवा, अऊ हाथी दांत, कीमती कठवा, पीतल, लोहा अऊ संगमरमर के जम्मो किसम के चीज; 13 अऊ दालचीनी, मसाला, धूप, इतर, लोबान, मंद, तेल, आंटा अऊ गहूं; बइला अऊ मेढ़ा-मेढ़ी, घोड़ा अऊ रथ, अऊ गुलाम अऊ मनखेमन के जीव।
14 बेपारीमन ओला कहिहीं, ‘जऊन फर के लालसा तेंह करत रहय, ओह तोर ले दूरिहा हो गे हवय। तोर जम्मो धन-संपत्ति अऊ तड़क-भड़क खतम हो गीस, अऊ ओह तोला फेर कभू नइं मिलय।’ 15 जऊन बेपारीमन ए चीजमन ला बेंचके बाबूल सहर ले धन कमाय रिहिन, ओमन ओकर पीरा ले डरके दूरिहा म ठाढ़ होहीं। ओमन रोहीं अऊ सोक मनाहीं; 16 अऊ ए कहिहीं:
‘हे महान सहर! हाय! तोर ऊपर हाय!
तेंह सुन्दर मलमल, बैंजनी अऊ लाल कपड़ा पहिरे रहय
अऊ सोन, कीमती पथरा अऊ मोती ले सजे रहय!
17 एकेच घंटा म ए जम्मो धन ह नास हो गीस!’
पानी जहाज के हर कप्तान, पानी जहाज म हर यातरा करइया, हर डोंगा खेवइया अऊ हर ओ मनखे, जऊन ह समुंदर ले अपन जिनगी चलाथे, ए जम्मो के जम्मो दूरिहा म ठाढ़े रहिहीं। 18 जब ओमन ओकर जरे के धुआं ला देखहीं, त ओमन चिचियाके कहिहीं, ‘का ए महान सहर सहीं कभू कोनो सहर रिहिस?’ 19 ओमन अपन मुड़ी ऊपर धूर्रा ला डारहीं, अऊ रोवत अऊ कलपत ओमन चिचिया-चिचियाके कहिहीं:
‘हे महान सहर! हाय! तोर ऊपर हाय!
एह ओ सहर ए,
जेकर धन के जरिये समुंदर के जम्मो जहाज के मालिकमन धनी हो गीन।
एकेच घंटा म, ओह नास हो गीस।’
20 हे स्वरग म रहइयामन अऊ पबितर मनखे अऊ प्रेरित अऊ अगमजानीमन!
ओकर बिनास ऊपर आनंद मनावव।
ओह तुम्हर संग जइसने बरताव करे रिहिस,
परमेसर ह ओला ओकर सजा दे हवय।”
21 तब एक सक्तिसाली स्वरगदूत ह चक्की के एक बड़े पाट सहीं पथरा ला उठाईस अऊ ए कहत ओला समुंदर म फटिक दीस:
“महान सहर बाबूल ह अइसने बेरहमी ले फटिक दिये जाही,
अऊ ओकर फेर कभू पता नइं चलही।
22 बीना बजइया, अऊ संगीतकार,
बांसुरी बजइया अऊ तुरही बजइया मन के अवाज,
ए सहर म फेर कभू सुनई नइं पड़ही। कोनो काम के कोनो घलो कारीगर,
ए सहर म फेर कभू नइं मिलही।
चक्की चले के अवाज,
ए सहर म फेर कभू सुनई नइं पड़ही।
23 दीया के अंजोर, ए सहर म फेर कभू नइं चमकही।
दूल्हा अऊ दुल्हिन के अवाज,
ए सहर म फेर कभू सुनई नइं पड़ही।
ए सहर के बेपारीमन संसार के बड़े मनखे रिहिन।
ए सहर ह अपन जादू के दुवारा जम्मो देस के मनखेमन ला बहकाय रिहिस।
24 ए सहर म अगमजानी अऊ पबितर मनखे मन के लहू पाय गीस,
अऊ धरती ऊपर जऊन मनखेमन मार डारे गीन, ओमन के लहू घलो ए सहर म पाय गीस।”
Copyright: New Chhattisgarhi Translation (नवां नियम छत्तीसगढ़ी) Copyright © 2012, 2016 by Biblica, Inc.® All rights reserved worldwide.