Print Page Options
Previous Prev Day Next DayNext

New Testament in a Year

Read the New Testament from start to finish, from Matthew to Revelation.
Duration: 365 days
Saral Hindi Bible (SHB)
Version
गलातिया 1

यह पत्र पौलॉस की ओर से है, जिसे न तो मनुष्यों की ओर से और न ही किसी मनुष्य की प्रक्रिया द्वारा परन्तु मसीह येशु और पिता परमेश्वर द्वारा, जिन्होंने मसीह येशु को मरे हुओं में से जीवित किया, प्रेरित चुना गया तथा उन विश्वासियों की ओर से, जो इस समय मेरे साथ हैं,

गलातिया प्रदेश की कलीसियाओं के नाम में:

हमारे पिता परमेश्वर और प्रभु मसीह येशु की ओर से तुम्हें अनुग्रह और शान्ति प्राप्त हो. मसीह येशु, जिन्होंने हमारे पापों के कारण स्वयं को इसलिए बलिदान कर दिया कि हमारे परमेश्वर और पिता की इच्छानुसार वह हमें वर्तमान बुरे संसार से छुड़ायें, उन्हीं की महिमा हमेशा हमेशा होती रहे. आमेन.

एक चेतावनी

मैं यह जान कर चकित हूँ कि तुम परमेश्वर से, जिन्होंने मसीह के अनुग्रह के द्वारा तुम्हें बुलाया, इतनी जल्दी भटक कर एक अन्य ईश्वरीय सुसमाचार की ओर फिर गये हो पर वह दूसरा सुसमाचार जो वास्तव में ईश्वरीय सुसमाचार है ही नहीं! साफ़ तौर पर कुछ लोग हैं, जो मसीह के ईश्वरीय सुसमाचार को बिगाड़ कर तुम्हें घबरा देना चाहते हैं किन्तु यदि हम या कोई स्वर्गदूत तक उस ईश्वरीय सुसमाचार के अलावा, जो हमने तुम्हें सुनाया है, किसी भिन्न ईश्वरीय सुसमाचार का प्रचार करे तो वह शापित है. जैसा हमने पहले भी कहा, मैं अब दोबारा कहता हूँ कि उस ईश्वरीय सुसमाचार के अलावा, जो हमने तुम्हें सुनाया, यदि कोई व्यक्ति तुम्हें अलग ईश्वरीय सुसमाचार सुनाए तो वह शापित है.

10 किसका कृपापात्र बनने की कोशिश कर रहा हूँ मैं—मनुष्यों का या परमेश्वर का? क्या मैं मनुष्यों को प्रसन्न करने के लिए प्रयास कर रहा हूँ? यदि मैं अब तक मनुष्यों को ही प्रसन्न कर रहा होता तो मसीह का दास न होता.

पौलॉस द्वारा अपनी सेवा का बचाव और परमेश्वर द्वारा बुलाया जाना

11 प्रियजन, मैं तुम पर यह स्पष्ट कर रहा हूँ कि जो ईश्वरीय सुसमाचार मैंने तुम्हें सुनाया, वह किसी मनुष्य के दिमाग की उपज नहीं है. 12 यह मुझे न तो किसी मनुष्य से और न ही किसी शिक्षा से, परन्तु स्वयं मसीह येशु के प्रकाशन के द्वारा प्राप्त हुआ है.

13 यहूदी मत के शिष्य के रूप में मेरी जीवनशैली कैसी थी, इसके विषय में तुम सुन चुके हो. मैं किस रीति से परमेश्वर की कलीसिया पर घोर अत्याचार किया करता था तथा उसे नाश करने के लिए प्रयास करता रहता था. 14 यहूदी मत में अपने पूर्वजों की परम्पराओं के प्रति अत्यन्त उत्साही, मैं अपनी आयु के यहूदियों से अधिक उन्नत होता जा रहा था. 15 किन्तु परमेश्वर को, जिन्होंने माता के गर्भ से ही मुझे चुन लिया तथा अपने अनुग्रह के द्वारा मुझे बुलाया, यह सही लगा 16 कि वह मुझ में अपने पुत्र को प्रकट करें कि मैं अन्यजातियों में उनका प्रचार करूँ. इसके विषय में मैंने तुरन्त न तो किसी व्यक्ति से सलाह ली 17 और न ही मैं येरूशालेम में उनके पास गया, जो मुझसे पहले प्रेरित चुने जा चुके थे, परन्तु मैं अराबिया क्षेत्र में चला गया और वहाँ से दोबारा दमिश्क नगर लौट गया.

18 तीन वर्ष बाद मैं कैफ़स से भेंट करने येरूशालेम गया और उनके साथ पन्द्रह दिन रहा 19 किन्तु प्रभु के भाई याक़ोब के अलावा अन्य किसी प्रेरित से मेरी भेंट नहीं हुई. 20 परमेश्वर के सामने मैं तुम्हें धीरज देता हूँ कि अपने इस विवरण में मैं कुछ भी झूठ नहीं कह रहा. 21 तब मैं सीरिया और किलिकिया प्रदेश के क्षेत्रों में गया. 22 यहूदिया प्रदेश की कलीसियाओं से, जो अब मसीह में हैं, मैं अब तक व्यक्तिगत रूप से अपरिचित था. 23 मेरे विषय में उन्होंने केवल यही सुना था: “एक समय जो हमारा सताने वाला था, अब वही उस विश्वास का प्रचार कर रहा है, जिसे नष्ट करने के लिए वह दृढ़-संकल्प था.” 24 उनके लिए मैं परमेश्वर की महिमा का विषय हो गया.

Saral Hindi Bible (SHB)

New Testament, Saral Hindi Bible (नए करार, सरल हिन्दी बाइबल) Copyright © 1978, 2009, 2016 by Biblica, Inc.® All rights reserved worldwide.