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New Testament in a Year

Read the New Testament from start to finish, from Matthew to Revelation.
Duration: 365 days
Saral Hindi Bible (SHB)
Version
2 कोरिन्थॉस 7

इसलिए प्रियजन, जब हमसे ये प्रतिज्ञाएँ की गई हैं तो हम परमेश्वर के प्रति श्रद्धा के कारण, स्वयं को शरीर और आत्मा की हर एक मलिनता से शुद्ध करते हुए पवित्रता को सिद्ध करें.

पौलॉस के आनन्द का विषय

हमें अपने हृदयों में स्थान दो. हमने किसी के साथ अन्याय नहीं किया, किसी को आहत नहीं किया, किसी का अनुचित लाभ नहीं उठाया. यह कहने के द्वारा हम तुम पर दोष नहीं लगा रहे हैं. मैं पहले भी कह चुका हूँ कि तुम हमारे हृदय में बसे हो और हमारा-तुम्हारा जीवन-मरण का साथ है. मुझे तुम पर अटूट विश्वास है. मुझे तुम पर गर्व है, मैं अत्यन्त प्रोत्साहित हुआ हूँ. सारे कष्टों में भी मैं आनन्द से भरपूर रहता हूँ.

हमारे मकेदोनिया में रहने के दौरान हमें शारीरिक रूप से विश्राम नहीं परन्तु चारों ओर से कष्ट ही कष्ट मिलता रहा—बाहर तो लड़ाइयाँ और अन्दर भय की बातें. मगर परमेश्वर ने, जो हताशों को धीरज देते हैं, तीतॉस को यहाँ उपस्थित कर हमें धीरज दिया. न केवल उसकी उपस्थिति के द्वारा ही परन्तु उस प्रोत्साहन के द्वारा भी, जो तीतॉस को तुमसे प्राप्त हुआ. उसने मुझे मेरे प्रति तुम्हारी लालसा, वेदना तथा उत्साह के विषय में बताया. इससे मेरा आनन्द और अधिक बढ़ गया.

यद्यपि तुम मेरे पत्र से शोकित हुए हो, मुझे इसका खेद नहीं—पहले खेद ज़रूर हुआ था मगर अब मैं देखता हूँ कि तुम उस पत्र से शोकित तो हुए किन्तु थोड़े समय के लिए. अब मैं आनन्दित हूँ, इसलिए नहीं कि तुम शोकित हुए परन्तु इसलिए कि यही तुम्हारे पश्चाताप का कारण बन गया. यह सब परमेश्वर की इच्छा के अनुसार ही हुआ कि तुम्हें हमारे कारण किसी प्रकार की हानि न हो. 10 वह दुःख, जो परमेश्वर की ओर से आता है, उद्धार देने वाले पश्चाताप का कारण बन जाता है, जहाँ खेद के लिए कोई स्थान ही नहीं रहता, जबकि सांसारिक दुःख मृत्यु उत्पन्न करता है. 11 ध्यान दो कि परमेश्वर की ओर से आए दुःख ने तुममें क्या-क्या परिवर्तन किए हैं: ऐसी उत्सुकता भरी तत्परता, अपना पक्ष स्पष्ट करने की ऐसी बड़ी इच्छा, अन्याय के प्रति ऐसा क्रोध, संकट के प्रति ऐसी सावधानी, मुझसे भेंट करने की ऐसी तेज़ लालसा, सेवा के प्रति ऐसा उत्साह तथा दुराचारी को दण्ड देने के लिए ऐसी तेज़ी के द्वारा तुमने यह साबित कर दिया कि सब कुछ ठीक-ठाक करने में तुमने कोई भी कमी नहीं छोड़ी है. 12 हालांकि यह पत्र मैंने न तो तुम्हें इसलिए लिखा कि मुझे उसकी चिन्ता थी, जो अत्याचार करता है और न ही उसके लिए, जो अत्याचार सहता है परन्तु इसलिए कि परमेश्वर के सामने स्वयं तुम्हीं यह देख लो कि तुम हमारे प्रति कितने सच्चे हो. 13 यही हमारे धीरज का कारण है.

अपने धीरज से कहीं अधिक हम तीतॉस के आनन्द में हर्षित हैं क्योंकि तुम सबने उसमें नई ताज़गी का संचार किया है. 14 यदि तीतॉस के सामने मैंने तुम पर गर्व प्रकट किया है तो मुझे उसके लिए लज्जित नहीं होना पड़ा. जिस प्रकार, जो कुछ मैंने तुमसे कहा वह सच था, उसी प्रकार तीतॉस के सामने मेरा गर्व प्रकट करना भी सच साबित हुआ. 15 जब तीतॉस को तुम्हारी आज्ञाकारिता याद आती है तथा यह भी कि तुमने कितने श्रद्धाभाव से उसका सत्कार किया तो वह स्नेह से तुम्हारे प्रति और अधिक भर उठता है. 16 तुम्हारे प्रति मैं पूरी तरह आश्वस्त हूँ. यह मेरे लिए आनन्द का विषय है.

Saral Hindi Bible (SHB)

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