M’Cheyne Bible Reading Plan
इस्राएल के लोग मरुभूमि में भटकते हैं
2 “तब हम लोग मुड़े और लालसागर के सड़क पर मरुभूमि की यात्रा की। यह वह काम है जिसे यहोवा ने कहा कि हमें करना चाहिए। हम लोग सेईर के पहाड़ी प्रदेश से होकर कई दिन चले। 2 तब यहोवा ने मुझसे कहा, 3 ‘तुम इस पहाड़ी प्रदेश से होकर काफी समय चल चुके हो। उत्तर की ओर मुड़ो। 4 और उसने मुझे तुमसे यह कहने को कहाः तुम सेईर प्रदेश से होकर गुजरोगे। यह प्रदेश तुम लोगों के सम्बन्धी एसाव के वंशजों का है। वे तुमसे डरेंगे। बहुत सावधान रहो। 5 उनसे लड़ो मत। मैं उनकी कोई भी भूमि एक फुट भी तुमको नहीं दूँगा। क्यों? क्योंकि मैंने एसाव को सेईर का पहाड़ी प्रदेश उसके अधिकार में दे दिया। 6 तुम्हें एसाव के लोगों को वहाँ पर भोजन करने या पानी पीने का मूल्य चुकाना चाहिए। 7 यह याद रखो कि यहोवा तुम्हारे परमेश्वर, ने तुमको तुमने जो कुछ भी किया उन सभी के लिए आशीर्वाद दिया। वह इस विस्तृत मरुभूमि से तुम्हारा गुजरना जानता है। यहोवा, तुम्हारा परमेश्वर इन चालीस वर्षों में तुम्हारे साथ रहा है। तुम्हें वे सभी चीजें मिली हैं जिनकी तुम्हें आवश्यकता थी।’
8 “इसलिए हम लोग सेईर में रहने वाले अपने सम्बन्धी एसाव के लोगों के पास से आगे बढ़ गए। यरदन घाटी से एलत और एस्योनगेबेर नगरों को जाने वाली सड़क को पीछे छोड़ दिया। तब हम उस मरुभूमि की तरफ जाने वाली सड़क पर मुड़े जो मोआब में है।
आर—प्रदेश में इस्राएल
9 “यहोवा ने मुझसे कहा, ‘मोआब के लोगों को परेशान न करो। उनके खिलाफ लड़ाई न छेड़ो। मैं उनकी कोई भूमि तुमको नहीं दुँगा। वे लूत के वंशज हैं, और मैंने उन्हें आर प्रदेश दिया है।’”
10 (पहले, आर में एमी लोग रहते थे। वे शक्तिशाली लोग थे और वहाँ उनमें से बहुत से थे। वे अनाकी लोगों की तरह बहुत लम्बे थे। 11 अनाकी लोगो की तरह, एमी रपाई लोगों के एक भाग समझे जाते थे। किन्तु मोआबी लोग उन्हें एमी कहते थे। 12 पहले होरी लोग भी सेईर में रहते थे, किन्तु एसाव के लोगों ने उनकी भुमि ले ली। एसाव के लोगों ने होरीतों को नष्ट कर दिया। तब एसाव के लोग वहाँ रहने लगे जहाँ पहले होरीत रहते थे। यह वैसा ही काम था जैसा इस्राएल के लोगों द्वारा उन लोगों के प्रति किया गया जो यहोवा द्वारा इस्राएली अधिकार में भूमि को देने के पहले वहाँ रहते थे।)
13 “यहोवा ने मुझसे कहा, ‘अब तैयार हो जाओ और जेरेद घाटी के पार जाओ।’ इसलिए हमने जेरेद घाटी को पार किया। 14 कादेशबर्ने को छोड़ने और जेरेदे घाटी को पार करने में अड़तीस वर्ष का समय बीता था। उस पीढ़ी के सभी योद्धा मर चुके थे। यहोवा ने कहा था कि ऐसा ही होगा। 15 यहोवा उन लोगों के विरुद्ध तब तक रहा जब तक वे सभी नष्ट न हो गए।
16 “जब सभी योद्धा मर गए और लोगों के बीच से सदा के लिए समाप्त हो गए। 17 तब यहोवा ने मुझसे कहा, 18 ‘आज तुम्हें आर नगर की सीमा से होकर जाना चाहिए। 19 जब तुम अम्मोनी लोगों के पास पहुँचो तो उन्हें तंग मत करना। उनसे लड़ना नहीं क्योंकि मैं तुम्हें उनकी भूमि नहीं दूँगा। क्यों? क्योंकि मैंने वह भूमि लूत के वंशजों को अपने पास रखने के लिए दी है।’”
20 (वह प्रदेश रपाई लोगों का देश भी कहा जाता है। वे ही लोग पहले वहाँ रहते थे। अम्मोनी के लोग उन्हें जमजुम्मी लोग कहते थे। 21 जमजुम्मी लोग बहुत शक्तिशाली थे और उनमें से बहुत से वहाँ थे। वे अनाकी लोगों की तरह लम्बे थे। किन्तु यहोवा ने जमजुम्मी लोगों को अम्मोनी लोगों के लिए नष्ट किया। अम्मोनी लोगों ने जमजुम्मी लोगों का प्रदेश ले लिया और अब वे वहाँ रहते थे। 22 परमेश्वर ने यही काम एसावी लोगों के लिए किया जो सेईर में रहते थे। उन्होंने वहाँ रहने वाले होरी लोगों को नष्ट किया। अब एसाव के लोग वहाँ रहते हैं जहाँ पहले होरी लोग रहते थे। 23 और कुछ लोग कप्तोर से आए और अव्वियों को उन्होंने नष्ट किया। अव्वी लोग अज्जा तक, नगरों में रहते थे किन्तु यहोवा ने अव्वियों को कप्तोरी लोगों के लिए नष्ट किया।)
एमोरी लोगों के विरुद्ध युद्ध करने का आदेश
24 “यहोवा ने मुझसे कहा, ‘यात्रा के लिए तैयार हो जाओ। अर्नोन नदी की घाटी से होकर जाओ। मैं तुम्हें हेशबोन के राजा एमोरी सीहोन पर विजय की शक्ति दे रहा हूँ। मैं तुम्हें उसका देश जीतने की शक्ति दे रहा हूँ। इसलिए उसके विरुद्ध लड़ो और उसके देश पर अधिकार करना आरम्भ करो। 25 आज मैं तुम्हें सारे संसार के लोगों को भयभीत करने वाला बनाना आरम्भ कर रहा हूँ। वे तुम्हारे बारे में सूचनाएँ पाएंगे और वे भय से काँप उठेंगे। जब वे तुम्हारे बारे में सोचेंगे तब वे घबरा जाएंगें।’
26 “कदेमोत की मरुभूमि से मैंने हेशबोन के राजा सिहोन के पास एक दूत को भेजा। दूत ने सीहोन के सामने शान्ति सन्धि रखी। उन्होंने कहा, 27 ‘अपने देश से होकर हमें जाने दो। हम लोग सड़क पर ठहरेंगे। हम लोग सड़क से दायें। या बाएं नहीं मुड़ेंगे। 28 हम जो भोजन करेंगे या जो पानी पीएंगे उसका मूल्य चाँदी मे चुकाएंगे। हम केवल तुम्हारे देश से यात्रा करना चाहते हैं। 29 अपने देश से होकर तुम हमें तब तक जाने दो जब तक हम यरदन नदी को पार कर उस देश में न पहुँचें जिसे यहोवा, हमारा परमेशवर, हमें दे रहा है। अन्य लोगों में सेईर में रहने वाले एसाव तथा आर में रहने वाले मोआबी लोगों ने अपने देश से हमें गुजरने दिया है।’
30 “किन्तु हेशबोन के राजा सीहोन ने, अपने देश से हमें गुजरने नहीं दिया। यहोवा, तुम्हारे परमेश्वर ने, उसे बहुत हठी बना दिया था। यहोवा ने यह इसलिए किया कि वह सीहोन को तुम्हारे अधिकार में दे सके और उसने अब यह कर दिया है।
31 “यहोवा ने मुझसे कहा, ‘मैं राजा सीहोन और उसके देश को तुम्हें दे रहा हूँ। भूमि लेना आरम्भ करो। यह तब तुम्हारी होगी।’
32 “तब राजा सीहोन और उसके सब लोग हमसे यहस में युद्ध करने बाहर निकले। 33 किन्तु हमारे परमेश्वर ने उसे हमें दे दिया। हमने उसे, उसके नगरों और उसके सभी लोगों को हराया। 34 हम लोगों ने उन सभी नगरों पर अधिकार कर लिया जो सीहोन के अधिकार में उस समय थे। हम लोगों ने हर एक नगर में लोगों—पुरूष, स्त्री तथा बच्चों को पूरी तरह नष्ट कर दिया। हम लोगों ने किसी को जीवित नहीं छोड़ा। 35 हम लोगों ने जिन नगरों को जीता उनसे केवल पशु और कीमती चीजें लीं। 36 हमने अरोएर नगर को जो अर्नोन की घाटी में है तथा उस घाटी के मध्य के अन्य नगर को भी हराया। यहोवा हमारे परमेश्वर ने हमें अर्नोन की घाटी और गिलाद के बीच के सभी नगरों को पराजित करने दिया। कोई नगर हम लोगों के लिए हमारी शक्ति से बाहर दृढ़ नहीं था। 37 किन्तु उस प्रदेश के निकट नहीं गए जो अम्मोनी लोगों का था। तुम यब्बोक नदी के तटों या पहाड़ी प्रदेश के नगरों के निकट नहीं गए। तुम ऐसी किसी जगह के निकट नहीं गए जिसे यहोवा, हमारा परमेश्वर हमें लेने देना नहीं चाहता था।
आसाप का एक स्तुति गीत।
1 हे परमेश्वर, तू मौन मत रह!
अपने कानों को बंद मत कर!
हे परमेश्वर, कृपा करके कुछ बोल।
2 हे परमेश्वर, तेरे शत्रु तेरे विरोध में कुचक्र रच रहे हैं।
तेरे शत्रु शीघ्र ही वार करेंगे।
3 वे तेरे भक्तों के विरूद्ध षड़यन्त्र रचते हैं।
तेरे शत्रु उन लोगों के विरोध में जो तुझको प्यारे हैं योजनाएँ बना रहे हैं।
4 वे शत्रु कह रहे हैं, “आओ, हम उन लोगों को पूरी तरह मिटा डाले,
फिर कोई भी व्यक्ति ‘इस्राएल’ का नाम याद नहीं करेगा।”
5 हे परमेश्वर, वे सभी लोग तेरे विरोध में और तेरे उस वाचा के विरोध में जो तूने हमसे किया है,
युद्ध करने के लिये एक जुट हो गए।
6-7 ये शत्रु हमसे युद्ध करने के लिये एक जुट हुए हैं: एदोमी, इश्माएली, मोआबी और हाजिरा की संताने, गबाली
और अम्मोनि, अमालेकी और पलिश्ती के लोग, और सूर के निवासी लोग।
ये सभी लोग हमसे युद्ध करने जुट आये।
8 यहाँ तक कि अश्शूरी भी उन लोगों से मिल गये।
उन्होंने लूत के वंशजों को अति बलशाली बनाया।
9 हे परमेश्वर, तू शत्रु वैसे हरा
जैसे तूने मिद्यानी लोगों, सिसरा, याबीन को किशोन नदी के पास हराया।
10 तूने उन्हें एन्दोर में हराया।
उनकी लाशें धरती पर पड़ी सड़ती रहीं।
11 हे परमेश्वर, तू शत्रुओं के सेनापति को वैसे पराजित कर जैसे तूने ओरेब और जायेब के साथ किया था,
कर जैसे तूने जेबह और सलमुन्ना के साथ किया।
12 हे परमेश्वर, वे लोग हमको धरती छोड़ने के लिये दबाना चाहते थे!
13 उन लोगों को तू उखड़े हुए पौधा सा बना जिसको पवन उड़ा ले जाती है।
उन लोगों को ऐसे बिखेर दे जैसे भूसे को आँधी बिखेर देती है।
14 शत्रु को ऐसे नष्ट कर जैसे वन को आग नष्ट कर देती है,
और जंगली आग पहाड़ों को जला डालती है।
15 हे परमेश्वर, उन लोगों का पीछा कर भगा दे, जैसे आँधी से धूल उड़ जाती है।
उनको कँपा और फूँक में उड़ा दे जैसे चक्रवात करता है।
16 हे परमेश्वर, उनको ऐसा पाठ पढ़ा दे, कि उनको अहसास हो जाये कि वे सचमुच दुर्बल हैं।
तभी वे तेरे काम को पूजना चाहेंगे!
17 हे परमेश्वर, उन लोगों को भयभीत कर दे
और सदा के लिये अपमानित करके उन्हें नष्ट कर दे।
18 वे लोग तभी जानेंगे कि तू परमेश्वर है।
तभी वे जानेंगे तेरा नाम यहोवा है।
तभी वे जानेंगे
तू ही सारे जगत का परम परमेश्वर है!
मित्तिथ की संगत पर संगीत निर्देशक के लिये कोरह वंशियों का एक स्तुति गीत।
1 सर्वशक्तिमान यहोवा, सचमुच तेरा मन्दिर कितना मनोहर है।
2 हे यहोवा, मैं तेरे मन्दिर में रहना चाहता हूँ।
मैं तेरी बाट जोहते थक गया हूँ!
मेरा अंग अंग जीवित यहोवा के संग होना चाहता है।
3 सर्वशक्तिमान यहोवा, मेरे राजा, मेरे परमेश्वर,
गौरेया और शूपाबेनी तक के अपने घोंसले होते हैं।
ये पक्षी तेरी वेदी के पास घोंसले बनाते हैं
और उन्हीं घोंसलों में उनके बच्चे होते हैं।
4 जो लोग तेरे मन्दिर में रहते हैं, अति प्रसन्न रहते हैं।
वे तो सदा ही तेरा गुण गाते हैं।
5 वे लोग अपने हृदय में गीतों के साथ जो तेरे मन्दिर मे आते हैं,
बहुत आनन्दित हैं।
6 वे प्रसन्न लोग बाका घाटी
जिसे परमेश्वर ने झरने सा बनाया है गुजरते हैं।
गर्मो की गिरती हुई वर्षा की बूँदे जल के सरोवर बनाती है।
7 लोग नगर नगर होते हुए सिय्योन पर्वत की यात्रा करते हैं
जहाँ वे अपने परमेश्वर से मिलेंगे।
8 सर्वशक्तिमान यहोवा परमेश्वर, मेरी प्रार्थना सुन!
याकूब के परमेश्वर तू मेरी सुन ले।
9 हे परमेश्वर, हमारे संरक्षक की रक्षा कर।
अपने चुने हुए राजा पर दयालु हो।
10 हे परमेश्वर, कहीं और हजार दिन ठहरने से
तेरे मन्दिर में एक दिन ठहरना उत्तम है।
दुष्ट लोगों के बीच वास करने से,
अपने परमेश्वर के मन्दिर के द्वार के पास खड़ा रहूँ यही उत्तम है।
11 यहोवा हमारा संरक्षक और हमारा तेजस्वी राजा है।
परमेश्वर हमें करूणा और महिमा के साथ आशीर्वद देता है।
जो लोग यहोवा का अनुसरण करते हैं
और उसकी आज्ञा का पालन करते हैं, उनको वह हर उत्तम वस्तु देता है।
12 सर्वशक्तिमान यहोवा, जो लोग तेरे भरोसे हैं वे सचमुच प्रसन्न हैं!
इस्राएल को परमेश्वर पर विश्वास रखना चाहिये, मिस्र पर नहीं
30 यहोवा ने कहा, “मेरे इन बच्चों को देखो, ये मेरी बात नहीं मानते। ये योजनाएँ बनाते हैं किन्तु मेरी सहायता नहीं लेना चाहते। ये दूसरी जातियों के साथ समझौता करते हैं जबकि मेरी आत्मा उन समझौतों को नहीं चाहती। ये लोग अपने सिर पर पाप का बोझ बढ़ाते चले आ रहे हैं। 2 ये बच्चे सहायता के लिये मिस्र की ओर चले जा रहे हैं, किन्तु ये मुझ से कुछ नहीं पूछते कि क्या ऐसा करना उचित है। उन्हें उम्मीद है कि फिरौन उन्हें बचा लेगा। वे चाहते हैं कि वे मिस्र उन्हें बचा ले।
3 “किन्तु मैं तुम्हें बताता हूँ कि मिस्र में शरण लेने से तुम्हारा बचाव नहीं होगा। मिस्र तुम्हारी रक्षा करने में समर्थ नहीं होगा। 4 तुम्हारे अगुआ सोअन में गये हैं और तुम्हारे राजदूत हानेस को चले गये हैं। 5 किन्तु उन्हें निराशा ही हाथ लगेगी। वे एक ऐसे राष्ट्र पर विश्वास कर रहे हैं जो उन्हें नहीं बचा पायेगी। मिस्र बेकार है, मिस्र कोई सहायता नहीं देगा। मिस्र के कारण उन्हें अपमानित और लज्जित होना पड़ेगा।”
यहूदा को परमेश्वर का सन्देश
6 दक्षिण के पशुओं के लिए दु:खद सन्देश:
नेगव विपत्तियों और खतरों से भरा एका देश है। यह प्रदेश सिंहों, नागों और उड़ने वाले साँपों से भरा पड़ा है। किन्तु कुछ लोग नेगव से होते हुए यात्रा कर रहे हैं—वे मिस्र की ओर जा रहे हैं। उन लोगों ने गधों की पीठों पर अपनी धन दौलत लादी हुई है। उन लोगों ने अपना खज़ाना ऊँटों की पीठों पर लाद रखा है अर्थात् ये लोग एक ऐसे देश पर भरोसा रखे हैं जो उन्हें नहीं बचा सकता। 7 मिस्र ही वह बेकार का देश है। मिस्र की सहायता बेकार है। इसलिये मैं मिस्र को एक ऐसा रहाब कहता हूँ जो निठल्ला पड़ा रहता है।
8 अब इसे एक चिन्ह पर लिख दो ताकि सभी लोग इसे देख सकें। इसे एक पुस्तक में लिख दो। इन्हे अन्तिम दिनों के लिये लिख दो। ये बातें सुदूर भविष्य के साक्षी होंगी:
9 ये लोग उन बच्चों के जैसे हैं जो अपने माता—पिता की बात नहीं मानते। वे झूठे हैं और यहोवा की शिक्षाओं को सुनना तक नहीं चाहते। 10 वे नबियों से कहा करते हैं, “हमें जो करना चाहिये, उनके बारे में दर्शन मत किया करो! हमें सच्चाई मत बताओ! हमसे ऐसी अच्छी अच्छी बातें कहो, जो हमें अच्छी लगे! हमारे लिये केवल अच्छी बातें ही देखो। 11 जो बातें सचमुच घटने को हैं, उन्हें देखना बन्द करो! हमारे रास्ते से हट जाओ! इस्राएल के उस पवित्र परमेश्वर के बारे में हमें बताना बन्द करो।”
यहूदा की सहायता केवल परमेश्वर से आती है
12 इस्राएल का पवित्र (परमेश्वर) कहता है, “तुम लोगों ने यहोवा से इस सन्देश को स्वीकार करने से मना कर दिया है। तुम लोग सहायता के लिये लड़ाई—झगड़ों और झूठ पर निर्भर रहना चाहते हो। 13 तुम क्योंकि इन बातों के लिए अपराधी हो, इसलिए तुम एक ऐसी ऊँची दीवार के समान हो जिसमें दरारें आ चुकी हैं। वह दीवार ढह जायेगी और छोटे—छोटे टुकड़ों में टूट कर ढेर हो जायेगी। 14 तुम मिट्टी के उस बड़े बर्तन के समान हो जाओगे जो टूट कर छोटे—छोटे टुकड़ों में बिखर जाता है। ये टुकड़ें बेकार होते हैं। इन टुकड़ों से तुम न तो आग से जलता कोयला ही उठा सकते हो और न ही किसी जोहड़ से पानी।”
15 इस्राएल का वह पवित्र, मेरा स्वामी यहोवा कहता है, “यदि तुम मेरी ओर लौट आओ तो तुम बच जाओगे। यदि तुम मुझ पर भरोसा रखोगे तभी तुम्हें तुम्हारा बल प्राप्त होगा किन्तु तुम्हें शांत रहना होगा।”
किन्तु तुम तो वैसा करना ही नहीं चाहते! 16 तुम कहते हो, “नहीं, हमें घोड़ों की आवश्यकता है जिन पर चढ़ कर हम दूर भाग जायें!” यह सच है—तुम घोड़ों पर चढ़ कर दूर भाग जाओगे किन्तु शत्रु तुम्हारा पीछा करेगा और वह तुम्हारे घोड़ों से अधिक तेज़ होगा। 17 एक शत्रु ललकारेगा और तुम्हारे हज़ारों लोग भाग खड़े होंगे। पाँच शत्रु ललकारेंगे और तुम्हारे सभी लोग उनके सामने से भाग जायेंगे। वहाँ तुम ऐसे ही अकेले बचे रह जाओगे, जैसे पहाड़ी पर लगा तुम्हारे झण्डे का डण्डा।
परमेश्वर अपने लोगों की सहायता करेगा
18 यहोवा तुम पर अपनी करुणा दर्शाना चाहता है। यहोवा बाट जोह रहा है। यहोवा तुम्हें सुख चैन देने के लिए तैयार खड़ा है। यहोवा खरा परमेश्वर है और हर वह व्यक्ति जो यहोवा की सहायता की प्रतीक्षा में है, धन्य (आनन्दित) होगा।
19 हाँ, हे सिय्योन पर्वत पर रहने वालो, हे यरूशलेम के निवासियों, तुम लोग रोते बिलखते नहीं रहोगे। यहोवा तुम्हारे रोने को सुनेगा और वह तुम पर दया करेगा। यहोवा तुम्हारी सुनेगा और वह तुम्हारी सहायता करेगा।
20 यद्यपि मेरा यहोवा परमेश्वर तुम्हें दु:ख और कष्ट दे सकता है ऐसे ही जैसे मानों वह ऐसा रोटी—पानी हो, जिसे तुम हर दिन खाते—पीते हो। किन्तु वास्तव में परमेश्वर तो तुम्हारा शिक्षक है, और वह तुमसे छिपा नहीं रहेगा। तुम स्वयं अपनी आँखों से अपने उस शिक्षक को देखोगे। 21 तब यदि तुम बुरे काम करोगे और बुरा जीवन जीओगे (दाहिनी ओर अथवा बायीं ओर) तो तुम अपने पीछे एक आवाज़ को कहते सुनोगे, “खरी राह यह है। तुझे इसी राह में चलना है।”
22 तुम्हारे पास चाँदी सोने से मढ़े मूर्ति हैं। उन झूठे देवों ने तुमको बुरा (पापपूर्ण) बना दिया है। लेकिन तुम उन झूठे देवों की सेवा करना छोड़ दोगे। तुम उन देवों को कूड़े कचरे और मैले चिथड़ों के समान दूर फेंक दोगे।
23 उस समय, यहोवा तुम्हारे लिये वर्षा भेजेगा। तुम खेतों में बीज बोओगे, और धरती तुम्हारे लिये भोजन उपजायेगी। तुम्हें भरपूर उपज मिलेगा। तुम्हारे पशुओं के लिए खेतों में भरपूर चारा होगा। तुम्हारे पशुओं के लिये वहाँ बड़ी—बड़ी चरागाहें होंगी। 24 तुम्हारे मवेशियों और तुम्हारे गधों को जैसे चारे की आवश्यकता होगी, वह सब उन्हें मिलेगा। खाने की इतनी बहुतायत होगी कि तुम्हें अपने पशुओं के खाने के लिए भी फावड़ों और पंजों से चारा को फैलाना होगा। 25 हर पर्वत और पहाड़ियों पर पानी से भरी जलधाराएँ होंगी। ये बातें तब घटेंगी जब बहुत से लोग मर चुकेंगे और मीनारें ढह चुकेंगी।
26 उस समय चाँद की चाँदनी सूरज की धूप सी उजली हो जायेगी। सूर्य का प्रकाश आज से सात गुणा अधिक उज्ज्वल हो जायेगा। सूर्य एक दिन में उतना प्रकाश देने लगेगा जितना वह पूरे सप्ताह में देता है। ये बातें उस समय घटेंगी जब यहोवा अपनी टूटे लोगों की मरहम पट्टी करेगा और सजा के कारण जो चोटें उन्हें आई हैं, उन्हें अच्छा करेगा।
27 देखो! दूर से यहोवा का नाम आ रहा है। उसका क्रोध एक ऐसी अग्नि के समान है जो धुएँ के काले बादलों से युक्त है। यहोवा का मुख क्रोध से भरा हुआ है। उसकी जीभ एक जलती हुई लपट जैसी है। 28 यहोवा की साँस (आत्मा) एक ऐसी विशाल नदी के समान है जो तब तक चढ़ती रहती है, जब तक वह गले तक नहीं पहुँच जाती। यहोवा सभी राष्ट्रों का न्याय करेगा। यह वैसा ही होगा जैसे वह उन्हें विनाश की छलनी से छान डाले। यहोवा उनका नियन्त्रण करेगा। यह नियन्त्रण वैसा ही होगा, जैसे पशु पर नियन्त्रण पाने के लिए लगाम लगायी जाती है। वह उन्हें उनके विनाश की ओर ले जाएगा।
29 उस समय, तुम खुशी के गीत गाओगे। वह समय उन रातों के जैसा होगा जब तुम अपने उत्सव मनाना शुरु करते हो। तुम उन व्यक्तियों के समान प्रसन्न होओगे जो इस्राएल की चट्टान यहोवा के पर्वत पर जाते समय बांसुरी को सुनते हुए प्रसन्न होते हैं।
30 यहोवा सभी लोगों को अपनी महान वाणी सुनने को विवश करेगा। यहोवा लोगों को क्रोध के साथ नीचे आती हुई अपनी शक्तिशाली भुजा देखने को विवश करेगा। यह भुजा उस महा अग्नि के समान होगी जो सब कुछ भस्म कर डालती है। यहोवा की शक्ति उस आंधी के जैसी होगी जो तेज़ वर्षा और ओलों के साथ आती है। 31 अश्शूर जब यहोवा की आवाज़ सुनेगा तो वह डर जायेगा। यहोवा लाठी से अश्शूर पर वार करेगा। 32 यहोवा अश्शूर को पीटेगा और यह पिटाई ऐसी होगी जैसे कोई नगाड़ों और वीणाओं पर संगीत बजा रहा हो। यहोवा अपने शक्तिशाली भुजा (शक्ति) से अश्शूर को पराजित करेगा।
33 तोपेत को बहुत पहले से ही तैयार कर लिया गया है। राजा के लिये यह तैयार है। यह भट्टी बहुत गहरी और बहुत चौड़ी बनायी गयी है। वहाँ लकड़ी का एक बहुत बड़ा ढेर और आग मौजूद है। यहोवा की आत्मा जलती हुई गंधक की नदी के रुप में आयेगी और इसे भस्म कर के नष्ट कर देगी।
1 यीशु मसीह के सेवक और याकूब के भाई यहूदा की ओर से तुम लोगों के नाम जो परमेश्वर के प्रिय तथा यीशु मसीह के लिए सुरक्षित तथा परमेश्वर द्वारा बुलाए गए हैं।
2 तुम्हें दया, शांति और प्रेम बहुतायत से प्राप्त होता रहे।
पापी दण्ड पायेंगे
3 प्रिय मित्रो, यद्यपि मैं बहुत चाहता था कि तुम्हें उस उद्धार के विषय में लिखूँ, जिसके हम भागीदार हैं। मैंने तुम्हें लिखने की और तुम्हें प्रोत्साहित करने की आवश्यकता अनुभव की ताकि तुम उस विश्वास के लिए संघर्ष करते रहो जिसे परमेश्वर ने संत जनों को सदा-सदा के लिए दे दिया है। 4 क्योंकि हमारे समूह में कुछ लोग चोरी से आ घुसे हैं। इन लोगों के दण्ड के विषय में शास्त्रों ने बहुत पहले ही भविष्यवाणी कर दी थी। ये लोग परमेश्वर विहीन हैं। इन लोगों ने परमेश्वर के अनुग्रह को भोग-विलास का एक बहाना बना डाला है तथा ये हमारे प्रभु तथा एकमात्र स्वामी यीशु मसीह को नहीं मानते।
5 मैं तुम्हें स्मरण कराना चाहता हूँ (यद्यपि तुम तो इन सब बातों को जानते ही हो) कि जिस प्रभु ने पहले अपने लोगों को मिस्र की धरती से बचाकर निकाल लिया था, बाद में जिन्होंने विश्वास को नकार दिया, उन्हें किस प्रकार नष्ट कर दिया गया।[a] 6 मैं तुम्हें यह भी याद दिलाना चाहता हूँ कि जो दूत अपनी प्रभु सत्ता को बनाए नहीं रख सके, बल्कि जिन्होंने अपने निजी निवास को उस भीषण दिन के न्याय के लिए अंधकार में जो सदा के लिए हैं बन्धनों मे रखा है। 7 इसी प्रकार मैं तुम्हें यह भी याद दिलाना चाहता हूँ कि सदोम और अमोरा तथा आस-पास के नगरों ने इन दूतों के समान ही यौन अनाचार किया तथा अप्राकृतिक यौन सम्बन्धों के पीछे दौड़ते रहे। उन्हें कभी नहीं बुझने वाली अग्नि में झोंक देने का दण्ड दिया गया। वे हमारे लिए उदाहरण के रूप में स्थित हैं।
8 ठीक इसी प्रकार हमारे समूह में घुस आने वाले ये लोग अपने स्वप्नों के पीछे दौड़ते हुए अपने शरीरों को विकृत कर रहे हैं। ये प्रभु के सामर्थ्य को उठाकर ताक पर रख छोड़ते है तथा महिमावान स्वर्गदूतों के विरोध में बोलते हैं। 9 प्रमुख स्वर्गदूत मीकाईल जब शैतान के साथ विवाद करते हुए मूसा के शव के बारे में बहस कर रहा था तो वह उसके विरुद्ध अपमानजनक आक्षेपों के प्रयोग का साहस नहीं कर सका। उसने मात्र इतना कहा, “प्रभु तुझे डाँटे-फटकारे।”
10 किन्तु ये लोग तो उन बातों की आलोचना करते हैं, जिन्हें ये समझते ही नहीं और ये लोग बुद्धिहीन पशुओं के समान जिन बातों से सहज रूप से परिचित हैं, वे बातें वे ही हैं जिनसे उनका नाश होने को है। 11 उन लोगों के लिए यह बहुत बुरा है कि उन्होंने कैन का सा वही मार्ग चुना। धन कमाने के लिए उन्होंने अपने आपको वैसे ही गलती के हवाले कर दिया जैसे बिलाम ने किया था। सो वे ही नष्ट हो जायेंगे जैसे कोरह के विद्रोह में भाग लेने वाले नष्ट कर दिए गए थे।
12 ये लोग तुम्हारे प्रीति-भोजों में उन छुपी हुई चट्टानों के समान हैं जो घातक हैं। ये लोग निर्भयता के साथ तुम्हारे संग खाते-पीते हैं किन्तु उन्हें केवल अपने स्वार्थ की ही चिंता रहती है। वे बिना जल के बादल हैं। वे पतझड़ के ऐसे पेड़ हैं जिन पर फल नहीं होता। वे दोहरे मरे हुए हैं। उन्हें उखाड़ा जा चुका है। 13 वे समुद्र की ऐसी भयानक लहरें हैं, जो अपने लज्जापूर्ण कार्यों का झाग उगलती रहती हैं। वे इधर-उधर भटकते ऐसे तारे हैं जिनके लिए अनन्त गहन अंधकार सुनिश्चित कर दिया गया है।
14 आदम से सातवीं पीढ़ी के हनोक ने भी इन लोगों के लिए इन शब्दों में भविष्यवाणी की थी: “देखो वह प्रभु अपने हज़ारों-हज़ार स्वर्गदूतों के साथ 15 सब लोगों का न्याय करने के लिए आ रहा है। ताकि लोगों ने जो बुरे काम किए हैं, उन्हें उनके लिए और उन्होंने जो परमेश्वर के विरुद्ध बुरे वचन बोले हैं, उनके लिए दण्ड दे।”
16 ये लोग चुगलखोर हैं और दोष ढूँढने वाले हैं। ये अपनी इच्छाओं के दास हैं तथा अपने मुँह से अहंकारपूर्ण बातें बोलते हैं। अपने लाभ के लिए ये दूसरों की चापलूसी करते हैं।
जतन करते रहने के लिए चेतावनी
17 किन्तु प्यारे मित्रो, उन शब्दों को याद रखो जो हमारे प्रभु यीशु मसीह के प्रेरितों द्वारा पहले ही कहे जा चुके हैं। 18 वे तुमसे कहा करते थे कि “अंत समय में ऐसे लोग होंगे जो परमेश्वर से जो कुछ संबंधित होगा उसकी हँसी उड़ाया करेंगे।” तथा वे अपवित्र इच्छाओं के पीछे-पीछे चला करेंगे। 19 ये लोग वे ही हैं जो फूट डलवाते हैं।
20 ये लोग अपनी प्राकृतिक इच्छाओं के दास हैं। इनकी आत्मा नहीं हैं। किन्तु प्रिय मित्रों तुम एक दूसरे को आध्यात्मिक रूप से अपने अति पवित्र विश्वास में सुदृढ़ करते रहो। पवित्र आत्मा के साथ प्रार्थना करो। 21 हमारे प्रभु यीशु मसीह की करुणा की बाट जोहते हुए जो तुम्हें अनन्त जीवन तक ले जाएगी परमेश्वर की भक्ति में लीन रहो।
22 जो डावाँडोल हैं उन पर दया करो। 23 दूसरों को आगे बढ़कर आग में से निकाल लो। किन्तु दया दिखाते समय सावधान रहो तथा उनके उन वस्त्रों तक से घृणा करो जिन पर उनके पापपूर्ण स्वभाव के धब्बे लगे हुए हैं।
परमेश्वर की स्तुति
24 अब उसके प्रति जो तुम्हें गिरने से बचा सकता है तथा उसकी महिमापूर्ण उपस्थिति में तुम्हें महान आनन्द के साथ निर्दोष करके प्रस्तुत कर सकता है। 25 हमारे प्रभु यीशु मसीह के द्वारा हमारे उद्धारकर्ता उस एकमात्र परमेश्वर की महिमा, वैभव, पराक्रम और अधिकार सदा-सदा से अब तक और युग-युगांतर तक बना रहें। आमीन!
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