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कालेब के वंशज
18 कालेब हेस्रोन का पुत्र था। कालेब की पत्नी अजूबा से सन्ताने हुईं। अजूबा यरीओत[a] की पुत्री थी। अजूबा के पुत्र येशेर शोबाब, और अर्दोन थे। 19 जब अजूबा मरी, कालेब ने एप्रात से विवाह किया। कालेब और एप्रात का एक पुत्र था। उन्होंने उसका नाम हूर रखा। 20 हूर ऊरी का पिता था। ऊरी बसलेल का पिता था।
21 बाद में, जब हेस्रोन साठ वर्ष का हो गया, उसने माकीर की पुत्री से विवाह किया। माकीर गिलाद का पिता था। हेस्रोन ने माकीर की पुत्री के साथ शारीरिक सम्बन्ध किया और उसने सगूब को जन्म दिया। 22 सगूब याईर का पिता था। याईर के पास गिलाद देश में तेईस नगर थे। 23 किन्तु गशूर और अराम ने याईर के गाँवों को ले लिया। उनके बीच कनत और इसके चारों ओर के छोटे नगर थे। सब मिलाकर साठ छोटे नगर थे। ये सभी नगर गिलाद के पिता माकीर, के पुत्रों के थे।
24 हेस्रोन, एप्राता के कालेब नगर में मरा। जब वह मर गया, उसकी पत्नी अबिय्याह ने उसके पुत्र को जन्म दिया। पुत्र का नाम अशहूर था। अशूहर तको का पिता था।
यरहोल के वंशज
25 यरहोल हेस्रोन का प्रथम पुत्र था। यरहोल के पुत्र राम, बूना, ओरेन, ओसेम, और अहिय्याह थे। राम यरहोल का प्रथम पुत्र था। 26 यरहोल की दूसरी पत्नी अतारा थी। अतारा ओनाम की माँ थी।
27 यरहोल के प्रथम पुत्र, राम के पुत्र मास, यामीन और एकेर थे।
28 ओनाम के पुत्र शम्मै और यादा थे। शम्मै के पुत्र नादाब और अबीशूर थे।
29 अबीशूर की पत्नी का नाम अबीहैल था। उनके दो पुत्र थे। उनके नाम अहबान और मोलीद थे।
30 नादाब के पुत्र सेलेद और अप्पैम थे। सेलेद बिना सन्तान मरा।
31 अप्पैम का पुत्र यिशी था। यिशी का पुत्र शेशान था। शेशान का पुत्र अहलै था।
32 यादा शम्मै का भाई था। याद के पुत्र येतेर और योनातान थे। येतेर बिना सन्तान मरा।
33 योनातान के पुत्र पेलेत और जाजा थे। यह यरहोल की सन्तानों की सूची थी।
34 शेशान के पुत्र नहीं थे। उसे केवल पुत्रियाँ थीं। शेशान के पास यर्हा नामक एक मिस्री सेवक था। 35 शेशान ने अपनी पुत्री का विवाह यर्हा के साथ होने दिया। उनका एक पुत्र था। इसका नाम अत्तै था।
36 अत्तै, नातान का पिता था। नातान जाबाद का पिता था। 37 जाबाद एपलाल का पिता था। एपलाल ओबेद का पिता था। 38 ओबेद येहू का पिता था। येहू अजर्याह का पिता था। 39 अजर्याह हेलैस का पिता था। हेलैस एलासा का पिता था। 40 एलासा सिस्मै का पिता था। सिस्मै शल्लूम का पिता था। 41 शल्लूम यकम्याह का पिता था और यकम्याह एलीशामा का पिता था।
कालेब का परिवार
42 कालेब यरहोल का भाई था। कालेब के कुछ पुत्र थे। उसका पहला पुत्र मेशा था। मेशा जीप का पिता था। मारेशा हेब्रोन का पिता था।
43 हेब्रोन के पुत्र कोरह, तप्पूह, रेकेम और शेमा थे। 44 शेमा, रहम का पिता था। रहम योर्काम का पिता था। 45 शम्मै का पुत्र माओन था। माओन बेत्सूर का पिता था। रेकेम शम्मै का पिता था।
46 कालेब की रखैल का नाम एपा था। एपा हारान, मोसा और गाज़ेज की माँ थी। हारान, गाज़ेज का पिता था।
47 याहदै के पुत्र रेगेम, योताम, गेशान, पेलेत, एपा और शाप थे।
48 माका, कालेब की दूसरी रखैल थी। माका, शेबेर और तिर्हाना की माँ थी। 49 माका, शाप और शबा की भी माँ थी। शाप मदमन्ना का पिता था। शबा, मकबेना और गिबा का पिता था। कालेब की पुत्री अकसा थी।
50 यह कालेब वंशजों की सूची हैः हूर कालेब का प्रथम पुत्र था। वह एप्राता से पैदा हुआ था। हूर के पुत्र शोबाल जो किर्यत्यारीम का संस्थापक था, 51 सल्मा, जो बेतलेहेम का संस्थापक था और हारेप बेतगादेर का संस्थापक था।
52 शोबाल किर्यत्यारीम का संस्थापक था। यह शोबाल के वंशजों की सूची हैः हारोए, मनुहोत के आधे लोगः 53 और किर्यत्यारीम के परिवार समूह। ये यित्री, पुत्री, शूमाती और मिश्राई लोग हैं। सोराई और एश्ताओली लोग मिश्राई लोगों से निकले।
54 यह सल्मा के वंशजों की सूची हैः बेतलेहेम के लोग, नतोपाई अत्रोत, बेत्योआब, मानहत के आधे लोग, सोरी लोग, 55 और उन शास्त्रियों के परिवार जो याबेस, तिराती, शिमाती और सूकाती में रहते थे। ये शास्त्री, वे कनानी लोग हैं जो हम्मत से आए। हम्मत बेतरेकाब का संस्थापक था।
दाऊद के पुत्र
3 दाऊद के कुछ पुत्र हेब्रोन नगर में पैदा हुए थे। दाऊद के पुत्रों की यह सूची हैः
दाऊद का प्रथम पुत्र अम्मोन था। अम्मोन की माँ अहीनोअम थी। वह यिज्रेली नगर की थी।
दूसार पुत्र दानिय्येल था। उसकी माँ अबीगैल कर्मेल (यहूदा में) की थी।
2 तीसरा पुत्र अबशालोम था। उसकी माँ तल्मै की पुत्री माका थी। तल्मैं गशूर का राजा था।
चौथा पुत्र ओदानिय्याह था। उसकी माँ हग्गीत थी।
3 पाँचवाँ पुत्र शपत्याह था। उसकी माँ अबीतल थी।
छठा पुत्र यित्राम था। उसकी माँ दाऊद की पत्नी एग्ला थी।
4 हेब्रोन में दाऊद के ये छः पुत्र पैदा हुए थे।
दाऊद ने वहाँ सात वर्ष छः महीने शासन किया। दाऊद, यरूशलेम तैंतीस वर्ष राजा रहा। 5 दाऊद के यरूशलेम में पैदा हुए पुत्र ये हैः
चार बच्चे बतशेबा से पैदा हुए। अम्मीएल की पुत्री थी, शिमा, शोबाब, नातान और सुलैमान। 6-8 अन्य नौ बच्चे ये थेः यिभार, एलीशामा, एलीपेलेत, नेगाह, नेपेग, यापी, एलीशामा, एल्यादा और एलीपेलेत। 9 वे सभी दाऊद के पुत्र थे। दाऊद के अन्य पुत्र रखैलों से थे। तामार दाऊद की पुत्री[b] थी।
दाऊद के समय के बाद के यहूदा के राजा
10 सुलैमानका पुत्र रहबाम था और रहबाम का पुत्र अबिय्याह था। अबिय्याह का पुत्र आसा था। आसा का पुत्र यहोशापात था। 11 यहोशापात का पुत्र योराम था। योरामा का पुत्र अहज्याह था। अहज्याह का पुत्र योआश था। 12 योआश का पुत्र अमस्याह था। अमस्याह का पुत्र अजर्याह था। अजर्याह का पुत्र्र योताम था। 13 योताम का पुत्र आहाज़ था। आहाज का पुत्र हिजकिय्याह था। हिजकिय्याह का पुत्र मनश्शे था। 14 मनशशे का पुत्र आमोन था। आमोन का पुत्र योशिय्याह था।
15 योशिय्याह के पुत्रों की सूची यह हैः प्रथम पुत्र योहानान था। दूसरा पुत्र यहोयाकीम था। तीसरा पुत्र सिदकिय्याह था। चौथा पुत्र शल्लूम था।
16 यहोयाकीम के पुत्र यकोन्याह और उसका पुत्र सिदकिय्याह[c] थे।
बाबुल द्वारा यहूदा को पराजित करने के बाद दाऊद का वंश क्रम
17 यकोन्याह के बाबुल में बन्दी होने के बाद यकोन्याह के पुत्रों की यह सूची है। उसकी सन्तानें ये थीं: शालतीएल, 18 मल्कीराम, पदयाह, शेनस्सर, यकम्याह, होशामा, और नदब्याह
19 पदायाह के पुत्र जरूब्बाबेल और शिमी थे। जरुब्बाबेल के पुत्र मशुल्लाम और हनन्याह थे। शलोमीत उनकी बहन थी। 20 जरुब्बाबेल के अन्य पाँच पुत्र भी थे। उनके नाम हशूबा, ओहेल, बेरेक्याह, हसद्याह, और यूशमेसेद था।
21 हनन्याह का पुत्र पलत्याह था और पलत्याह का पुत्र यशायाह था। यशायाह का पुत्र रपायाह था और रपायाह का पुत्र अर्नान था। अर्नान का पुत्र ओबद्याह था और ओबद्याह का पुत्र शकन्याह था।
22 यह सूची तकन्याह के वंशजों शमायाह की हैः शमायाह के छः पुत्र थे, शमायाह, हत्तूश और यिगाल, बारीह, नार्याह और शपात।
23 नार्याह के तीन पुत्र थे। वे एल्योएनै, हिजकिय्याह और अज्रीकाम थे।
24 एल्योएनै के सात पुत्र थे। वे होदब्याह, एल्याशीब, पलायाह, अककूब, योहानान, दलायाह और अनानी थे।
यहूदा के अन्य परिवार समूह
4 यह यहूदा के पुत्रों की सूची हैः
वे पेरेस, हेस्रोन, कर्मी, हूर और शोबाल थे।
2 शोबाल का पुत्र रायाह था। रायाह यहत का पिता था। यहत, अहूमै और लहद का पिता था। सोराई लोग अहुमै और लहद के वंशज हैं।
3 एताम के पुत्र यिज्रेल यिश्मा, और यिद्वाश थे और उनकी एक बहन हस्सलेलपोनी नाम की थी।
4 पनूएल गदोर का पिता था और एजेर रूशा का पिता था।
हूर के ये पुत्र थेः हूर एप्राता का प्रथम पुत्र था और एप्राता बेतलेहेम का संस्थापक था।
यहूदियों द्वारा पौलुस पर अभियोग
24 पाँच दिन बाद महायाजक हनन्याह कुछ बुजुर्ग यहूदी नेताओं और तिरतुल्लुस नाम के एक वकील को साथ लेकर कैसरिया आया। वे राज्यपाल के सामने पौलुस पर अभियोग सिद्ध करने आये थे। 2 फेलिक्स के सामने पौलुस की पेशी होने पर मुकदमे की कार्यवाही आरम्भ करते हुए तिरतुल्लुस बोला, “हे महोदय, तुम्हारे कारण हम बड़ी शांति के साथ रह रहे हैं और तुम्हारी दूर-दृष्टि से देश में बहुत से अपेक्षित सुधार आये हैं। 3 हे सर्वश्रेष्ट फेलिक्स, हम बड़ी कृतज्ञता के साथ इसे हर प्रकार से हर कहीं स्वीकार करते हैं। 4 तुम्हारा और अधिक समय न लेते हुए, मेरी प्रार्थना है कि कृपया आप संक्षेप में हमें सुन लें। 5 बात यह है कि इस व्यक्ति को हमने एक उत्पाती के रूप में पाया है। सारी दुनिया केयहूदियों में इसनेदंगे भड़कवाए हैं। यह नासरियों के पंथ का नेता है। 6-8 इसने मन्दिर को भी अपवित्र करने का जतन किया है। हमने इसे इसीलिए पकड़ा है। हम इस पर जो आरोप लगा रहे हैं,[a] उनसबको आप स्वयं इससे पूछताछ करके जान सकते हो।” 9 इस अभियोग में यहूदी भी शामिल हो गये। वे दृढ़ता के साथ कह रहे थे कि ये सब बातें सच हैं।
पौलुस का अपने आपको फेलिक्स के सामने बचाव करना
10 फिर राज्यपाल ने जब पौलुस को बोलने के लिये इशारा किया तो उसने उत्तर देते हुए कहा, “तू बहुत दिनों से इस देश का न्यायाधीश है। यह जानते हुए मैं प्रसन्नता के साथ अपना बचाव प्रस्तुत कर रहा हूँ। 11 तू स्वयं यह जान सकता है कि अभी आराधना के लिए मुझे यरूशलेम गये बस बारह दिन बीते हैं। 12 वहाँ मन्दिर में मुझे न तो किसी के साथ बहस करते पाया गया है और न ही आराधनालयों या नगर में कहीं और लोगों को दंगों के लिए भड़काते हुए 13 और अब तेरे सामने जिन अभियोगों को ये मुझ पर लगा रहे हैं उन्हें प्रमाणित नहीं कर सकते हैं।
14 “किन्तु मैं तेरे सामने यह स्वीकार करता हूँ कि मैं अपने पूर्वजों के परमेश्वर की आराधना अपने पंथ के अनुसार करता हूँ, जिसे ये एक पंथ कहते हैं। मैं हर उस बात में विश्वास करता हूँ जिसे व्यवस्था बताती है और जो नबियों के ग्रन्थों में लिखी है। 15 और मैं परमेश्वर में वैसे ही भरोसा रखता हूँ जैसे स्वयं ये लोग रखते हैं कि धर्मियों और अधर्मियों दोनों का ही पुनरुत्थान होगा। 16 इसीलिये मैं भी परमेश्वर और लोगों के समक्ष सदा अपनी अन्तरात्मा को शुद्ध बनाये रखने के लिए प्रयत्न करता रहता हूँ।
17-18 “बरसों तक दूर रहने के बाद मैं अपने दीन जनों के लिये उपहार ले कर भेंट चढ़ाने आया था। और जब मैं यह कर ही रहा था उन्होंने मुझे मन्दिर में पाया, तब मैं विधि-विधान पूर्वक शुद्ध था। न वहाँ कोई भीड़ थी और न कोई अशांति। 19 एशिया से आये कुछ यहूदी वहाँ मौजूद थे। यदि मेरे विरुद्ध उनके पास कुछ है तो उन्हें तेरे सामने उपस्थित हो कर मुझ पर आरोप लगाने चाहियें। 20 या ये लोग जो यहाँ हैं वे बतायें कि जब मैं यहूदी महासभा के सामने खड़ा था, तब उन्होंने मुझ में क्या खोट पाया। 21 सिवाय इसके कि जब मैं उनके बीच में खड़ा था तब मैंने ऊँचे स्वर में कहा था, ‘मरे, हुओं में से जी उठने के विषय में आज तुम्हारे द्वारा मेरा न्याय किया जा रहा है।’”
22 फिर फेलिक्स, जो इस-पंथ की पूरी जानकारी रखता था, मुकदमे की सुनवाई को स्थगित करते हुए बोला, “जब सेनानायक लुसिआस आयेगा, मैं तभी तुम्हारे इस मुकदमे पर अपना निर्णय दूँगा।” 23 फिर उसने सूबेदार को आज्ञा दी कि थोड़ी छूट देकर पौलुस को पहरे के भीतर रखा जाये और उसके मित्रों को उसकी आवश्यकताएँ पूरी करने से न रोका जाये।
पौलुस की फेलिक्स और उसकी पत्नी से बातचीत
24 कुछ दिनों बाद फेलिक्स अपनी पत्नी द्रुसिल्ला के साथ वहाँ आया। वह एक यहूदी महिला थी। फेलिक्स ने पौलुस को बुलवा भेजा और यीशु मसीह में विश्वास के विषय में उससे सुना। 25 किन्तु जब पौलुस नेकी, आत्मसंयम और आने वाले न्याय के विषय में बोल रहा था तो फेलिक्स डर गया और बोला, “इस समय तू चला जा, अवसर मिलने पर मैं तुझे फिर बुलवाऊँगा।” 26 उसी समय उसे यह आशा भी थी कि पौलुस उसे कुछ धन देगा इसीलिए फेलिक्स पौलुस को बातचीत के लिए प्राय: बुलवा भेजता था।
27 दो साल ऐसे बीत जाने के बाद फेलिक्स का स्थान पुरुखियुस फेस्तुस ने ग्रहण कर लिया। क्योंकि फेलिक्स यहूदियों को प्रसन्न रखना चाहता था इसीलिये उसने पौलुस को बंदीगृह में ही रहने दिया।
तारवाद्यों वाले संगीत निर्देशक के लिये दाऊद का एक गीत।
1 मेरे उत्तम परमेश्वर,
जब मैं तुझे पुकारुँ, मुझे उत्तर दे।
मेरी विनती को सुन और मुझ पर कृपा कर।
जब कभी विपत्तियाँ मुझको घेरें तू मुझ को छुड़ा ले।
2 अरे लोगों, कब तक तुम मेरे बारे में अपशब्द कहोगे?
तुम लोग मेरे बारे में कहने के लिये नये झूठ ढूँढते रहते हो।
उन झूठों को कहने से तुम लोग प्रीति रखते हो।
3 तुम जानते हो कि अपने नेक जनों की यहोवा सुनता है!
जब भी मैं यहोवा को पुकारता हूँ, वह मेरी पुकार को सुनता है।
4 यदि कोई वस्तु तुझे झमेले में डाले, तू क्रोध कर सकता है, किन्तु पाप कभी मत करना।
जब तू अपने बिस्तर में जाये तो सोने से पहले उन बातों पर विचार कर और चुप रह।
5 समुचित बलियाँ परमेश्वर को अर्पित कर
और तू यहोवा पर भरोसा बनाये रख।
6 बहुत से लोग कहते हैं, “परमेश्वर की नेकी हमें कौन दिखायेगा?
हे यहोवा, अपने प्रकाशमान मुख का प्रकाश मुझ पर चमका।”
7 हे यहोवा, तुने मुझे बहुत प्रसन्न बना दिया। कटनी के समय भरपूर फसल और दाखमधु पाकर जब हम आन्नद और उल्लास मनाते हैं उससे भी कहीं अधिक प्रसन्न मैं अब हूँ।
8 मैं बिस्तर में जाता हूँ और शांति से सोता हूँ।
क्योंकि यहोवा, तू ही मुझको सुरक्षित सोने को लिटाता है।
16 उपहार देने वाले का मार्ग उपहार खोलता है और उसे महापुरुषों के सामने पहुँचा देता।
17 पहले जो बोलता है ठीक ही लगता है किन्तु बस तब तक ही जब तक दूसरा उससे प्रश्न नहीं करता है।
18 यदि दो शक्तिशाली आपस में झगड़ते हों, उत्तम हैं कि उनके झगड़े को पासे फेंक कर निपटाना।
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