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Chronological

Read the Bible in the chronological order in which its stories and events occurred.
Duration: 365 days
New Chhattisgarhi Translation (नवां नियम छत्तीसगढ़ी) (NCA)
Version
प्रेरितमन के काम 4-6

धरम महासभा के आघू म पतरस अऊ यूहन्ना

जब पतरस अऊ यूहन्ना मनखेमन ले गोठियावत रिहिन, त पुरोहित, अऊ मंदिर के रखवारमन के अधिकारी अऊ सदूकी मन ओमन करा आईन। ओमन बहुंते गुस्सा करिन, काबरकि पतरस अऊ यूहन्ना मनखेमन ला सिखोवत रिहिन अऊ यीसू के मरे म ले जी उठे के बारे म परचार करत रिहिन। ओमन पतरस अऊ यूहन्ना ला धरके दूसर दिन तक हवालात म रखिन, काबरकि संझा हो गे रिहिस। पर बचन के सुनइया बहुंत झन बिसवास करिन, अऊ ओमन के गनती बढ़के पांच हजार मनखे के आस-पास हो गीस।

दूसर दिन अधिकारी, अगुवा, कानून के गुरूमन महा पुरोहित हन्नास अऊ काइफा, अऊ यूहन्ना, सिकन्दर अऊ महा पुरोहित के घर के मन यरूसलेम म जुरिन। ओमन पतरस अऊ यूहन्ना ला मांझा म ठाढ़ करके ओमन ले पुछिन, “तुमन ए काम ला कोन सक्ति या काकर नांव ले करे हवव?”

तब पतरस ह पबितर आतमा ले भरके ओमन ला कहिस, “हे मनखेमन के अधिकारी अऊ अगुवामन! ए खोरवा मनखे संग जऊन भलई करे गे हवय, आज हमन ले ओकर बारे म पुछताछ करे जावत हवय कि ओह कइसने बने होईस, 10 त तुमन अऊ जम्मो इसरायली मनखेमन एला जान लेवव कि यीसू मसीह नासरी, जऊन ला तुमन कुरुस ऊपर चघाय रहेव, पर परमेसर ह ओला मरे म ले जियाईस, ओकरे नांव म ए मनखे ह तुम्‍हर आघू म चंगा होके ठाढ़े हवय।

11 एह ‘ओही पथरा ए,

जऊन ला तुम राज मिस्‍त्रीमन बेकार समझेव,
    पर ओह कोना के मुख पथरा बन गीस।’[a]

12 कोनो आने के दुवारा उद्धार नइं मिलय, काबरकि स्‍वरग के खाल्‍हे, मनखेमन ला अऊ कोनो आने नांव नइं दिये गीस, जेकर दुवारा हमन उद्धार पा सकन।”

13 जब ओमन पतरस अऊ यूहन्ना के हिम्मत ला देखिन अऊ ए जानिन कि एमन अनपढ़ अऊ सधारन मनखे अंय, त ओमन अचरज करिन। अऊ ओमन पतरस अऊ यूहन्ना ला चिन डारिन कि एमन यीसू के संग म रिहिन। 14 पर ओमन ओ मनखे ला जऊन ह चंगा होय रिहिस, ओमन के संग ठाढ़े देखके बिरोध म कुछू नइं कह सकिन। 15 पर ओमन पतरस अऊ यूहन्ना ला धरम महासभा ले बाहिर जाय के हुकूम दीन अऊ फेर ओमन आपस म बिचार करन लगिन, 16 “हमन ए मनखेमन के संग का करन? काबरकि यरूसलेम के जम्मो रहइयामन जानत हवंय कि एमन एक बहुंत बड़े चमतकार के काम करे हवंय, अऊ हमन एला इनकार नइं कर सकन। 17 पर ए बात ह मनखेमन म अऊ जादा झन फइले, एकरसेति हमन एमन ला चेता देवन कि एमन फेर कोनो मनखे ले ए नांव लेके झन गोठियावंय।”

18 तब ओमन पतरस अऊ यूहन्ना ला फेर भीतर बलाके हुकूम दीन कि यीसू के नांव म न तो कुछू बोलव अऊ न कुछू सीखोवव। 19 पर पतरस अऊ यूहन्ना ओमन ला जबाब दीन, “तुहीच मन नियाय करव कि का एह परमेसर के नजर म ठीक ए कि हमन परमेसर के बात ला छोंड़के तुम्‍हर बात ला मानन। 20 ए हमर ले नइं हो सकय कि जऊन ला हमन देखे अऊ सुने हवन, ओकर बारे म झन गोठियावन।”

21 तब ओमन पतरस अऊ यूहन्ना ला धमकाके छोंड़ दीन। ओमन दंड देय के बारे म कुछू फैसला नइं कर सकिन, काबरकि जऊन घटना होय रिहिस, ओकर खातिर जम्मो मनखेमन परमेसर के इस्तुति करत रिहिन। 22 ओ मनखे जऊन ह अद्भूत ढंग ले बने होय रिहिस, ओह चालीस साल ले जादा उमर के रिहिस।

बिसवासीमन के पराथना

23 पतरस अऊ यूहन्ना उहां ले छूटके अपन संगीमन करा आईन अऊ महा पुरोहित अऊ अगुवामन के कहे ओ जम्मो बात ओमन ला बताईन। 24 एला सुनके ओमन के संगीमन एक मन होके, चिचिया-चिचियाके परमेसर ले ए पराथना करिन, “हे मालिक, तेंह स्‍वरग अऊ धरती अऊ समुंदर अऊ जऊन कुछू ओम हवय, ओ जम्मो ला बनाय हवस। 25 तेंह पबितर आतमा के दुवारा अपन दास हमर पुरखा दाऊद के मुहूं ले ए कहय:

‘आनजातमन हो-हल्‍ला काबर मचाथें?
    अऊ मनखेमन काबर बेकार म सडयंत्र करथें?
26 परभू परमेसर अऊ ओकर मसीह के बिरोध म धरती के राजामन ठाढ़ होथें।
    अऊ अधिकारीमन एक संग जुरथें।’[b]

27 सही म, तोर पबितर सेवक यीसू, जऊन ला तेंह अभिसेक करे हवस, ओकर बिरोध म, हेरोदेस अऊ पुन्तियुस पीलातुस, आनजात अऊ इसरायलीमन के संग ए सहर म सडयंत्र करे बर जुरिन, 28 अऊ ओमन ओहीच काम करिन जऊन ह पहिली ले तोर सामरथ अऊ ईछा म ठहराय गे रिहिस।

29 अब हे परभू, ओमन के धमकी ला धियान दे अऊ अपन दासमन के मदद कर कि तोर बचन ला बड़े हिम्मत के संग बोलंय। 30 चंगा करे बर अपन हांथ ला बढ़ा अऊ अद्भूत चिन्‍हां अऊ चमतकार के काम तोर पबितर सेवक यीसू के नांव म कर।”

31 जब ओमन पराथना कर चुकिन, त ओ जगह जिहां ओमन जुरे रिहिन, डोल गीस, अऊ ओमन जम्मो झन पबितर आतमा ले भर गीन अऊ परमेसर के बचन ला हिम्मत के संग सुनाईन।

बिसवासीमन के सामूहिक जिनगी

32 जम्मो बिसवास करइयामन एक हिरदय अऊ एक चित के रहंय। इहां तक कि कोनो अपन संपत्ति ला अपन नइं कहय, पर जम्मो झन के संपत्ति म जम्मो झन के हक रहय। 33 प्रेरितमन बड़े सामरथ ले परभू यीसू के जी उठे के गवाही देवत रिहिन अऊ ओ जम्मो के ऊपर परभू के अब्‍बड़ अनुग्रह रिहिस। 34 ओमन म कोनो गरीब नइं रिहिन, काबरकि जेमन करा जमीन या घर रिहिस, ओमन ओला समय-समय म बेंचके, ओकर दाम ला लानय अऊ ओला प्रेरितमन के गोड़ म मढ़ा देवंय, 35 अऊ जइसने जेकर जरूरत रहय, वइसने ढंग ले, हर एक ला बांट देवत रिहिन।

36 यूसुफ नांव के एक मनखे रिहिस; ओह लेवी बंस के रिहिस, अऊ साइप्रस दीप के रहइया रिहिस। प्रेरितमन ओकर नांव बरनबास (जेकर मतलब उत्साहित करइया के बेटा होथे) रखे रिहिन। 37 ओह अपन एक ठन खेत ला बेंचिस अऊ ओ रकम ला लानके प्रेरितमन के गोड़ म मढ़ा दीस।

हनन्याह अऊ सफीरा

हनन्याह नांव के एक मनखे रिहिस। ओह अऊ ओकर घरवाली सफीरा अपन कुछू भुइयां ला बेचिन। हनन्याह ह ओकर दाम म ले कुछू रकम अपन करा रख लीस अऊ ए बात ला ओकर घरवाली घलो जानत रिहिस। ओह रकम के एक भाग ला लानके प्रेरितमन के गोड़ करा मढ़ा दीस।

तब पतरस ह कहिस, “हे हनन्याह, सैतान ह तोर मन म, ए बात ला डारिस कि तेंह पबितर आतमा ले लबारी मारय अऊ जमीन म के कुछू रकम ला अपन करा रख ले हवस। जब जमीन ह नइं बेंचाय रिहिस, त का ओह तोर नइं रिहिस? अऊ जब बेंचा गे, त पईसा ह का तोर अधिकार म नइं रिहिस? तेंह ए बात ला अपन मन म काबर सोचय? तेंह मनखे ले नइं, पर परमेसर ले लबारी मारे हवस।”

ए बात ला सुनतेच ही हनन्याह ह गिर पड़िस अऊ मर गीस। एला देखके जम्मो सुनइयामन अब्‍बड़ डर्रा गीन। पर जवानमन उठके ओकर लास ला कपड़ा म लपेटिन अऊ बाहिर म ले जाके ओला माटी दे दीन। लगभग तीन घंटा के पाछू ओकर घरवाली ह पतरस करा घर के भीतर आईस। जऊन कुछू होय रिहिस, ओह ओला नइं जानत रिहिस। पतरस ह ओकर ले पुछिस, “मोला बता, का तें अऊ तोर घरवाला ओ जमीन ला अतकेच म बेंचे रहेव?” त ओह कहिस, “हां, अतकेच म बेंचे रहेंन।”

पतरस ह ओला कहिस, “ए का बात ए कि तुमन दूनों परभू के आतमा ला परखे बर एका करे रहेव? देख, तोर घरवाला ला माटी देवइयामन दुवारीच म ठाढ़े हवंय, अऊ ओमन तोला घलो बाहिर ले जाहीं।” 10 तब ओह तुरते ओकर गोड़ तरी गिर पड़िस अऊ ओह घलो मर गीस। तब जवानमन भीतर आके ओला मरे पाईन, अऊ बाहिर ले जाके ओला ओकर घरवाला के लकठा म माटी दे दीन। 11 अऊ जम्मो कलीसिया ऊपर अऊ ए बात के जम्मो सुनइयामन ऊपर अब्‍बड़ डर हमा गे।

प्रेरितमन कतको बेमरहामन ला बने करथें

12 प्रेरितमन बहुंते चमतकार अऊ अचरज के काम मनखेमन के बीच म करत रिहिन। अऊ ओमन जम्मो झन एक दल होके राजा सुलेमान के मंडप म जुरंय। 13 पर आने मनखेमन ले काकरो ए हिम्मत नइं होवत रिहिस कि आके ओमन के संग मिल जावंय। तभो ले मनखेमन ओमन के बहुंत बड़ई करत रिहिन। 14 परभू म बिसवास करइया अब्‍बड़ मनखे अऊ माईलोगनमन कलीसिया म मिलत रिहिन। 15 इहां तक कि मनखेमन बेमरहामन ला सड़क ऊपर लान-लानके खटिया अऊ चटई मन म सुता देवत रिहिन कि जब पतरस ह आवय, त कम से कम ओकर छइहां ह ओम के कुछू झन ऊपर पड़ जावय। 16 यरूसलेम के आस-पास के नगर ले घलो कतको मनखेमन बेमरहा अऊ परेत आतमा के सताय मन ला लानय, अऊ ओ जम्मो झन बने हो जावत रिहिन।

प्रेरितमन ला सताय जाथे

17 तब महा पुरोहित अऊ ओकर जम्मो संगवारी जऊन मन सदूकीमन के दल के रिहिन, जलन करे लगिन। 18 ओमन प्रेरितमन ला पकड़के जेल म डाल दीन। 19 पर ओ रतिहा परभू के एक स्‍वरगदूत ह जेल के कपाटमन ला खोलके ओमन ला बाहिर ले आईस। 20 अऊ ओमन ला कहिस, “जावव, मंदिर म ठाढ़ होके ए नवां जिनगी के जम्मो बात मनखेमन ला सुनावव।”

21 जइसने ओमन ला कहे गे रिहिस, ओमन बिहनियां होतेच ही मंदिर म जाके मनखेमन ला उपदेस देवन लगिन। जब महा पुरोहित अऊ ओकर संगीमन आईन, त ओमन धरम-महासभा जऊन ह इसरायलीमन के मुखियामन के पंचायत रिहिस, बलाईन अऊ जेल ला संदेस पठोईन कि प्रेरितमन ला ओमन करा लाने जावय। 22 पर जब सिपाहीमन जेल म हबरिन, त ओमन पतरस अऊ यूहन्ना ला उहां नइं पाईन। तब ओमन लहुंटके बताईन, 23 “हमन जेल ला बड़े हिफाजत ले बंद अऊ पहरेदारमन ला बाहिर कपाटमन म ठाढ़े पाएन, पर जब हमन कपाटमन ला खोलेन त भीतर म हमन ला कोनो नइं मिलिन।” 24 जब मंदिर के सिपाहीमन के अधिकारी अऊ मुखिया पुरोहितमन ए बात ला सुनिन, त चिंता करके सोचे लगिन कि ए का होवइया हवय?

25 तब एक झन आके ओमन ला बताईस, “देखव, जऊन मन ला तुमन जेल म बंद करे रहेव, ओमन मंदिर के अंगना म ठाढ़ होके मनखेमन ला उपदेस देवत हवंय।” 26 तब अधिकारी ह अपन सिपाहीमन संग गीस अऊ प्रेरितमन ला ले आईस। ओमन बल के उपयोग नइं करिन, काबरकि ओमन डर्रावत रिहिन कि कहूं मनखेमन ओमन ला पथरा फेंकके मार झन डारंय।

27 ओमन प्रेरितमन ला लानके धरम-महासभा के आघू म ठाढ़ करिन। तब महा पुरोहित ह ओमन ले पुछिस, 28 “का हमन तुमन ला चेतउनी देके ए हुकूम नइं दे रहेंन कि तुमन ए नांव म उपदेस झन देवव? तभो ले, तुमन जम्मो यरूसलेम सहर ला अपन उपदेस ले भर दे हवव, अऊ ओ मनखे के हतिया के दोस हमर ऊपर लाने चाहत हव।”

29 तब पतरस अऊ आने प्रेरितमन जबाब दीन, “मनखेमन के हुकूम ले बढ़के परमेसर के हुकूम ला मानना हमर काम ए। 30 हमर पुरखामन के परमेसर ह यीसू ला मरे म ले जियाईस, जऊन ला तुमन कुरुस म लटकाके मार डारे रहेव। 31 ओहीच ला परमेसर ह अगुवा अऊ उद्धार करइया ठहराके अपन जेवनी हांथ कोति सबले बड़े जगह दीस, ताकि ओह इसरायलीमन ला ओमन के पाप ले मन फिराय के सक्ति अऊ ओमन के पाप के छेमा देवय। 32 हमन ए बातमन के गवाह हवन अऊ पबितर आतमा घलो गवाह हवय, जऊन ला परमेसर ह ओ मनखेमन ला दे हवय, जऊन मन ओकर हुकूम मानथें।”

33 एला सुनके ओमन अब्‍बड़ गुस्सा करिन अऊ ओमन प्रेरितमन ला मार डारे चाहिन। 34 पर गमलीएल नांव के एक फरीसी जऊन ह कानून के गुरू रिहिस अऊ जम्मो मनखेमन ओकर आदर करंय। ओह धरम-महासभा म ठाढ़ होके प्रेरितमन ला थोरकन देर बर बाहिर कर देय के हुकूम दीस 35 अऊ ओह कहिस, “हे इसरायलीमन, जऊन कुछू तुमन ए मनखेमन के संग करे चाहत हव, ओला सोच-समझके करव। 36 कुछू समय पहिली थियूदास ह ए कहत उठे रिहिस कि ओह घलो कुछू अय अऊ करीब चार सौ मनखेमन ओकर संग हो लीन। पर ओह मार डारे गीस, अऊ जतका मनखेमन ओला मानत रिहिन, ओ जम्मो झन एती-ओती हो गीन। 37 ओकर बाद मनखेमन के गनती होय के दिन म गलील प्रदेस के यहूदा ह उठिस। ओह घलो कुछू मनखेमन ला अपन संग कर लीस। पर ओह घलो मार डारे गीस। अऊ जतका मनखेमन ओला मानत रिहिन, ओ जम्मो झन एती-ओती हो गीन। 38 एकरसेति मेंह तुमन ला कहत हंव कि ए मनखेमन ले दूरिहा रहव, अऊ ओमन ला अकेला छोंड़ देवव, काबरकि कहूं ओमन के ए काम मनखेमन कोति ले अय, त आपे-आप बंद हो जाही। 39 पर कहूं एह परमेसर कोति ले अय, तब तुमन ओमन ला कइसने घलो करके नइं रोक सकव। अऊ अइसने झन होवय कि तुमन परमेसर ले अपन-आप ला लड़त पावव।”

40 तब ओमन गमलीएल के बात ला मान लीन अऊ प्रेरितमन ला बलाईन अऊ ओमन ला कोर्रा म पिटवाईन, अऊ ए हुकूम देके छोंड़ दीन कि यीसू के नांव म फेर कभू बात झन करिहव।

41 प्रेरितमन ए बात म खुस होईन कि ओमन यीसू के नांव के खातिर निरादर होय के काबिल ठहरिन, अऊ ओमन खुसी मनावत धरम-महासभा ले बाहिर चले गीन। 42 पर ओमन हर एक दिन मंदिर म अऊ घर-घर म उपदेस करे बर, अऊ ए बात के सुघर संदेस सुनाय बर बंद नइं करिन कि यीसू ह मसीह अय।

सात सेवकमन के चुनाव

ओ दिन म जब चेलामन के गनती ह अब्‍बड़ बढ़त रिहिस, तब यूनानी भासा बोलइया यहूदीमन इबरानी भासा बोलइयामन के सिकायत करे लगिन। ओमन कहिन, “हर दिन के भोजन बंटई म हमर बिधवामन के धियान नइं दिये जावत हवय।” एकरसेति ओ बारह प्रेरितमन जम्मो चेलामन के मंडली ला अपन करा बलाके कहिन, “एह ठीक नो हय कि हमन परमेसर के बचन सुनाना छोंड़के, खवाय-पीयाय के काम म लगे रहन। एकरसेति हे भाईमन! अपन बीच म ले सात झन ला जऊन मन पबितर आतमा अऊ बुद्धि ले भरपूर हवंय, चुन लेवव कि हमन ओमन के हांथ म ए बुता ला सऊंप देवन। पर हमन तो पराथना अऊ परमेसर के बचन के सेवा म लगे रहिबो।”

ए बात जम्मो मंडली ला बने लगिस अऊ ओमन स्तिफनुस नांव के एक मनखे ला चुनिन, जऊन ह बिसवास अऊ पबितर आतमा ले भरपूर रहय। एकर संग ओमन फिलिप्पुस, प्रखुरूस, नीकानोर, तीमोन, परमिनास अऊ अंताकिया के रहइया नीकुलाऊस ला जऊन ह यहूदी बिसवास म आगे रिहिस, चुन लीन। ओमन एमन ला प्रेरितमन के आघू म लानिन अऊ प्रेरितमन पराथना करके ओमन ऊपर हांथ रखिन।

अऊ परमेसर के बचन बगरत गीस अऊ यरूसलेम सहर म चेलामन के गनती अब्‍बड़ बढ़त गीस। पुरोहितमन घलो बहुंत बड़े संख्‍या म ए मत के मनइया बन गीन।

स्तिफनुस के गिरफतारी

स्तिफनुस ह परमेसर के अनुग्रह अऊ सक्ति ले भरपूर होके मनखेमन के बीच म बड़े-बड़े अचरज के काम अऊ चमतकार के चिन्‍हां देखावत रिहिस। तभो ले सुतंतर मनखेमन के सभा-घर के सदस्यमन ओकर बिरोध करिन। ओमन ए रिहिन – कुरेन, सिकन्दरिया अऊ संग म किलिकिया अऊ एसिया प्रदेस के यहूदीमन। ए मनखेमन स्तिफनुस के संग बिवाद करन लगिन[c] 10 पर ओमन ओकर गियान अऊ पबितर आतमा के सामना नइं कर सकिन; जेकर सक्ति ले ओह गोठियावत रिहिस।

11 तब ओमन कुछू मनखेमन ला चुपेचाप अपन कोति कर लीन, जऊन मन ए कहे लगिन, “हमन एला मूसा अऊ परमेसर के बिरोध म निन्दा करत सुने हवन।” 12 ए किसम ले ओमन मनखेमन ला अऊ अगुवामन ला अऊ कानून के गुरूमन ला भड़काईन अऊ ओमन स्तिफनुस ला पकड़के धरम-महासभा म ले गीन। 13 ओमन लबरा गवाह खड़े करिन, जऊन मन ए कहिन, “ए मनखे ह पबितर जगह (मंदिर) अऊ मूसा के कानून के बिरोध म हमेसा बोलत रहिथे। 14 हमन एला ए कहत सुने हवन कि नासरत के यीसू ह ए मंदिर ला गिरा दिही अऊ ओ रीति-रिवाज मन ला बदल दिही, जऊन ला मूसा ह हमन ला सऊंपे हवय।”

15 तब धरम-महासभा म बईठे जम्मो झन स्तिफनुस ला टकटकी लगाके देखिन अऊ ओमन ला ओकर चेहरा ह स्‍वरगदूत के चेहरा सहीं दिखत रिहिस।

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