Chronological
छोटे लइकामन ला यीसू आसिरबाद देथे
(मत्ती 19:13-15; मरकुस 10:13-16)
15 मनखेमन छोटे लइकामन ला यीसू करा लानत रहंय, ताकि ओह ओमन के ऊपर अपन हांथ रखय। पर जब चेलामन एला देखिन, त ओमन मनखेमन ला दबकारे लगिन। 16 पर यीसू ह लइकामन ला अपन करा बलाईस अऊ कहिस, “छोटे लइकामन ला मोर करा आवन देवव, अऊ ओमन ला झन रोकव, काबरकि परमेसर के राज ह अइसने मन बर अय। 17 मेंह तुमन ला सच कहत हंव, जऊन ह परमेसर के राज ला एक छोटे लइका सहीं गरहन नइं करही, ओह परमेसर के राज म कभू जाय नइं पाही।”
एक धनी मनखे
(मत्ती 19:1-30; मरकुस 10:17-31)
18 एक यहूदी अधिकारी ह यीसू ले पुछिस, “हे बने गुरू! परमेसर के संग सदाकाल के जिनगी पाय बर मोला का करना पड़ही?”
19 यीसू ह ओला जबाब दीस, “तेंह मोला बने काबर कहत हवस? एके झन परमेसर के छोंड़, कोनो बने नो हंय। 20 तेंह हुकूममन ला जानतेच होबे: ‘छिनारी झन कर; हतिया झन कर; चोरी झन कर; लबारी गवाही झन दे; अपन दाई-ददा के आदर-मान कर।’[a]”
21 ओ मनखे ह कहिस, “ए जम्मो ला तो मेंह अपन लइकापन ले मानत आय हवंव।”
22 ए सुनके यीसू ह ओकर ले कहिस, “तोला अभी घलो एक काम करे के जरूरत हवय। अपन जम्मो चीज ला बेंच अऊ पईसा ला गरीबमन म बांट दे; अऊ तोला स्वरग म खजाना मिलही। तब आ अऊ मोर पाछू हो ले।”
23 ए बात ला सुनके ओह बहुंत उदास होईस, काबरकि ओह एक बहुंत धनवान मनखे रिहिस। 24 यीसू ह ओला देखके कहिस, “धनवान मनखेमन के परमेसर के राज म जवई कतेक कठिन अय, 25 वास्तव म, एक धनवान मनखे के परमेसर के राज म जवई के बदले, ऊंट के सुजी के छेदा म ले निकर जवई सरल अय।”
26 जऊन मन एला सुनत रिहिन, ओमन ह पुछिन, “तब कोन ह उद्धार पा सकथे?”
27 यीसू ह जबाब दीस, “जऊन बात मनखे ले नइं हो सकय, ओह परमेसर के दुवारा हो सकथे।”
28 तब पतरस ह ओला कहिस, “देख! हमन हमर जम्मो चीज ला छोंड़के तोर पाछू हो ले हवन।”
29 यीसू ह ओमन ला कहिस, “मेंह तुमन ला सच कहत हंव, जऊन ह परमेसर के राज के हित म, घर या घरवाली या भाई या दाई-ददा या लइकामन ला छोंड़ दे हवय, 30 ओह इही जुग म कतको गुना अधिक पाही, अऊ अवइया जुग म परमेसर के संग सदाकाल के जिनगी घलो पाही।”
यीसू ह अपन मिरतू के बारे म फेर अगमबानी करथे
(मत्ती 20:17-19; मरकुस 10:32-34)
31 यीसू ह अपन बारह चेलामन ला एक तरफ ले गीस अऊ ओमन ला कहिस, “सुनव, हमन यरूसलेम जावत हवन, अऊ मनखे के बेटा के बारे म अगमजानीमन के दुवारा लिखे हर एक बात ह पूरा होही। 32 ओह आनजातमन के हांथ म सऊंपे जाही। ओमन ओकर हंसी उड़ाहीं, ओकर बेजत्ती करहीं, ओकर ऊपर थूकहीं, ओला कोर्रा ले मारहीं अऊ ओला मार डारहीं। 33 पर ओह तीसरा दिन फेर जी उठही।”
34 चेलामन यीसू के बात ला नइं समझिन। ए बात के मतलब ह ओमन ले छिपे रिहिस, अऊ ओमन नइं जानिन कि ओह काकर बारे म गोठियावत रिहिस।
यीसू ह एक अंधरा भीख मंगइया ला बने करथे
(मत्ती 20:29-34; मरकुस 10:46-52)
35 जब यीसू ह यरीहो सहर के लकठा म हबरिस, त उहां एक अंधरा मनखे ह सड़क तीर म बईठके भीख मांगत रहय। 36 जब ओह मनखेमन के भीड़ के रेंगे के अवाज सुनिस, त पुछिस, “का होवत हवय?” 37 मनखेमन ओला बताईन, “नासरत के यीसू ह जावत हवय।”
38 तब ओह चिचियाके कहिस, “हे यीसू, दाऊद के संतान, मोर ऊपर दया कर।”
39 जऊन मन यीसू के आघू म जावत रिहिन, ओमन ओला दबकारे लगिन अऊ ओला चुपेचाप रहे बर कहिन, पर ओह अऊ जोर से चिचियाके कहिस, “हे दाऊद के संतान, मोर ऊपर दया कर।”
40 तब यीसू ह ओ करा ठाढ़ हो गीस अऊ हुकूम दीस, “ओ मनखे ला मोर करा लानव।” जब ओह लकठा म आईस, त यीसू ह ओकर ले पुछिस, 41 “तेंह का चाहथस कि मेंह तोर बर करंव?”
ओह कहिस, “हे परभू, मेंह देखे बर चाहत हंव।”
42 यीसू ह ओला कहिस, “तेंह देखन लग; तोर बिसवास ह तोला बने करे हवय।” 43 अऊ तुरते ओह देखे लगिस अऊ परमेसर के महिमा करत ओह यीसू के पाछू हो लीस। जब जम्मो मनखेमन एला देखिन, त ओमन घलो परमेसर के महिमा करिन।
लगान लेवइया – जक्कई
19 यीसू ह यरीहो सहर म ले होके जावत रिहिस। 2 उहां जक्कई नांव के एक मनखे रहय। ओह लगान लेवइयामन के मुखिया रहय अऊ धनी मनखे रहय। 3 ओह ए देखे चाहत रहय कि यीसू ह कोन ए, पर बुटरा होय के कारन भीड़ के मारे ओह यीसू ला नइं देखे सकत रिहिस। 4 एकरसेति ओह भीड़ के आघू दऊड़िस अऊ यीसू ला देखे बर एक ठन डूमर के रूख म चघ गीस, काबरकि यीसू ह ओही डहार म आवत रहय।
5 जब यीसू ह ओ जगह म हबरिस, त ओह ऊपर देखिस अऊ जक्कई ला कहिस, “हे जक्कई, तुरते खाल्हे उतर आ काबरकि आज मोला तोर घर म रूकना जरूरी ए।” 6 ओह तुरते खाल्हे उतरिस अऊ खुस होके यीसू ला अपन घर ले गीस।
7 एला देखके जम्मो मनखेमन कुड़कुड़ाय लगिन अऊ कहिन, “यीसू ह एक पापी मनखे के घर म पहुना होय बर गे हवय।”
8 पर जक्कई ह ठाढ़ होईस अऊ परभू ला कहिस, “हे परभू, अब मेंह अपन आधा संपत्ति गरीबमन ला देवत हवंव, अऊ यदि मेंह काकरो ले कुछू ठगके ले हवंव, त मेंह ओकर चार गुना लहुंटाहूं।”
9 यीसू ह ओला कहिस, “आज परमेसर ह ए मनखे अऊ एकर परिवार ला उद्धार दे हवय, काबरकि ए मनखे ह घलो अब्राहम के एक संतान ए। 10 मनखे के बेटा ह एकर सहीं गंवायमन ला खोजे बर अऊ ओमन के उद्धार करे बर आय हवय।”
दस ठन सोन के सिक्का के पटंतर
(मत्ती 25:14-30)
11 जब मनखेमन ए बात ला सुनत रहंय, तब यीसू ह ओमन ला एक पटंतर कहिस, काबरकि ओह यरूसलेम सहर के लकठा म हबर गे रिहिस अऊ मनखेमन सोचत रहंय कि परमेसर के राज ह तुरते सुरू होवइया हवय। 12 एकरसेति ओह कहिस, “एक ऊंच कुल के मनखे ह एक बहुंत दूरिहा देस ला गीस कि ओह उहां राजपद पावय अऊ फेर लहुंटके आवय। 13 जाय के पहिली, ओह अपन दस झन सेवक ला बलाईस अऊ ओमन ला दस ठन सोन के सिक्का देके कहिस, ‘मोर वापिस लहुंटत तक ए पईसा ले लेन-देन करत रहव।’
14 पर ओ देस के मनखेमन ओला बिलकुल ही पसंद नइं करत रिहिन, एकरसेति ओमन कुछू झन ला ओकर पाछू ए कहे बर पठोईन, ‘हमन नइं चाहत हवन कि ए मनखे ह हमर राजा बनय।’
15 तभो ले, ओह राजा बनाय गीस अऊ फेर घर लहुंटिस। तब ओह जऊन सेवकमन ला पईसा दे रिहिस, ओमन ला बलाईस अऊ ए जाने चाहिस कि ओमन कतेक कमाय हवंय।
16 पहिली सेवक ह आईस अऊ कहिस, ‘मालिक, तोर दिये सोन के सिक्का ले मेंह दस ठन अऊ सोन के सिक्का कमाय हवंव।’
17 ओकर मालिक ह कहिस, ‘बहुंत बने करय। तेंह बने सेवक अस, काबरकि तेंह थोरकन चीज म ईमानदार रहय, मेंह तोला दस ठन सहर के अधिकारी बनावत हंव।’
18 दूसरा सेवक ह आईस अऊ कहिस, ‘मालिक, तोर दिये सिक्का ले मेंह पांच ठन अऊ सोन के सिक्का कमाय हवंव।’
19 ओकर मालिक ह कहिस, ‘मेंह तोला पांच ठन सहर के अधिकारी बनावत हंव।’
20 तब एक दूसर सेवक आईस अऊ कहिस, ‘मालिक, ए हवय तोर सोन के सिक्का, मेंह एला एक ठन कपड़ा के टुकड़ा म छुपा के रखे रहेंव। 21 मेंह तोर ले डरत रहेंव, काबरकि तेंह एक कठोर मनखे अस। तेंह ओला ले लेथस, जऊन ह तोर नो हय, अऊ जऊन ला तेंह नइं बोय रहस, ओला लूथस।’
22 ओकर मालिक ह कहिस, ‘हे दुस्ट सेवक! मेंह तोर नियाय तोर कहे बचन के मुताबिक करहूं। तेंह जानत रहय कि मेंह एक कठोर मनखे अंव; मेंह ओला ले लेथंव, जऊन ह मोर नो हय, अऊ ओला लू लेथंव, जऊन ला मेंह नइं बोय रहंव। 23 तब तेंह मोर पईसा ला बैंक म काबर जमा नइं कर देवय, ताकि वापिस आके मेंह एला बियाज सहित ले लेतेंव?’
24 तब जऊन मन उहां ठाढ़े रिहिन, ओमन ला ओह कहिस, ‘एकर ले सोन के सिक्का ला ले लेवव अऊ एला ओ सेवक ला दे देवव, जेकर करा दस ठन सिक्का हवय।’ 25 ओमन कहिन, ‘हे मालिक, ओकर करा तो आघू ले दस ठन सिक्का हवय।’
26 ओह जबाब देवत कहिस, ‘मेंह तुमन ले कहत हंव कि हर एक झन जेकर करा हवय, ओला अऊ दिये जाही, पर जेकर करा नइं ए, ओकर ले ओ चीज घलो ले लिये जाही, जऊन ह ओकर करा बांचे हवय। 27 पर मोर ओ बईरीमन ला इहां लानव, जऊन मन नइं चाहत रिहिन कि मेंह ओमन के राजा बनंव अऊ ओमन ला मोर आघू म मार डारव।’ ”
बिजय उल्लास के संग यीसू के यरूसलेम म परवेस
(मत्ती 21:1-11; मरकुस 11:1-11; यूहन्ना 12:12-19)
28 जब यीसू ह ए कह चुकिस, त ओह यरूसलेम कोति ओमन के आघू-आघू गीस। 29 जब यीसू ह जैतून पहाड़ करा बैतफगे अऊ बैतनियाह गांव के लकठा म आईस, त ओह अपन चेलामन ले दू झन ला ए कहिके पठोईस, 30 “अपन आघू के गांव म जावव, अऊ जइसने तुमन गांव म हबरहू, तुमन ला उहां एक ठन गदही के बछरू मिलही, जेकर ऊपर कभू कोनो सवारी नइं करे हवंय। ओला ढीलके इहां ले आवव। 31 कहूं कोनो तुम्हर ले पुछय, ‘एला काबर ढीलत हवव?’ त ओला कहव, ‘परभू ला एकर जरूरत हवय।’ ”
32 जऊन चेलामन यीसू के दुवारा पठोय गे रिहिन, ओमन उहां जाके वइसनेच पाईन, जइसने यीसू ह ओमन ला कहे रिहिस। 33 जब ओमन गदही के बछरू ला ढीलत रिहिन, त ओकर मालिकमन ओमन ले पुछिन, “तुमन ए गदही के बछरू ला काबर ढीलत हवव?”
34 ओमन कहिन, “परभू ला एकर जरूरत हवय।”
35 ओमन गदही के बछरू ला यीसू करा लानिन। तब ओमन अपन ओन्ढामन ला गदही के बछरू ऊपर डालिन अऊ यीसू ला ओकर ऊपर बईठा दीन। 36 जब यीसू ह गदही के बछरू म बईठके जावत रिहिस, त मनखेमन अपन ओन्ढा ला सड़क म दसावत जावत रहंय।
37 जब यीसू ह ओ जगह के लकठा म आईस, जिहां सड़क ह खाल्हे जैतून पहाड़ कोति जावत रिहिस, त ओकर चेलामन के जम्मो भीड़ ह आनंद मनाय लगिस अऊ ओमन जऊन चमतकार के काम देखे रिहिन, ओकर सेति चिचिया-चिचियाके परमेसर के महिमा करके कहिन:
38 “धइन ए ओ राजा, जऊन ह परभू के नांव म आथे![b] स्वरग म सांति अऊ परमेसर के महिमा होवय।”
39 भीड़ म के कुछू फरीसीमन यीसू ला कहिन, “हे गुरू! अपन चेलामन ला दबकार।”
40 यीसू ह कहिस, “मेंह तुमन ला कहत हंव कि यदि एमन चुप रहिहीं, त पथरामन चिचिया उठहीं।”
41 जब यीसू ह यरूसलेम सहर के लकठा म आईस, त ओह सहर ला देखके रोईस, 42 अऊ कहिस, “बने होतिस कि कहूं तेंह आज के दिन सिरिप ए जान गे रहितय कि का बात म तोला सांति मिलही। पर अब ओ चीजमन तोर आंखी ले छिपाय गे हवंय।
43 ओ समय ह तोर ऊपर आही, जब तोर बईरीमन तोर चारों अंग घेरा बनाहीं अऊ तोला घेरहीं अऊ तोला जम्मो कोति ले बंद कर दिहीं। 44 ओमन तोला अऊ तोर घेरा के भीतर रहइया मनखेमन ला पूरापूरी नास कर दिहीं; ओमन एको ठन पथरा ला अपन जगह म नइं छोड़हीं, काबरकि तेंह ओ समय ला नइं चिनहय, जब परमेसर ह तोर करा आईस।”
यीसू ह मंदिर म
(मत्ती 21:12-17; मरकुस 11:15-19; यूहन्ना 2:13-22)
45 तब यीसू ह मंदिर म गीस अऊ ओमन ला निकारे के सुरू करिस, जऊन मन उहां सामान बेचत रिहिन, 46 अऊ ओह ओमन ला कहिस, “परमेसर के बचन म ए लिखे हवय, ‘मोर घर ह पराथना के घर होही।’ पर तुमन एला डाकूमन के अड्डा बना ले हवव।”[c]
47 यीसू ह हर दिन मंदिर म उपदेस करत रिहिस। अऊ मुखिया पुरोहित, कानून के गुरू अऊ मनखे मन के अगुवामन ओला मार डारे के कोसिस करत रिहिन। 48 पर ओमन ला अइसने करे बर कोनो उपाय नइं मिलिस, काबरकि जम्मो मनखेमन बड़े लगन से यीसू के बात ला सुनंय।
Copyright: New Chhattisgarhi Translation (नवां नियम छत्तीसगढ़ी) Copyright © 2012, 2016 by Biblica, Inc.® All rights reserved worldwide.