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Bible in 90 Days

An intensive Bible reading plan that walks through the entire Bible in 90 days.
Duration: 88 days
Awadhi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-AWA)
Version
इब्रनियन 1:1 - याकूब 3:12

परमेस्सर अपने पूत क माध्यम स बोलत ह

परमेस्सर त अतीत मँ नबियन क जरिये कइयउ अवसरन प कउनउ तरह स हमरे पूर्वजन स बातचीत किहेस। मुला इन आखिरी दिने मँ उ हमसे अपने पूत क जरिये बातचीत किहेस, जेका ओ सब कछू क उत्तराधिकारी नियुक्त किहेस अउर जेकरे द्वारा उ समूचे ब्रह्माण्ड क रचना किहेस। उ पूत परमेस्सर क महिमा क प्रभा-मण्डल अहइ अउर ओकरे प्रकृति क प्रतिलिपि अहइ। उ अपने समर्थ बचन क द्वारा सब चीजन क स्थिति बनाए रखत ह। सबके पापन क धोअइ क उ सरगे मँ ओह महामहिम क दहिने हाथे बइठि गवा। एह तरह उ सरगदूतन स एतना ही महान बनि गवा जेतॅना कि ओनके उ किहेन। उ सबइ नाउँ स उत्तिम नाउँ बाटइ जउन उ उत्तराधिकार मँ पाए अहइ।

काहेकि परमेस्सर तउ कउनो सरगदूतन स कभी अइसेन नाहीं कहेसः

“पूत तू मोर,
    आजू तोहार बनि गवा हउँ मइँ पिता।” (A)

अउर न ही कउनो सरगदूत स उ इ कहेस ह,

“पिता ओकर मइँ बनबइ,
    अउर होइ पूत उ मोर।” (B)

अउर फिन उ जब आपन पहिलौट क लड़का अउर महत्वपूर्ण क संसार मँ लावत ह तउ कहत ह,

“परमेस्सर क सरगदूतन सब ओकर नमन करइँ।”[a]

सरगदूतन क बारे मँ बतावत उ कहत ह,

“सरगदूतन उ अपने सब पवन बनावइ
    अउर बनावइ आपन सेवक लपट आगी क।” (C)

मुला अपने पूत क बारे मँ उ कहत हः

“हे परमेस्सर, सास्वत तोहर सिंहासन बा,
    तोहार राजदण्ड बाटइ नेकी;
नेकी ही तोहका पिआरी बा, तोहका घृणा रही पापन स
    तउन परमेस्सर, तोहर परमेस्सर तउ चुना बा तोहका अउर ओह महान आनन्द दिहेस।
    तोहका कहूउँ जियादा तोहरे साथियन स।” (D)

10 उ इहउ कहत ह,

“हे पर्भू सृस्टि क जब होत रहा जन्म मँ तुमने सरग तथा धरती क नींव राख्या
    यह तोहरे हाथ का ही कारज अहइँ।
11 अउर इ सब नस्ट होइ जइहीं
    मुला रहेगा तू चिरन्तर पुरान कपड़ा स फटि जइहीं इ सबइ
12 अउर तू परिधान जइसेन ओनका लपेटब्या
    बदल उ जइहीं फिन कपड़ा जइसेन।
मुला तू तउ अहसेन, जैसा की चाह्या रहब्या
    तोहरे समइ का कबहुँ न अन्त होई।” (E)

13 परमेस्सर त कबहूँ कउनो सरगदूत स अइसेन नाहीं कहेसः

“बइठा जा तू दहिने मोरे कि
    ब जब तलक मइँ न तोहरे दस्मनन क चरन क चौकी बनाइ देउँ चरन तल तोहरे।” (F)

14 का सबहिं सरगदूत उद्धार पावइवालन क सेवा क बरे पठई गईन सहायक आतिमा नाहीं अहइँ।

सावधान रहइ क चेतावनी

एह बरे हमका अउर जियादा सावधानी क साथे, जउन कछू सुने अही, ओह प धियान देइ चाही ताकि हम भटकइ न पाइ। काहेकि अगर सरगदूतन द्वारा दीन्ह गवा उपदेस सत्य होत ह अउर ओकरे हर एक उल्लंघन अउर अवज्ञा क बरे उचित सजा दीन्ह गवा तउन अगर हम अइसेन महान उद्धार क अपेच्छा कइ देत अही तउ हम दण्ड स कइसे बची। एह उद्धार क पहिली घोसना पर्भू क जरिये की गइ रही। अउर फिन जे एका सुने रहेन, उ हमरे बरे एकर पुस्टि किहेस। परमेस्सर तउ अचरजन, अद्भुत चिन्हन तरह-तरह क अद्भुत कारजन उ पवित्तर आतिमा क उन उपहारन द्वारा जउन ओकर इच्छा क अनुसार बाँटा गवा रहा, एका प्रमाणित किहेस।

उद्धारकर्ता मसीह क मानुस देह धारण

ओह भावी संसार क, जेकर हम चरचा करत अही उ सरगदूतन क अधीन नाहीं किहेस, बल्कि पवित्तर सास्तरन मँ कउनउ स्थान पर कउनो इ साच्छी दिहे अहइः

“परमेस्सर का बा मनई जउन
    तू ओकर सुध लेत अहा?
का अहइ हर मनई क पूत
    जेकर बरे अहा चितिंत तू?
तू सरगदूतन स किंचित ओका कम कीहा
    तनिक स समइ क रख दिहा ओका सिर महिमा अउर सम्मान क राजमुकुट
अउर ओकरे चरनन तरे ओकरे अधीनता मँ रख दिहा सभन कछू।” (G)

सब कछू क ओकरे अधीन रखत भए परमेस्सर तउ कछू भी अइसेन नाही छोड़ेस जउन्न ओकरे अधीन न होइ। फिन भी आजकाल हम हर एक चीज क ओकरे अधीन नाहीं देखत हई। मुला हम इ देखित हई कि उ ईसू जेका तनिक समइ क बरे सरगदूतन स नीचे कइ दीन्ह गवा रहा, अब ओका महिमा अउर सम्मान क मुकुट पहिनावा गवा बा काहेकि उ मउत क यातना झेले रहा। जे परमेस्सर क अनुग्रह क कारण उ हर एक लोग क बरे मउत क अनुभव किहेस।

10 परमेस्सर एक ही बाटइ जउन सबहिं चीजन क बनएस। अउर सबहिं चीजन ओकरी महिमा बरे अहइँ। कइयउ बेटवन क महिमा प्रदान करत भवा उ परमेस्सर क बरे जेकर द्वारा अउर जेकरे बरे सब क अस्तित्व बना भवा बा, तउ उ ईसू क पूर्ण बनाएस। ओकरे बेटवन क इ सोभा देत ह कि उ ओनके छुटकारा क विधाता क जातनन क द्वारा पूरा सिद्ध करइ।

11 उ दुइनउँ ही-उ (ईसू) जउन मनई क पवित्तर बनावत ह अउर उ पचे जउन पवित्र बनावा जात हीं, एक्कई परिवार क अहइँ। इहीं बरे उ (ईसू) ओन्हन क भाइयन तथा बहिनियन कहइ मँ लज्जा नाहीं करत ह। 12 ईसू कहेस,

“आपन भाइयन मँ नाउँ क उद्घोस तोहरे मइँ करबइ
    सभा क बीच सबके सामने प्रसंसा गीत तोहरे गउबइ मइँ।” (H)

13 अउर फिन,

“मइँ ओकर बिसवास करबइ।” (I)

अउर फिन उ कहत ह:

“मइँ इहाँ हउँ, अउर उ पचे सन्तान जउन हइन साथे मोरे हई दीन्ह जेनका मोरे परमेस्सर।” (J)

14 काहेकि संतान माँस अउर लहू स युक्त रही इही बरे ऊहउ ओनकइ इ मानुसता मँ सहभागी होइ गवा ताकि अपने मउत क जरिये उ ओका मतलब सइतान क खतम कइ सकइ जेकरे लगे मारइ का सक्ती बाटइ। 15 अउर ओन्हन क मुक्त कइ लेइ जेकर सम्पूर्ण जीवन मउत क बरे आपने भय क कारण दासता मँ बीता बा। 16 काहेकि उ निस्चित बा कि उ सरगदूतन नाहीं बल्कि इब्राहीम क बंसजन क सहायता भी करत अहइ। 17 इही बरे उ सब तरह स ओकरे भाइयन क जइसा बनावा गवा ताकि उ परमेस्सर क सेवा मँ दयालु अउर बिसवासी महाजायक बनि सकइ। अउर लोगन क ओनके पापन क छमा देवॉवइ क बरे बलि दइ सकइ। 18 काहेकि उॅ खुदइ ओह समइ, जब ओकर परीच्छा लीन्ह जात रही खूबइ जातना भोगे अहइ। इही बरे जेकर परीच्छा लीन्ह जात बाटइ उ ओकर सहायता करइ मँ समर्थ बा।

ईसू मूसा स महान

अतः सरगे क एक बोलावा मँ भागीदार हे पवित्तर भाइयो! आपन ध्यान ओह ईसू प लगाइ रखा जउन परमेस्सर क प्रतिनिधि अउर हमार घोसित बिसवास क अनुसार महायाजक अहइ। जइसेन परमेस्सर क समूचा घरे मँ मूसा बिसवासी रहा वइसे ही ईसू भी जे ओका नियुक्त किहे रहा ओह परमेस्सर क बरे, बिसवास स भरा रहा। जइसेन घर क निर्माण करइवाला खुद घर स जियादा आदर पावत ह, वइसेन ईसू मूसा स जियादा आदर का पात्र माना गवा अहइ। काहेकि हर एक भवन क कउनउ न कउनउ बनावइ वाला होत ह, मुला परमेस्सर तउ सब चीज क सिरजनहार अहइ। परमेस्सर क समूचा घराना मँ मूसा एक सेवक क समान विसवास पात्र रहा, उ ओन्हन बातन क साच्छी रहा जउन भविस्स मँ परमेस्सर क जरिये कही जाइ क रहिन। मुला परमेस्सर क घर मँ मसीह तउ एक बेटवा क रूपे मँ निस्ठावान योग्य अहइ अउर अगर हम अपने साहस अउर ओह आसा मँ बिसवास क बनाए रखित तउ हम ही ओकर घराना हई।

अबिसवासियन क विरूद्ध चेतावनी

एह बरे पवित्तर आतिमा कहत हः

“आज अगर ओकर सुना आवाज,
    जिन करा आपन हिरदय क जड़ रहेन किहे जइसेन बगावत क दिना मँ
जब तू पचे रेगिस्तान मँ
    परमेस्सर क परखे रह्या
मोका परखेन तोहार पूर्वजन तउ, लिहेन परीच्छा धीरज क मोर ओ सबइ
    अउर देखेन काम मोर जेन्हे मइँ करत रहेउँ चालीस बरस!
10 इहइ रहा उ कारण जेसे क्रोधित मइँ ओन्हन लोगन स रहेउँ:
    अउर फिन मइँ कहे रहेउँ, ‘हिरदय एनकइ भटकत रहत रहेन
    हमेसा ही का नाहीं इ जानतेन जउन रस्ता मोर’
11 क्रोध मँ मइँ इही स तब सपथ लइके कहे रहेउँ
    ‘इ कबहुँ बिस्राम मँ मोरे न सामिल होइहीं।’” (K)

12 भाइयो तथा बहिनियो, देखत रहा कहूँ तोहमाँ स कउनो क मन मँ पाप अउर अबिसवास न समाइ जाइ जउन तोहे सजीव परमेस्सर से भी दूर भटिकाइ देइ। 13 जब तलक इ “आजु” क दिना कहवावत ह, तू हर दिन परमेस्सर एक दुसरे क ढॉढ़स बंधावत रहा जइसेन तोहमाँ स कउनउ पाप क छलावा मँ पड़िके जड़ न बनि जाए। 14 अगर हम अंत तक मजबूती क साथे अपने आरम्भ क बिसवास क थामे रहित ह तउ हम मसीह क भागीदारि बनि जाइत ह। 15 जइसेन कि कहा भी गवा बाः

“आजु अगर ओकर सुना आवाज!
    न करा आपन हिरदय क जड़ रहे किहे
    जइसेन कि बगावत क दिनन मँ।” (L)

16 भला उ पचे कउन रहेन जइसेन उ पचे सुनेन अउर बिद्रोह किहेन? का उ पचे उहइ सब नाहीं रहेन जेन्हे मूसा तउ मिस्र स बचाइ क निकाले रहा? 17 उ चालीस बरसन तलक केन पइ क्रोधित रहा? का ओनहीं प नाहीं जे पाप किहे रहेन अउर जेनकर ल्हास रेगिस्तान मँ पड़ा रहेन? 18 परमस्सर कनके बरे सपथ उठाए रहा कि उ पचे ओकर बिस्राम मँ प्रवेस न कर पइहीं? का उ पचे उहइ सब नाहीं रहेन जे ओनके आज्ञा क उल्लंघन किहे रहेन? 19 एह तरह हम देखित अही कि उ पचे अपने अबिसवासे क कारण ही उहाँ प्रवेस पावइ मँ समर्थ नाहीं होइ सका रहेन।

अतः जब ओकरे बिस्राम मँ प्रवेस क प्रतिज्ञा अब तलक बीन भइ बाटइ तउ हमका सावधान रहइ चाही कि तोहरे म स कउनउ अनुपयुक्त सिद्ध न होइ। काहेकि हमकउ ओनही क समान सुसमाचार क उपदेस दीन्ह गवा बा। मुला जउन उपदेस ओ पचे सुनेन ह, उ ओनके बरे बेकार बा। काहेकि उ पचे जब ओका सुनेन तउ एका बिसवास क साथे धारण नाहीं किहेन। अब देखा, हम तउ जउन बिसवासी अही ओह बिस्राम मँ प्रवेस पाए अही। जइसेन कि परमेस्सर कहे भी बाटइः

“क्रोध मँ मइँ इही स तब सपथ लइके कहे रहेउँ,
    ‘इ पचे कबहुँ बिस्रामे मँ मोरे नाहीं सामिल होइहीं।’” (M)

जब संसार क सृस्टी करइ क बाद ओकर काम पूरा होइ गवा रहा। उ सतवाँ दिना क सम्बन्ध मँ एन सब्दन मँ कहूँ पवित्तर सात्तरन मँ कहा बाटइ “अउर फिन सतवें दिना आपन सभन कामन स परमेस्सर तउ बिस्राम लिहेस।”(N) अउर फिन उपरोक्त सन्दर्भ मँ भी उ कहत ह, “उ पचे कबहुँ बिस्राम मँ मोर न सामिल होइहीं।”

जेनका पहिले सुसमाचार सुनावा गवा रहा आपन अनाज्ञाकारिता क कारण उ तउ बिस्राम मँ प्रवेस नाहीं पाइ सकेन मुला अउरन क बरे बिस्राम क दुवार अबऊ खुला बा। इही बरे परमेस्सर तउ फिन एक बिसेस दिन निस्चित किहेस अउर ओका नाउँ दिहेस, “आजु” कछू बरसन क बाद दाऊद क द्वारा परमेस्सर तउ उ दिन क बारे मँ पवित्तर सास्तर मँ बताए रहा। जेकर उल्लेख हम अबहीं किहे रहेः

“आज अगर ओकर सुना आवाज,
    न करा आपन हिरदय क जड़।” (O)

अतः अगर यहोसु ओनका बिस्रामे मँ लइ गवा होत तउ परमेस्सर बाद मँ कउनउ अउर दिना क बारे मँ न बतउतइ। तउ खैर जउन भी होइ परमेस्सर क भक्तन क बरे एक वइसी बिस्रन्ति रहत अहइ जइसेन बिस्रान्ति सातवें दिना परमेस्सर क रही। 10 काहेकि जउन कउनो परमेस्सर क बिस्रान्ति मँ प्रवेस करत ह, अपने करमन स बिस्रान्ति पाइ जात ह। वइसेन ही जइसेन परमेस्सर तउ अपने करमन स बिस्रान्ति पाइ लिहेस। 11 तउ आवा हमहूँ ओह बिस्रान्ति मँ प्रवेस पावइ क बरे हर एक प्रयत्त करीं। ताकि ओकर अनाज्ञाकारिता क उदाहरण क करत भए कउनो क पतन न होइ।

12 परमेस्सर क बचन त सजीव अउर क्रियासील बा, उ कउनो दुधारी तलवार से भी जियादा पैना बा। उ आतिमा अउर प्राण, संधियन अउर मज्जा तलक मँ गहिरा बेध जात ह। उ मनक, क वृत्तियन अउर बिचारन क परख लेत ह। 13 परमेस्सर क दिस्टी स एह समूचे सृस्टि मँ कछू भी ओझल नाहीं बाटइ। ओकरे आँखिन क सामने जेका हमका लेखा-जोखा देइ क बा, हर चीज बिना कउनो आवरण क उघड़ी हुई बाटइ।

महान महायाजक ईसू

14 एह बरे काहेकि परमेस्सर क पूत ईसू एक अइसेन महान महायाजक अहइ, जउन सरगे मँ स होइके गवा अहइ तउ हमका अपने अंगीकृत अउर घोसित बिसवास क दृढ़ता क साथे थामे रखइ चाही। 15 काहेकि हमरे लगे जउन महायाजक अहइ, उ अइसेन नाहीं अहइ जउन हमार कमजोरी क साथे सहनुभूति न रख सकइ। ओका हर तरह स वइसेन ही परखा गवा बा जइसेन हमका फिन भी हमेसा पाप रहित बा। 16 त फिन आवा हम भरोसा क साथे अनुग्रह पावइ परमेस्सर क सिंहासन कइँती बढ़ी ताकि जरूरत पड़इ प हमार सहायता क बरे हम दया अउर अनुग्रह क पाइ सकी।

हर एक महायाजक मनइयन स ही चुना जात ह। अउर परमात्मा सम्बन्धी बिसयन मँ लोगन क प्रतिनिधित्व करइ क बरे नियुक्त कइ जात ह ताकि उ पापन क बरे भेंट य बलिदान चढ़ावइ। काहेकि उ खुद भी कमजोरन क अधीन अहइ, इही बरे उ न समझन अउर भटकन भएन क साथे कोमल व्यवहार कइ सकत ह। इह बरे ओका अपने पापन क बरे अउर वइसेन लोगन क पापन क बरे बलिदान चढ़ावइ पड़त ह।

एह सम्मान क कउनो अपने प नाहीं लेत। जइसेन कि हारून क समान परमेस्सर कइँती स ठहरावा न जात। इही तरह मसीह तउ महायाजक बनइ क महिमा क खुद ग्रहण नाहीं किहेस बल्कि परमेस्सर तउ ओसे कहेस,

“तू अहा मोर पूत बना हउँ
    आजु, मइँ तोहार पिता।” (P)

अउर एक उ स्थान प उहउ कहत ह,

“तू अहा एक सास्वत याजक,
    मलिकिसिदक[b] क जइसा।” (Q)

ईसू तउ एह धरती पे क जीवन काल मँ जउन ओका मउत स बचाइ सकत ह, ऊँचे सुर मँ पुकारत भए अउर रोबत भए ओसे सबइ पराथना अउर सब बिनती किहे रहा अउर आदरपूर्ण समर्पण क कारण ओकर सुनी गइ। जद्यपि उ ओकर बेटवा रह फिन भी जातना झेलत हुए उ आज्ञा क पालन करइ सीखेस। अउर एक दाई सम्पूर्ण बनि जाइ प उ सब क बरे जउन ओकरी आज्ञा क पालन करत हीं उ अनन्त छुटकारा क स्रोत बनि गवा। 10 अउर परमेस्सर क जरिये मलिकिसिदक क परम्परा मँ ओका महायाजक बनावा गवा।

पतन क बिरूद्ध चेतावनी

11 एकरे बारे मँ हमारे लगे कहइ क बहुत कछू बा, प ओकर ब्याख्या कठिन बा काहेकि तोहार समझ बहुत धीमी बाटइ। 12 सही मँ एह समइ तलक तउ तोहे सबन क सिच्छा देइ वाला बनि जाइ चाही रहा। परन्तु तोहे पचन क तउ अबहिं कउनउ अइसेन मनई क जरूरत बा जउन तोहे सबन क नवा सिरे स परमेस्सर क उपदेस क आरम्भिक बात ही सिखावइ। तोहे सबन क तउ बस अबहिं दूध ही चाही ठोस आहार नाहीं। 13 जउन अबहीं दुध-मुँहा बच्चा ही अहइँ ओका धरम क बचन क पहिचान नाहीं होत।

14 मुला ठोस आहार तउ ओन बड़न क बरे होत ह जे अपने आत्मिक दृस्टि क प्रसिच्छन स भला-बुरा मँ पहिचान करब सीख लिहे अहइँ।

1-2 अतः आवा, मसीह सम्बन्धी आरम्भिक सिच्छा क छोड़िके हम मजबूती कइँती बढ़ी हमका ओन बातन कइँती अउर न बढ़इ चाही जइसेन हम सुरुआत कीन्ह जइसेन मउत कइँती लइ जाइवाला करमन क बरे मनफिराव, परमेस्सर मँ बिसवास, बपतिस्मावन[c] क सिच्छा, हाथ रखइ, मरइ क बाद फिन स जी उठइ अउर उ निआव जइसेन हमार भावी अनन्त जीवन निस्चित होई। अउर अगर परमेस्सर चाहे तउ हम अइसेन ही करबइ।

4-6 जेनका एक बार प्रकास मिली चुका अहइ, जउन सर्गीय बरदान क अस्वादन कइ चुका होइँ, जउन पवित्तर आतिमा क सहभागी होइ गवा अहइँ जउन परमेस्सर क बचन क उत्तिमताई अउर आवइवाला जुग क सक्तियन क अनुभव कइ चुका अहइँ, अगर उ भटकि जाइँ तउ ओनका मनफिराव कइँती लउटाइ लेब असम्भव बा। उ पचे जइसेन अपने ढंग स नवा सिरे स परमेस्सर क पूत क फिन स क्रूस पचढ़ाएन अउर ओका सबक सामने आपमान क बिसय बनाएन।

उ लोग अइसेन धरती क जइसेन अहइँ जउन हमेसा होइवाली बरखा क जल क सोख लेत ह, अउर जोतइ-बोवइवालन क बरे उपयोगी फसल प्रदान करत ह, उ परमेस्सर क असीस पावत ह। मुला अगर उ जमीन प कांटा अउर गोखरु उपजावत ह, तउ उ बेकार कअहई। अउर ओका अभिसप्त अहइ क भय बा। अंत मँ ओका जलाइ दीन्ह जाई।

पिआरे दोस्तन, चाहे हम एह तरह कहित ह मुला तोहरे बारे मँ हमका अइसेन अच्छी बातन क बिसवास बा-बातन जउन उद्धार स सम्बन्धित बाटिन। 10 तू ओनके सब जन क सहायता कइके अउर हमेसा सहायता करत भए जउन पिरेम दरसाए अहा ओका अउर तोहार दूसरे कामन क परमेस्सर कबहुँ न भुलाई। उ अन्यायी नाहीं अहइ। 11 हम चाहित ह कि तोहमाँ स हर कउनो जीवन भर अइसेन ही दिन भर मेहनत करत रहइ। अगर तू अइसेन करत ह तउ तू निच्चित ही ओका पाइ जाब्या तू आसा करत रहे अहा। 12 हम इ नाहीं चाहित कि तू आलसी होइ जा। बल्कि तू ओनकर अनुकरण करा जउन बिसवास अउर धीरज क साथे ओन्हन चीजन क पावत अहइँ जेनका परमेस्सर तउ बचन दिहे रहा।

13 जब परमेस्सर इब्राहीम स प्रतिज्ञा किहे रहा, तब काहेकि खुद ओसे बड़का कउनो अउर नाहीं रहा, जेकर सपथ लीन्ह जाइ सकइ, इही बरे आपन सपथ लेत भवा। 14 उ कहइ लाग, “निस्चित ही मइँ तोहका आसीर्वाद देबइ अउर मइँ तोहका कइयउ बंसज भी देबइ।”(R) 15 अउर एह तरह इब्राहीम धीरज क साथे बाटे जोहइके बाद उ इ पाएस जेकर उ प्रतिज्ञा कीन्ह गइ रही।

16 लोग ओकर सपथ लेतहीं जउन कउनो ओसे महान होत ह अउर उ सपथ सबहिं तर्क-बितर्कत क अन्त कइके जउन कछू कहा जात ह, ओका पक्का कइ देत ह। 17 परमेस्सर एका ओन्ह पचन क बरे, कुल तरह स्पस्ट कइ देइ चाहत रहा, जेका ओन्हे पावइ क रहा, जेका देइ क उ प्रतिज्ञा किहे रहा कि उ अपने प्रयोजन क कबहुँ न बदलइ। इही बरे अपने बचन क साथे उ आपन सपथ क जोड़ दिहेस। 18 तउ फिन हियाँ दुइ बात-हइन ओकर प्रतिज्ञा अउर ओकर सपथ-जउन कबहुँ नाहीं बदल सकतिन अउर जेकरे बारे मँ परमेस्सर कबहुँ झूठ नाहीं कहि सकत।

इही बरे हम जउन परमेस्सर क लगे सुरच्छा पावइ क आइ अहइ अउर जउन आसा उ हमका दिहे अहइ, ओका थामे भए हई, अउर जियादा उत्साहित अही। 19 इ आसा क हम आतिमा क सुदृढ़ अउर सुनिस्चित लंगर क रूप मँ धरे अही। इ परदा क पीछे भित्तर स भित्तर अन्तरतम तलक पहुँचत ह। 20 जहाँ ईसू तउ हमरे कइँती स हमसे पहिले प्रवेस किहेस। उ मलिकिसिदक क परम्परा मँ सदा हमेसा क बरे महा याजक बनि गवा।

याजक मलिकिसिदक

इ मलिकिसिदक सालेम क राजा रहा अउर सर्वोच्च परमेस्सर क याजक रहा। जब इब्राहीम राजा लोगन क पराजित कइके लउटत रहा त उ इब्राहीम स मिला अउर ओका आसीर्बाद दिहेस। अउर इब्राहीम तउ ओका उ सब कछू मँ स जउन उ युद्ध मँ जीते रहा ओकर दसवाँ भाग प्रदान किहेस।

ओकरे नाउँ क पहिला अर्थ अहइ, “धार्मिकता क राजा” अउर फिन ओकर इ अर्थ अहइ, “सालेम क राजा” मतलब “सान्ति क राजा।” ओकरे पिता या ओकरी महतारी अउर ओकरे पूर्वजन क कउनो इतिहास नाहीं मिलत ह। ओकर जन्म अउर मउत क कहुँ कउनउ उल्लेख नाहीं बा। परमेस्सर क पूत क समान ही उ हमेसा-हमेसा क बरे याजक बना रहत ह।

तनिक सोचा, उ केतॅना महान रहा। जेका कुल प्रमुख इब्राहीम तलक तउ अपने प्राप्ति क दसवाँ भाग दिहे रहा। अब देखा व्यवस्था क अनुसार लेवी बंसज जउन याजक बनत हीं लोगन स मतलब अपनी ही भाइयन स दसवाँ भाग लेइँ। जद्यपि ओनकर उ सबइ भाई इब्राहीम क बंसज अहइँ। फिन उ मलिकिसिदक जउन लेवीबंसी भी नाहीं रहा, इब्राहीम स दसवाँ भाग लिहेस। अउर उ इब्राहीम क आसीर्बाद दिहेस जेकरे लगे परमेस्सर क प्रतिज्ञा रही। एहमाँ कउनउ संदेह नाहीं रहा कि जउन आसीर्बाद देत ह उ आसीर्बाद लेइवाला स बड़ा होत ह।

जहाँ तलक लेवियन क प्रस्न बा, ओहमाँ दसवाँ भाग ओन्हन मनइयन द्वारा एकट्ठा कीन्ह जात ह, जउन मरणसील हयेन मुला मलिकिसिदक क जहाँ तलुक प्रस्न बा दसवाँ भाग ओकरे दुवारा एकत्र कीहा जात ह, जउन पवित्तर सास्तर क अनुसार अबहुँ जिन्दा अहइँ। तउ फिन कउनो इहाँ तलक कहि सकत ह कि उ लेवी जउ न दसवाँ भाग एकट्ठा करत ह, उ इब्राहीम क जरिये दसवाँ भाग प्रदान कइ दिहेस। 10 काहेकि जब मलिकिसिदक इब्राहीम स मिला रहा, तबउ लेवी अपने पर्वजन क सरीर मँ वर्तमान रहा।

11 अगर लेवी सम्बन्धी याजकता द्वारा पूर्णता पाइ जाइ सकत काहेकि इही क अधार प लोगन क व्यवस्था दीन्ह गवा रहा। त कउनो दुसर याजक क आवइ क जरूरत इ का रही? एक अइसेन याजक क जउन मलिकिसिदक क परम्परा क होइ, न कि हारून क परम्परा क। 12 काहेकि जब याजकता भी बदलत ह, तउ व्यवस्था मँ भी परिवर्तन होइ चाही। 13 जेकरे बिषय मँ इ सबइ बात कही गइ बाटिन, उ कउनो दुसरे गोत्र क अहइ, अउर ओह गोत्र क कउनो मनई कबहुँ वेदी क सेवक नाहीं रहा। 14 काहेकि इ तउ स्पस्ट इ बा कि हमार पर्भू यहूदा क बंसज रहा अउर मूसा तउ ओह-गोत्र क बरे याजकन क बारे मँ कछू नाहीं किहे रहा।

ईसू मलिकिसिदक क जइसनएक याजक हयेन

15 अउर जउन कछू हमहूँ कहे हई अउर उ स्पस्ट बा कि मलिकिसिदक क जइसेन एक दुसर याजक प्रकट होत ह। 16 उ आपन वंसावली क नियम क आधार प नाहीं बल्कि एक अनन्त जीवन क सक्ती क आधार प याजक बना अहइ। 17 काहेकि घोसित कीन्ह गवा रहा, “तू अहा एक याजक सास्वत मलिकिसिदक क जइसा।”(S)

18 पहिला नियम एह बरे रद्द कइ दीन्ह गवा काहेकि उ कमजोर अउर बेकार रहा। 19 काहेकि व्यवस्था तउ कउनो क सम्पूर्ण सिद्ध नाहीं किहेस अउर एक अच्छी आसा क सूत्रपात किन्ह गवा जेकरे द्वारा हम परमेस्सर क लगे खिंचित ह।

20 इ बात भी महत्वपूर्ण बा कि परमेस्सर तउ ईसू क सपथ क द्वारा महायाजक बनाए रहा। जबकि अउरन क बिना सपथ कउनो महायाजक बनावा गवा रहा। 21 मुला ईसू तब एक सपथ स याजक बना रहा, जब परमेस्सर तउ ओसे कहे रहा,

“पर्भू तउ लिहे अहइ सपथ
    अउर उ कबहुँ नाहीं बदली निज मत
‘तू अह एक ठु याजक सास्वत।’” (T)

22 इ सपथ क कारण ईसू एक अउर अच्छा करार क जमानत बन गवा बा।

23 अब देखा। अइसेन बहुत स याजक हुआ कतत हीं जेन्हे मउत तउ अपने गोड़े प नाहीं बनइ रहइ दिहेस। 24 मुला काहेकि ईसू अमर अहइ, इही बरे ओकर याजकपन भी हमेसा-हमेसा बना रहइवाला अहइ। 25 अतः जउन लोग ओकरे द्वारा परमेस्सर तक पहुँच हीं, उ ओनकर हमेसा क बरे उद्धार करइ मँ समर्थ अहइ, काहेकि उ ओनकर मध्यस्थता क बरे ही हमेसा जिअत ह।

26 अइसेन ही महायाजक हमार जरूरतन क पूरा कइ सकत ह, जउन पवित्तर होइ, दोस रहित होइ, सुद्ध होइ, पापियन क प्रभाऊ स दूर रहत होइ, सरग से भी जेका ऊँचा उठावा गवा होइ। 27 जेकरे बरे दुसर याजकन क समान इ जरूरी न अहइ कि उ दिन प्रतिदिन पहिले अपने पापन क बरे अउर फिन लोगन क पापन क बरे बलिदान चढ़ावइ। उ तउ हमेसा-हमेसा क बरे ओनके पापन क बरे खुद अपने आप क बलिदान कइ दिहेस। 28 काहेकि व्यवस्था दुबर्ल लोगन क याजक क रूप मँ नियुक्त किहेस। मुला सपथ क बचन व्यवस्था क बाद आवा, उस बचन क द्वारा परमेस्सर बेटवा क महायाजक क रूप मँ नियुक्त किहेस जउन हमेसा हमेसा क बरे पूरा बनि गवा।

नवा करार क महाजायक

जउन कछू हम कहत अही कि, ओकर मुख्य बात इ बाः निस्चय ही हमरे लगे एक अइसा महायाजक बा जउन सरगे मँ ओह महा महिमावान क सिंहासन क दहिने हाथ बिराजमान अहइ उ ओह पवित्तर गर्भ गृह मँ यानी स्वर्गिक रावटी, मँ जेका परमेस्सर तउ स्थापित किहे रहा, न कि मनई, सेवा क काम करत ह।

हर एक महायाजक क एह बरे नियुक्त कीन्ह जात ह उ भेंटन अउर बलिदानन-दुन्नऊ क ही अर्पित करइ। अउर इही बरे एह महायाजक क बरे भी जरूरी रहा कि ओकरे लगे भी चढ़ावा क बरे कछू होइ। अगर उ धरती प होत तउ उ याजक नाहीं होइ पावत काहेकि उहाँ पहिलेन स ही अइसेन मनई अहइँ जउन व्यवस्था क अनुसार भेंट-चढ़ावत हीं। पवित्तर आराधना स्थान मँ ओनकर सेवा-आराधना सरगे क यथार्थ क एक छाया नकल अहइ। इही बरे जब मूसा पवित्तर रावटी क निर्माण करइवाला रहा, तबइ ओका चेतावनी दइ दीन्ह गइ रहीः “ध्यान रहइ कि तू हर चीज ठीक उही प्रतिरूप क अनुसार बनावा जउन तोहका पर्वत प देखावा गवा रहा।” मुला जउन सेवा काम ईसू क मिला बा, उ ओनके सेवा काम स स्रेस्ठ बा। काहेकि उ जेह करार क मध्यस्थ अहइ उ पुरान करार स भी उत्तिम अहइ अउर उत्तिम चीजन क सबइ प्रतिज्ञा प अधारित बा।

काहेकि अगर पहिला करार मँ कउनउ खोट नाहीं होत तउ दुसरे करार क बरे कउनउ स्थान इ नाहीं रही जात। मुला परमेस्सर क ओन्हन लोगन मँ खोट मिला उ कहेसः

“पर्भू घोसित करत ह, आवत अहइ उ समइ करबइ,
    जब मइँ इस्राएल क घराना स
    यहूदा क घराना स एक नवा करार
इ करार होई न वइसेन
    जइसेन किहे रहेउँ मइँ ओनके पूर्वजन क साथ
ओह समइ जब मइँ ओनकर हाथ
    मिस्र स निकाल लइयावइ बरे पकड़े रहेउँ
काहेकि पर्भू कहत ह, उ मोरे करार मँ बिसवास नाहीं रखत
    मइँ ओनसे मुहँ फेर लिहेउँ।
10 इ बा उ करार जेका मइँ इस्राएल क घराना स करबइ।
    अउर फिन ओनके बाद पर्भू घोसित करत ह
ओनके मन मँ निज व्यवस्था बसउबइ मइँ
    ओनके हिरदय प लिखि देबइ मइँ
ओनका परमेस्सर बनबइ
    अउर उ मोर जन होइहीं।
11 फिन तउ कबहुँ कउनो जन अपने पड़ोसी क, अइसेन न सिखावइ या
    कउनो जन न अपने भाइयन स कबहुँ कही तू पर्भू क पहचाना।
    काहेकि तब त ओ सभन छोट से लइ के बड़न से बड़न मोका जनिहीं तलक।
12 काहेकि मइँ ओनके दुस्ट करमन क छमा करबइ
    अउर कबहुँ ओनके पापन क याद न रखबइ।” (U)

13 एह करार क नवा कहिके उ ओनसे पहिले क व्यवहार क अयोग्य ठहरायेस। अउर जउन पुरान पड़त अहइ अउर व्यवहार क अयोग्य अहइ, उ त फिन जल्दी ही लुप्त होइ जाई।

पुराने करार क आराधना

अब देखा पहिले करार मँ ही आराधना क नियम रहेन। अउर एक मनई क हाथन क बना आरा़धना घर भी रहा। एक रावटी बनाइ गइ रही जेकरे पहिले कच्छ मँ दीपाधार रहेन, मेज रहिन, अउर भेंट क रोटी रही। एका पवित्तर स्थान कहा जात रहा। दुसरे परदा क पीछे एक अउर कमरा रहा जेका परम पवित्तर कहा जात बा। एहमन सुगंधित सामग्री क बरे सोना क वेदी अउर सोना क मढ़ी करार क पेटी रही। एह पेटी मँ सोना क बना पन्ना क एक पात्र रहा, हारून क उ छड़ी रही जेह पर कोपल फूटी रही अउर करार क पाथर क पतरा रहेन। पेटी क ऊपर परमेस्सर क महिमामय उपस्थिति क प्रतीक यानि करूब बना रहेन जउन छमा क स्थान पर छाया क करत रहेन। मुला एह समइ हम इन बातन क बिस्तार क साथे चर्चा नाहीं कइ सकित।

सब कछू क एह तरह व्यवस्थित होइ जाइ क बाद याजक बाहरी कच्छ मँ प्रति दिन प्रवेस कइके आपन सेवा क काम करइ लागेन। मुला भीतर कच्छ मँ केवल महाजाजक ही प्रवेस करत रहा अउर उहऊ साल मँ एक दाई। उ बिना ओह लहू क कबहुँ प्रबेस नाहीं करत रहा जेका उ खुद अपने द्वारा अउर लोगन क द्वारा अनजाना मँ कीन्ह गए पापन क बरे भेंट चढ़ावत रहेन।

एकरे द्वारा पवित्तर आतिमा इ दरसावा करत रहा कि जब तलक अबहिं पहिली रावटी खड़ी भई बा, तब तलक परम पवित्तर स्थान क रस्ता उजागर नाहीं होइ पावत। इ आजु क जुग क बरे एक प्रतीक अहइ जउन इ दरसावत ह कि भेंट अउर बलिदान जेका अर्पित कीन्ह जात बा, आराधना करइवालन क चेतना क सुद्ध नाहीं कइ सकत। 10 इ सबइ तउ बस खाइपिअइ अउर कइयउ पर्व बिसेस-स्थानन क बाहेर क नियम अहइँ अउर नइ व्यवस्था क समई तक क बरे ही इ लागू होत हीं।

मसीह क लहू

11 मुला अब मसीह इ अउर अच्छी व्यवस्था क, जउन अब हमरे लगे बा, महायाजक बनिके आइ गवा बा। उ ओह जियादा अच्छी अउर पूरी रावटी मँ स होइ क प्रवेस किहेस जउन मनइयन क हाथन क बनाइ भइ नाहीं रही। मतलब जउ सांसारिक नाहीं बा। 12 बकरन अउर बछड़न क लहू क लइके उ प्रवेस नाहीं किहे रहा बल्कि सदा हमेसा क बरे भेंट सरूप अपने ही लहू क लइके परम पवित्तर स्थान मँ ओकर प्रवेस भवा रहा। एह तरह उ हमरे बरे पापन स सदा काल क छुटकारा सुनिस्चित कइ दिहे बा।

13 बकरन अउर साँड़न क खून अउर बछिया क भभूत क ओनपइ छिड़का जाब, असुद्धन क सुद्ध बनावत ह ताकि उ सबइ बाहरी तउर प स्वच्छ होइ जाइँ। 14 जब इ सच बा तउ मसीह क लहू केतॅना प्रभावसाली होइ। उ अनन्त आतिमा क द्वारा अपने आपक एक पूरी तरह बलि क रूप मँ परमेस्सर क समपर्ति कइ दिहेस। तउन ओनकर लहू हमरे चेतना क ओन्हन करमन स छुटकारा देवाई जउन मउत क ओर लइ जात हीं ताकि हम सजीव परमेस्सर क सेवा कइ सकी।

15 इही कारण स मसीह एक नवा करार क बीचउलिया बना ताकि जेनका बोलावा गबा बा, उ उत्तराधिकार क अनन्त आसीर्बाद पाई सकइँ जेनकर परमेस्सर तउ प्रतिज्ञा किहे रहा। अब देखा, पहिले करार क अधीन कीन्ह गएन पापन स ओन्हे छुटकारा दियावइ क बरे फिरौती क रूप मँ उ आपन प्रान तलक दइ चुका अहइ।

16 जहाँ तलक बसीयतनामा क प्रस्न बा, तउ ओकरे बरे जे ओका लिखे अहइ, ओकरी मउत क प्रमाणित कीन्ह जाब जरुरी बाटइ 17 काहेकि कउनउ बसीयतनामा केवल तबहिं प्रभावी होत ह जब ओका लिखइवालन क मउत होइ जात ह। जब तलक ओका लिखइवाला जिन्दा रहत ह, उ कबहुँ प्रभावी नाहीं होत। 18 इही बरे पिहला करार भी बिना एक मउत अउर लहू क गिराए स काम सुरु नाहीं कीन्ह गवा। 19 मूसा जब व्यवस्था क प्रत्येक आदेस क सब लोगन क घोसना कइ चुका तउ उ जल क साथे बकरन अउर बछड़न क लहु क लाल ऊन अउर हिसप क टहनियन स चर्म पत्रन अउर सभन लोगन पे छिड़क दिहे रहा। 20 उ कहे रहा, “इ उ करार क लहू अहइ, परमेस्सर जेकरे पालन क आज्ञा तोहे सबन क दिहे अहइ।” 21 उ इही तरह रावटी आराधना उत्सव मँ काम आवइवाली सब चीज प लहू छिड़के रहा। 22 सही या व्यवस्था चाहत ह कि अक्सर हर चीज क लहू स सुद्ध कीन्ह जाइ। अउर बिना लहू बहाए छमा हई या नाहीं ही बाटइ।

मसीह क बलिदान पापन क धोइ डालत ह

23 त फिन इ जरूरी बा कि चीजन जउन सरगे क प्रतिकृति बाटिन, ओन्हे पसुवन क बलिदान स सुद्ध कीन्ह जाइ मुला सरग क चीजन त एनहुँन स अच्छी बलिदानन स सुद्ध कीन्ह जाइ क अपेच्छा करत ह। 24 मसीह तउ मनइयन क हाथन क बना परम पवित्तर स्थान मँ, जउन सच्चा परम पवित्तर स्थान क एक प्रतिकृति मात्र रहा, प्रवेस नाहीं किहेस। उ तउ खुदइ सरग मँ ही प्रवेस किहेस ताकि अब उ हमरे ओर स परमेस्सर क उपस्थिति म प्रकट होइ।

25 अउर नाहीं तउ आपन फिन-फिन बलिदान चढ़ावइ क बरे उ सरगे मँ ओह तरह प्रवेस किहेस जइसेन महायाजक उ लहू क साथे, जउन ओकर आपन नाहीं बा, परन पवित्तर स्थान मँ हर साल प्रवेस करत ह। 26 नाहीं त फिन मसीह क सृस्टि क आदि स ही कइयउ दाई जातना झेलइ क पड़त। मुला अब देखा, इतिहास क चरम बिन्दु पर आपन बलिदान क द्वारा पापन क नास करइ क बरे उ हमेसा हमेसा क बरे एक्कइ बार प्रकट होइ गवा अहइ।

27 जइसे एक बार मरब अउर ओकरे बाद निआव क सामना करब मनई क नियति बा 28 तउन वइसेन मसीह क, एक्कइ बार कइयउ मनइयन क पापन क हरि लेइ क बरे बलिदान कइ दीन्ह गवा। अउर उ पापन क बहन करइ क बरे नाहीं बल्कि जउन ओकर बाट जोहत अहइँ, ओनके बरे उद्धार लियावइ क फिन दुसरी दाई प्रकट होइ।

अन्तिम बलिदान

10 व्यवस्था त आवइवाली अच्छी बातन क छाया मात्र प्रदान करत ह। अपने आप मँ उ बात यर्थाथ नाहीं हइन। इही बरे उही बलियन क द्वारा जेन्हे हमेसा हर बरिस अनन्त रूप स दीन्ह जात रहत ह, आराधना क बरे लगे आवइवालन क हमेसा-हमेसा क बरे पूरा सिद्ध नाहीं कीन्ह जाइ सकत। अगर अइसेन होइ पावत तउ का ओनकर चढ़ावा जाब बन्द न होइ जात? काहेकि फिन तउ आराधना करइवालन एक ही इ बार मँ सदा-हमेसा क बरे पवित्तर होइ जातेन। अउर आपने पापन क बरे फिन कबहुँ खुद क अपराधी न समझतेन। मुला उ बलिदान तउ बस पापन क एक बरस भरे क स्मृति मात्र अहइँ। काहेकि साँड़न अउर बकरन क लहू पापन क दूर कइ देइ, इ सम्भव नाहीं बा।

इही बरे जब मसीह एह जगत मँ आइ रहा तउ उ कहे रहाः

“तू बलिदान अउर कउनउ भेंट नाहीं चाह्या,
    मुला मोरे बरे एक देह तइयार किहा।
तू नाहीं कउनउ दग्ध भेंटन स न
    तउ पाप भेंटन स खुस भया।
तब फिन मइँ कहे रहेउँ, ‘किताबे मँ मोर बरे
    इ लिखा भी बा मइँ इहाँ अहइ।
    हे परमेस्सर तोहार इच्छा पूरा करइ क आइ हउँ।’” (V)

उ पहिलेन कहे रहा, “बलिदान अउर भेंटन, दग्ध भेंटन अउर पाप भेंटनन तउ तू चाहत अहा अउर न तउ तू ओसे खुस होत ह।” (यद्यपि व्यवस्था इ चाहत ह कि उ सबइ चढ़ाइ जाइँ) तब उ कहे रहा, “मइँ इहाँ अहउँ। मइँ तोहार इच्छा पूरी करइ आई हउँ।” त उ दुसरे व्यवस्था क स्थापित करइ क बरे, पहिली क रद्द कइ देत ह। 10 तउन परमेस्सर क इच्छा स एक बार ही हमेसा-हमेसा क बरे ईसू मसीह क देह क बलिदान द्वारा हम पवित्तर कइ दिन्ह गएन।

11 हर याजक एक दिना क बाद दुसरे दिन खड़ा होइके अपने धार्मिक कारज क पूरा करत ह। उ पचे फिन-फिन एक जइसेन ही उ बलि चढ़ावत हीं जउन पापन क कबहुँ दूर नाहीं कइ सकतेन। 12 मुला याजक क रूप मँ मसीह तउ पापन क बरे, हमेसा क बरे एक्कइ बलि चढ़ाइके परमेस्सर क दहिने हाथ जाइ बइठा। 13 अउर उही समइ स ओका अपने विरोधियन क ओकरे चरण क चौकी बनाइ दीन्ह जाइ क प्रतीच्छा बा। 14 जउन पवित्तर कीन्ह जात अहइ, ओनका हमेसा-हमेसा क बरे पूरा सिद्ध कइ दिहेस

15 एकरे बरे पवित्तर आतिमा हमका साच्छी देत ह। पहिले उ बतावत हः

16 “इ अहइ उ करार जेका मइँ ओनसे करबइ।
    अउर फिन ओकरे बाद पर्भू घोसित करत निज व्यवस्था मइँ
ओनकइ हिरदइ मँ बसबउबइ
    ओनके मने पर लिखी देबइ.” (W)

17 उ इहउ कहत हः

“ओनके पापन
    अउर ओनके दुस्करमन क अब मइँ कबहुँ यादत रखब।” (X)

18 अउर फिन जब पाप छमा कइ दीन्ह गएन त पापन क बरे कउनो बलिदान क कउनउ जरूरत रही ही नाहीं।

परमेस्सर क लगे आवअ

19 इही बरे भाइयो तथा बहिनियो, काहेकि ईसू क लहूक द्वारा हमका ओह परम पवित्तर स्थान मँ प्रवेस करइ क निडर भरोसा बा। 20 जेका उ परदा क द्वारा, मतलब जउन ओकर सरीरइ, अहइ, एक नवा अउर सजीव रस्ता क माध्यम स हमरे बरे खोलि दिहे अहइ। 21 अउर काहेकि हमरे लगे एक अइसेन महान याजक अहइ जउन परमेस्सर क घराना क अधिकारी अहइ। 22 तउ फिन आवा, हम सच्चे हिरदइ, निस्चितपूर्ण बिसवास आपन अपराधपूर्ण चेतना स हमका सुद्ध करइ क बरे कीन्ह गए छिड़क भी स युक्त अपने हिरदइ क लइके सुद्ध जल स धोवा भए अपने सरीरन क साथे परमेस्सर क लगे पहुँचाय अही। 23 तउ आवअ जेह आसा क हम अंगीकार किहे हई, हम अडिग भाउ स ओह पर डटा रही काहेकि जे हमका बचन दिहे अहइ, उ बिसवासपूर्ण बा।

एक दुसरे क बलवान करइ

24 अउर आवा हम धियान रखी कि हम पिरेम अउर अच्छा करमन क बरे एक दुसरे क कइसेन बढ़ावा दइ सकित ह। 25 हमरे सबइ सभा मँ आउब जिन छोड़ा। जइसेन कि कछून क तउ उहाँ न आवइ क आदत ही पड़ि गइ बा। बल्कि हमका तउ एक दूसरे क बलवान करइ चाही। अउर जइसेन कि तू देखत अहा कि उ दिन लगे आवत बा-तउन तोहे इ अउर जियादा करइ चाही।

मसीह स मुँह न फेरा

26 सत्य क गियान पाइ लेइके बाद उ अगर हम जानबूझ क पाप करित ही रहित ह फिन तउ पापन क बरे कउनउ बलिदान बचा नाहीं रहत। 27 बल्कि फिन त निआव क भयानक प्रतीच्छा अउर भीसण आगी बाकी रहि जात ह जउन परमेस्सर क बिरोधियन क चट कइ जाई। 28 जउन कउनउ मूसा क व्यवस्था क पालन करइ स मना करत ह, ओका बिना दया देखाए दुइ या तीन साच्छियन क साच्छी प मारि डावा जात ह। 29 सोचा, उ मनइयन केतना जियादा कड़ा दंड क पात्र अहइँ, जे अपने गोड़न तले परमेस्सर क पूत क कुचलेन, जे करार क उ लहू के, जे ओनका पवित्तर किहे रहा, एक अपवित्तर चीज मानेन अउर अनुग्रह क आतिमा क अपमान किहेन। 30 काहेकि हम ओनका जानित ह जे कहे रहेने, “बदला लेब काम बा मोर, मइँ हीं बदला लेब।”(Y) अउर फिन, “पर्भू अपने लोगन क निआव करी।”(Z) 31 कउनो पापी क सजीव परमेस्सर क हाथन मँ पड़ि जाब एक भयानक बात अहइ।

बिसवास बनाये रखा

32 आरम्भ क उ दिनन क याद करा जब तू प्रकास पाए रह्या, अउर ओकरे बाद जब तू कस्टन क सामना करत भए कठोर संघर्स मँ मजबूती क साथे डटा रह्या। 33 तब कबहुँ तउ सब लोगन क सामने तोहे अपमानित कीन्ह गवा अउर सताया गवा अउर कबहुँ जेनके साथे अइसेन बर्ताव कीन्ह जात रहा, तू ओनकर साथ दिह्या। 34 तू, जउन बन्दीघरे मँ पड़ा रह्या, ओनसे सहानुभूति क अउर अपने सम्पत्ति क जब्त कीन्ह जाब सहर्स स्वीकार किह्या काहेकि तू इ जानत रह्या कि खुद तोहरे अपने लगे अच्छी अउर टिकाऊ सम्पत्तियन बाटिन।

35 तउन अपने साहस बिसवास क जिन तियागा काहेकि एकइ भरपूर प्रतिफल दीन्ह जाई। 36 तोहे धीरज क जरुरत बा ताकि तू जब परमेस्सर क इच्छा पूरी कइ चुका तउ जेकर बचन उ दिहे अहइ, ओका तू पाइ सका। 37 काहेकि,

“बहुत जल्दी ही, जेका आवइ क बा,
    उ जल्दी ही आई, अउर देर नाहीं करी।
38 मोर धर्मी जन
    जउने बिसवास स
अउर अगर उ पीछे हटी तउ मइँ
    ओनसे खुस न रहबइ।” (AA)

39 मुला हम ओनसे नाहीं हई जउन पीछे हटत हीं अउर खतम होइ जात हीं बल्कि ओनमाँ स अही जउन बिसवास करत हीं अउर उद्धार पावत हीं।

बिसवास क महिमा

11 बिसवास क मतलब बा, जेकर हम आसा करित ह, ओकरे बरे सुनिस्चित होब। अउर बिसवास क मतलब बा कि हम चाहे कउनो चीज क देखत न अही मुला ओकरे अस्तित्व क बारे मँ सुनिस्चित होब कि उ बा। इही कारण पुरानन क परमेस्सर क आदर मिला भआ रहा।

बिसवास क आधार पर ही हम इ जानित ह कि परमेस्सर क आदेस स जगत क रचना भइ रही। इही बरे जउन दृस्य बा, उ दृस्य स नाहीं बना बा।

हाबिल तउ बिसवास क कारण ही परमेस्सर क कैन स अच्छी बलि चढ़ाए रहा। बिसवास क कारण ही ओका एक धर्मी मनई क रूप मँ तब सम्मान मिला रहा जब परमेस्सर त ओकरी भेंटन क प्रसंसा किहे रहा। अउर बिसवास क कारण उ आजऊ बोल थीं जद्यपि उ मरी चुका अहइ।

बिसवास क कारण ही हनोक क एह जीवन स उप्पर उठाइ लिहा गवा रहा ताकि ओका मउत क अनुभव न होइ। परमेस्सर तउ काहेकि ओका दूर हटाइ दिहे रहा इही बरे उ पावा नाहीं गवा। काहेकि ओका उठावा जाइ स पहिले परमेस्सर क प्रसन्न करइवाले क रूप मँ ओका सम्मान मिल चुका रहा। बिसवास के बिना परमेस्सर क खुस करब असम्मभव रहा। काहेकि हरएक उ जउन ओकरे लगे आवत ह, ओकरे बरे इ जरूरी बा कि उ एह बात क बिसवास करइ कि परमेस्सर क अस्तित्व बा अउर उ जउन ओका सच्चाई क साथ खोजत ह, उ ओन्हे ओकर प्रतिफल देत ह।

बिसवास क कारण ही नूह क जब ओन्हन बातन क चेतावनी दीन्ह गइ जउन उ देखे तक नाहीं रहा तउ उ पवित्तर भय स भरा आपन परिवार क बचावइ क बरे एक नाव क निर्माण किहे रहा। अपने बिसवासे स ही उ एह संसार क दोसपूर्ण मानेस अउर ओह धार्मिकता क उतराधिकारी बना जउन बिसवास स आवत ह।

बिसवास क कारण ही, जब इब्राहीम क अइसेन स्थान प जाइके बरे बोलावा गवा रहा, जेका बाद मँ उतराधिकार क रुप मँ ओका पावइ क रहा, जदि उ इ जानत तक नाहीं रहा कि उ कहाँ जात बा, फिन भी उ आज्ञा मानेस अउर उ चला गवा। बिसवास क कारण ही जउने धरती क देइ क ओका बचन दीन्ह गवा रहा, ओह प उ एका अनाजान परदेसी क समान आपन घरे बनाइके निवास किहेस। उ तम्बुवन मँ वइसेन रहा जइसेन इसहाक अउर याकूब रहत रहेन जउन ओकरे संग परमेस्सर क ओह प्रतिज्ञा क उतराधिकारी रहेन। 10 उ मजबूत आधारवाली उ नगरी क बाट जोहत रहा जेकर सिल्पी अउर निर्माण कर्ता परमेस्सर अहइ।

11 बिसवास क कारण ही, इब्राहीम जउन बूढ़ा होइ चुका रहा अउर सारा जउन खुद बाँझ रही, जे बचन दिहे रहा, ओका बिसवासनीय समझिके गर्भवती भइ अउर इब्राहीम क बाप बनाइ दिहेस। 12 अउर एह तरह इ एक्कइ मनई स जउन मरियल स रहा, अकास क तारन जेतनी असंख्य अउर सागर-तट क रेत-कणन जेतनी अनगिनत संतान भइन।

13 बिसवास क अपने मन मँ लिए भए इ लोग मरि गएन। जिन चीजन क प्रतिज्ञा दीन्ह गइ रही, उ ओ चीजन क नाहीं पाएन। उ पचे बस ओनका दुर स ही देखेन अउर ओनकर स्वागत किहेन अउर उ इ मानि लिहेन कि ओ पचे इ धरती प परदेसी अउर अनजान अहइँ। 14 उ लोग जउन अइसेन बात कहत हीं, उ इ देखावत हीं कि उ पचे एक अइसेन देस क खोज मँ अहइँ जउन ओनकर आपन अहइ। 15 अगर उ पचे ओह देस क बारे मँ सोचतेन जेका उ छोड़ि चुका अहइँ तउ ओनके फिन स लउटइ क अवसर रहत। 16 मुला ओन्हे तउ सरगे क एक अच्छा प्रदेस क उत्कट अभिलासा बा। इही बरे परमेस्सर क ओनकर परमेस्सर कहवावइ मँ संकोच नाहीं होत काहेकि उ तउ ओनके बरे एक नगर तइयार कइ रखे अहइ।

17-18 बिसवास क कारण ही इब्राहीम तउ, जब परमेस्सर ओकर परीच्छा लेत रहा, इसहाक क बलिदान चढ़ाएस। उहइ जेका प्रतिज्ञा मिली भइ रही, अपने एक मात्र बेटवा क जब बलिदान देई बाला रहा। तउ जद्यपि परमस्सर त ओसे कहे रहा, “इसहाक क द्वारा ही तोहरा वंस बाढ़ी।” 19 मुला इब्राहीम तउ सोचेस क परमेस्सर मरे भएन क भी जियाइ सकत ह अउर अगर अलंकारित भाखा मँ कहा जाइ तउ उ इसहाक क मउत स फिन वापस पाइ लिहेस।

20 बिसवास क कारण ही इसहाक तउ याकूब अउर एसाब क ओनके भविस्स क बारे मँ आसीर्बाद दिहेस। 21 बिसवास क कारण ही याकूब तउ जब उ मरत रहा।

22 यूसुफ जब ओकर अंत निकट रहा हर बेटवा क आसीर्बाद दिहेस अउर लाठी क उपर सिरे झुकि के सहरा लेत परमेस्सर क आराधना किहेस।

23 बिसवास क अधार पर ही, मूसा क महतारी-बाप तउ, मूसा क जनम क बाद ओनका तीन महिना तक छुपाये रखेन काहेकि ओ देखि लिहे रहेन कि उ कउनो सामान्य बालक नाहीं रहा अउर उ राजा क आज्ञा स नाहीं डरेन।

24-25 बिसवास स ही, मूसा जब बड़ा भवा तउ फिरौन क बिटिया क बेटवा कहवावइ स इन्कार कइ दिहेस। उ पाप क छणिक सुक भोगन क अपेच्छा परमेस्सर क लोगन क साथे दुर्व्यवहार झेलबइ ही चुनेस। 26 उ मसीह क बरे अपमान झेलइ क मिस्र क धन भंडारन क अपेच्छा जियादा मूल्यवान मानेस काहेकि उ आपन प्रतिफल पावइ क बाट जोहत रहा।

27 बिसवास क कारण ही, राजा क क्रोध स न डरत भए उ मिस्र क परित्याग कइ दिहेस। उ डटा रहा, मान ओका अदृस्य परमेस्सर देखात अहइ। 28 बिसवास स ही, उ फसह क त्यौहार अउर लहू छिड़कइ क पालन किहेस, ताकि पहिलौठा क बिनास करइवाला इस्राएल क पहिलौठा क छू तक न पावइ।

29 बिसवास क कारण ही, लोग लाल-सागर स अइसेन पार होइ गएन जइसेन उ कउनो सूखी जमीन होइ। मुला जब मिस्र क लोगन अइसेन करइ चाहेन तउ उ पचे डूबि गएन।

30 बिसवास क कारण ही, यहीहो क नगर-परकोट लोगन क सात दिन तलक ओकरे चारिहुँ कइँती परिक्रमा कइ लेइके बाद ढह गवा।

31 बिसवास क कारण ही, राहाब नाउँ क बेस्या आज्ञा क उल्लंघन करइवालन क साथे नाहीं मारी गइ रही काहेकि उ गुप्तचरन क स्वागत सत्कार किहे रही।

32 अब मइँ अउर जियादा का कही। गिदोन, बाराक, सिमसोन, यिफतह, दाऊद, समूएल अउर ओन्हन नबियन क चर्चा करइ क मोरे लगे समइ नाहीं बाटइ। 33 जे बिसवास स, राज्यन क जीत लिहेस, निआवपूर्ण काम किहेस अउर परमेस्सर जउन देइ क बचन दिहे रहा, ओका पाएस। जे सिंहन क मुँह बन्द कइ दिहेस, 34 लपलपात लपटन क क्रोध क सान्त किहेस अउर तलवार क धार स बच निकलेन, जेकरे कमजोरी इ सकित मँ बदल गइ, अउर युद्ध मँ जउन सक्तिसाली बनेन अउर जे बिदेसी सेनन क छिन्न-भिन्न कइ डाएन।

35 स्त्रियन तउ अपने मरन हुवन क फिन स जिन्दा पाएन। बहुतन क सतावा गवा, मुला उ छुटकारा पावइ स मना कइ दिहेन ताकि ओनका एक अउर अच्छा जीवन मँ पुनरूत्थान मिलि सकइ। 36 कछू क उपहासन अउर कोड़न क सामना करइ पड़ा जबकि कछू क जंजीरन स जकड़िके बन्दी घरे मँ डालि दीन्ह गवा। 37 कछू पइ पथराऊ कीन्ह गवा। ओनका आरा स चीरके दुइ फाँक कइ दीन्ह गवा, ओनका तलवार स मउत क घाट उतारि दीन्ह गवा। उ पचे गरीब रहेन, ओनका जातना दीन्ही गइ अउर ओनके साथे बुरा व्यवहार कीन्ह गवा! उ पचे भेड़ बकरियन क खाल ओढ़े रहेन अउर एहर ओहर भटकत रहेन। 38 इ संसार ओनके योग्य नाहीं रहा। उ पचे रेगिस्तानन अउर पहाड़न मँ घूमत रहेन अउर सबइ गुफा अउर धरती मँ बने भए बिलन मँ छुपत-छुपावत फिरेन।

39 अपने बिसवासे क कारण ही इ लोग सब स सराहा गएन। फिन भी परमेस्सर क जेकर महान बचन ओनका दीन्ह गवा रहा, ओका एनमाँ स कउनो नाहीं पाइ सका। 40 परमेस्सर क लगे आपन योजना क अनुसार हमरे बरे कूछ अउर जियादा अच्छा रहा जइसेन ओनहूँ बस हमरे साथे ही पूरा सिद्ध कीन्ह जाइ।

परमेस्सर अपने बेटवन क सिधावत ह

12 काहेकि हम साच्छियन क अइसेन एतॅनी बड़ी भीड़ स घिरी भइ अहइ, जउन हमका बिसवास क मतलब का अहइ एकर साच्छी देत ह इही बरे आवा बाधा पहुँचावइवाली हर एक चीज क अउर ओह पाप क जउन सहज इ मँ हमका उलझाइ लेत ह झटकिके फेंका अउर उ दउड़ जउन हमका दउड़इ क बा, आवअ धीरज क साथे ओका दउड़ी। हमार बिसवास क अगुआ अउर ओका पूरा सिद्ध करइवाला। इसू पे आवा हमका दिस्टी हटवाइ न चाही। जे अपने सामने उपस्थित आनन्द क बरे क्रूस क जातना झेलेन, ओकरी लज्जा क कउनउ चिंता नाहीं किहेस अउर परमेस्सर क सिंहासन क दहिने हाथ विराजमान होइ गवा। ओकर धियान करा जे पापियन क अइसेन विरोध एह बरे सहन किहेस ताकि थकिके तोहार मन हार न मानि बइठइ।

परमेस्सर पिता जइसा

पाप क बिरुद्ध आपन संघर्स मँ तोहे सबन क एतॅना नाहीं अड़इ पड़ा रहा कि आपन लहू बहावइ पड़ा होइ। तू उ साहसपूर्ण बचन क भूलि गवा अहा। जउन तोहरे बेटवा नाते सम्बोधित अहइः

“मोर बेटवा, पर्भू क अनुसासन क महत्व को समझइ मँ असफल न ह्वा।
    तिरस्कार जिन करा, ओकरे फटकार क बुरा कबहुँ जिन माना
काहेकि पर्भू ओनका अनुसासन करत ह।
    उ जेनसे पिरेम करत ह।
    अउर जइसेन बेटवा बनाइ लेत अहइ, ओनका दंड भी देत ह।” (AB)

कठिनाइ क अनुसासन क रूप मँ सहन करा। परमेस्सर तोहरे साथे अपने बेटवा क समान व्यवहार करत ह। अइसा बेटवा के होइ जउन अपने बाप क द्वारा अऩुसासित न भवा होइ? अगर तोहे अइसेन नाहीं दण्डित कीन्ह गवा होइ जइसेन सबन क दण्ड दीन्ह जात ह तउ तू अपने बाप स पैदा भवा बेटवा नाहीं अहा। तउ सच्चा सन्तान नाहीं अहा। अउर फिन इहउ कि एन सबन क उ बापउ जे हमरे सरीर क जन्म दिहे अहइ, हमका सिधावत अहइ। अउर एकरे बरे हम ओन्हे मान देइ ह तउ फिन हमका आपन आतिमन क बाप क अनुसासन क तउ केतना जियादा अधीन रहत भए जिअत चाही। 10 हमार बाप तउ तनिक समइ मँ जइसा उ नीक समझेस, हमका दंडित किहेस। हमका दण्ड, मुला परमेस्सर हमका हमार भलाइ क बरे दण्डित करत ह, जइसेन हम ओकर पवित्रता क सहभागी होइ सकी। 11 लोगन क जउने समइ सिधावा जात ह, ओह समइ सिधाउब अच्छा नाहीं लागत, बल्कि उ दुखद लागत ह मुला कछू भी होइ, उ जउन एकरे द्वारा सिधावा जाइ चुका बाटेन, ओनके बरे इ आगे चलिके नेकी अउर सान्ति क सुफल प्रदान करत ह।

चेतावनी: कइसे रहा

12 इही बरे आपन कमजोर भुजा अउर कमजोर घुटनन क सबल बनावा। 13 अपने गोड़न क बरे रस्ता बनावा तू समतल। तकि जउन लँगड़ा हयेन, उ अपंग नाहीं, वरन चंगा होइ जाइँ।

14 सभन क साथे सान्ति क साथे रहइ क कोसिस करा अउर पवित्तर होइ क बरे हर तरह स प्रयत्नसील रहा, बिना पवित्तरता क कउनउ पर्भू क दर्सन न कइ पाई। 15 इ बात क धियान रखा कि परमेस्सर क अऩुग्रह स कउनो बिमुख न होइ जाइ अउर तोहे कस्ट पहुँचावइ अउर बहुत जने क बिकृत करइ क बरे कड़वी जड़ न फूटि पड़इ। 16 देखा कि कउनउ व्यभिचार न करइ अउर उ एसाव क समान परमेस्सर बिहीन न होइ जाइँ जइसेन सबसे बड़ा बेटवा होइ क नाते उत्तराधिकार पाबइ क अधिकारी रहा मुला जे ओन्हे बस एक जून क खाइ भर क बरे बेचि दिहेस। 17 जइसेन कि तू जनतइ अहा बाद मँ जब उ इ आसीर्बाद क पावई चाहेस तउ ओका अयोग्य ठहरावा गवा। जद्यपि उ रोइ-रोइके बरदान पावइ चाहेस मुला उ अपने किहे क अनकिहे नाहीं कइ पाएस।

18 तू आगी स जलत हुआ एह पर्वत क लगे नाहीं आया जेका छुवा जाइ सकत रहा अउर न तउ अंधकार, बिसाद अउर बवंडर क लगे आया होइ। 19 अउर न तउ तुरही क तेज आवाज अउर कउनउ अइसेन सुर क करीब मँ आया, अउर न बोलत बचन का सुन्या, उ आवाज जेकरे सुने क बाद केउ क सुनइ क जरूरत नाहीं रहत। 20 काहेकि जउन आदेस दीन्ह गवा रहा, उ पचे ओका झेली नाहीं पाएनः “अगर कउनउ पसु तलक उ पर्वत क छुवइ तउ ओहे पे पथराऊ कीन्ह जाई।”(AC) 21 उ दृस्य एतना भयभीत कइ डावइवाला रहा कि मूसा तउ कहेस, “मइँ भय स थर-थर काँपत हउँ।”(AD)

22 बल्कि तू सिय्योन पर्वत, सजीव परमेस्सर क नगरी, सरगे क यरूसलेम क लगे आइ पहुँचा अहा। तू तउ हजारन-हजार सरगदूतन क आनन्दपूर्ण सभा, 23 परमेस्सर क पहिलौटी क संतानन, जेनके नाउँ सरग मँ लिखा बाटेन, ओनके सभा क लगे पहुँच चुका अहा। तू सबके निआव कर्ता परमेस्सर अउर ओन्हन धर्मात्मा, पूर्ण मनइयन क सबइ आतिमन, 24 अउर एक नवा करार क बीचवा मँ ईसू अउर छिड़का भवा उ लहू स लगे आइ चुका अहा जउ न हाबील क लहू क अपेच्छा अच्छा बचन बोलत ह।

25 धियान रहइ, कि यदि जब परमेस्सर बलत ह ओका सुनइ स जिन करा। जदि उ पचे ओका नकारिके नाहीं बच पाएस जउन ओनकर धरती पे चेतावनी दिहे रहा अगर हम ओनसे मुँह मोड़बइ जउन हमका सरग स चेताउनी देत बा, तउ हम त दण्ड स बिकूलही न बची पउबइ। 26 ओकर बानी ओह समइ धरती क झकझोर दिहे रही मुला अब उ प्रतिज्ञा किहे अहइ, “एक बार फिन न केवल धरती क ही बल्कि आकासे क भी मइँ झकझोर देबइ।”(AE) 27 “एक बार फिन” इ सब्द उ हर चीज क ओर इंगित करत भवा जउन हिल गवा बा, जब स उ रचा गवा बा। उ सबइ क नास कइ दीन्ह जाई। केवल उहइ चीजन बचिहीं जउन हिलाई न जाइ सकइँ।

28 अतः काहेकि जब हमका एक अइसेन राज्य मिलत बा, जेका झकझोरा नाहीं जाइ सकत, तउ आवा हम धन्यवादी बनी अउर आदर मिले भए क साथे परमेस्सर क आराधना करी। 29 काहेकि हमार परमेस्सर भस्म कइ डावइवाली एक आग अहइ।

निस्कर्स

13 भाई क समान परस्पर पिरेम करत रहा। अतिथियन क सत्कार करब न भूला, काहे कि अइसेन करत भए कछू लोगन तउ अनजाना मँ ही सरगदूतन क स्वागत सत्कार किहे अहइँ। बंदियन क इ रूप मँ याद करा जइसेन तूहऊँ ओनके साथी बन्दी रहा ह्वा। जेनके साथे बुरा व्यवहार भवा बा ओनकर एह तरह सुधि ल्या जइसेन माना तू खुद पीड़ित होत अहा।

बियाह क सबके आदर करइ चाही। बियाह क सेज क पवित्तर रखा। काहेकि परमेस्सर व्यभिचारियन अउर दुराचारियन क दण्ड देई। अपने जीवन क धने क पिरेम स मुक्त रखा। जउन कछू तोहरे लगे बा, उही मँ सन्तोस करा काहेकि परमेस्सर तउ कहे बाटइ,

“मइँ तोहका कबहुँ न छोड़ब,
    अउर तोहका कभी न तजबइ।” (AF)

इही बरे हम बिसवास क साथे कहत हई,

“पर्भू मोर सहायक,
    मइँ कबहुँ भयभीत न बनबइ।
कउनउ मनइ मोर का करइ?” (AG)

अपने नेतन क याद रखा जे तोहे परमेस्सर क बचन सुनाये अहइ। ओनकर जीवन विधि क परिणाम पे बिचार करा अउर ओनके बिसवास क अनुसरण करा। ईसू मसीह काल्हिउ ही रहा, आजउ वइसेनइ अहइ अउर युग-युगान्तर तलक वइसेन ही रही। हर तरह क अपरिचित उपदेस स भरमावा न जा। तोहरे मने क बरे अच्छा बा कि उ अऩुग्रह क द्वारा मजबूत बन रहा न कि खाइ-पअइ सम्बन्धी नियमन क मानइ स, जेनसे ओनकर कबहुँ कउनउ भला न भवा होइ, जे ओन्हे मानेन।

10 हमरे लगे एक अइसेन बेदी अहइ जइसेन प स खाइ क अधिकार ओनका न होइ जउन रावटी मँ सेवा करत हीं। 11 महाजायक परम पवित्तर स्थानन प पाप बलि क रूप मँ पसुवन क लहू त लइ जात हीं, मुला ओनकर सरीस डेरा स बाहेर जलाइ दीन्ह जात हीं। 12 इही बरे ईसू तउ खुद अपने लहू स लोगन क पवित्तर करइ क बरे नगर दुवार क बाहेर यातना झेलेस। 13 तउ फिन आवा हमहूँ इही अपमान क झेलत भए जेका उ झेले रहा, डेरन क बाहेर ओनके लगे चली। 14 काहेकि इहाँ हमार कउनो स्थायी नगर नाहीं बा बल्कि हम तउ ओह नगरक बाट जोहत अही जउन आवइवाला अहइ। 15 अतः आवा हम ईसू क द्वारा परमेस्सर क स्तुति रूपी बलिदान करी जउन ओन ओठन क फल अहइ जे ओनके नाउँ क पहिचाने हयेन। 16 अउर नेकी करब अउर आपन चीजन क अउरन क साथे बाँटब न भूला। काहेकि परमेस्सर अइसेनइ बलिदान स खुस होत ह।

17 आपने नेतन क आज्ञा माना। ओनके अधीन रहा। उ पचे तोहेप अइसेन चउकसी रखत हीं जइसेन ओन्हन मनइयन प रखी जात ह जेका आपन लेखा-जोखा ओन्हे देइ क बा। ओनकर आज्ञिया मानअ, जेसे ओनकर करम आनन्द बनी जाइ। न कि एक बोझ बनइ। काहेकि ओसे तोहर कउनउ लाभ न होये।

18 हमरे बरे बिनती करत रहा। हमका निस्चय कि हमार भावना ठीक बा। अउर हम हर तरह स उहइ करइ चाहित ह जउन उचित बा। 19 मइँ बिसेस रूप स आग्रह करित ह कि तू पराथना करत रहा ताकि जल्दी ही मइँ तोहरे लगे आइ सकउँ।

20-21 जे भेड़न क उ महान रखवाला हमार पर्भू ईसू क लहू द्वारा उ सनातन करार पे मोहर लगाइ क मरा भएन मँ स जियाइ उठायेस, उ सान्ति-दाता परमेस्सर आन्तरिक करार प्रभावित करे अहइ। तोहे सभन क अच्छी साधना स सम्पन्न करइ। जइसेन तू ओनकर इच्छा पूरी कइ सका। अउर ईसू मसीह क जरिये उ हमरे भित्तर उ सब कछू क सक्रिय करइ जउन ओनका भावत ह। जुग-जुगान्तर तलक ओनकर महिमा होत रहइ अउर जउन ओका अच्छा लागत रहइ। आमीन!

22 भाइयो तथा बहिनियो मोर आग्रह बा कि तू प्रेरणा देइवाला मोरे इ बचन क धारन करा। मइँ तोहे इ पत्र बहुत संछेप मँ लिखे हउँ। 23 मइँ चाहत अहउँ कि तोहे जानकारी होइ कि हमार भाई तीमुथियुस रिहा कइ दीन्ह गवा अहइ। अगर उ जल्दी ही आइ पहुँचइ तउ मइँ उही क साथे तोहसे मिलइ अउबइ।

24 अपने सभन अग्रणियन अउर परमेस्सर क लोगन क नमस्कार भेजत कहा। इतालियावाले स आवा सभी लोगन तोहे नमस्कार भेजत अहइँ।

25 परमेस्सर क अनुग्रह तोहे सभन क साथे रहइ।

याकूब क जउन परमेस्सर अउर पर्भू ईसू मसीह क दास अहइ,

संतन क बारह कुलन क नमस्कार पहुँचइ जइन समूचे संसार मँ फइला भवा अहइँ।

बिसवास अउर विवेक

मोर भाइयो तथा बहिनियो, जब कबहुँ तू तरह तरह क परीच्छा मँ पड़ा तउ एका बड़ा आनन्द क बात समझा। काहेकि तू इ जानत अहा कि तोहार बिसवास जब परीच्छा मँ सफल होत ह तउ ओसे धीरजपूर्ण सहन सक्ती पैदा होत ह। अउर उ धीरजपूर्ण सहन सक्ती एक अइसेन पूर्णता क जनम देत ह जेहसे तू अइसेन सिद्ध अउर पूर्ण बन सकत ह जेहमाँ कउनउ कबहुँ नाहीं रहि जात।

तउन अगर तोहमाँ कछू विवेक क कमी अहइ तउ ओका परमेस्सर स मांग सकत ह। उ सबहिं क उदारता क साथे देत ह। उ सबहिं क उदार होइ क देइ मँ खुस होत ह। बस बिसवास क साथे माँगा जाइ। तनिकउ भी संदेह न होइ चाही काहेकि जेका संदेह होत ह, उ सागर क ओह लहर क समान बा जउन हवा स उठत ह अउर थरथरात ह। 7-8 अइसेन मनई क इ नाहीं सोचइ चाही कि ओका पर्भू स कछू भी मिल पाई। अइसेन मनई क मन तउ दुविधा स ग्रस्त बा। उ अपने सभन करमन मँ अस्थिर रहत ह।

सच्चा धन

साधारण परिस्थितियन वाला भाइयन क गरब करइ चाही कि परमेस्सर तउ ओका आतिमा क धन दिहे अहइ। 10 अउर धनी भाइ क गरब करइ चाही कि परमेस्सर ओका आत्मिक गरीबी देखाए अहइ। काहेकि ओका त घास खिलइवाला फूल क नाई झर जाइ क बा। 11 सूरज कड़कड़ात धूप लइके उगत ह अउर पउधा क झुराइ डावत ह। ओनकर फूल पत्तियन झर जात हीं अउर सुन्दरता समाप्त होइ जात ह। इही तरह धनी मनई धन बरे योजना बनाने मँ ही समाप्त होइ जात ह।

परमेस्सर परीच्छा नाहीं लेत

12 उ मनई धन्य अहइ जउन परीच्छ मँ अटल रहत ह काहेकि परिच्छा मँ खरा उतरइ क बाद उ जीवन क ओह बिजय मुकुट क धारण करी जेका परमेस्सर अपने पिरेम करइवालन क देइ क बचन दिहे अहइ। 13 परीच्छा क घड़ी मँ कीहीउ क इ नाहीं कहइ चाही, “परमेस्सर मोर परीच्छा लेत अहइ,” काहेकि खराब बातन स परमेस्सर क कउनउ लेब-देब नाहीं होत। उ कउनो क परीच्छा नाहीं लेत। 14 हर कउनो आपन ही खराब इच्छन स भ्रम मँ फंसिके परीच्छा मँ पड़त ह। 15 फिन जब उ इच्छा गर्भवती होत ह तउ पाप पूरा बढ़ जात ह अउर उ मउत क जनम देत ह।

16 तऊन मोर पिआर भाइयो तथा बहिनियो, धोखा न खा। 17 हर एक उत्तिम दान अउर परिपूर्ण उपहार उप्पर स मिलत ह। अउर उ सबइ ओह परमपिता क जरिये जे सरगीय प्रकास (सूरज चाँद अउर तारन) क जनम दिहे अहइ, नीचे लइ आवत ह। उ जउन सभन प्रकासन का पिता अहइ। जो न कभउ बदलत ह अउर न छाया स प्रभावित होत ह। 18 परमेस्सर अपने इच्छा स सत्य क बचन दुआरा हमे जनम दिहेस जेहसे हम ओकरे द्वारा रचे गएन प्रानियन मँ सबसे महत्वपूर्ण सिद्ध होइ सकी।

सुनब अउर ओह पर चलब

19 मोर पिआरे भाइयो तथा बाहिनियो, खियाल रखा, हर कीहीउ क तत्परता क साथे सुनइ चाही, बोलइ मँ जल्दी न करा, अउर जल्दी सा किरोध न करा कर। 20 काहेकि मनई जब किरोध करत ह तब उ परमेस्सर क द्वारा बनाए भए रस्ता का पालन नाहीं कइ पावत। 21 सब घिनौना आचरण अउर चारहुँ ओर फइलत दुस्टताई स दूर रहा। अउर नरमी क साथे तोहरे हिरदइ मँ रोपा भवा परमेस्सर क बचन क पालन करा जउन तोहार आतिमन क उद्धार देवाई सकत ह।

22 परमेस्सर क उपदेस पे चलइ वाला बना, न कि केवल ओका सुनइवाला। अगर तू केवल ओका सुनबइ भर रहत ह तउ अपने आप क छलत अहा। 23 काहेकि अगर केउॅ परमेस्सर क उपदेस क सुनत तउ बाटइ मुला ओह प चलत नाहीं, तउ उ ओह मनई क समान बाटइ जउन अपने भौतिक मुँहे क दरपन मँ देखतेइ भर बाटइ। 24 उ खुद क अच्छी तरह देखतइ बा, पर जब उहाँ स चला जात ह तउ तुरन्त भूल जात ह कि उ कइसेन देखॉत रहा। 25 किन्तु जो परमेस्सर क उहइ सम्पूर्ण व्यवस्था क नजदीक स देखत ह, जेससे स्वतन्त्रता प्राप्त होत ह, अउर उही प आचरण भी करत ह अउर सुनिके ओहका भूले बिना आपन आचरण मँ उतार लेत ह, उही अपने करमन क बरे धन्य होइ।

आराधना क सच्चा रस्ता

26 अगर केऊ सोचत ह कि उ भक्त अहइ अउर अपने जीभ प कसिके लगाम नाहीं लगावत त उ धोखा मँ बा। ओकर भक्ति बेकार बा। 27 परमेस्सर क सामने सच्चे अउर सुद्ध आराधना ऊहई अहइ: जेहमाँ अनाथ अउर विधवन क ओनके दुख दर्द मँ सुधि लीन्हि जाइ अउर खुद क कउनउ सांसारीक कलंक न लागइ दीन्ह जाइ।

सबसे पिरेम करा

मोर पिआर भाइयो तथा बहिनियो, काहेकि महिमावान पर्भू ईसू मसीह मँ तोहार बिसवास बा, उ लोगन क प्रति पच्छपातपूर्ण न होइ। कल्पना करा तोहरे सभा मँ कउनउ मनई सोना क अगूँठी अउर भव्य कपड़ा धारण कइके आवत ह। अउर तबहिं मइला कुचइला कपड़ा पहिरे एक गरीब मनई आवत ह। अउर तू जे भव्य कपड़ा धारण किहे अहइ, ओका बिसेस महत्व देत भए कहत अहा, “इहाँ एह उत्तिम आसन प बइठा,” जब कि ओह गरीब मनई स कहत अहा, “उहाँ खड़ा रहा” या “मोरे गोड़न क लगे बइठि जा।” अइसेन करत भए तू लोगन क बीच भेद भाऊ नाहीं किहा अउर खराब बिचारन क साथे निआवकर्ता नाहीं बनि गया?

मोर पिआरे भाइयो तथा बहिनियो, सुना, का परमेस्सर त संसार क आँखिन मँ ओन्हन गरीबन क बिसवास मँ धनी अउर ओह राज्य क उत्तराधिकारी क रूपे मँ नाहीं चुनेस? जेकर उ, जउन ओका पिरेम करत हीं, देइ क बचन दिहे अहइ। परन्तु तू तउ ओह गरीब मनई का अपमान किहा ह। का इ धनिक मनइयन उहइ नाहीं हयेन, जउन तोह प नियत्रण करत हीं अउर तोह सबन क कचरहिउ मँ घसीट लइ जात हीं? का इ उहई नाहीं हयेन, जउन मसीह क ओह अच्छे नाउँ क निन्दा करत हीं, जउन तोहे सबन क दीन्ह गवा बा?

अगर तू पवित्तर सासतरन मँ मिलइवाली एह अच्छी व्यवस्था क सहीयउ मँ पालन करत अहा, “अपने पड़ोसी स भी वइसेन ही पिरेम करअ, जइसे तू अपने आप स करत अहा।”(AH) तउ तू अच्छा ही करत अहा। परन्तु अगर तू पच्छपात देखॅावत अहा तउ तू पाप करत अहा। फिन तोहका व्यवस्था क तोड़इवाला ठहरावा जाई।

10 काहेकि कउनउ अगर पूरी व्यवस्था क पालन करत ह अउर एक बात मँ चूकि जात ह तउ उ समूची व्यवस्था क उल्लंघन क दोसी होइ जात ह। 11 काहेकि जे इ कहे रहा, “व्यभिचार न करा।”(AI) उहइ तउ इहउ कहे रहा, “हतिया न करा।”(AJ) तउन अगर तू व्यभिचार नाहीं करत्या परन्तु हतिया करत अहा तउ तू व्यवस्था क तोड़इवाला अहा।

12 तू उही लोगन क समान बोला अउर ओनही क जइसेन आचरण करा जेकर ओह व्यवस्था क अनुसार निआव होइ जात बा, जेसे छुटकारा मिलत ह। 13 जउन दयालुता नाहीं देखउतेन ओकरे बरे परमेस्सर क निआव बिना द्या के ही होइ। किन्तु दया निआव प बिजइ पावत ह।

बिसवास अउर सत् करम

14 मोर भाइयो तथा बहिनियो, अगर केउ मनई कहत ह कि उ बिसवासी बा त मुला कछू करम नाहीं करत तउ अइसेन स का लाभ जब तलक कि ओकरे करम बिसवास क अनुकूल न होइ? अइसेन बिसवास स का ओकर उद्धार कइ सकत ह? 15 अगर ईसू मँ लिप्त भाई अउ बहिन क पास कपड़न न होइ, अउर ओनके लगे खाइ तक क कछू भी न होइ, 16 अउर तोहमाँ सही केउ ओनसे कहइ “सान्ति स जियाअ, परमेस्सर तोहार कल्लियान करइ अपने क गरमावा अउर अच्छे तरह भोजन करा।” अउर तू ओनके सरीरीक जरूरतन क चीजन ओन्हे न द्या तउ फिन एकर का मूल्य बा? 17 इहइ बात बिसवास क समबन्ध मँ कहि जाउ सकत ह। अउर अगर बिसवास क साथे करम नाहीं बा तउ उ अपने आप मँ बिना प्राण क बाटइ।

18 परन्तु केउ कहि सकत ह, “तोहरे लगे बिसवास बा, जबकि मोरे लगे करम बा अब तू बिना करमन क आपन बिसवास देखावा अउर मइँ तोहे आपन बिसवास अपने करमन क द्वारा देखाउब।” 19 का तू बिसवास करत अहा कि परमेस्सर केवल एक बा? अद्भुत! दुस्ट आतिमा इ बिसवास करत ह कि परमेस्सर बा अउर उ काँपत रहत ह।

20 अरे मूरख! का तोहे प्रमाण चाही कि करम रहित बिसवास बेकार बा? 21 का हमार पिता इब्राहीम अपने करमन क आधार प ही ओह समइ परमेस्सर धर्मी नाहीं ठहरावा गवा रहा जब उ अपने बेटवा इसहाक क वेदी प अर्पित कइ दिहे रहा? 22 तू देखा कि ओकर इ बिसवास ओकरे करमन क साथे ही सक्रिय होत रहा। अउर ओकर करमन स ही ओकर बिसवास परिपूर्ण कीन्ह गवा रहा। 23 एह तरह पवित्तर सास्तर क इ कहा पूरा भवा रहा, “इब्राहीम तउ परमेस्सर प बिसवास किहेस अउर बिसवासे क अधार पे ही उ परमेस्सर का धर्मी ठहरा।”(AK) अउर इही स ही उ “परमेस्सर क दोस्त”(AL) कहा गवा। 24 तू देखा कि केवल बिसवासी स नाहीं, बल्कि अपने करमन स ही मनई परमेस्सर क धर्मी ठहरत ह।

25 इही तरह राहाब बेस्था भी बीका, जब उ परमेस्सर क दूतन क अपने घरे मँ स्वागत किहेस अउर फिन ओन्हे दुसरे रस्ता स कहूँ भेज दिहेस तउ ओह समइ का अपने करमन स परमेस्सर क धर्मी नाहीं ठहराई गइ।

26 एह तरह जइसेन बिना आतिमा क सरीर मरा हुआ बा, वइसेनइ करम बिना बिसवास क निर्जीव बा।

बानी क संयम

मोर भाइयो तथा बहिनियो, तोहमाँ स बहुतन क सिच्छक बनइ क इच्छा न करइ चाही। तू जनतइ अहा कि हम सिच्छकन क अउर जियादा कड़ाइ क साथे निआव कीन्ह जाई।

काहेकि मइँ सब कइयउ बातन मँ चूक जाइत ह। सभन स बहुत स भूल होतइ रहत हीं। अगर केउ बोलइ मँ कउनउ चूक न करइ तउ उ एक सिद्ध मनई अहइ तउ फिन अउर उ पूरी देह प नियन्त्रण कइ सकत ह? हम घोड़न क मुँह मँ एह बरे लगाम लगावत अही कि उ हमरे बस मँ रहइ। अउर एह तरह ओनके पूरे सरीर क हम बस मँ कई सकित ह। अउर जल-यानन क बारे मँ भी इ बात सत्य अहइ। देखा, चाहे उ जहानन केतनउ बड़ा होत हीं अउर सक्तिसाली हवा क द्वारा चलावा जात हीं, परन्तु एक छोटी स पतवार स ओनका नाविक ओन्हे जहाँ कहूँ लइ जाइ चाहत ह। ओह प काबू पाइ क ओन्हे लइ जात ह। इही तरह जीभ, जउन सरीर क एव्क छोटी स अंग अहइ, तबहुँ बड़ी बड़ी बात कहि डावइ क डींग मारत रहत ह।

अब तनिक सोचा एक जरा स लपट पूरा जंगल क जराइ सकत ह। हाँ, जीभ: एक एक आग क साथ अहइ। इ बुराइ क एक पूरा संसार अहइ। इ जीभ हमरे सरीर क अंग मँ एक अइसेन अंग अहइ, जउन पूरा सरीर क नियन्त्रण मँ रखीके भ्रस्ट कइ डावइत ह अउर हमार पूरा जीवन चक्र मँ ही आग लगाइ देत ह। इ जीभ नरक क आग स धधकत रहत ह।

देखा, हर तरह क हिंसक पसु, पंछी, रेंगइवाला जीव जंतु अउर मछरी प्राणी मनई द्वारा बस मँ कीन्ह जाइ सकत ह अउर कीन्ह भी गवा अहइँ। परन्तु जीभ क केउ भी मनई बस मँ नाहीं कइ सकत। इ घातक बिस स भरा एक अइसेन बुराइ अहइ जउन कभउँ चैन स नाहीं रहत। हम इही जीभ स अपने पर्भू अउर परमेस्सर क स्तुति करत अही अउर इही जीभ स लोगन क जउन परमेस्सर क समानता मँ पैदा कीन्ह गवा अहइँ, मनइयन क कोसत अही। 10 एक्कइ मुँहे स स्तुति अउर अभिसाप दुन्नऊ निकरत हीं! मोर भाइयो तथा बहिनियो, अइसेन तउ न होइ चाही। 11 सोतन क एक्कइ मुहाने स भला का मीठ अउर खारा दुन्नऊ तरह क जल निकर सकत ह। 12 मोर भाइयो तथा बहिनियो, का अंजीर क पेड़े पे जइतून क लता प कभउँ अंजीर लगत ह? निस्चय ही नाहीं। अउर न तउ खारा स्रोत स कभउँ मीठ जल निकर पावत ह।

Awadhi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-AWA)

Awadhi Bible: Easy-to-Read Version. Copyright © 2005 Bible League International.