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Bible in 90 Days

An intensive Bible reading plan that walks through the entire Bible in 90 days.
Duration: 88 days
Awadhi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-AWA)
Version
विलापगीत 2:1 - यहेजकेल 12:20

यहोवा क जरिये यरूसलेम क बिनास

लखा यहोवा सिय्योन क बिटिया क
    कइसे बादर मँ ढाँपि दिहेस ह।
उ इस्राएल क महिमा
    स्वर्ग स धरती पइ लोकाइ दिहेस ह।
यहोवा आपन किरोध क दिन मँ आपन धरती पइ
    निवास स्थान बरे कउनो परवाह नाहीं किहेस।
यहोवा याकूब क चिरागाह क
    बिना दया क लील लिहेस।
उ आपन प्रिय यहूदा क सबहिं गढ़ियन क भरिके किरोध मँ मेटेस।
    यहोवा यहूदा क राज्ज क धरती पइ पटक दिहेस
    अउर ओकरे नेता लोगन क बर्बाद कइ दिहस।
यहोवा किरोध मँ भरिके
    इस्राएल क सारी सक्ति उखाड़ फेंकेस।
उ ओका ओकर दुस्मन स अउर सुरच्छा नाहीं किहेस।
    उ याकूब मँ धधकत भइ आगी स भड़की।
उ एक अइसी आगी रहो
    जउन आस-पास क सब कछू चट कइ जात ह।
यहोवा सत्रु क नाई आपन धनुस खींचे रहा।
    ओकरे दाहिन हाथे मँ ओकरे तरवारे क मूठा रहा।
उ आपन दुस्मन पइ वार करइ बरे तैयार रहा।
    उ यहूदा क सबहिं आकर्सक लोगन क मारि डाएस।
यहोवा आपन किरोध क जंगल क आगी क नाईं
    सिय्योन क खेमन पइ बरसाएस।

यहोवा दुस्मन होइ गवा रहा
    अउर उ इस्राएल क लील लिहस।
ओकर सबहिं महलन क उ लील लिहस
    ओकर सबहिं गढ़ियन क लील लिहे रहा।
उ आपन प्रिय यहूदा बरे बहोत जियादा रुलाएस
    अउर बहोत विलाप कराएस।

यहोवा आपन ही मन्दिर नस्ट किहे रहा
    जइसे उ कउनो उपवन होइ,
उ उ ठाँव क नस्ट किहेस
    जहाँ लोग ओकर उपासना करइ बरे जमा होत रहेन।
यहोवा लोगन क अइसा बनाइ दिहस
    कि उ पचे सिय्योन मँ खास मिलन अउर आराम क खास दिनन क बिसरि जाइँ।
यहोवा याजक अउ राजा क नकार दिहस।
    उ बड़े किरोध मँ भरिके ओनका नकारेस।
यहोवा आपन ही वेदी क नकार दिहस
    अउर उ आपन उपासना क पवित्तर ठउरे क नकार दिहे रहा।
यरूसलेम क महलन क देवारन क उ दुस्मन क सौंपि दिहस।
    यहोवा क मन्दिर मँ दुस्मन सोर करत रहा।
उ पचे अइसे सोर करत रहेन
    जइसे कउनो छूट्टी क दिन होइ।
उ सिय्योन क बिटिया क
    देवार नस्ट करब सोचेस ह।
उ कउनो नापइ क डोरी स ओह पइ निसान डाएस ह।
    उ खुद क इका बिनास करइ स नाहीं रोकस।
उ दुःख मँ भरिके फसीलन
    अउर देवार क रोवाइ दिहस।

यरूसलेम क दरवाजन टुटिके धरती पइ बइठ गएन।
    फाटक क सलाखन क तोड़िके ओका तहस-नहस कइ दिहस।
सिय्यन क राजा अउर नेता लोगन
    दुसर देसन मँ बिखेर दीन्ह गएन।
ओनके बरे आजु कउनो धार्मिक सिच्छा ही नाहीं रही।
    नबी भी यहोवा स कउनो दिव्य दर्सन नहीं पउतेन।

10 सिय्योन क बुजुर्ग अब धरती पइ बइठत हीं।
    उ पचे धरती पइ बइठत हीं अउर चुप रहत हीं।
आपन माथन पइ फूल मलत हीं
    अउर सोक वस्त्र पहिरत हीं।
यरुसलेम क जुवतियन दुःख मँ
    आपन माथा धरती पइ नवावत हीं।

11 जब मइँ रोवत हउँ तउ मोर नैन मँ दर्द होत ह।
    मोर अंतरंग बियाकुल अहइ।
मोरे लोगन क बिनास क कारण
    मोर मन क अइसा लागत ह जइसे
उ बाहर निकरिके धरती पइ गिरा होइ।
    गदेलन अउर दूध पइ वाले बच्चे गलियन मँ बेहोस पड़ा अहइँ।
12 उ पचे बिलाखत भए आपन महतरियन स पुछत हीं,
    “कहाँ बाटइ महतारी, कछू क खइया अउर पिअइ क?”
    उ पचे इ सवाल अइसे पूछत हीं जइसे जख्मी सिपाही सहर क गलियन मँ गिरत प्राणन क तजत, उ पचे इ सवाल पूछत हीं।
    उ पचे आपन महतरियन क गोदी मँ लोटत भए प्राणन क तजत हीं।
13 हे यरूसलेम क बिटिया, मइँ केहसे तोहार तुलना करउँ?
    तोहका केकरे समान कहउँ?
हे सिय्योन क कुवाँरी कन्या,
    तोहका केहसे तुलना करउँ?
तोहका कइसे ढाढ़स बँधावउँ? तोहार जख्म सगरे जइसा बिसाल अहइ।
    अइसा कउनो भी नाहीं जउन तोहार उपचार करइ।

14 तोहार नबियन तोहरे बरे दिब्ब दर्सन लिहे रहेन।
    किन्तु उ पचे सबहिं बियर्थ अउर लबार सिद्ध भएन।
उ पचन्क तोहका बिनास स दूर रखइ बरे,
    तोहरे पापन क खिलाफ उपदेस दिन्ह चाही रहेन।
किन्तु उ पचे अइसा नाहीं किहन।
    उ पचे तोहका झूटे चिजियन क सिच्छा दिहन जउन कि तोहका भटकइ दिहेस।

15 बटोही राह स गुजरत भए
    स्तब्ध होइके तोह पइ ताली बजावत हीं।
यरूसलेम क बिदिया पइ उ पचे सीटियन बजावत
    अउर माथा नयावत हीं।
उ सबइ लोग पुछत हीं, “का इहइ उ नगरी अहइ जेका लोग कहा करत रहेन,
    ‘एक संपूर्ण सुन्नर नगर’ तथा
    ‘समुचइ संसार क आनन्द’?”

16 तोहार सबहिं दुस्मन तोह पइ आपन मुँह खोलत हीं।
    तोह पइ सीटियन बजावत हीं अउर तोह पइ दाँत पीसत हीं।
उ पचे कहा करत हीं, “हम ओनका लील लीन्ह।
    फुरइ इहइ उ दिन अहइ जेकर हमका प्रतीच्छा रही।
    अउर अब हम पचे एँका घटत भए लाखि लीन्ह।”

17 यहोवा वइसा ही किहस जइसी ओकर जोजना रही।
    उ वइसा ही किहस जइसा उ करइ बरे कहे रहा।
    बहोत दिनन पहिले जइसा उ आदेस दिहे रहा, वइसा ही कइ दिहस।
उ बर्बाद किहस, ओहका दाया तलक नाहीं आइ।
    उ तोहरे दुस्मनन क खुस किहस कि तोहारे संग अइसा घटा।
    उ तोहारे दुस्मनन क ताकत बढ़ाइ दिहस।

18 ओनका दिल यहोवा क पुकारेस।
    सिय्योन क देवार आँसुअन क
    नदी क नाई बहइ दया।
दिन अउर रात आपन आँसुअन क गिरइ द्या।
    तू ओनका जिन रोका।

19 जाग उठा।
    राति मँ विलाप करा।
राति क हर पहर क सुर मँ विलाप करा।
    आँसुअन मँ आपन मन बाहेर निकार द्या जइसा उ पानी होइ।
आपन मन यहोवा क समन्वा निकार राख।
    यहोवा क पराथना मँ आपन हाथ ऊपर उठावा।
ओहसे आपन संतानन क जीवन माँगा।
    ओहसे तू ओन संतानन क जीवन माँग ल्या जउन भूख स हर कुचे गली मँ बेहोस होइके गिर जात ह।

20 हे यहोवा, मोह पइ निगाह करा।
    लखा कउन अहइ उ जेकर संग तू अइसा किहा।
तू मोहका इ सवाल पूछइ दया: का महतारी क ओन गदेलन क खाइ जा नीक अहइ
    जेनका उ जनत ह का महतारी क ओन गदेलन क खाइ जा नीक अहइ
जेनका उ पोसत रही ह का यहोवा क मन्दिर मँ याजक
    अउ नबियन क प्राणन क लीन्ह जा नीक अहइ?
21 लरिकन अउ बुजुर्गन
    नगर क गलियन मँ धरती पइ पड़ा रहइँ।
मोर जवान मेहररुअन अउर जवान मनसेधू
    तरवारे क धार उतारे गए रहेन।
हे यहोवा, तू आपन किरोध क दिन पइ ओनकर बध किहा ह।
    तू ओनका बगैर कउनो करुणा क मारा ह।

22 तू मोह पइ हर एक जगह स दुःख व मुसीबत अइसे बोलाया जइसे इ पर्व क दिन होइ।
    ओह दिन जब यहोवा किरोध किहस
अइसा कउनो मनई नाहीं रहा जउन बचिके भाग पाया होइ।
    जेनका मइँ बढ़ाए रहेउँ अउर मइँ पालेउँ, पोसेउँ ओनका मोर दुस्मनन मारि डाएन ह।

एक मनई क जरिये आपन सबइ यातना पइ विचार

मइँ एक अइसा मनई हउँ जउन बहोतेरी यातना भोगी हउँ,
    यहोवा क किरोध क तले मइँ बहोतेरी दण्ड यातना भोगी हउँ।
यहोवा मोका लइके चला
    अउर उ मोका अँधियारा क भीतर लावा न कि प्रकासे मँ।
यहोवा आपन हाथ मोरे बिरोध मँ कइ दिहस।
    अइसा उ बारम्बार सारे दिन किहस।
उ मोर आस, मोर चाम नस्ट कइ दिहस।
    उ मोर हाड़न क तोड़ दिहस।
यहोवा मोरे विरोध मँ, कडुआहट अउ आपदा फइलाएस ह।
    उ मोरे चारिहुँ कइँती कड़ुआहट अउ बिपत्ति फइलाइ दिहस।
उ मोका अधियारा मँ बइठाइ दिहे रहा।
    उ मोका उ उ मनई सा बनाइ दिहे रहा जउन कउनो बहोत दिनन पहिले मरि चुका होइ।
यहोवा मोका भितरे बंद किहेस, एहसे मइँ बाहेर आइ न सकेउँ।
    उ मोह पइ भारी जंजीरन घेर रहा।
हिआँ तलक कि जब मइँ चिल्लाइके दोहाइ देत हउँ,
    यहोवा मोर विनती क नाहीं अनकत ह।
उ पथरे स मोरी राह क मुँद दिहस ह।
    उ मोर राह क टेढ़ा कइ दिहेस ह।
10 यहोवा उ भालू सा भवा जउन मोह पइ आक्रमण करइ क तत्पर अहइ।
    उ उ सिंहसा भवा ह जउन कउनो ओटे मँ छिपा भवा अहइ।
11 यहोवा मोका मोरी राहे स हटाइ दिहस।
    उ मोर धज्जियन उड़ाइ दिहस।
    उ मोका बर्बाद कइ दिहस ह।
12 उ आपन धनुस तैयार किहस।
    उ मोका आपन बाणन क निसाना बनाइ दिहे रहा।
13 मोरे पेट मँ बाण मार दिहस।
    मोह पइ आपन बाणन स प्रहार किहे रहा।
14 मइँ आपन लोगन क बीच हँसी क यात्र बन गएउँ।
    उ पचे दिन भइ मोर गीत गाइ-गाइके मोर मजाक बनावत हीं।
15 यहोवा मोका करवाहट स भर दिहेस ह।
    उ मोका जहर पिलवाएस ह।
16 उ मोर दाँत पाथरे क भुइँया मँ गडाइ दिहेस।
    उ मोका माटी मँ मिलाइ दिहस।
17 मइँ अब अउर सान्ति योग्य नाहीं अहउँ।
    अच्छी भली बातन क मइँ बिसरि गवा रहेउँ।
18 खुद अपने आप स मइँ कहइ लागे रहेउँ, “मोका तउ बस अब अउर आस नाहीं अहइ
    कि यहोवा कबहुँ मोका सहारा देइ।”
19 मइँ आपन दुखिया पन क,
    मोर घर नहीं अहइ
    एका कड़वे जहर क,
20 अउर मोर सारी यातना क याद कइ क
    मइँ बहोत ही दुःखी हउँ।
21 किन्तु उहइ समइ जब मइँ सोचत हउँ,
    तउ मोका आसा होइ लागत ह।
    मइँ अइसा सोचा करत हउँ।
22 यहोवा क पिरेम अउ करूणा क अंत कबहूँ नाहीं होत।
    यहोवा क सबइ कृपा कबहुँ खतम नाहीं होत।
23 हर भिन्सारे उ सबइ नवा होइ जात हीं।
    हे यहोवा, तोर सच्चाई महान अहइ।
24 मइँ आपन स कहा करत हउँ, “यहोवा मोरे हीसां मँ अहइ।
    इहइ कारण स मइँ आसा रखब।”

25 यहोवा ओनके बरे उत्तिम अहइ जउन ओकर बाट जोहत हीं।
    यहोवा ओनके बरे उत्तिम अहइ जउन ओकर खोज मँ रहा करत हीं।
26 इ उत्तिम अहइ कि कउनो मनई चुपचाप यहोवा क प्रतीच्छा करइ
    कि उ ओकर रच्छा करी।
27 इ उत्तिम अहइ कि कउनो मनई यहोवा क जुए क धारण करइ,
    उ समइ स ही जब उ युवक होइ।
28 मनई क चाही कि उ अकेल्ला चुप बइठे ही रहइ
    जब यहोवा आपन जुए क ओह पइ धरत ह।
29 उ मनई क चाही कि यहोवा क समन्वा उ दण्डवत प्रणाम करइ।
    होइ सकत ह कि कउनो आस बची होइ।
30 उ मनई क चाही कि उ आपन गाल कइ देइ, उ मनई क समन्वा जउन ओह पइ प्रहार करत होइ।
    उ मनई क चाही कि उ अपमान झेलइ क तत्पर रहइ।
31 उ मनई क चाही उ याद राखइ
    कि यहोवा कउनो क भी सदा-सदा बरे नाहीं बिसरावत।
32 यहोवा दण्ड दण्ड देत भए भी आपन कृपा बनाए राखत ह।
    उ आपन पिरेम अउ दया क कारण आपन कृपा राखत ह।

33 यहोवा कबहुँ भी नाहीं चाहत कि लोगन क दण्ड देइ।
    ओका नाहीं भावत कि लोगन क दुःखी करइ।
34 यहोवा क इ सबइ बातन नाहीं भावत हीं: ओका नाहीं भावत कि
    कउनो मनई आपन गोड़न क तले धरती क सबहिं बंदियन क कुचरी डावइ।
35 ओका नाहीं भावत ह कि कउनो मनई कउनो मनई क छलइ।
    कछु लोग ओकरे मुकदमे मँ परम प्रधान परमेस्सर क समन्वा ही अइसा किया करत हीं।
36 ओका नाहीं भावत कि कउनो मनई अदालत मँ कउनो स छल भरइ।
    यहोवा क एनमाँ स कउनो भी बात नाहीं भावत ह।
37 जब तलक खुद यहोवा ही कउनो बात क होइ क आग्या नाहीं देत,
    तब तलक अइसा कउनो भी मनई नाहीं अहइ कि कउनो बात कहइ अउर ओका पूरा करवाइ लेइ।
38 बुरी-भली बातन सबहिं
    सर्वोच्च परमेस्सर क मुँहे स ही आवत हीं।
39 कउनो जिअत मनई सिकाइत कइ नाहीं सकत
    जब यहोवा उहइ क पापन क दण्ड ओका देत ह।
40 आवा, हम आपन करमन क परखइँ अउर लखइँ,
    फुन यहोवा क सरन मँ लौट आवइँ।

41 आवा, अपना पराथना करइ बरे
    सरग क परमेस्सर क समन्वा हम आपना हाथ उठाइ।
42 आवा, हम ओहसे कही, “हम पाप कीन्ह ह अउर हम जिद्दी बना रही
    अउर एह बरे तू छमा नाहीं किहा।
43 तू किरोध स अपने क ढाँप लिहा,
    हमार पीछा तू करत रहा ह,
    तू हम पचन्क बेरहमी स मार दिहा।
44 तू आपन क बदरे स ढाँप लिहा।
    तू अइसा एह बरे किहे रहया कि कउनो भी विनती तोह तलक पहोंचे ही नाहीं।
45 तू हम पचन्क दूसर देसन क तुलना मँ
    कुड़ा करकट क नाईं बना दिहेस।
46 हम पचन्क सबहिं दुस्मन
    हम पचन स घमण्ड मँ बोलत ही।
47 हम डेरान भए अही,
    हम गर्त मँ गिर गवा ही।
हम बुरी तरह नोस्कान पावा ह।
    हम पचे टूटि चुका ही।”
48 मोर नैन स आसूँअन क नदी बही ही।
    मइँ विलाप करत हउँ काहेकि मोर लोग तबाह होइ गवा ह।
49 मोर नैन बिना रुके बहत रहिहीं।
    मइँ हमेसा विलाप करत रहब।
50 हे यहोवा, मइँ तब तलक विलाप करत रहब
    जब तलक तू दृस्टि न करा अउ हमका लखा।
मइँ तब तलक विलाप हो करत रहब
    जब तलक तू सरग स हम पइ दृस्टि न करा।
51 जब मइँ लखा करत हउँ जउन कछू मोर नगरी क जुवतियन क संग घटा
    तब मोर नैन मोका दुखी करत हीं।
52 जउन लोग बियर्थ मँ ही मोर दुस्मन बना हीं,
    उ पचे घूमत हीं मोरे सिकारे क फिराक मँ, माना मइँ कउनो चिड़िया हउँ।
53 जिअत जी उ पचे मोका गढ़ा मँ लोकाएन
    अउर मोह पइ पाथर लुढ़काए रहेन।
54 मोरे मूँड़े पइ पानी गुजर गवा।
    मइँ आपन आप मँ कहाँ, “मोर नास भवा।”
55 हे यहोवा, मइँ तोहार नाउँ गोहराएउँ।
    उ गड़हा क तल स मइँ तोहार नाउँ गोहराएउँ।
56 तू मोर अवाज क सुन्या।
    तू कान नाहीं मूँद लिहा।
    तू बचावइ स अउर मोर रच्छा करइ स नकार्या नाहीं।
57 जब मइँ तोहार दोहाइ दिहेउँ, उहइ दिन तू मोरे लगे आइ गवा रह्या।
    तू मोहसे कहे रह्या, “भयभीत जिन ह्वा।”
58 हे यहोवा, मोरे अभियोग मँ तू मोर पच्छ लिहा।
    मोरे बरे तू मोर प्राण वापस लइ आया।
59 हे यहोवा, तु मोर विपत्तियन लख्या ह,
    अब मोरे बरे तू मोर नियाव करा
60 तू खुद लख्या ह कि दुस्मनन मोरे संग केतन अनियाव किहन।
    तू खुद लख्या ह ओन समूचइ सड्यंत्रन क जउन उ पचे मोहसे बदला लेइ क मोरे खिलाफ रचे रहेन।
61 हे यहोवा, तु सुन्या ह कि मोर अपमान कइसे करत हीं
    तू सुन्या ह ओन सड्यंत्रन क जउन उ पचे मोरे खिलाफ रचाएन।
62 मोरे दुस्मनन क बचन अउ बिचार
    सारे दिन ही मोरे खिलाफ रहेन।
63     लखा यहोवा, चाहे उ पचे बइठे होइँ, चाहे उ पचे खड़ा होइँ,
    कइसे उ पचे हँसी उड़ावत हीं।
64 हे यहोवा, ओनके संग वइसा ही करा जइसा ओनके संग करइ चाही।
    ओनके करमन क फल ओनका दइ द्या।
65 ओनकर मन हठीला कइ द्या।
    फिन आपन अभिसाप ओन पइ डाइ द्या।
66 किरोध मँ भरिके तू ओनकर पाछा करा।
    ओनका बर्बाद कइ द्या।
    हे यहोवा, तू ओनका इ धरती स खतम कइ द्या।

यरूसलेम पइ हमले क आतंक

लखा, कउने तरह सोना चमक रहित होइ गवा।
    लखा, सारा सोना कइसे खोट होइ गवा।
चारिहुँ कइँती हीरा-जवाहरात बिखड़ा पड़ा अहइँ।
    हर गली क सिर पइ इ सबइ रतन पसरा अहइँ।
सिय्योन क लोग अइसे ही मुल्यवान रहेन,
    जइसे ओनका वजन सोना क बराबर रहा।
किन्तु अब ओनके संग दुस्मन अइसे बर्ताव करत हीं
    जइसे उ पचे कोमहार क बनाए माटी क पात्र होइँ।
हिआँ तलक कि सियार भी आपन बच्चन क थन देत ह,
    उ आपन बच्चन क दूध पिअइ देत ह।
किन्तु मोर लोग निर्दय होइ ग अहइँ।
    उ पचे अइसे होइ गएन जइसे मरुभूमि मँ निवासी-सुतुर्मुग।
पिआस क मारे
    आबोध गदेलन क जीभ तालु स चिपकति अहइ।
इ सबइ नान्ह लरिकन रोटी क तरिसत हीं।
    किन्तु कउनो भी ओनका कछू भी खाई क बरे देत नाहीं।
अइसे लोग जउन सुआदिस्ट भोजन खावा करत रहेन,
    आजु भूख स गलियन मँ मरत अहइँ।
अइसे लोग जउन उत्तिम ओढ़ना पहिरत भए पले बढ़े रहेन,
    अब कुड़न क ढेरन पइ बिनत फिरत अहइँ।
मोरे लोगन क पाप
    सदोम अउ अमोरा क पापन स बड़ा रहा।
सदोम अउ अमोरा क एकाएक नस्ट कीन्ह गवा।
    ओनके बिनासे मँ कउनो भी मानव क हाथ नाहीं रहा।
यहूदा क लोग
    परमेस्सर क समर्पित रहेन,
उ पचे बरफ स उज्जर रहेन,
    दूधे स धोवा रहेन।
ओनकर तन मूँगा स जियादा लात रहिन।
    ओनकर डाढ़ी नीलम स करिया रहिन।
किन्तु ओनकर मुहँ अब धुआँ स करिआ होइ गवा अहइँ।
    हिआँ तलक कि गलियन मँ ओनका कउनो भी नाहीं पहिचान सकत ह।
ओनकर ठठरी पइ अब झुर्रियन पड़ि गइ अहइँ।
    ओनकर चाम अब लकड़ी जइसा होइ गवा अहइ।
अइसे लोग जेनका तरवारे क घाट उतावा गवा ओनसे जियादा भाग्गवान रहेन
    जउन लोग भूख-मरी क मउत मरेन।
खइया क कमी स मरिइ स
    खून क कमी स मरि जान बहतर अहइ
10 ओन दिन अइसी मेहररुअन भी जउन बहोत अच्छी हुवा करत रहिन,
    आपन ही बच्चन क माँस पकाए रहिन।
उ सबइ गदेलन आपन महतारी क आहार बनेन।
    अइसा तब भवत रहा जब मोरे प्रिय लोगन क बिनास भवा रहा।
11 यहोवा आपन सब किरोध क प्रयोग किहेस;
    आपन समूचा किरोध उ उड़ेर दिहस।
सिय्योन मँ जउन आग भड़काएस,
    सिय्योन क नेवन क खाले तलक बार दिहे रहेन।
12 जउन कछू घटा रहा, धरती क कउनो भी राजा क ओकर बिस्सास नाहीं रहा।
    जउन कछु घटा रहा, धरती क कउनो भी लोगन क ओकर बिस्सास नाहीं रहा।
यरूसलेम क दुआरन स होइके कउनो भी दुस्मन भीतर आइ सकत ह,
    एकर कउनो क भी बिस्सास नाहीं रहा।
13 किन्तु अइसा ही भवा,
    काहेकि यरूसलेम क नबी लोग पाप किहे रहेन।
अइसा भवा काहेकि यरूसलेम क याजक
    बुरे काम किया करत रहेन।
यरूसलेम क नगर मँ
    उ पचे नीक लोगन क खून बहावा करत रहेन।
14 याजक अउ नबी गलियन मँ
    आँधे लोगन जइसे घुमत रहेन।
उ पचे रकत स रिती क अनुसार गंदे होइ ग रहेन।
    यह बरे कउनो भी ओनकर ओढ़ना तलक नाहीं छुअत रहा।
15 लोग ओन लोगन पइ चिचिआइके कहत रहेन, “दूर हटा!
    तू पचे अपवित्तर अहा, दूर हटा, दूर हटा! हमका जिन छुआ!”
उ सबइ लोग बिना घर-बार क भटकत रहेन।
    दूसर देसन क लोग कहा करत रहेन,
    “हम नाहीं चाहि कि उ पचे हमरे लगे रहेन।”
16 उ सबइ लोग खुद यहोवा क जरिये ही बिखेर दीन्ह गए रहेन।
    उ ओनकी कइँती फुन कबहुँ नाहीं लखेन।
उ याजकन क आदर नाहीं दिहन।
    यहूदा क मुखिया लोगन क संग उ दोस्ती स नाहीं रहा।
17 मदद पावइ क बाट जोहत-जोहत आपन आँखिन काम करब बंद किहन, अउर अब हमार आँखिन थक गइन ह।
    किन्तु कउनो भी सहायता नाहीं आई।
हम प्रतीच्छा करत रहे कि कउनो अइसी जाति आवइ तउ हमका बचाइ लेइ।
    हम आपन निगरानी बुर्जा स लखत रहि गए।
    किन्तु कउनो भी हमका बचाएस नाहीं।
18 हर समइ दुस्मन हमरे पाछे पड़े रहेन हिआँ तलक कि हम बाहेर गली मँ भी निकर नाहीं पाए।
    हमार अंत निअरे आवा।
हमार समय पुरा होइ चुका रहा।
    हमार अंत आइ गवा।
19 हम लोगन क पाछा करइवालन क गति
    उकाब क गति स तेज रही।
ओ लोग पहाड़न क भीतर हम पचन्क पाछा किहना।
    उ पचे हमका धरइ क रेगिस्तान मँ लुका-छिपा रहेन।
20 उ राजा जउन हमरी नाकन क भीतर हमार प्राण रहा,
गडढा मँ फँसाइ लीन्ह गवा रहा,
    उ राजा अइसा मनई रहा
जेका यहोवा खुद चुने रहा।
    राजा क बारे मँ हम कहे रहे,
“ओकरी छत्र-छाया मँ हम जिअत रहब,
    ओकरी छाया मँ हम जातियन क बीच जिअत रहब।”

21 एदोम क लोगो, खुस रहा अउर आनन्द मँ रहा।
    हे ऊज क निवासी लोगो, खुस रहा।
किन्तु सदा याद रखा, तोहरे पास भी यहोवा क किरोध क पियाला आइ।
    जब तू ओका पीब्या,
    धुत होइ जाब्या अउर खुद क नंगा कइ डउब्या।
22 सिय्योन, तोहार दण्ड पुरा भावा।
    अब फुन स तू कबहुँ बंधन मँ नाहीं पड़बिउ।
किन्तु हे एदोम क लोगो, यहोवा तोहरे पापन क दण्ड देइ।
    तोहरे पापन क उ उघाड़ देइ।

यहोवा स विनती

हे यहोवा, हमरे संग जउन घटा ह ओका याद राखा।
    हे यहोवा, हमरे तिरस्कार क लखा।
हमार धरती परायन क हाथन मँ दइ दीन्ह गइ।
    हमार घर परदेसियन क हाथन मँ दीन्ह गएन।
हम अनाथ होइ गएन।
    हमार कउनो पिता नाहीं।
    हमार महतरियन विधवा स होइ गइन ह।
पानी पिअइ तलक हमका मोल देब पड़त ह,
    ईधन क लकड़ी तलक बेसहब पड़त ह।
आपन काँधन पइ हमका जुए क बोझा उठाउब पड़त ह।
    हम थकिके चूर होत ह किन्तु अराम तनिकउ हमका नाहीं मिलत।
हम पचन्क मिस्र अउर अस्सुर स खइया लेइ होब्या
    काहेकि हम पचन्क लगे खइया नाहीं अहइ।
हमार पुरखन तोहरे खिलाफ मँ पाप किहे रहेन। आजु उ पचे मर चुका अहइँ।
    किन्तु ओनका बदले मँ हम पचन विपत्तयन भोगत अहइँ।
हमार दास हो सुआमी बना अहइँ।
    हिआँ कउनो अइसा मनई नाहीं जउन हमका ओनसे बचाइ लेइ।
बस भोजन पावइ क हमका आपन जिन्नगी दाँव पइ लगावइ पड़त ह।
    रेगिस्तान मँ अइसे लोगन क कारण, जेनके लगे तरवार अहइ हमका आपन जिन्नगी दाँव पइ लगाउब पड़त ह।
10 हमार खाल तन्दूर सी तपत अहइ,
    हमार खाल तपत रही उ भूख क कारण जउन हमका लगी ह।
11 सिय्योन क मेहररुअन क संग कुकर्म कीन्ह गवा ह।
    यहुदा क नगरियन क कुँवरियन क संग कुकर्म कीन्ह गवा अहइँ।
12 हमार राज कुमार फाँसी पइ चढ़ावा गएन,
    उ पचे हमरे अग्रजन क आदर नाहीं किहन।
13 हमार दुस्मनन हमरे नउजवान मनसेधुअन स चक्की मँ आटा पिसवाएन।
    हमार नउजवान मनसेधुअन काठे क बोझ तरे ठोकर खाएन।
14 हमार बुजुर्गन अब नगर क दुआरन पइ बइठा नाहीं करतेन।
    हमार युवक अब संगीत मँ हींसा नाहीं लेतेन।
15 हमरे मने मँ अब कउनो खुसी नाहीं अहइ।
    हमार खुसी मरे भए लोगन क विलाप मँ बदल गवा अहइ।
16 हमार महिमा अउर हमरार मान संमान खतम होइ गवा अहइ।
    हम पचन्क सज़ा दीन्ह गएन ह।
17 एह बरे हमार मन रोगी भए हँ,
    एन ही बातन स हमार आँखिन मधिम भई हँ।
18 सिय्योन क पहाड़ वीरान होइ गवा ह।
    सिय्योन क पहाड़े पइ अब सियार घूमत हीं।
19 किन्तु हे यहोवा, तोहार राज्ज तउ अमर अहइ।
    तोहार महिमा स पूर सिंहासन सदा-सदा बना रहत ह।
20 हे यहोवा, तू हम पचन्क क सदा बरे काहे भूला देब्या?
    तू हम पचन्क क अकेल्ला लम्बे समइ बरे काहे तजि देब्या?
21 हे यहोवा, हम लोगन क तू अपनी कइँती वापिस ल्या,
    अउर हम लोग लउटि आउब।
    हमार दिन फेर द्या जइसे उ पहिले रहेन।
22 का तू हम लोगन क पूरी तरह नकार दिहा ह?
    तू हम लोगन स बहोत कोहान रहा ह।

प्रस्तावना

1-3 मइँ बूजी क पूत याजक यहेजकेल हउँ। मइँ देस स निकारा गवा रहेउँ। मइँ उ समइ बाबुल मँ कबार नदी पइ रहेउँ जब मोरे बरे सरग खुला अउर मइँ परमेस्सर क दर्सन किहेउँ। इ तीसवे बरिस क चउथे महीने जुलाई क पाँचवा दिन रहा। राजा यहोयाकीम क देस स निकारे गए पँचएँ बरिस अउर महीना क पँचए दिन यहेजकेल क यहोवा क सँदेसा मिला। उ ठउरे पइ ओकरे ऊपर यहोवा क सक्ति आइ।

यहोवा क रथ अउर ओकर सिंहासन

मइँ (यहेजकेल) एक आँधी उत्तर स आवत लखेउँ। इ एक बिसाल बादर रहा अउर ओहमाँ स आगी चमकत रही। एकरे चारिहुँ कइँती प्रकास जगमगात रहा। इ आगी मँ चमकत तपत धातु क तरह देखात रहा। बादरे क भीतर चार प्राणी रहेन। उ पचे मनइयन क तरह देखात रहेन। किन्तु हर एक प्राणी क चार मुँह अउर चार पखना रहेन। ओनकर गोड़ सोझ रहेन। ओनकर गोड़ बछवा क गोड़ जइसे देखात रहेन अउर उ पचे झलकत भए पीतर क तरह चमकत रहेन। ओनकर पखना क खाले मनई क हाथ रहेन। हुआँ चार प्राणी रहेन अउर हर एक प्राणी क चार मुँह अउर चार पखना रहेन। ओनकर पखना एक दूसर क छुअत रहेन। जब प्राणियन चलत रहेन तउ उ पचे मुड़त नाहीं रहेन। उ सबइ उ दिसा मँ चलत रहेन जेका लखत रहेन।

10 हर एक प्राणी क चार मुँह रहेन। समन्वा कइँती ओनकर चेहरा मनई क रहा। दाई कइँती सेर क चेहरा रहा। बाई कइँती बर्धा क चेहरा रहा अउर पाछे कइँती उकाब क चेहरा रहा। 11 प्राणियन क पखना ओनके ऊपर फइले भए रहेन। उ सबइ दुइनउँ पखनन स अपने लगे क प्राणी क दुइ पखनन क छुए भए रहेन अउ दुइ क आपन तन क ढाँपइ बरे उपयोग मँ लिहे रहेन। 12 उ सबइ प्राणी जब चलत रहेन तउ मुड़त नाहीं रहेन। उ सबइ उ दिसा मँ चलत रहेन जेका उ पचे लखत रहेन। उ पचे हुँवइ जात रहेन जहाँ आतिमा ओनका लइ जात रही। 13 हर एक प्राणी इ तरह देखात रहा।

ओन प्राणियन क बीच क जगह मँ बरत भइ कोयला क आगी सा देखात रही। इ आगी नान्ह-नान्ह मसालन क तरह ओन प्राणियन क बीच चलत रही। आगी बड़के प्रकास क संग चमकत रही अउर बिजुरी क तरह कौंधत रही। 14 उ सबइ प्राणी बिजुरी क तरह तेजी स पाछे अउ अगवा कइँती दउड़त रहेन।

15-16 जब मइँ प्राणियन क लखेउँ तउ चार चक्र लखेउँ। हर एक प्राणी बरे एक ठु चक्र रहा। चक्र भुइयाँ क छुअत रहेन अउर सबइ चक्र एक तरह क रहेन। चक्र अइसे देखात रहेन माना पिअर सुद्ध मणि क बना होइँ। उ सबइ अइसे देखात रहेन माना एक चक्र क भीतरे दूसर चक्र होइ। 17 उ सबइ चक्र कउनो भी दिसा मँ घूम सकत रहेन। किन्तु उ सबइ प्राणी जब चलत रहेन तउ मुड़त नाहीं रहेन।

18 ओन चक्रन क घेरन ऊँच अउर डेरावइवाला रहेन। ओन चारिहुँ चक्रन क घेरन मँ आँखिन ही आँखिन रहिन।

19 चक्र हमेसा प्राणियन क संग चलत रहेन। जदि प्राणी ऊपर हवा मँ जातेन तउ चक्र भी ओनके संग जातेन। 20 उ सबइ हुवँइ जातेन, जहाँ आतिमा ओनका लइ जात चाहत अउर चक्र ओनके संग जात रहेन। काहेकि प्राणियन क आतिमा चक्र मँ रही। 21 एह बरे जदि प्राणी चलत रहेन तउ चक्र भी चलत रहेन। जदि प्राणी रूक जात रहेन तउ चक्र भी रूक जात रहेन। जदि चक्र हवा मँ ऊपर जातेन तउ प्राणी ओनके संग जात रहेन। काहेकि आतिमा चक्र मँ रही।

22 प्राणियन क मूँड़ि क ऊपर एक अचरज करइवाली चीज रही। उ एक ठु उल्टे खोरे क नाई रही। खोरा बिल्लोर की नाईं स्वच्छ रहेन। 23 इ खोरा क खाले हर एक प्राणी क सोझ पखना रहेन जउन दूसर प्राणी तलक पहोंचत रहेन। हर एक क दूसर दुइ ठु पखना रहेन जउन ओकर तने क ढाँपत रहेन।

24 जब कबहुँ उ सबइ प्राणी चलत रहेन, ओनकर पखना बड़की तेज अवाज करत रहेन। मइँ उ अवाज क सुनेस। इ समुद्दर क गर्जना जइसी पइदा होत रही। उ सर्वसक्तीमान परमेस्सर क निचके स निकरइ क वाणी क नाई रही। उ कउनो फउजे क जन-समूह क सोर क तरह रही। जब उ प्राणी चलब बन्द करत रहेन तउ उ पचे आपन पखनन क आपन बगल मँ नीचे कइ लेत रहेन।

25 ओन प्राणियन चलब बन्द किहेन अउर आपन पखनन क समेटेन अउर हुवाँ फुन भीसन अवाज भइ। उ अवाज उ खोरे स भइ जउन मूँड़ि क ऊपर रहा। 26 उ खोरे क ऊपर हुवाँ कछू रहा जउन एक सिहांसन क तरह देखात रहा। इ नीलमणि क तरह नीला रहा। हुवाँ कउनो रहा जउन उ सिहांसने पइ बइठा भवा एक ठु मनई क तरह देखात रहा। 27 अउर मइँ ओका ओकर कमर क ऊपर लखेउँ। वह तप्त धातु की तरहा दिखा, मानो ओकरे चारिहुँ कइँती आगी होइ। अउर नीचे स कमर तलक उ आगी क नाईं दिखावइ देत रहा। अउर ओकरे चारिहुँ कइँती प्रकास जगमग करत रही। 28 ओकरे चारिहुँ कइँती चमकत प्रकास बादरन मँ इन्दर धनुस जइसा रहा। इ यहोवा क महिमा जइसा देखात रहा। जइसेन ही मइँ उ लखेउँ, मइँ धरती पइ भहराइ गएउँ। मइँ धरती पइ आपन माथा टेकेउँ। तब मइँ एक अवाज सम्बोधित करत भए सुनेउँ।

उ वाणी कहेस, “मनई क पूत, खड़ा होइ जा अउर मइँ तोहसे बातन करब।”

तब आतिमा मोका गोड़न पइ सोझ खड़ा कइ दिहस अउर मइँ ओका सुनेउँ जउन मोहसे बातन करत रहा। उ मोहसे कहेस, “मनई क पूत, मइँ तोहका इस्राएल क परिवार स कछू कहइ बरे पठवत हउँ। उ सबइ लोग कइउ दाईँ मोरे खिलाफ भएन। ओनकर पुरखन भी मोरे खिलाफ भएन। उ पचे मोरे खिलाफ कइउ दाईँ पाप किहेन अउर उ पचे आजु तलक मोरे खिलाफ अब भी पाप करत अहइँ। मइँ तोहका ओन लोगन स कछू कहइ बरे पठवत हउँ। किन्तु उ पचे बहोत हठी अहइँ। उ पचे बड़के कठोर चित्तवाले अहइँ। किन्तु तोहका ओन लोगन स बातन करब अहइ। तोहका कहइ चाही, ‘हमार सुआमी यहोवा इ सबइ बातन बतावत ह।’ उ सबइ लोग तोहार सुनिहीं या न भी सुनिहीं। काहेकि उ पचे बहोत बिद्रोही लोग अहइँ, उ पचे सदा मोरे खिलाफ होइ जात हीं। मुला तोहका उ सबइ बातन कहइ चाही जेहसे उ पचे समुझ सकइँ कि ओनके बीच मँ कउनो नबी रहत बाटइ।

“मनई क पूत ओन लोगन स डेराअ नाहीं। जउन उ पचे कहइँ ओहसे डेराअ नाहीं। इ फुरइ अहइ कि उ पचे तोहरे खिलाफ होइ जइहीं अउर तोहका चोट पहोंचाउब चइहीं। तू अइसा सोचब्या कि तू बीछियन क बीच रहत अहा। मुला उ पचे जउन कहइँ ओनसे डेराअ नाहीं। उ पचे बिद्रोही लोग अहइँ। किन्तु ओनसे डेराअ नाहीं। तोहका ओनसे उ बात कहइ चाही जउन मइँ कहत हउँ। चाहे उ पचे तोहार सुनि या ना सुनि। काहेकि उ पचे बिद्रोही लोग अहइँ।

“मनई क पूत, तोहका ओन बातन क सुनइ चाही जेनका मइँ तोहसे कहत हउँ। ओन बिद्रोही लोगन क तरह मोरे खिलाफ जिन जा। आपन मुँह खोला जउन बात मइँ तोहसे कहत हउँ, अंगीकार करा अउर ओन बचनन क लोगन स कहा। एन बचनन क खाइ ल्या।”

तब मइँ (यहेजकेल) एक भुजा क आपन कइँती बढ़त लखेउँ। उ एक ठु गोल कीन्ह भवा लम्बा पत्र जेह पइ बचन लिखे रहेन, धरे भए रहा। 10 मइँ उ गोल कीन्ह भए पत्र क खोलेउँ अउर ओह पइ समन्वा अउ पाछे बचन लिखे रहेन। ओहमाँ सबहिं तरह क करूण गीत, सबइ कथा अउर चितउनियन रहिन।

परमेस्सर मोहसे कहेस, “मनई क पूत, जउन तू लखत अहा ओका खाइ जा। इ गोल कीन्ह गए पत्र क खाइ जा अउर तब जाइके इस्राएल क लोगन स इ सबइ बातन कहा।”

एह बरे मइँ आपन मुँह खोलेउँ अउर उ गोल कीन्ह गए पत्र क मुँह मँ रखेस। तब परमेस्सर कहेस, “मनई क पूत, मइँ तोहका इ गोल कीन्ह गए पत्र क देत अहउँ। एक लील जा। इ गोल कीन्ह गए पत्र क आपन तने मँ भर जाइ द्या।”

एह बरे मइँ गोल कीन्ह गए पत्र क खाइ गएउँ। इ मोरे मुँह मँ सहद क तरह मीठा रहा।

तब परमेस्सर मोहसे कहेस, “मनई क पूत, इस्राएल क परिवार मँ जा। मोर कहे भए बचन ओनसे कहा। मइँ तोहका कउनो बिदेसियन मँ नाहीं पठवत हउँ जेनकर बातन तू समुझ न सका। तोहका दूसर भाखा सीखइ नाहीं पड़ी। मइँ तोहका इस्राएल क परिवार मँ पठवत हउँ। मइँ तोहका बहोत स रास्ट्र मँ नाहीं पठवत हउँ जहाँ लोग अइसी भाखा बोलत हीं कि तू समुझ नाहीं सकत्या। जदि तू ओन लोगन क लगे जाब्या अउर ओनसे बातन करब्या तउ उ पचे तोहार सुनिहीं। किन्तु तोहका ओन कठिन सबइ भाखा क नाहीं समुझब अहइ। नाहीं। मइँ तउ तोहका इस्राएल क परिवार मँ पठवत हउँ। केवल वे ही लोग ही कठोर चित्त चाले अहइँ-उ पचे बहोत हठी अहइँ अउर इस्राएल क लोग तोहार सुनइ स इन्कार कइ देइहीं। उ पचे मोर सुनब नाहीं चाहतेन। मुला मइँ तोहका ओतना ही हठी बनाउब जेतना उ पचे अहइँ। तोहार चित्त ठीक ओतना ही कठोर होइ जेतना ओनकर। हीरा आगी क चट्टान से भी जियादा कठोर होत ह। उहइ तरह तोहार चित्त ओनकर चित्त स जियादा कठोर होइ। तू ओनसे जियादा हठी होब्या। एह बरे तू ओन लोगन स नाहीं डेराअ। तू ओन लोगन स नाहीं डेराब्या जउन हमेसा मोरे खिलाफ जात हीं।”

10 तब परमेस्सर मोहसे कहेस, “मनई क पूत, तोहका मोर हर एक बात, जउन मइँ तोहसे कहत हउँ, सुनइ क होइ अउर तोहका ओन बातन क याद रखब होइ। 11 तब तू आपन ओन सबहिं लोगन क बीच जा जउन देस-निकारा अहइँ। ओनके लगे जा अउर कहा, ‘हमार सुआमी यहोवा इ सबइ बातन कहत ह,’ उ पचे मोर नाहीं सुनिहीं अउर उ पचे पाप करब बन्द नाहीं करिहीं। किन्तु तोहका इ सबइ बातन कहब अहइ।”

12 तब आतिमा मोका ऊपर उठाएस। तब मइँ आपन पाछे एक आवाज सुनेउँ। इ बिजुरी क कड़क क तरह बहोत तेज रही। उ कहेस, “ओकरे स्थान स यहोवा क महिमा क गुनगान करा।” 13 तब प्राणियन क पखना हिलब सुरू भएन। पखनन, जब एक दूसर क छुएन, तउ उ पचे बड़की तेज अवाज क अउर ओनके समन्वा क चक्र बिजुरी क कड़क क तरह प्रचण्ड घोस करइ लागेन। 14 आतिमा मोका उठाएन अउर दूर लइ गइ। मइँ उ जगह तजेउँ। मइँ बहोत दुःखी रहेउँ अउर मोर आतिमा बहोत असान्त रही किन्तु यहोवा क सक्ति मोरे भीतर प्रबल रही। 15 मइँ इस्राएल क ओन लोगन क लगे गएउँ जेका तेलाबीब मँ कबार नदी क किनारे रहइ क मजबूर कीन्ह ग रहेन। मइँ ओन लोगन क बीच मँ सात दिना तलक सोक मँ बइठा रहा।

16 सात दिना पाछे यहोवा क सँदेसा मोका मिला। उ कहेस, 17 “मनई क पूत, मइँ तोहका इस्राएल क सन्तरी बनावत हउँ। मइँ ओन बुरी सबइ घटना क बताउब जउने ओनके संग घटित होइहीं अउर तोहका इस्राएल क ओन सबइ घटना क बारे मँ चितउनी देइ चाही। 18 जदि मइँ कहत हउँ, ‘इ बुरा मनई मरी।’ तउ तोहका इ चितउनी ओका देइ चाही। तोहका ओहसे कहइ चाही कि उ आपन जिन्नगी बदलइ अउर बुरा करम करब बन्द करइ। जदि तू उ मनई क चितउनी नाहीं देब्या तउ उ मरि जाइ। उ मरी काहेकि उ पाप किहस। किन्तु मइँ तोहका भी ओकर मउत क बरे उत्तरदायी बनाउब। काहेकि तू ओकरे लगे नाहीं गया अउर ओकरे जिन्नगी क नाहीं बचाया।

19 “इ होइ सकत ह कि तू कउनो मनई क चितउनी देब्या, ओका ओकरे जिन्नगी क बदलइ बरे समुझउब्या अउर बुरा काम न करइ क कहब्या। जदि उ मनई तोहार अनसुनी करत ह तउ मरि जाइ। उ मरी काहेकि उ पाप किहे रहा। किन्तु तू ओका चितउनी दिहा, एह बरे तू आपन जिन्नगी बचाइ लिहा।

20 “या इ होइ सकत ह कि कउनो नीक मनई अच्छा बनब रहइ तज देइ। मइँ ओकरे समन्वा कछू अइसा लाइके रख देउँ कि उ ओकर पतन करइ। उ बुरे करम करब सुरू करी। एह बरे उ मरी। उ मरी, काहेकि उ पाप करत अहइ अउर तू ओका चितउनी नाहीं दिहा। मइँ तोहका ओकर मउत बरे जिम्मेदार बनाउब, अउर लोग ओकरे जरिये कीन्ह गए सबहिं नीक कार्यन क याद नाहीं करिहीं।

21 “किन्तु जदि तू उ नीक मनई क चितउनी देत अहा अउर ओका पाप करब बन्द करइ क कहत अहा, अउर जदि उ पाप करब बन्द कइ देत ह, तब उ नाहीं मरी। काहेकि तू ओका चितउनी दिहा अउर उ तोहार सुनेस। इ तरह तू आपन जिन्नगी बचाया।”

22 तब यहोवा क सक्ति मोरे ऊपर आई। उ मोहसे कहेस, “उठा अउर घाटी मँ जा। मइँ तोहसे उ ठउरे पइ बात करब।”

23 एह बरे मइँ खड़ा भएउँ अउर बाहेर घाटी मँ गएउँ। यहोवा क महिमा हुआँ परगट भइ ठीक वइसेन ही, जइसा मइँ ओका कबार नदी क सहारे लखे रहेउँ। एह बरे मइँ धरती पइ आपन मूँड़ि निहुराएउँ। 24 किन्तु “आतिमा” आइ अउर उ मोका उठाइके मोरे गोड़न पइ खड़ा कइ दिहेस। उ मोहसे कहेस, “घर जा अउर आपन क अपने घरे क ताले क भीतर बन्द कइ ल्या। 25 मनई क पूत, लोग रस्सी क संग अइहीं अउर तोहका बाँध देइहीं। उ पचे तोहका लोगन क बीच बाहेर जाइ नाहीं देइहीं। 26 मइँ तोहार जीभ क तोहरे तालु स चिपकाइ देब, तू बात करइ जोग्ग नाहीं रहब्या। एह बरे तू लोगन क ओनकर मार्ग क सुधारइ बरे कछू कहइ क जोग्य नाहीं रहब्या। काहेकि उ पचे लोग सदा मोरे खिलाफ जात अहइँ। 27 किन्तु मइँ तोहसे बातचीत करब तब मइँ तोहका बोलइ देब। किन्तु तोहका ओनसे कहइ चाही, ‘हमार सुआमी यहोवा इ सबइ बातन कहत ह।’ जदि कउनो मनई सुनइ चाहत ह तउ इ बहोत अच्छा अहइ। जदि कउनो मनई एका नाहीं सुनइ चाहत, तउ न सुनइ। किन्तु उ सबइ लोग सदा मोरे खिलाफ जात रहेन।

“मनई क पूत, एक ठु ईंटा ल्या। एह पइ एक चित्र खींचा। एक नगर क, अर्थात यरूसलेम क एक ठु चित्र बनावा अउर तब उ तरह कार्य करा माना तू उ नगर क घेरा डाए भए फउज अहा। नगर क चारिहुँ कइँती एक ठु माटी क देवार एह पइ हमला करइ मँ मदद बरे बनावा। नगर क देवार तलक पहोंचइ वाली एक ठु ढलान बनावा। तोड़ फोड़ करइवाले लट्ठन क लिआवा अउर नगर क चारिहुँ कइँती फउजी डेरन क खड़ा करा अउर तब तू एक ठु लोहा क कड़ाही ल्या अउर एका आपन अउर नगर क बीच रखा। इ एक लोहा क देवार क तरह होइ, जउन तोहका अउर नगर क अलग करी। इ तरह तू इ प्रदर्सित करब्या कि तू उ नगर क खिलाफ अहा। तू उ नगर क घेरब्या अउर ओह पइ हमला करब्या। काहेकि इ इस्राएल क परिवार बरे एक ठु उदाहरण होइ। इ प्रदर्सित करी कि मैं (परमेस्सर) यरूसलेम क नस्ट करब।

“तब तोहका आपन बाईं करवट ओलरइ चाही। तउ तू इस्राएल क लोगन क पापन्क क घोसणा करा। तू ओनकइ पाप क सारे दिनन तलक ढोउब्या जेतने दिनन तलक तू आपन बाईं करवट ओलरब्या। तू इ तरह इस्राएल क पाप क तीन सौ नब्बे दिनन तलक घोसणा करब्या। इ तरह मइँ तोहका बतावत हउँ कि इस्राएल, एक दिन एक बरिस क बराबर क केतने लम्बे समय तलक दण्डित होइ।

“उ समइ क पाछे तू आपन दाहिन करवट चालीस दिनन तलक ओलरब्या। इ समइ क दौरान तू यहूदा क पापन्क बरे घोसणा करब्या। इ तरह स मइँ तोहका बतावत हउँ कि यहूदा क केतने लम्बे बरिस बरे दण्ड देइ चाही। एक दिन एक बरिस क होइ।”

परमेस्सर फिन बोला। उ कहेस, “अब, आपन आस्तानन क मोड़ ल्या अउर आपन हाथन क ईंटा क ऊपर उठावा। अइसा देखावा माना तू यरूसलेम नगर पइ हमला करत अहा। एका इ देखावइ बरे करा कि तू मोर नबी क रूप मँ लोगन स बातन करत अहा। एँह पइ धियान राखा, मइँ तोहका लसुरियन स बाँधत अहउँ। तू तब तलक एक बगल स दूसरी बगल करवट नाहीं लइ सकत्या जब तलक तोहरे नगर पइ हमला खतम नाहीं हो।”

परमेस्सर इ भी कहेस, “तोहका रोटी बनावइ बरे कछू अन्न लिआवइ चाही। कछू गोहूँ, जौ, सेम, मसूर, तिल, बजरी अउर कठिया गोहूँ लिआवा। इ सबहिं क एक ठु खोरा मँ मिलावा अउर ओनका पीसिके आटा बनावा। तोहका इ आटे क उपयोग रोटी बनावइ बरे करइ क होइ। तू सिरिफ इहइ रोटी क तीन सौ नब्बे दिनन तलक आपन बगल क सहारे ओलरे भए खाब्या। 10 तोहका सिरिफ एक पियाला उ आटा रोटी बनावइ बरे प्रतिदिन उपयोग करइ क होइ। तू उ रोटी क पूरे दिन मँ समइ-समइ पइ खाब्या। 11 अउर तू सिरिफ तीन पियाला पानी प्रतिदिन पी सकत ह। 12 तोहका प्रतिदिन आपनी रोटी बनावइ चाही। तोहका मनई क झुरान मैला लिआइके बारइ चाही। तब तोहका उ जरत मैला पइ आपन रोटी पकावइ चाही। तोहका इ रोटी क लोगन क समन्वा खाइ चाही।” 13 तब यहोवा कहेस, “इ प्रदर्सित करी कि इस्राएल क परिवार विदेसन मँ अपवित्तर रोटियन क खाइ अउर मइँ ओनका इस्राएल क तजइ अउर ओन देसन मँ जाइ क बिवस किहे रहेउँ।”

14 तब मइँ (यहेजकेल) अचरज स कहेउँ, “किन्तु मोरे सुआमी यहोवा, मइँ अपवित्तर खइया क कबहुँ नाहीं खाएउँ। मइँ कबहुँ उ जनावरे क माँस नाहीं खाएउँ, जउन कउनो रोग स मरा होइ या जंगली जनावर मारि डाए होइ। मइँ बचपन स लइके अब तलक कबहुँ अपवित्तर माँस नाहीं खाएउँ ह। मोरे मुँहे मँ कउनो भी वइसा बुरा माँस कबहुँ नाहीं गवा ह।”

15 तब परमेस्सर मोहसे कहेस, “ठीक बाटइ। मइँ तोहका रोटी पकावइ बरे गइया क झुरान गोबर उपयोग मँ लिआवइ देब। तोहके मनई क झुरान मैला क उपयोग नाहीं करब होइ।”

16 तब परमेस्सर मोहसे कहेस, “मनई क पूत, मइँ यरूसलेम क रोटी क आपूर्ति क नस्ट करत हउँ। लोगन क लगे खाइ बरे रोटियन नाहीं क बराबर होइहीं। उ पचे आपन भोजन आपूर्ति बरे बहोत परेसान होइहीं अउर ओनके बरे पानी नाहीं क बराबर अहइ। उ पचे उ पानी क पिअत समइ बहोत भयभीत होइहीं। 17 काहेकि लोगन बरे पर्याप्त भोजन अउ पानी नाहीं होइ। लोग एक दूसर क लखिके भयभीत होइहीं काहेकि उ पचे आपन पापन क कारण एक दूसर क नस्ट होत भवा लखिहीं।

1-2 “मनई क पूत आपन उपवास क समइ क पाछे तोहका इ सबइ काम करइ चाही। तोहका एक तेज तरवार लेइ चाही। उ तरवार क उपयोग नाऊ क उस्तरे क तरह करा। तू आपन बार अउ दाढ़ी ओहसे काट ल्या। बारन क तराजू मँ धरा अउ तउला। आपन बारन क तीन हींसा मँ बाँटा। आपन बारन क एक तिहाई हींसा उ ईंटा पइ धरा जेह पइ नगर क चित्र बना ह। उ ‘नगर’ मँ ओन बारन क जरावा। इ प्रदर्सित करत ह कि कछू लोग नगर की भीतर मरिहीं। तब तरवार क उपयोग करा अउर आपन बारन क एक तिहाई क नान्ह-नान्ह टूकन मँ काट डावा। ओन बारन क उ नगर क चारिहुँ कइँती धरा। इ प्रदर्सित करी कि कछू लोग ‘नगर’ क बाहेर मरिहीं। तब आपन बारन क एक तिहाई क हवा मँ उड़ाइ द्या। एनका हवा क दूर उड़ाइ लइ जाइ द्या। इ प्रदर्सित करी कि मइँ आपन तरवार निकारब अउर कछू लोगन क पाछा कइके ओनका दूर देसन मँ भगाइ देब। किन्तु तब तोहका जाइ चाही अउर ओन बारन मँ स कछू क लिआवइ चाही। ओन बारन क लिआवा, ओनका ढका अउर ओनकर रच्छा करा। इ प्रदर्सित करी कि मइँ आपन मँ स कछू क बचाउब अउर तब ओन उड़े भए बारन मँ स कछू अउर जियादा बारन क लिआवा। ओन बारन क आगी मँ झोंकि द्या। इ प्रदर्सित करत ह कि आगी हुवाँ सुरू होइ अउर इस्राएल क पूरे खानदान क बारिके नस्ट कइ देइ।”

तब मोर सुआमी यहोवा मोहसे कहेस, “उ ईटां यरूसलेम अहइ, मइँ इ यरूसलेम नगर क दूसर रास्ट्रन क बीच रखा ह, इ समइ इस्राएल क चारिहुँ ओर दूसर देस अहइँ। यरूसलेम क लोग मोरे आदेसन क बरे विद्रोह किहन। उ पचे दूसर कउनो रास्ट्र स जियादा बुरे रहेन। उ पचे मोरे नेमन क ओहसे भी जियादा तोड़ेन जेतना ओनके चारिहुँ कइँती क कउनो भी देस क लोग तोड़ेन। उ पचे मोरे आदेसन क सुनइ स इनकार कइ दिहन। उ पचे मोर व्यवस्था क पालन नाहीं किहन।”

एह बरे मोर सुआमी यहोवा कहेस, “मइँ तू लोगन पइ भयंकर विपत्तियन लिआउब। काहेकि तू मोर आदेसन क पालन नाहीं किहा। तू लोग मोरे नेमन क आपन चारिहुँ कइँती रहइवाले लोगन स भी जियादा तोड़या। तू लोग उ सबइ काम भी किहा जेनका उ सबइ लोग भी गलत कहत हीं।” एह बरे मोर सुआमी यहोवा कहत ह, “एह बरे मइँ भी तोहरे पचन्क विरूद्ध हउँ, मइँ तू पचन्क इ तरह दण्ड देब जेहसे दूसर लोग भी लखि सकइँ। मइँ तू लोगन क संग उ करब जेका मइँ पहिले कबहुँ नाहीं किहेउँ। मइँ ओन भयानक कामन क फिन कबहुँ नाहीं करब। काहेकि तू पचे ऍतना जियादा भंयकर काम किहा। 10 यरूसलेम मँ लोग भूख स एतना तड़पिही कि महतारी-बाप आपन गदेलन क खाइ जइहीं अउर गदेलन आपन महतारी-बाप क खाइ जइहीं। मइँ तू पचन्क कइउ तरह स दण्ड देब अउर जउन लोग जिअत बचा अहइँ, ओनका मइँ हवा मँ बिखेर देब।”

11 मोर सुआमी यहोवा कहत ह, “यरूसलेम, मइँ आपन जिन्नगी क किरिया खाइके कहत हउँ कि मइँ तू पचन्क दण्ड देब। मइँ प्रतिग्या करत हउँ कि मइँ तू पचन्क दण्ड देब। काहेकि तू पचे मोर ‘पवित्तर ठउर’ क खिलाफ भयंकर पाप किहा। तू पचे उ सबइ भयानक काम किहा जउन एका गन्दा बनाइ दिहन। मइँ तू पचन्क दण्ड देब। मइँ तू पचन्क पइ दाया नाहीं करब। मइँ तू पचन बरे दुःख क अनुभव नाहीं करब। 12 तोहार पचन्क एक तिहाई लोग नगर क भीतर रोग अउ भूख स मरिहीं। तोहार पचन्क एक तिहाई लोग नगर क भीतर रोग अउ भूख स मरिहीं। तोहार पचन्क एक तिहाई लोग जुद्ध मँ नगर क बाहेर मरिहीं अउर तोहार लोगन क एक तिहाई क मइँ आपन तरवार निकारिके ओनकर पाछा कइके ओनका दूर देसन मँ खदेड़ देब। 13 सिरिफ तब मइँ तोहरे लोगन पइ किरोधित होब बन्द करब। मइँ समुझ लेब कि उ पचे ओन बुरे कामन क बरे दण्डित भएन ह जउन उ पचे मोर संग किहे रहेन अउर उ पचे समुझिहीं कि मइँ यहोवा हउँ अउर मइँ ओन लोगन क बिरोध मँ आपन गैरत क कारण बात किहेउँ।”

14 परमेस्सर कहेस, “यरूसलेम मइँ तोहका नस्ट करब तू पाथरन क ढ़ेर क अलावा दूसर कछू नाहीं रहि जाब्या। तोहरे चारिहुँ कइँती लोग तोहार हँसी उड़ाइ हीं। हर एक मनई जउन तोहरे लगे स गुजरी तोहार हँसी उड़ई। 15 तोहरे चारिहुँ कइँती क लोग तोहार हँसी उड़इहीं, किन्तु ओनके बरे तू एक सबक भी बनब्या। उ पचे लखिहीं कि मइँ कोहान रहा अउर मइँ तोहका दण्ड दिहेउँ। मइँ बहोत कोहान रहा। मइँ तोहका चितउनी दिहे रहेउँ। मोका, यहोवा तोहसे कहे रहा कि मइँ का करउँ। 16 मइँ कहे रहेउँ कि मइँ तोहरे लगे भयंकर भुखमरी क समइ पठउब। मइँ तोहसे कहे रहेउँ, मइँ ओन चीजन क पठउब जउन तोहका नस्ट करिहीं अउर तोहसे कहे रहा कि मइँ तोहार भोजन क आपूर्ति छोर लेब, अउर उ भूखमरी क उ समइ बार-बार आवा। 17 मइँ तोहसे कहे रहेउँ कि मइँ तोह पइ भूख अउ जंगली पसु पठउब, जउन तोहरे लरिकन क मारि डइहीं। मइँ तोहसे कहे रहेउँ कि पूरे नगर मँ रोग अउर मउत क राज्ज होइ अउर मइँ ओन दुस्मन-फउजियन क तोहरे खिलाफ लड़इ बरे लिआउब। मोका यहोवा इ कहे रहा, इ सबइ बातन घटित होइहीं अउर सबहिं घटित भइन।”

तब यहोवा क बचन मोरे लगे फुन आवा। उ कहेस, “मनई क पूत इस्राएल क पर्वतन कइँती मुड़ा। उनके बिरूध नबूवत करा। ओन पर्वतन स इ कहा: ‘इस्राएल क पर्वतो, मोर सुआमी यहोवा कइँती स इ सँदेसा सुना। मोर सुआमी यहोवा पहाड़ियन, पर्वतन, घाटियन अउर खार-खड्डन स इ कहत ह। धियान द्या। मइँ (परमेस्सर) दुस्मन क तू सबन्क खिलाफ लड़इ बरे लिआवत हउँ। मइँ तोहार सबन्क उच्च ठउरन क नस्ट कइ देब। तोहार सबन्क वेदियन क तोरिके टूका-टूका कइ दीन्ह जाइ तोहार सबन्क सुगन्धि चढ़ावइ क वेदियन ध्वस्त कइ दीन्ह जइहीं। अउर मइँ तोहार सबन्क ल्हासन क तोहार सबन्क गन्दी मूरतियन क समन्वा लोकाउब। मइँ इस्राएल क लोगन क ल्हासन क ओनकर देवतन क गन्दी मूरतियन क समन्वा लोकाउब। मइँ तोहार सबन्क हाड़न क तोहरे पचन्क वेदियन क चारिहुँ ओर बिखेरब। जहाँ कहूँ तोहार लोग रहिहीं ओन पइ विपत्तियन अइहीं। ओनकर नगर पाथरन क ढेर बनिहीं। ओनकर उच्च ठउरन नस्ट कीन्ह जइहीं। काहे एह बरे कि ओन पूजा ठउरन क उपयोग दुबारा न होइ सकइ। उ सबइ सबहिं वेदियन नस्ट कइ दीन्ह जइहीं। लोग फुन कबहुँ ओन गन्दी मूरतियन क नाहीं पूजिहीं। ओन सुगन्धि वेदियन क ध्वस्त कीन्ह जाइ। जउन चिजियन तू पचे बनावत ह उ सबइ पूरी तरह नस्ट कीन्ह जइहीं। तोहार लोग मारा जइहीं अउर तब तू जनब्या कि मइँ यहोवा हउँ।’”

परमेस्सर कहेस, “किन्तु मइँ तोहरे कछू लोगन क बच निकरइ देब। उ पचे थोड़े समइ तलक विदेसन मँ रहिहीं। मइँ ओनका बिखेरब अउर दूसर देसन मँ रहइ बरे मजबूर करब। तब उ पचे बचे भए लोग बन्दी बनावा जइहीं। उ पचे बिदेसन मँ रहइ क मजबूर कीन्ह जइहीं। किन्तु उ पचे बचे भए लोग मोका याद रखिहीं। मइँ ओनकर आतिमा क खण्डित किहेउँ। जउने पापन क उ पचे किहेन, ओकरे बरे उ पचे खुद ही घिना करिहीं। बीते समइ मँ उ पचे मोहसे विमुख भए रहेन। अउर दूर होइ ग रहेन। उ पचे आपन गन्दी मूरतियन क पाछे लगे भए रहेन। उ पचे उ समइ मेहरारू क नाई रहेन जउन आपन भतार क तजिके, कउनो दूसर मनई क पाछे धावइ लाग। उ पचे बड़े भयंकर पाप किहन। 10 किन्तु उ पचे समुझ जइहीं कि मइँ यहोवा हउँ अउर उ पचे इ जनिहीं कि जदि मइँ कछू करइ बरे कहब तउ मइँ ओका करब। उ पचे समुझ जइहीं कि उ पचे सब विपत्तियन जउन ओन पइ आई अहइँ, मइँ डाएउँ ह।”

11 तब मोर सुआमी यहोवा मोहसे कहेस, “हाथन स ताली बजावा अउर आपन गोड़ पीटा। ओन सबहिं भयंकर चिजियन क खिलाफ कहा जेनका इस्राएल क लोग किहन ह। ओनका चितउनी द्या कि उ सबइ रोग अउ भूख स मारा जइहीं। ओनका बतावा कि उ पचे जुद्ध मँ मारा जइहीं। 12 दूर क लोग रोग स मरिहीं। समीप क लोग तरवार स मारा जइहीं। जउन लोग नगर मँ बचा रहिहीं, उ पचे भूख स मरिहीं। मइँ तबहिं किरोध करब तजब, 13 अउर सिरिफ तबहिं तू जनब्या कि मइँ यहोवा अहउँ। तू इ तब समुझब्या जब तू आपन ल्हासन क गन्दी मूरतियन क समन्वा अउर वेदियन क चारिहुँ कइँती लखब्या। तोहार पूजा क ओन हर ठउरन क निचके, हर एक ऊँच पहा़ड़ी, पर्वत तथा हर एक हरिअर बृच्छ अउर पत्तेवाले हर एक बाँझ बृच्छ क नीचे, उ सबइ ल्हास होइहीं। ओन सबहिं ठउरन पइ तू आपन बलि-भेंट किहा ह। उ पचे तोहार गन्दी मूरतियन बरे मधुर गन्ध रहिन। 14 किन्तु मइँ आपन हाथ तू लोगन पइ उठाउब अउर तोहका तोहरे लोगन क जहाँ कहूँ उ पचे रहेन, सजा देब। मैं तोहरे देस क नस्ट करब। इ दिबला रेगिस्तान स भी जियादा सूनी होइ। तब उ पचे जनिहीं कि मइँ यहोवा हउँ।”

तब यहोवा क बचन मोका मिला। उ कहेस, “मनई क पूत, अब मोर सुआमी यहोवा क इ सँदेसा अहइ। इ सँदेसा इस्राएल देस बरे अहइ:

“अन्त!
    अन्त आइ ग अहइ।
    पूरा देस नस्ट होइ जाइ।
अब तोहार अन्त आइ ग अहइ।
    मइँ देखाउब कि मइँ तोह पइ केतना कोहान हउँ।
मइँ तोहका ओन बुरे कामन बरे दण्ड देब जउन तू किहा।
    जउन भयंकर काम तू किहा ओनके बरे मइँ तोहसे भुगतान कराउब।
मइँ तोहरे ऊपर तनिक भी दाया नाहीं करब।
    मइँ तोहरे बरे अफसोस नाहीं करब।
मइँ तोहका तोहरे बुरे कामन बरे दण्ड देत हउँ।
    तू भयानक कामन क किहा ह।
    अब तू समुझ जाब्या कि मइँ यहोवा हउँ।”

मोर सुआमी यहोवा इ सबइ बातन कहेस। “एक क बाद एक बिपत्तियन अइहीं। अन्त आवत अहइ अउर इ बहोत हाली आइ। इस्राएल क लोगो, का तू सीटी सुन्या ह दुस्मन आवत अहइ। उ दण्ड क समइ हाली आवत अहइ। दुस्मन क सोरगुल पर्वतन पइ जियादा स जियादा बढ़त जात अहइ। मइँ हाली ही देखाइ देब कि मइँ केतना कोहान हउँ। मइँ तोहरे खिलाफ आपन पूरे किरोध क परगट करब। मइँ ओन बुरे कामन बरे दण्ड देब जउन तू किहा। मइँ ओन सबहिं भयानक कामन बरे तोहसे भुगतान कराउब जउन तू किहा। मइँ तोह पइ तनिक भी दाया नाहीं करब मइँ तोहरे बरे अफसोस नाहीं करब। मइँ तोहका तोहरे बुरे कामन बरे दण्ड देत हउँ। तू जउन भयानक काम किहा ह, अब तू जानब्या कि मइँ यहोवा हउँ अउर मइँ दण्ड भी देत हउँ।

10 “दण्ड क उ समइ आइ गवा। का तू सीटी सुनत अहा? परमेस्सर संकेत दिहस ह। दण्ड आरम्भ होत अहइ। डारी अकुंरित होइ लाग अहइ। घमण्डी राजा (नवूकदनेस्सर) पहिले स ही जियादा सक्तिसाली होत जात रहा। 11 उ हिंसक मनई ओन बुरे लोगन क दण्ड देइ बरे तैयार अहइ। इस्राएल मँ लोगन क गिनती बहोत अहइ, किन्तु उ ओनमाँ स नाहीं अहइ। उ उ भीड़ क मनई नाहीं अहइ। उ ओन लोगन मँ स कउनो महत्वपूर्ण प्रमुख नाहीं अहइ।

12 “उ दण्ड क समइ आइ ग अहइ। उ दिन आइ पहोंचा। जउन लोग चिजियन खरीदन हीं, प्रसन्न नाहीं होइहीं अउर जउन लोग चिजियन बेचत हीं, उ पचे ओनका बेचइ मँ बुरा नाहीं मानिहीं। काहेकि उ भयंकर दण्ड हर एक मनई बरे होइ। 13 जउन लोग आपन स्थायी सम्पत्ति बेचिहीं उ पचे ओका कबहुँ नाहीं पइहीं। जदि कउनो मनई जिअत नाहीं भी बचा रही तउ भी उ आपन स्थायी सम्पत्ति वापस नाहीं पाइ सकत। काहेकि इ दर्सन लोगन क पूरे समूह क बरे अहइ। कउनो भी मनई अन्याय कइके आपन क बलवान नाहीं कइ पाइहीं।

14 “उ सबइ लोगन क चितउनी देइ बरे तुरही बजइहीं। लोग जुद्ध बरे तइयार होइहीं। किन्तु उ पचे जुद्ध करइ क बरे नाहीं निकरिहीं। काहेकि मइँ पूरे जन-समूह क देखाउब कि मइँ केतना कोहान हउँ। 15 तरवार लिए भए दुस्मन नगर क बाहेर अहइँ। रोग अउर भूख नगर क भीतर अहइँ। जदि कउनो जुद्ध क मइदान मँ जाइ तउ सत्रु क फउजी ओका मारि डइहीं। जदि उ नगर मँ रहत ह तउ भूख अउर रोग ओका नस्ट करिहीं।

16 “किन्तु कछू लोग बचि निकरिहीं। उ पचे बचे लोग पराइके पहाड़न मँ चला जइहीं। किन्तु उ सबइ लोग सुखी नाहीं होइहीं। उ पचे आपन पापन क कारण दुखी होइहीं। उ पचे चिजियइहीं अउर कबूतरन क तरह दुःख भरी आवाज निकारिहीं। 17 लोग एतने थके अउर खिन्न होइहीं कि आपन हाथन भी नाहीं उठाइ पइहीं। ओनकर गोड़ पानी क तरह ढीला होइहीं। 18 उ पचे सोक वस्त्र पहिरहीं अउर भयभीत रहिहीं। तू पचे हर मुँहे पइ लज्जा पउब्या। उ पचे सोक प्रदर्सन बरे आपन बार मुड़वाइ लेइहीं। 19 उ पचे आपन चाँदी क देव मूरतियन क सड़कन पइ फेंक देइहीं। उ पचे आपन सोने क मूरतियन क गन्दा चिथरन क तरह समुझिहीं। काहेकि जब यहोवा आपन किरोध परगट किहस उ सबइ मूरतियन ओनका बचाइ नाहीं सकिन। उ सबइ मूरतियन लोगन बरे पतन क जालि के अलावा दूसर कछू नाहीं रहिन। उ सबइ मूरतियन लोगन क भोजन नाहीं देइहीं उ सबइ मूरतियन ओनके पेट मँ अन्न नाहीं पहोंचइहीं।

20 “ओन लोग आपन सुन्नर आभूसण क उपयोग किहन अउर मूरति बनाएन। ओनका आपन मूरति पइ गर्व रहा। उ पचे आपन भयानक मूरतियन बनाएन। ओन लोग ओन गन्दी चिजियन क बनाएन। एह बरे मइँ (परमेस्सर) ओनका गन्दा चिथरन क तरह लोकाइ देब। 21 मइँ ओनका अजनबियन क लेइ देब। उ सबइ अजनबी ओनका लूट लेइहीं। उ सबइ, अजनबी, आपन मने क मुताबिक सबइ कछू लइ लेइहीं अउ पवित्तर स्थान अपवित्तर कइ देइहीं। 22 मइँ ओनसे आपन मुँह फेर लेब, मइँ ओनकर कइँती नाहीं लखब। उ सबइ अजनबी मोरे मन्दिर क नस्ट करिहीं, उ सबइ उ पवित्तर भवन क गोपनीय हींसन मँ जइहीं अउर ओका अपवित्तर करिहीं।

23 “बन्दियन खातिर जंजीर बनावा। काहेकि बहोत स लोग दूसर लोगन क मारइ क कारण दण्डित होइहीं। नगर क हर ठउरन पइ हिंसा भड़की। 24 मइँ दूसर रास्ट्रन स बुरे लोगन क लिआउब अउर उ सबइ लोग इस्राएल क लोगन क सबहिं घरन क लइ लेइहीं। मइँ तू बरिआर लोगन क गर्बीला होइ स रोक देब। दूसर रास्ट्रन क उ सबइ लोग तोहरे पूजा ठउरन क अपवित्तर कइ देइहीं।

25 “तू लोग भय स थर्राइ उठब्या। तू लोग सान्ति चहब्या, किन्तु सान्ति नाहीं मिली। 26 तू पचे एक क पाछे दूसर दुःख कथा क सुनब्या। तू पचे बुरी खबरियन क अलावा कछू नाहीं सुनब्या। तू नबी क खोज करब्या अउर ओहसे दर्सन पुछब्या। किन्तु कउनो मिली नाहीं। याजक क लगे तू पचन्क सिच्छा देइ क कछू भी नाहीं होइ अउर अग्रजन क लगे तू पचन्क कउनो नीक सलाह नाहीं होइ। 27 तोहार पचन्क राजा ओन लोगन बरे रोइ अउर मरि गएन। प्रमुख सोक-वस्त्र पहिरहीं। साधारण लोग बहोत डेराइ जइहीं। काहेकि मइँ ओकर बदल देब जउन उ पचे किहन। मइँ ओनकर दण्ड निहचित करब। अउर मइँ ओनका दण्ड देब। तब उ सबइ समुझिहीं कि मइँ यहोवा हउँ।”

एक दिना मइँ (यहेजकेल) अपने घरे मँ बइठा रहेउँ अउर यहूदा क अग्रज हुवाँ मोरे समन्वा बइठे रहेन। इ देस-निकारे क छठएँ बरिस क छठएँ महीने क पचँए दिन भवा। अचानक मोर सुआमी यहोवा क सक्ति मोहमाँ उतरी। मइँ कछू लखेउँ जउन आगी क नाई रहा। इ एक मनई क सरीर जइसा देखाइ पड़त रहा। करिहाउँ स खाले उ आगी जइसा रहा। करिहाउँ स ऊपर उ आगी मँ तपत धातु क तरह चमकत अउर कान्तिवाला रहा। तब मइँ कछू अइसा लखेउँ जउन बाहु क तरह रहा। उ बाहु बाहेर बढ़ी अउर उ मोरे मुँड़ि क बारन स मोका धइ लिहस। तब आतिमा मोका हवा मँ उठाइ लिहस अउर परमेस्सर क दर्सन मँ उ मोका यरूसलेम क लइ गइ। उ मोका उत्तर कइँती भीतर फाटक पइ लइ गइ। उ देवमूर्ति, जेहसे परमेस्सर क ईर्स्या होत ह, उ फाटक क सहारे अहइ। किन्तु इस्राएल क परमेस्सर क तेज हुवँइ रहा। उ तेज वइसा ही देखात रहा जइसा दर्सन मइँ घाटी क किनारे कबार नहर क लगे लखे रहेउँ।

परमेस्सर मोहसे कहेस। उ कहेस, “मनई क पूत, उत्तर कइँती लखा।” एह बरे मइँ उत्तर कइँती लखेउँ। अउर हुवाँ प्रवेस मार्ग क सहारे वेदी-दुआर क उत्तर मँ उ देवमूर्ति रही जेकरे बरे परमेस्सर क ईर्स्या होत रही।

तब परमेस्सर मोहसे कहेस, “मनई क पूत का तू लखत अहा कि इस्राएल क लोग कइसा भयंकर काम करत अहइँ? हिआँ उ पचे उ चीज क मोरे मन्दिर क ठीक बगल मँ मोका इ स दूर हटाइ बरे बनाएन ह। जदि तू मोरे संग अउब्या तउ तू अउर भी जियादा भयंकर चिजियन लखब्या।”

एह बरे मइँ अँगने क प्रवेस दुआर पइ गएउँ अउर मइँ देवार मँ एक ठु छेद लखेउँ। परमेस्सर मोहसे कहेस, “हे मनई क पूत। उ देवारे क छेद क चारिहुँ कइँती खोदेन।” एह बरे मइँ देवार क उ छेद स होइके गएउँ अउर हुवाँ एक दरवाजा लखेउँ।

तब परमेस्सर मोहसे कहेस, “अन्दर जा, अउर ओन भयानक दुट्ठ चिजियन क लखा जेनका लोग हुवाँ करत अहइँ।” 10 एह बरे मइँ अन्दर गएउँ अउर मइँ लखेउँ। मइँ हर एक प्रकार क रेंगइवाले जन्तु अउर जनावरन क देवमूरतियन क लखेउँ जेनके बारे मँ सोचइ स तोहका घिना होत ह। उ सबइ देवमूरतियन अउ गन्दी मूरतियन रहिन जेनका इस्राएल क लोग पूजत रहेन। हुवाँ ओन जनावरन क तस्बीर हर देवारे पइ चारिहुँ कइँती खुदा भए रहेन।

11 तब मइँ एह पइ धियान दिहेउँ कि सापान क पूत याजन्याह अउर इस्राएल क सत्तर अग्रज उ ठउर पइ पूजा करइवालन क साथ रहेन। हुवाँ पइ उ पचे, लोगन क ठीक समन्वा रहेन, अउर हर एक प्रमुख क हाथे मँ आपन सुगन्धि क थाल रहा। बरत सुगन्धि क धुवाँ हवा मँ उठत रहा। 12 तब परमेस्सर मोहसे कहेस, “हे मनई क पूत का तू लखेस ह कि इस्राएल क नेता लोग अँधियारा मँ का करति आवत हीं? हरेक मनई क आपन लबार देवता बरे बिसेस कमरा अहइँ। उ पचे आपुस मँ इ बातन करत ह, ‘यहोवा हम लोगन क नाहीं लखइ सकब्या। यहोवा इ रास्ट्र क तजि दिहस ह।’” 13 तब परमेस्सर न मोह स कहेस, “यदि तुम मोरे संग आउब्या तउ तू ओन लोगन अउर भी जियादा भयानक काम करत भए लखब्या!”

14 तब उ मोका यहोवा क मन्दिर क प्रवेस-दुआर पइ लइ गवा। इ दुआर उत्तर कइँती रहा। हुवाँ मइँ मेहररूअन क बइठे अउर रोवत भए लखेउँ। उ पचे लबार देवता तम्मूज क बारे मँ सोक मनावत रहिन।

15 परमेस्सर मोहसे कहेस, “मनई क पूत, का तू एन भयंकर चिजियन क लखत अहा? मोरे संग आवा अउर तू एनसे भी बुरे करम लखब्या।” 16 तब उ मोका मन्दिरे क भीतरी अँगना मँ लइ गवा। उ ठउरे पइ मइँ पच्चीस मनइयन क खाले निहुरे भए अउर पूजा करत लखेउँ। उ पचे पवित्तर स्थान अउर वेदी क बीच रहेन, किन्तु उ पचे गलत दिसा मँ मुँह किए खड़े रहेन। ओनकर पीठ पवित्तर ठउरे कइँती रहिन। उ पचे सूरज क पूजा करइ बरे खाले निहुरा रहेन।

17 तब परमेस्सर कहेस, “मनई क पूत, का तू एका लखत अहा? यहूदा क लोग मोरे मन्दिर क एतना महत्वहीन समुझत हीं कि उ पचे मोरे मन्दिर मँ इ भयंकर करम करत हीं। इ देस हिंसा स भरा भवा अहइ। उ पचे लगातार मोका पागल करइवाला काम करत हीं। लखा, उ पचे आपन नाकन मँ लबार देवता क तरह चन्द्रमा क सम्मान करइ बरे बालियन पहिर रखिन ह। 18 मइँ ओन पइ आपन किरोध परगट करब। मइँ ओन पइ कउनो दाया नाहीं करब। मइँ ओनके बरे दुःख क अनुभव नाहीं करब। उ पचे मोका जोर स गोहरइहीं, किन्तु मइँ ओनका सुनइ स इन्कार कइ देब।”

तब परमेस्सर जोर स पुकारेस, नगर क जल्लादन क आवइ द्या। हर एक क आपन हाथन मँ बिध्वंसकारी हथियार लेइ चाही। तब मइँ ऊपरी दुआरे स छ: मनइयन क सड़के पइ आवत लखेउँ। इ दुआर उत्तर कइँती अहइ। हर एक मनई आपन घातक सस्त्र क आपन हाथे मँ लिहे रहा। ओन मनइयन मँ स सूती ओढ़ना पहिर रखे रहा। ओकरे लगे करिहाउँ मँ लिपिक क एक ठु कलम अउ सियाही रही। उ सबइ लोग मन्दिर स काँसे क बेदी क लगे गएन अउर हुवाँ खड़ा भएन। तब इस्राएल क परमेस्सर क तेज करूब सरगदूतन क ऊपर स, जहाँ उ रहा उठा। तब उ तेज मन्दिर क दुआर पइ गवा। जब उ ड्योढ़ी पइ पहोंचा तउ उ रूक गवा। तब उ तेज उ मनई क बोलाएस जउन सूती ओढ़ना कलम अउ स्याही धारन किए भए रहा।

तब यहोवा ओहसे कहेस, “यरूसलेम नगर स होइ के निकरा। जउन लोग उ नगर मँ लोगन क जरिये कीन्ह गइ घिनौना करम क बरे मँ गोहरावत अउर रोवत ह अहइँ, ओन हर एक क ललाट पइ एक चीन्हा अंकित करा।”

5-6 तब मइँ परमेस्सर क दूसर लोगन स कहत सुनेउँ कि “तू लोग पहिले मनई क अनुसरण करा। तू पचे ओन सबहिं मनइयन क मार डावा। जेनके ललाट पइ चीन्हा नाहीं अहइ। तू पचे एह पइ धियान नाहीं द्या कि उ पचे अग्रज जुवक, जुवतियन, गदेलन या महतरियन अहइँ। तू पचन्क आपन सस्त्रन क उपयोग करब अहइ, ओन हर एक क मार डाउब अहइ जेनके ललाट पइ चीन्हा नाहीं अहइ। कउनो दाया जिन देखावा। कउनो मनई बरे अफसोस न करा। हिआँ मोरे मन्दिर मँ सुरू करा।” एह बरे उ पचे मन्दिर क समन्वा क अग्रजन स सुरू किहा।

परमेस्सर ओनसे कहेस, “इ जगह क अपवित्तर बनाइ द्या। इ अँगने क ल्हासन स भरि द्या।” एह बरे उ पचे गएन अउर उ पचे नगर मँ लोगन क मारि डाएन।

जब उ सबइ लोग, लोगन क मारइ गएन, तउ मइँ हुवँइ रूका रहेउँ। मइँ भुइँया पइ आपन माथा टेकत भए कहेउँ, “हे मोर सुआमी यहोवा, यरूसलेम क खिलाफ आपन किरोध परगट करइ बरे, का तू इस्राएल मँ बचे भए सबहिं लोगन क मारत अहइ?”

परमेस्सर कहेस, “इस्राएल अउ यहूदा क परिवार बहोत जियादा बुरे पाप किहेन ह। इ देस मँ सर्वत्र लोगन क हत्तिया होत रहत अहइँ अउर इ नगर अपराध स भरा पड़ा अहइ। काहेकि लोग खुद कहत हीं, ‘यहोवा इ देस क तजि दिहेस। उ ओन कामन क नाहीं लखि सकत जेनका हम करत अहइँ।’ 10 अउर मइँ दाया नाहीं देखाउब। मइँ ओन लोगन बरे अफसोस अनुभव नाहीं करब। उ पचे खुद एका बोलाएन ह, मइँ एन लोगन क सिरिफ दण्ड दइ देत हउँ जेकर इ सबइ पात्र अहइँ।”

11 तब सूती ओढ़ना, लिपिक क कलम अउर स्याही धारण करइवाला मनई बोला। उ कहेस, “मइँ उ कइ दिहेउँ जउन तोहार आदेस रहा।”

10 तब मइँ उ खोरे क लखेउँ जउन करूब सरगदूतन क मूँड़िन क ऊपर रहा। खोरे नीलमणि क तरह स्वच्छ नीला देखात रहा। हुवाँ खोरे क ऊपर कछू सिंहासन क तरह देखात रहा। तब उ मनई जउन सिंहासने पइ बइठा रहा, सन क ओढ़ना पहिरे भए मनई स कहेस, “तूफानी बादरे मँ आवा। करूब सरगदूतन क पहँटा मँ आवा। करूब सरगदूतन क बीच स कछू अंगारन आपन हाथे मँ ल्या। आपन हाथे मँ ओन कोइलन क लइ ल्या अउर जाइके ओनका यरूसलेम नगर पइ लोकाइ द्या।”

उ मनई मोरे पाछे चला। करूब सरगदूत उ समइ मन्दिर क दक्खिन क पहँटा मँ खड़ा रहेन, जब उ मनई बादरे मँ घुसा। बादर भीतरी अँगना मँ भरि गवा। तब यहोवा क तेज करूब सरगदूत स अलग होइके मन्दिर क दुआरे पइ चला गवा। तब बादर मन्दिर मँ भरि गवा अउर यहोवा क तेज क प्रखर जोति पूरे अँगना मँ भरि गइ। तब मइँ करूब सरगदूतन क पंखनन क फड़फड़ाहट पूरे बाहरी अँगना मँ सुनी जाइ सकत रही। बाहरी अँगना मँ फड़फड़ाहट बड़की प्रचण्ड रही, वइसी ही जइसी सर्वसक्तीमान परमेस्सर क गरजत वाणी होत ह, जब उ बातन करत ह।

परमेस्सर सन क ओढ़ना पहिरे भए मनई क आदेस दिहे रहा। परमेस्सर ओका “तूफानी-बादर” मँ घुसुरइ क बरे कहेस अउर करूब सरगदूतन क बीच स कछू अंगारन लेइ क कहेस। एह बरे उ मनई तूफानी बादर मँ घुस गवा अउर गोल चक्रन मँ स एक क सहारे खड़ा होइ गवा। करूब सरगदूतन मँ स एक आपन हाथ बढ़ाएस अउर करूब सरगदूतन क पहँटा क बीच स कछू अंगारन क लिहस। उ अंगारन क उ मनई क हाथन मँ धइ दिहस अउर उ मनई हुवाँ स चला गवा। (करूब सरगदूतन क पंखन क नीचे कछू ऐसा रहा जउन मनई क बाहन क तरह देखात रहा।)

तब मइँ लखेउँ कि हुवाँ चार गोल चक्र रहेन। हर एक करूब सरगदूत क बगल मँ एक ठु चक्र रहा, अउर चक्र स्वच्छ पिअर रतन क तरह देखात रहेन। 10 उ सबइ चार चक्र रहेन अउर सब चक्र एक समान प्रतीत होत रहेन। उ सबइ अइसेन देखात रहेन माना एक चक्र दूसर चक्रन मँ होइ। 11 जब उ सबइ चलत रहेन तउ कउनो भी दिसा मँ जाइ सकत रहेन। जब कबहुँ उ सबइ चलत रहेन उ सबइ चारिहुँ एक संग चलत रहेन। किन्तु ओनके चलइ क संग करूब सरगदूत साथ-साथ चक्कर नाहीं लगावत रहेन। उ सबइ उ दिसा मँ चलत रहेन, जेहर ओनकर मुँह होत रहा। जब उ सबइ चलत रहेन, तउ उ सबइ उ सबइ एहर-ओहर नाहीं मुड़त रहेन। 12 ओनकर पूरे बदन पइ आँखिन रहिन। ओनकर पीठ, ओनकर बाँह, ओनकर पखना अउर ओनकर चक्र मँ आँखिन रहिन। हाँ, चारिहुँ चक्रन मँ आँखिन रहिन। 13 मइँ ओन लोगन क पहिया क “चक्र कहत भवा सुना।”

14 हर एक करूब सरगदूत चार मुँहेवाला रहा। पहिला मुँह करूब सरगदूत क रहा। दूसर मुँह मनई क रहा। तीसर सिंह क मुँह रहा अउर चउथा उकाब क मुँह रहा। 15 (तब मइँ जानेउँ कि इ सबइ करूब सरगदूत उ जनावर रहेन जेनका मइँ कबार नदी क दर्सन मँ लखे रहेउँ।)

तब करूब सरगदूत हवा मँ उठेन। 16 ओनके संग चक्र उठेन। चक्रन आपन दिसा उ समइ नाहीं बदलेन जब करूब सरगदूत पखना खोलेन अउर उ सबइ हवा मँ उड़ेन। 17 जब करूब सरगदूत हवा मँ उड़त रहेन तउ चक्र ओनके संग उड़ जात रहेन। जदि करूब सरगदूत सान्त खड़ा रहत रहेन तउ चक्र भी वइसा ही करत रहेन। काहेकि ओनमाँ जीवधारियन क आतिमा क सक्ति रही।

18 तब यहोवा क तेज मंदिर क डेवढ़ी स उठा, करूब सरगदूतन क ठउरे पइ ऊपर गवा अउ हुवाँ ठहर गवा। 19 तब करूब सरगदूतन आपन पखना खोलेन अउर हवा मँ उड़ गएन। मइँ ओनका मन्दिर क तजत लखेउँ। चक्र ओनके संग चलेन। तब उ पचे यहोवा क मन्दिर क पूर्बी दुआर पइ ठहरेन। इस्राएल क परमेस्सर क तेज हवा मँ ओनके ऊपर रहा।

20 तब मइँ इस्राएल क परमेस्सर क तेज क नीचे प्राणियन क कबार नदी क दर्सन मँ याद किहेउँ अउर मइँ अनुभव किहेउँ कि उ सबइ प्राणी करूब सरगदूत रहेन। 21 हर एक प्राणी क चार मुँह रहेन, चार पखना रहेन अउर पखनन क खाले कछू अइसा रहा जउन मनई क बाँहन क तरह देखात रहा। 22 करूब सरगदूतन क उहइ चार मुँह रहेन जउन कबार नदी क दर्सन क प्राणियन क रहेन अउर उ सबइ सोझे अगवा उ दिसा मँ देखात रहेन, जेहर उ सबइ जात रहेन।

11 तब आतिमा मोका यहोवा क मन्दिर क पूर्बी दुआर पइ लइ गवा जहाँ सूरज निकरत ह। मइँ इ फाटक क प्रवेस दुआर पइ पच्चीस मनई लखेउँ। अज्जूर क पूत याजन्याह ओन लोगन्क संग रहा अउर बनायाह क पूत पलत्याह हुआँ रहा। उ पचे लोगन क प्रमुख रहेन।

तब परमेस्सर मोहसे कहेस। उ बताएस, “मनई क पूत, इ सबइ उ सबइ मनई अहइँ जउन इ नगर मँ बुरी योजना बनावत हीं। इ सबइ हमेसा लोगन क बुरे काम करइ क कहत हीं। उ सबइ लोग कहत हीं, ‘हम लोग हाली ही फुन स आपन मकान नाहीं बनाउब। हम लोग बर्तन मँ धरे माँस क तरह इ नगर मँ सुरच्छित अही।’ उ पचे इ झूठ फइलावत अहइँ। एह बरे तोहका मोरे बरे लोगन स बात करइ चाही। मनई क पूत! जा अउर लोगन क बीच भविस्सवाणी करा।”

तब यहोवा क आतिमा मोहमाँ आइ। उ मोहसे कहेस, “ओनसे कहा कि यहोवा इ सब कहेस ह: इस्राएल क परिवार, तू पचे बड़की योजना बनावत अहा। किन्तु मइँ जानत हउँ कि तू पचे का सोचत अहा। तू पचे इ नगर मँ बहोत स लोगन क मारि डाया ह। तू पचे सड़कियन क ल्हासन स पाटि दिहा ह। अब हमार सुआमी यहोवा, इ कहत ह, ‘उ सबइ ल्हास माँस अहइँ अउर इ नगर पात्र अहइ। किन्तु नबूकदनेस्सर आइ अउर तू पचन्क इ सुरच्छित पात्र स निकारि लइ जाइ। तू पचे तरवारे स भयभीत अहा। किन्तु मइँ तू पचन्क खिलाफ तरवार लिआवत हउँ।’” हमार सुआमी यहोवा इ सब कहेस ह। एह बरे इ सबइ घटित होइहीं।

परमेस्सर इ भी कहेस, “मइँ तू लोगन क इ नगर स बाहेर लइ जाब अउर मइँ तू पचन्क अजनबियन क सौंप देब। मइँ तू लोगन क सजा देब। 10 तू पचे तरवारे क चाट उतरब्या। मइँ तू पचन्क हिआँ इस्राएल मँ सजा देब जेहसे तू पचे समुझब्या कि उ मइँ हउँ जउन तू पचन्क सजा देत हउँ। मइँ यहोवा हउँ। 11 इ जगह बासन नाहीं होब्या, अउर नाहीं इ मँ तू मांस होब्या। मइँ तू पचन्क हिआँ इस्राएल मँ सजा देब। 12 तब तू पचे जनब्या कि मइँ यहोवा हउँ। उ मोर नेम रहा जेका तू पचे तोड़्या ह। तू पचे मोरे आदेसन क पालन नाहीं किहा। तू पचे आपन चारिहुँ कइँती क रास्ट्रन क तरह रहइ क निर्णय किहा।”

13 जइसेन ही मइँ परमेस्सर कइँती बोलब खतम किहेउँ, बनायाह क पूत पलत्याह मरि गवा। मइँ धरती पइ भहराइ पड़ेउँ। मइँ धरती पइ माथा टेकेउँ अउर कहेउँ, “हे मोर सुआमी यहोवा, तू का इस्राएल क सबहिं बचे भएन क पूरी तरह नस्ट कहइ पइ तुला अहा।”

14 मुला तब यहोवा क वचन मोका मिला। उ कहेस, 15 “हे मनई क पूत, तोहार रिस्तेदार अर्थात इस्राएल क पूरा घर जउन कि तोहार संग जलावतन मँ ह। तोहार भाइयन अहइ। यरूसलेम मँ रहइवाले लोग ओन लोगन स कहेन, ‘यहोवा क पास से दूर होइ जा। इ भुइयाँ वरासत क रूप मँ हमका दीन्ह गइ अहइ।’

16 “एह बरे ओन लोगन स इ सब कहा: हमार सुआमी यहोवा, कहत ह, ‘इ फुरइ अहइ कि मइँ आपन लोगन क बहोत दूर क देसन मँ जाइ बरे मजबूर किहेउँ। मइँ ही ओनका बहोत स देसन मँ बिखेरेउँ अउर उ भुइँया मँ जहाँ उ पचे गएन ह ओनकरे बरे थोड़े समइ बरे पवित्तर मन्दिर ठहरब। 17 एह बरे तू पचन्क ओन लोगन स कहइ चाही कि ओनकर सुआमी यहोवा, ओनका वापस लिआइ। मइँ तू पचन्क, बहोत स देसन मँ बिखेर दिहेउँ ह। किन्तु मइँ तू लोगन क एक संग बटोरब अउर ओन रास्ट्रन स तू पचन्क वापस लिआउब। मइँ इस्राएल क पहँटा तू पचन्क वापस देब। 18 अउर जब हमार लोग लौटिहीं तउ उ पचे ओन सबहिं भयंकर गन्दी देवमूरतियन क, जउन अब हिआँ अहइ, नस्ट कइ देइहीं। 19 मइँ ओनका एक संग लिआउब अउर ओनका एक ठु मनई सा बनाउब। मइँ ओनमा नई आतिमा भरब। मइँ ओनकर पाथर क हिरदय क दूर करब अउर आनके जगह पइ सच्चा हिरदय देब। 20 तब उ पचे मोरे नेमन क पालन करिहीं। उ पचे मोरे आदेसन क पालन करिहीं, उ पचे उ कारज करिहीं जेनका मइँ करइ क कहब। उ पचे फुरइ मोर लोग होइहीं अउर मइँ ओनकर परमेस्सर होबउँ।’”

21 तब परमेस्सर कहेस, “किन्तु इ समइ ओनकर हिरदय भयंकर गन्दी देवमूरतियन क होइ चुका अहइ। मोका ओन लोगन क ओन बुरे करमन बरे सजा देइ चाही जउन उ पचे किहेन ह।” मोर सुआमी यहोवा इ कहेस ह। 22 तब करूब सरगदूत आपन पखनन क खोलेस अउर हवा मँ उड़ गएन। चक्र ओनके संग गएन। इस्राएल क परमेस्सर क तेज ओनके ऊपर रहा। 23 यहोवा क तेज ऊपर हवा मँ उठा अउर उ यरूसलेम क तजि दिहस। उ छिन भर क बरे यरूसलेम क पूरब पहाड़ी पइ ठहरा। 24 तब आतिमा मोका हवा मँ उठाएस अउर वापस बाबुल मँ पहोंचाइ दिहस। उ मोका ओन लोगन क लगे लौटाएस, जउन इस्राएल तजइ बरे मजबूर कीन्ह ग रहेन। तब परमेस्सर क आतिमा मोका हवा मँ उठाएस अउर मोका तजि दिहेस। मइँ ओन सबहिं चीजन क परमेस्सर क दर्सन मँ लखेउँ। 25 तब मइँ निर्वासित लोगन स बातन किहेउँ। मइँ उ सबइ बातन बनाएउँ जउन यहोवा मोका देखाए रहा।

12 तब यहोवा क बचन मोका मिला। उ कहेस, “मनई क पूत, तू विद्रोही लोगन क संग रहत अहा। उ पचे सदा ही मोरे खिलाफ होइ ग अहइँ। लखइ बरे ओनकर आँखिन अहइँ जउन कछू मइँ ओनके बरे किहेउँ ह। किन्तु उ पचे ओन चिजियन क नाहीं लखतेन। सुनई बरे ओनकर कान अहइँ, ओन चिजियन क जउन मइँ ओनका करइ क कहेउँ ह। किन्तु उ पचे मोरे आदेसन क नाहीं सुनतेन। काहेकि उ पचे विद्रोही लोग अहइँ। उ एह बरे, मनई क पूत आपन सामान बाँध ल्या। अइसा बेउहार करा माना तू कउनो दूर देस क जात अहा। इ इ प्रकार करा कि लोग तोहका देखत रहइँ। होइ सकत ह, कि उ पचे लोग तोहे पइ धियान देइँ, किन्तु उ सबइ लोग बड़के बिद्रोही लोग अहइँ।

“दिन क समइ तू आपन सामान इ तरह बाहर लइ आवा कि लोग तोहका लखत रहइँ। तब साँझ क अइसा देखावा करा, कि तू दूर देस मँ एक बन्दी क तरह जात अहा। लोगन क आँखिन क समन्वा देवार मँ एक छेद बनावा अउर उ देवार क छेदे स बाहेर आवा। राति क आपन सामान काँधे पइ धरा अउर उ ठउर क तजि द्या। आपन मुँह क ढाँपि ल्या जेहसे तू इ न लखि सका कि तू कहाँ जात अहा। एन कामन क तोहका इ तरह करइ चाही, कि लोग तोहका लखि सकउँ। काहेकि मइँ तोहका इस्राएल क परिवार क बरे एक ठु उदाहरण क रूप मँ बइपरत हउँ।”

एह बरे मइँ (यहेजकेल) आदेस क अनुसार किहेउँ। दिन क समइँ मइँ आपन सामान उठाएउँ अउर अइसा देखावा किहेउँ माना मइँ कउनो दूर देस क जात हउँ। उ साँझ मइँ आपन हाथन क उपयोग किहेउँ अउर देवार मँ एक छेद बनाएउँ। राति क मइँ आपन सामान काँधे पइ धरेउँ अउर चल पड़ेउँ। मइँ इ सब इ प्रकार किहेउँ कि सबहिं लोग मोका लखि सकइँ।

अगले भिन्सारे मोका यहोवा बचन मिला। उ कहेस, “मनई क पूत, का इस्राएल क ओन विद्रोही लोगन तोहसे पूछेन कि तू का करत अहा? 10 ओनसे कहा कि ओनकर सुआमी यहोवा इ सबइ बातन बताएस ह। इ दुःखद बचन यरूसलेम क प्रमुखन अउर हुवाँ रहइवाले इस्राएल क सबहिं लोगन क बारे मँ अहइ। 11 ओनसे कहा, ‘मइँ (यहेजकेल) तू सबहिं लोगन बरे एक ठु उदाहरण हउँ। जउन कछू मइँ किहेउँ ह उ तू लोगन बरे फुरइ होइ।’ तू पचे फुरइ बन्दी क रूप मँ दूर देस मँ जाइ बरे मजबूर कीन्ह जाब्या। 12 तोहार पचन्क प्रमुख देवारे मँ छेद करी अउर राति क गुप्त रूप मँ निकरि भागी। उ आपन मुँहना क ढाँपि लेइ जेहसे लोग ओका पहिचनिहीं नाहीं। ओकर आँखिन, इ लखइ लायक नाहीं होइहीं कि उ कहाँ जात अहइ। 13 उ भाग निकरइ क जतन करी। किन्तु मइँ (परमेस्सर) ओका धइ लेब। उ मोर जालि मँ फँस जाइ अउर मइँ ओका बाबुल लिआउब जउन कसदियन क लोगन क देस अहइ। किन्तु उ उ भुइँया क लखि नाहीं पाई कि जहाँ उ जात अहइ। अउर उ हुँआ मर जाइ। 14 मइँ राजा क लोगन क मजबूर करब कि इस्राएल क चारिहुँ कइँती बिदेसन मँ रहइँ। मइँ ओकरी फउज क तितर-बितर कइ देब अउर दुस्मन क सैनिक ओनकर पाछा करिहीं। 15 तब उ सबइ लोग समुझिहीं कि मइँ यहोवा हउँ। उ पचे समुझिहीं कि मइँ ओनका रास्ट्रन मँ बिखेरेउँ। उ पचे समुझ जइही कि मइँ ओनका दूसर देसन मँ जाइ बरे मजबूर किहेउँ।

16 “किन्तु मइँ ओन लोगन मँ स थोड़ा स लोगन क जिअत रखब। उ सबइ रोग, भूख अउ जुद्ध स नाहीं मरिहीं। मइँ ओन लोगन क एह बरे जिअत रहइ देब, कि उ पचे रास्ट्रन मँ लोगन स जहाँ पइ उ पचन्क क बिखर दीन्ह ग रहेन ओन भयंकर कामन क बारे मँ कहि सकइँ, जउन उ पचे मोरे बिरुद्ध किहेन। तब उ पचे जनिहीं कि मइँ यहोवा हउँ।”

17 तब यहोवा क बचन मोरे लगे आवा। उ कहेस, 18 “मनई क पूत! तोहका अइसा करइ चाही माना तू बहोत डेरान अहा। जब तू खइया खाब्या तब तोहका काँपइ चाही। तोहका पानी पिअइ क समइ चिन्तित अउर डेरान होइ क देखावा करइ चाही। 19 तोहका इ धरती क लोगन स कहइ चाही। तोहका कहइ चाही, ‘हमार सुआमी यहोवा यरूसलेम क लोगन अउर इस्राएल क दूसर हींसन क लोगन स इ कहत ह। लोगो, तू भोजन करत समइ बहोत परेसान होब्या। तू पानी पिअत समइ डेरान होब्या। काहेकि तोहरे पचन्क देसन मँ सबहिं कछू नस्ट होइ जाइ। हुवाँ रहइवाले सबहिं लोगन बरे दुस्मन बहोत क्रूर होइ। 20 तोहरे पचन्क नगरन मँ इ समइ बहोत लोग रहत हीं, किन्तु उ सबइ सहर नस्ट होइ जइहीं। तोहार पचन्क पूरा देस नस्ट होइ जाइ। तब तू पचे समुझब्या कि मइँ यहोवा हउँ।’”

Awadhi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-AWA)

Awadhi Bible: Easy-to-Read Version. Copyright © 2005 Bible League International.