Beginning
इस्राएल भेड़िन क एक झुण्ड क तरह अहइ
34 यहोवा क बचन मोका मिला। उ कहेस, 2 “मनई क पूत, मोरे बरे इस्राएल क गड़रियन (प्रमुखन) क बिरूद्ध बातन करा। ओनसे मोरे बरे बातन करा। ओनसे कहा कि सुआमी यहोवा इ कहत ह: ‘इस्राएल क गड़ेरियो तू पचे सिरिफ आपन पेट भरत अहा। इ तोहरे बरे बहोत बुरा होइ। का गड़ेरियन क भेड़िन क पेट नाहीं भरइ चाही? 3 तू मनई पनीर खावत अहा। अउर आपन ओढ़ना बनावइ बरे भेड़िन ऊन क प्रयोग करत अहा। तू पचे मोटी भेड़ी क मारत अहा, किन्तु भेड़िन क धियान नाहीं रखत ह। 4 तू पचे दुर्बल क बलवान नाहीं बनाया। तू पचे रोगी भेड़ी क परवाह नाहीं किहा ह। तू पचे चोट खाइ भइ भेड़िन क पट्टी नाहीं बाँध्या। कछू भेड़िन भटकिके दूर चली गइन अउर तू पचे ओनका हेरइ अउर ओनका वापस लेइ नाहीं गया। नाहीं, तू पचे क्रूर अउर कठोर रह्या, इहइ राह रही जउने पइ तू भेड़िन क लइ जाइ चाह्या।
5 “‘अउर अब, भेड़िन बिखरि गइ अहइँ काहेकि उ पचन्क कउनो गड़रिया नाहीं रहा। उ पचे हर एक जंगली जनावर क भोजन बनी। एह बरे उ सबइ बिखरि गइन। 6 मोर भेड़िन क झुण्ड सबहिं पर्वतन अउ ऊँच पहाड़ियन पइ भटकिन। मोर भेड़िन क झुण्ड धरती क सारी सतह पइ बिखरि ग अइन। कउनो भी ओनकर खोज अउ देखरेख करइवाला नाहीं रहा।’”
7 एह बरे तू गड़रियो, यहोवा क बचन सुना। मोर सुआमी यहोवा कहत ह, 8 “मइँ आपन जिन्नगी क किरिया खाइके तू पचन्क इ बिस्सास दियावत हउँ। जंगली जनावरन मोर भेड़िन क धरेन। हाँ, मोर भेड़िन क झुण्ड सबहिं जंगली जनावरन क भोजन बन गइन। काहेकि ओनकर कउनो ठीक गड़रिया नाहीं रहा। मोर गड़रियन मोर भेड़िन क झुण्ड क खोज नाहीं किहन। ओन गड़रियन खुद ही भेड़िन क मारेन अउर खुद खाएन। उ पचे मोर भेड़िन क चारा नाहीं दिहन।”
9 एह बरे तू पचे गड़रियो, यहोवा क सँदेसा क सुना। 10 यहोवा कहत ह, “मइँ ओन गड़रियन क विरूद्ध हउँ। मइँ ओनसे आपन भेड़िन माँगब। मइँ ओन पइ हमला करब। उ पचे भविस्स मँ मोर गड़रियन नाहीं रहिहीं। मइँ ओनकर मुँहे स आपन भेड़िन क झुण्ड क बचाउब। तब मोर भेड़िन ओनकर भोजन नाहीं होइहीं।”
11 मोर सुआमी यहोवा कहत ह, “मइँ खुद ओनकर गड़रिया बनब। मइँ आपन भेड़िन क खोज करब। मइँ ओनका हेरब। 12 जदि कउनो गड़रिया आपन भेड़िन क संग उ समइ अहइ जब ओकर भेड़िन दूर भटकइ लगी होइँ तउ उ ओनका हरेइ जाइ। उहइ तरह मइँ आपन भेड़िन क खोज करब। मइँ आपन भेड़िन क बचाउब। मइँ ओनका ओन ठउरन स लउटाउब जहाँ उ पचे उ बदरी अउर अँधेरा मँ भटक गइ रहिन। 13 मइँ ओनका ओन रास्ट्रन स वापस लिआउब। मइँ ओन देसन स ओनका बटोरब। मइँ ओनका ओनके आपन देस मँ, लिआउब। मइँ ओनका इस्राएल क पर्वतन पइ, जल स्रोतन क सहारे, ओन सबहिं ठउरन मँ जहाँ लोग रहत हीं, खियाउब। 14 मइँ ओनका घासवाले खेतन मँ लइ जाब। उ पचे इस्राएल क सबन्त ऊँचे पर्वतन पइ जइहीं। हुवाँ उ पचे अच्छी चिरागाह पइ सोइहीं अउ अच्छी घास खइहीं। उ पचे इस्राएल क पर्वत पइ भरी-पूरी घास-वाली भुइँया मँ चरिहीं। 15 हाँ, मइँ आपन झुण्ड क खिआउब अउर ओनका विस्राम क ठउर पइ लइ जाब।” मोर सुआमी यहोवा इ कहे रहा।
16 “मइँ खोइ भेड़ी क खोज करब। मइँ ओन भेड़िन क वापस लिआउब जउन बिखर गइ रहिन। मइँ ओन भेड़िन क पट्टी करब जेनका चोट लगी रही। मइँ कमजोर भेड़ी क मजबूत बनाउब। अउर मइँ मोटा अउ सक्तीसाली भेड़िन स ओनकइ रच्छा करब। मइँ ओनकर चरवाही निआवपूर्ण तरीका स करब।”
17 मोर सुआमी यहोवा इ कहत ह, “अउर तू, मोर झुण्ड, मइँ हर एक भेड़ी क संग निआउ करब। मइँ भेड़न अउर बोकरन क बीच निआउ करब। 18 तू अच्छी भुइँया पइ उगी घास खाइ सकत ह। तू उ घासे क काहे कुचरत अहा जेका दूसर भेड़िन खाइ चाहत हीं? तू काफी मात्रा मँ स्वच्छ जल पी सकत ह। तउ तू उ जल क हिलाइके गन्दा काहे करत अहा, जेका दूसर भेड़िन पिअइ चाहत हीं? 19 अब मोर भेड़िन क झुण्ड उ घास क खाइ चाही जेका तू आपन गोड़न स कुचर्या अउर उ पानी पीअइ चाही जेका तू आपन गोड़न स हिलाइके गन्दा कइ दिहा।”
20 एह बरे मोर सुआमी यहोवा ओनसे कहत ह: “मइँ खुद मोटी अउ पतरी भेड़िन क संग निआउ करब। 21 तू आपन बगल स अउर आपन काँधन स धक्का दइके अउर आपन सींगन स सबहिं कमजोर भेड़िन क तब तलक मार गिरावत ह, जब तलक तू ओनका दूर चले जाइ बरे मजबूर नाहीं करत्या। 22 एह बरे मइँ आपन भेड़िन क झुण्ड का बचाउब। उ सबइ भविस्स मँ जंगली जनावरन स नाहीं धरी जइहीं। मइँ हर एक भेड़ी क संग निआउ करब। 23 तब मइँ ओनके ऊपर एक गड़रिया आपन सेवक दाऊद क राखब। उ ओनका अपने आप खिआई अउर ओनकर गड़रिया होइ। 24 तब मइँ यहोवा अउर सुआमी, ओनकर परमेस्सर होब अउर मोर सेवक दाऊद ओनकर सासक होब। मइँ यहोवा इ कहेउँ ह।
25 “मइँ आपन भेड़िन क संग एक ठु सान्ति-सन्धि करब। मइँ नोस्कान पहोंचावइवाले जनावरन क देस स बाहेर कइ देब। तब भेड़िन रेगिस्ताने मँ सुरच्छित रहिहीं अउर जंगल मँ सोइहीं। 26 मइँ आपन भेड़िन क आपन पहाड़ी क चारिहुँ ओर क ठउरन क आसीर्बाद देब। मइँ ठीक समइ पइ बर्खा करब। अउर बर्खा ओनकर बरे आसीर्बाद होइहीं। 27 खेतन मँ उगइवाले बृच्छ आपन फल देइहीं। भुइँया आपन फसल देइ। एह बरे भेड़िन आपन प्रदेस मँ सुरच्छित रहिहीं। मइँ ओनके ऊपर रखे जुअन क तोड़ डाउब। मइँ ओनका ओन लोगन क सक्ति स बचाउब जउन दास बनाएन। तब उ पचे जनिहीं कि मइँ यहोवा हउँ।
28 “उ पचे जनावरन क तरह भविस्स मँ दूसर रास्ट्रन क जरिये बन्दी नाहीं बनावा जइहीं। उ सबइ जनावर ओनका भविस्स मँ नाहीं खइहीं। अपितु अब उ सबइ सुरच्छित रहिहीं। कउनो ओनका आतंकित नहीं करी। 29 मइँ ओनका कछू अइसी भुइँया देब जउन एक अच्छा बगीचा बनी। तब उ पचे उ देस मँ भूख स पीड़ित नाहीं होइहीं। उ पचे भविस्स मँ रास्ट्रन स अपमानित होइ क कस्ट पइहीं। 30 तब उ पचे समुझिहीं कि मइँ ओनकर परमेस्सर यहोवा हउँ। तब उ पचे समुझिहीं कि मइँ ओनके संग हउँ। इस्राएल क परिवार समुझी कि उ सबइ मोर लोग अहइँ।” मोर सुआमी यहोवा इ कहे रहा।
31 “तू मोर भेड़िन, मोर चरागाह क भेड़िन, तू सिरिफ मनई अहा अउर मइँ तोहार परमेस्सर हउँ।” मोर सुआमी यहोवा इ कहेस।
एदोम क खिलाफ सँदेस
35 मोका यहोवा क बचन मिला। उ कहेस, 2 “मनई क पूत, सेईर पर्वत कइँती धियान द्या अउर मोरे बरे एक खिलाफ कछू कहा। 3 एहसे कहा, ‘मोर सुआमी यहोवा इ कहत ह:
“‘सेईर पर्वत, मइँ तोहरे खिलाफ हउँ।
मइँ तोहका दण्ड देब।
मइँ तोहका खाली बरबाद छेत्र कइ देब।
4 मइँ तोहरे नगरन क नस्ट करब,
अउर तू खाली होइ जाब्या।
तब तू समुझब्या कि मइँ यहोवा हउँ।
5 “‘काहेकि तू सदा मोरे लोगन क बिरूद्ध रह्या। तू इस्राएल क बिरूद्ध आपन तरवारन क उपयोग ओकर बिपत्ति क समइ मँ किहा, ओनकर आखिर दण्ड क समइ मँ।’” 6 एह बरे मोर सुआमी यहोवा कहत ह, “मइँ आपन जिन्नगी क किरिया खाइके प्रतिग्या करत हउँ कि मइँ तोहरे बरे रक्तपात लिआउब। रक्त तोहार पिछा करिहीं। तोहका लोगन क रक्त बहावइ मँ घिना नाहीं भएस। एह बरे रक्त तोहार पाछा करी। 7 मइँ सेईर पर्वत क खाली बरबाद कइ देब। मइँ उ हर एक मनई क मार डाउब जउन उ नगर स आई अउर मइँ उ हर मनई क मार डाउब जउन उ नगर मँ जाइ क जतन करी। 8 मइँ ओकर पर्वतन क ल्हासन स ढक देब। उ सबइ ल्हास तोहार सारी पहाड़िन, तोहार घाटी अउर तोहार सारे नालन मँ फइले होइहीं। 9 मइँ तोहका सदा बरे नस्ट कइ देब। तोहरे पचन्क नगरन मँ कउनो जिअत नाहीं रही। तब तू समुझब्या कि मइँ यहोवा हउँ।”
10 तू कहया, “इ दुइनउँ रास्ट्र अउर देस (इस्राएल अउ यहूदा) मोर होइहीं। हम ओनका आपन बनाइ लेब।”
किन्तु यहोवा हुवाँ अहइ। 11 मोर सुआमी यहोवा कहत ह, “तू मोरे लोगन बरे ईर्स्यालु रह्या। तू ओन पइ कोहान रह्या अउर तू मोहसे घिना करत रह्या। एह बरे आपन जिन्नगी क किरिया खाइके मइँ प्रतिग्या करत हउँ कि मइँ तोहका वइसे ही दण्डित करब जइसे तू ओनका चोट पहोंचाया। मइँ तोहका सजा देब अउर आपन लोगन क समुझइ देब कि मइँ ओनके संग हउँ। 12 तब तू भी समुझब्या कि मइँ तोहरे सबहिं अपमानन क सुनेउँ ह। तू इस्राएल पर्वत क खिलाफ बहोत स बुरी बातन किहा ह। तू कहया, ‘इस्राएल नस्ट कइ दीन्ह गवा ह। हम लोग ओनका भोजन क तरह चबाइ जाब।’ 13 तू पचे गर्वीला रह्या अउर मोरे खिलाफ बातन किहा। तू अनेक दाइँउ कह्या अउर जउन तू कहया, ओकर हर एक सब्द मइँ सुनेउँ। हाँ, मइँ तू पचन्क सुनेउँ।”
14 मोर सुआमी यहोवा इ कहत ह, “उ समइ सारी धरती खुस होइ जब मइँ तोहका नस्ट करब। 15 तू तब खुस रह्या जब इस्राएल देस नस्ट भवा। मइँ तोहरे संग वइसा ही बेउहार करब। सेइर पर्वत अउर एदोम क पूरा देस नस्ट कइ दीन्ह जाइ। तब तू समुझब्या कि मइँ यहोवा हउँ।”
इस्राएल देस क फुन निर्माण कीन्ह जाइ
36 “मनई क पूत, मोरे बरे इस्राएल क पर्वतन स कहा। इस्राएल क पर्वतन क यहोवा क बचन सुनइ क कहा। 2 ओनसे कहा कि सुआमी यहोवा इ कहत ह, ‘दुस्मन तोहार बिरुद्ध बोलेस ह। उ लोग कहेस, वाह! अब प्राचीन पर्वत हमार होइ।’
3 “एह बरे मोरे बरे इस्राएल क पर्वतन स कहा। कहा कि सुआमी यहोवा इ कहत ह, ‘दुस्मन तोहका खाली किहस। उ पचे तोहका चारिहुँ ओर स कुचल डाएन ह। उ पचे अइसा किहेन। एह बरे तू दूसर रास्ट्रन क अधिकार मँ गया। तब तोहरे बारे मँ लोग बातन अउ कानाफूसी किहन।’”
4 एह बरे इस्राएल क पर्वतो, मोर सुआमी यहोवा क बचन सुना। मोर सुआमी यहोवा पर्वतन, पहाड़ियन, धारन, घाटियन, खाली खण्डहरन अउ छोड़े गए नगरन स, जउन चारिहुँ कइँती क दूसर रास्ट्रन क जरिये लूटेन अउ मजाक उडाए गएन कहत ह 5 मोर सुआमी यहोवा कहत ह: “मइँ किरिया खात हउँ कि मइँ आपन जलजलाहट क अपने बरे बोलइ देब। मइँ एदोम अउर दूसर रास्ट्रन क आपन किरोध क अनुभवा कराउब। ओन रास्ट्रन मोर भुइँया पइ कबजा कइ लिहेन। उ पचे उ देस क लइके बड़े खुस भएन। उ पचे उ भुइँया क लूटिके बहोत खुस भएन।”
6 “एह बेरे इस्राएल देस क बारे मँ इ सबइ कहा। पर्वतन, पहाड़ियन, धारन अउ घाटियन स कहा। इ कहा कि मोर सुआमी यहोवा कहत ह, ‘मइँ आपन जलन अउ किरोध क आपन बरे बोलइ देब। काहेकि एन रास्ट्रन स तोहका अपमान क पीरा मिली ह।’”
7 एह बरे मोर सुआमी यहोवा इ कहत ह, “मइँ प्रतिग्या करत हउँ कि मइँ आपन हाथ उठाउब तोहरे चारिहुँ कइँती क रास्ट्र अपमान क कस्ट भोगिहीं।”
8 “किन्तु इस्राएल क पर्वतो, तू मोरे इस्राएल क लोगन बरे नए बृच्छ उगउब्या अउर फल पइदा करब्या। मोर लोग हाली लउटिहीं। मइँ तोहरे संग हउँ। 9 मइँ तोहार मदद करब अउर तोहार देख-रेख करब। लोग तोहार भुइँया जोतिहीं। लोग बिआ बोइहीं। 10 तोहरे ऊपर अनगिनत लोग लहिहीं। इस्राएल क सारा परिवार अउर सबहिं लोग हुआँ रहिहीं। नगरन मँ, लोग रहइ लगिहीं। नस्ट ठउर नवे जगहन क तरह बनिहीं। 11 मइँ तोहका बहोत स लोग अउर जनावरन देब। उ पचे बढ़िहीं अउर ओनके बहोत गदेलन होइहीं। मइँ तोहारे ऊपर रहइवाले लोगन क वइसे ही प्राप्त कराउब, जइसे तू पहिले किहे रह्या। मइँ एका तोहरे बरे सुरूआत क बनिस्बत नीक बनाउब। तू फुन कबहुँ ओनका, ओनकर सन्तान स बंचित नाहीं करब्या। तब तू जनब्या कि मइँ यहोवा हउँ। 12 हाँ, मइँ आपन लोग, इस्राएल क तोहरी भुइँया पइ चलाउब। उ पचे तोह पइ अधिकार करिहीं अउर तू ओनकर होब्या। तू ओनका बगैर बच्चन क फुन कबहुँ नाहीं बनउब्या।”
13 मोर सुआमी यहोवा इ कहत ह, “हे इस्राएल देस लोग तोहसे बुरी बातन कहत हीं। उ पचे कहत हीं कि तू आपन लोगन क नस्ट किहा ह। उ पचे कहत हीं कि तू बच्चन क दूर लइ गया। 14 अब भविस्स मँ तू लोगन क नस्ट नाहीं करब्या। तू भविस्स मँ बच्चन क दूर नाहीं लइ जाब्या।” मोर सुआमी यहोवा इ सबइ बातन कहे रहा। 15 “मइँ ओन रास्ट्रन क तोहका, अउर जियादा अपमानित नाहीं होइ देब। तू ओन लोगन स अउर जियादा चोट नाहीं खाब्या। तू ओनका गदेलन स रहित फुन कबहुँ नाहीं करब्या।” मोर सुआमी यहोवा इ सबइ बातन कहेस। यहोवा आपन अच्छे नाउँ क रच्छा करी
16 तब यहोवा क बचन मोका मिला। उ कहेस, 17 “मनई क पूत, इस्राएल क परिवार आपन देस मँ रहत रहा। किन्तु उ पचे उ देस क आपन कामन स दुसित बनाइ दिहन जउन उ पचे किहन। मोरे बरे उ पचे अइसी मेहरारू क समान रहेन जउन आपन मासिक धरम स असुद्ध होइ गइ होइ। 18 उ पचे जब उ देस मँ लोगन क हत्या किहन तउ उ पचे धरती पइ खून फइलाएन। उ पचे आपन देवमूरतियन स देस क गन्दा किहन। एह बरे मइँ ओनका देखाएउँ कि मइँ केतना कोहान रहेउँ। 19 मइँ ओनका रास्ट्रन मँ बिखेरेउँ अउर सबहिं देसन मँ फइलाएउँ। मइँ ओनका दण्ड उ बुरे काम बरे दिहेउँ जउन उ पचे किहन। 20 उ पचे ओन दूसर रास्ट्रन क गएन अउर ओन देसन मँ भी उ पचे मोर अच्छे नाउँ क बदनाम किहेन। कइसे? हुवाँ रास्ट्रन ओनके बारे मँ बातन किहन। उ पचे कहेन, ‘इ सबइ यहोवा क लोग अहइँ किन्तु इ पचे ओकर देस तजि दिहन तउ जरूर यहोवा मँ कछू खराबी होइ।’
21 “इस्राएल क लोग मोरे पवित्तर नाउँ क जहाँ कहीं उ पचे गएन, बदनाम किहन। मइँ आपन नाउँ बरे दुःख अनुभव किहेउँ। 22 एह बरे इस्राएल क परिवार स कहा कि सुआमी यहोवा इ कहत ह, ‘इस्राएल क परिवार, तू जहाँ गया हुआँ तू मोरे पवित्तर नाउँ क बदनाम किहा। एका रोकइ बरे मइँ कछू करइ जात हउँ। मइँ इ तोहरे बरे नाहीं करब। इस्राएल, मइँ एका आपन पवित्तर बरे करब। 23 मइँ ओन रास्ट्रन क देखाउब कि मोर महान नाउँ सच मँ पवित्तर अहइ। तब उ सबइ रास्ट्र जनिहीं कि मइँ यहोवा हउँ।’” मोर सुआमी यहोवा इ सबइ कहे रहा।
24 परमेस्सर कहेस, “मइँ तोहका ओन रास्ट्रन स बाहेर निकारब, एक संग बटोरब अउर तोहका तोहरे देस मँ लिआउब। 25 तब मइँ तोहरे उपर सुद्ध जल छिछकारब अउर तोहका सुद्ध करब। मइँ तोहार सारी गन्दगियन क धोइ डाउब अउर ओन घृणित देवमूरतियन स पइदा भइ गन्दगी क धोइ डाउब।” 26 परमेस्सर कहेस, “मइँ तोहमें नई आतिमा भी भरब अउर तोहरे सोचइ क ढंग क बदलब। मइँ तोहरे तने स कठोर हिरदय क बाहेर करेब अउर तोहका एक कोमल मानवी हिरदइ देब। 27 मइँ तोहरे भीतर आपन आतिमा प्रतिस्ठित करब। मइँ तोहका बदलब जेहसे तू मोरे नेमन क पालन करब्या। तू सावधानी स मोरे आदेसन क पालन करब्या। 28 तब तू उ देस मँ रहब्या जेका मइँ तोहरे पुरखन क दिहे रहेउँ। तू पचे मोरे लोग रहब्या अउर मइँ तोहार परमेस्सर रहब।” 29 परमेस्सर कहेस, “मइँ तोहका पचन्क बचाउब भी अउर तोहका पचन्क असुद्ध होइ स रोकब। मइँ अन्न क उगइ बरे आदेस देब। मइँ तोहरे पचन्क भुखमरी समइ नाहीं लिआउब। 30 मइँ तोहरे बृच्छन स फलन क बड़की फसलन अउर खेतन स अन्न क फसलन देब। तब तू दूसर देसन मँ भूखे रहइ क लज्जा फुन कबहुँ महसूस नाहीं करब्या। 31 तू पचे ओन बुरे कामन क याद करब्या जउन तू पचे स किहा। तू पचे याद करब्या कि उ सबइ काम नीक नाहीं रहेन। तब तू पचे आपन पापन अउर जउन भयंकर करम किहा ओनके बरे तू खुद अपने स घिन करब्या।”
32 मोर सुआमी यहोवा इ कहत ह, “मइँ चाहत हउँ कि तू इ याद राखा: मइँ तोहरी भलाई बरे इ सबइ कामन नाहीं करत हउँ। मइँ ओनका आपन नीक नाउँ करत हउँ। इस्राएल क परिवार, तोहका आपन रहइ क ढंग पइ लज्जित अउ बियाकुल होइ चाही।”
33 मोर सुआमी यहोवा इ कहत ह, “जउने दिन मइँ तोहरे पापन्क धोउब, मइँ लोगन्क वापस तोहरे नगरन मँ लिआउब। उ सबइ नगर फुन बनावा जइहीं। 34 खाली पड़ी भुइँया फुन जोती जाइ। हिआँ स गुजरइवाले हर एक क इ बरबादियन क ढेर क रूप मँ नाहीं देखाइ। 35 उ पचे कहिहीं, ‘पुराने समइ मँ इ देस नस्ट होइ ग रहेन। लेकिन इ सबइ अदन क बगीचे जइसे अहइँ। नगर नस्ट होइ गए रहेन। उ पचे बर्बाद अउर खाली रहेन। किन्तु अब उ सबइ सुरच्छित अहइँ ओनमाँ लोग रहत हीं।’”
36 परमेस्सर कहेस, “तब तोहरे चारिहुँ ओर क रास्ट्र समझिहीं कि मइँ यहोवा हउँ अउर मइँ ओन नस्ट ठउरन क फुन बसाएउँ। मइँ इ पहँटा मँ जउन खाली पड़ा रहा पेड़न क रोपेस। मइँ यहोवा हउँ। मइँ इ कहेउँ अउर मइँ एका घटित कराउब।”
37 मोर सुआमी यहोवा इ कहत ह, “जब इस्राएल क मनई मोहसे इ चिजियन करइ बरे कहब तउ मइँ सकारात्मक उत्तर देउब। मइँ ओनका असंख्य लोग बनाउब। उ पचे भेड़िन क झुण्डन क तरह होइहीं। 38 यरूसलेम मँ बिसेस त्यौहार क अवसर क समइ (बोकरियन, भेड़िन क खरकन क तरह, लोग होइहीं।) नगर अउर बरबाद ठउर, लोगन क झुण्ड स भरि जइहीं। तब उ पचे समुझिहीं कि मइँ यहोवा हउँ।”
Awadhi Bible: Easy-to-Read Version. Copyright © 2005 Bible League International.