Book of Common Prayer
संगीत निर्देसक बरे दाऊद क एक ठु स्तुति।
1 हे यहोवा, दुट्ठ लोगन स मोका बचावा।
क र लोगन स मोर रच्छा करा।
2 उ सबइ लोग नोस्कान पहोंचावइ कुचक्र रचत बाटेन।
उ सबइ लोग सदा ही लड़ जात हीं।
3 ओन लोगन क जिभियन अइसन तेज बाटइ जइसे साँप।
ओन लोगन क सब्दन साँप क बिख क नाईं अहइ। (सेला)
4 हे यहोवा, तू दुट्ठ लोगन स मोर रच्छा करा।
क्रूर लोग स मोर रच्छा करा।
उ सबइ मोर पाछे मोका खाले मँ लोकइ बारे अहइँ।
5 ओन घमण्डी लोग मोरे बरे फँदा डाएन।
मोका फँसावइ क उ पचे जाली फइलाएन ह।
उ पचे मोर राहे मँ फँदा लगाएन।
6 किन्तु मइँ यहोवा क स्वीकार किहेउँ, तू मोर परमेस्सर अहा।
हे यहोवा, मोर पराथना सुना।
7 हे यहोवा मोर सुआमी, तू मोर मज़बूत उद्धारकर्ता अहा।
तू मोर मूँड़े क टोप जइसा अहा।
जउन मोर मूँड़ क जुद्ध मँ बचावत ह।
8 हे यहोवा, दुट्ठ लोगन क इच्छा क पूरी न होइ द्या।
ओनकर कउनो जोजना क सफल जिन होइ द्या, वरना उ पचे घमण्डी होइ जाइहीं।
9 मोरे दुस्मनन जउन मोका घेरि लिहेस बुरा जोजनन बनावत ह।
ओनकर बुरा जोजनन ओनही क मुँड़न पइ गिरइ द्या।
10 ओनके मूँड़े पइ दहकत अंगारन क उड़ेर द्या।
मोरे दुस्मनन क आगी मँ झोंकि द्या।
ओनका गड़हन (कब्रन) मँ लोकाइ द्या।
उ पचे ओहसे कबहुँ बाहेर न निकरि पावइँ।
11 ओन क्रूर बोलइवालन क इ धरती मँ स्थापित जिन होइ द्या।
उ हिंसक लोगन क संग बुरी बातन बार-बार घटइ द्या।
12 मइँ जानत हउँ यहोवा कंगालन क निआउ खराइ स करी।
परमेस्सर असहायन क सहायता करी।
13 हे यहोवा, सच्चे लोग तोहरे नाउँ क स्तुति करिहीं।
इमानदार लोग तोहार समन्वा बास करिहीं।
दाऊद क एक कला गीत।
1 मइँ मदद बरे यहोवा क गोहराएउँ।
मइँ यहोवा क समन्वा पराथना किहेउँ ह।
2 मइँ यहोवा क समन्वा आपन दुःख रोउब।
मइँ यहोवा स आपन कठिनाइयन कहब।
3 मोर दुस्मनन मोरे बरे जाल बिछाएन ह।
मइँ आसा छोरइ बरे तइयार अहउँ।
मुला यहोवा जानत अहइ कि मोरे संग का घटत अहइ।
4 मोर चारिहुँ कइँती नज़र करा अउ लखा,
कउनो मीत कहूँ भी देखॉत नाहीं अहइ।
हिआँ बचइ क कउनो जगह नाहीं बा।
कउनो मनई मोका बचावइ क जतन नाहीं करत अहइ।
5 एह बरे मइँ यहोवा क मदद बरे गोहराएउँ ह।
मइँ कहेउँ, “हे यहोवा, तू मोर सरणस्थल अहा।
तू ही अकेल्ले मोर जिन्नगी मँ एक स्रोत अहइ।”
6 हे यहोवा, मोर पराथना क जवाब दया,
काहेकि मोर बहोत दुर्दसा होइ गवा ह।
तू मोका ओन लोगन स बचाइ ल्या जउन मोर पाछा करत ह
काहेकि उ पचे मोहे स जियादा मज़बूत अहइँ।
7 मोका सहारा द्या कि इ कैद स पराइ जाउँ
अउर तोहार नाउँ क स्तुति कइ सकेउँ।
सच्चे लोगन मोर चारिहुँ कइँती इकट्ठा होइहीं।
उ पचे आपस मँ मिलिहीं अउर तोहार गुणगान करिहीं काहेकि तू मोर रच्छा किहा ह।
वाद्य यंत्र क दुआरा बजा भवा दाऊद क एक ठु गीत।
1 हे यहोवा, मइँ तोहका मदद पावइ बरे गोहरावत हउँ।
जब मइँ गोहराएउँ तब तू मोर सुनि ल्या।
मोका मदद हाली करा।
2 मोर बिनती तोहार समन्वा बरत धूप क उपहार क तरह होइ।
मोर बिनती तोहार बरे दीन्ह गइ साँझ क बलि जइसी होइ।
3 हे यहोवा, मोरी वाणी पइ मोर काबू होइ।
आपन वाणी पइ मइँ धियान रख सकउँ, एहमाँ मोर सहायक ह्वा।
4 मोका बुरी बात जिन करइ द्या।
मोका रोके रहा बुरे लोगन क संगति स ओनकर सरस भोजन स अउर बुरे कामन स।
मोका सामिल जिन होइ द्या अइसे ओन कामन मँ जेनका करइ मँ बुरे लोग रख लेत हीं।
5 सज्जन लोगन क मोर सुधार करइ द्या।
इ दयालुता क काम क नाईं होइ।
तोहार भगतन क मोर बुराई क निकारइ द्या।
इ मोर मुड़े बरे अभिसेक क तेल क नाईं होइ।
मुला मोर पराथना दुट्ठ लोगन क कुकर्मन क खिलाफ अहइ।
6 ओनकर राजा लोगन क सजा पावइ द्या
अउर तब लोग जान जइहीं कि मइँ सच कहे रहेउँ।
7 लोग खेत क खोदके जोता करत हीं अउर माटी क एहर-ओहर छितराइ देत हीं।
ओन दुट्ठ लोगन क हाड़न भी इहइ तरह कब्रन क चारिहुँ तरफ एहर-ओहर छितरइहीं।
8 हे यहोवा, मोर सुआमी, सहारा पावइ क मोर निगाह तोहे पइ लगी अहइ।
मोका तोहार भरोसा अहइ।
कृपा कइके मोका जिन मरइ द्या।
9 मोका दुट्ठन क फँदन मँ जिन पड़इ द्या।
ओन दुट्ठन क जरिये मोका जिन पँसाइ द्या।
10 उ सबइ दुट्ठ खुद आपन फँदन मँ फँसि जाइँ
जब मइँ बचिके निकर जाउँ बगैर नोस्कान उठाए भए।
वाद्य यंत्र क दुआरा बजा भवा दाऊद क एक ठु गीत।
1 हे यहोवा, मोर पराथना सुना।
मोर विनती सुना अउर फुन एकर जवाब द्या।
मोका जवाब दया, काहेकि तू फुरइ भला अउ खरा अहा।
2 आपन दास मोह पइ निआव जिन करा,
इ कारण कि कउनो भी जिअत मनई तोहरे समन्वा निर्दोख नाहीं ठहर सकत।
3 मोर दुस्मन मोरे पाछे पड़ा अहइँ।
उ मोर जिन्नगी चकनाचूर कइके धूरि मँ मिलाएन।
उ पचे मोका बहोत दिन क मुरदे क समान
अँधिअर कब्र मँ ढकेलत अहइ।
4 मइँ निरास होत हउँ।
मोर साहस छूटत अहइ।
5 मुला मोका उ सबइ बातन याद अहइँ,
जउन बहोत पहिले घटी रहिन।
मइँ ओन अद्भुत कामन क बारे मँ सोचा करत हउँ जेनका तू किहे रह्या।
6 हे यहोवा, मइँ आपन हाथ उठाइके तोहार बिनती करत हउँ।
मइँ तोहरी मदद क बाट जोहत हउँ जइसे झुरान धरती बर्खा क बाट जोहत ह। (सेला)
7 हे यहोवा, मोका हाली जवाब द्या।
मइँ कमज़ोर होत रहत हउँ।
मोका नज़र अन्दाज़ जिन करा।
मोका ओन लोगन क जइसा जिन होइ द्या, जउन कब्र मँ ओलरा होइँ।
8 हे यहोवा, भोर क फूटत ही मोका आपन बिस्ससनीय पिरेम देखाँवा।
मइँ तोहरे भरोसे हउँ।
उ सबइ बातन मँ मोर अगुवाइ जेनका मोका करइ चाही,
काहेकि मइँ मदद बरे तोहका लखत हउँ।
9 हे यहोवा, मोरे दुस्मनन स रच्छा पावइ बरे मइँ तोहरी सरण मँ आवत हउँ।
तू मोका बचाइ ल्या।
10 सिच्छा द्या, तू मोहसे का करवावइ चाहत अहा?
काहेकि तू मोर परमेस्सर अहा।
तोहार नीक आतिमा क जमीन क तल क ऊपर मोर अगुवाइ करइ द्या।
11 हे यहोवा, मोका तोहार नाउँ बरे
जिअत रहइ द्या।
मोका मुसीबत स बाहर निकारा
काहेकि तू नीक अहा।
12 हे यहोवा, मोह पइ आपन बिस्ससनीय पिरेम परगट करा।
अउर मोर सत्रुअन क नस्ट करा
जउन मोका मारइ क जतन करत हीं।
काहेकि मइँ तोहार सेवक हउँ।
सइतान फुन अय्यूब क दुःख देत ह
2 फुन एक दिन, यहोवा स मिलइ बरे सरगदूत आएन। सइतान भी ओनके संग रहा। सइतान यहोवा स मिलइ आवा रहा। 2 यहोवा सइतान स पूछेस, “तू कहाँ रहया”
सइतान यहोवा क जवाब दिहेस, “मइँ धरती पइ एहर-ओहर घूमत रहेउँ।”
3 एह पइ यहोवा सइतान स पूछेस, “का तू मोर सेवक अय्यूब पइ धियान देत रहत अहा? ओकर जइसा धरती पइ कउनो नाहीं अहइ। अय्यूब ईमानदार अउ बिस्सासी मनई अहइ। उ हमेसा परमेस्सर क उपासना करत ह, बूराई स दूर रहत ह। उ अबहुँ भी ईमानदारी राखत ह हालाँकि तू मोका प्रेरित किहे रहया कि मइँ बिना कारण ही ओका नस्ट कइ देउँ।”
4 सइतान जवाब दिहस, “खाल क बदले खाल! कउनो मनई जिअत रहइ बरे, जउन कछू ओकरे लगे अहइ, सब कछू दइ डावत ह। 5 यह बरे अगर तू आपन सक्ती क प्रयोग ओकरे देह क नोस्कान पहोंचावइ बरे करा, तउ उ सीधा ही तोहका कोसइ लागी।”
6 तउ यहोवा सइतान स कहेस, “अगर अइसा अहइ, तउ मइँ अय्यूब क तोहरे हवाले करत हउँ, मुला तोहका ओका मार डावइ क छूट नाही अहइ।”
7 एकरे पाछे सइतान यहोवा क लगे स चला गवा। उ अय्यूब क दुःख देइवाला फोड़न क दइ दिहस। इ सबइ पीरा देइवाला फोड़न ओकरे गोड़े क तलवा स लइके ओकरे मुँड़े क ऊपर तलक देह मँ फइल गएन। 8 तउ अय्यूब कूड़ा क ढेरी क लगे बइठ गवा। ओकरे लगे एक ठु ठीकरा रहा, जेहसे उ आपन पीरा दायक फोड़न क खजुआवा करत रहा। 9 अय्यूब क पत्नी ओसे कहेस, “का तू अबहुँ तलक ईमानदार रहइ चाहत ही? तू परमेस्सर क कोसिके मर काहे नाहीं जात्या!”
10 अय्यूब जवाब देत भए आपन पत्नी स कहेस, “तू तउ एक मूरख मेहरारु क तरह बातन करति अहा। देखा, जब परमेस्सर उत्तिम वस्तुअन क देत ह, हम ओनका अंगीकार कइ लेइत ह। तउ हमका दुःख भी अपनावइ चाही अउ सिकाइत नाही करइ चाही।” इ सचमूइ दुःखे मँ भी अय्यूब कउनो पाप नाहीं किहस। परमेस्सर क खिलाफ उ कछू नाहीं बोला।
अय्यूब क तीन मीतन क ओसे भेटंइ आउब
11 अय्यूब क तीन मित्र रहेन: तेमानी क एलीपज, सूही क बिलदद अउर नामाती क सोपर। एँन तीनहुँ मीतन अय्यूब क संग जउन बुरी घटना भइ रहिन, ओन सबन क बारे मँ सुनेन। एँन तीनहुँ मीत आपन-आपन घर तजिके आपुस मँ एक दूसर स भेंटेन। उ पचे इ निहचय किहेन कि उ पचे अय्यूब क लगे जाइके ओकरे बरे सहानुभूति परगट करइँ अउ ओकर हिम्मत बँधावइँ। 12 जब इ तीनहुँ मीत दूर स अय्यूब क लखेन, तउ उ पचे ओका बहोत मुस्किल स पहिचान पाएन। उ पचे भोंकारा मारिके रोवइ लागेन। उ पचे आपन ओढ़ना फाड़ि डाएन। आपन दुःख अउ आपन बेचैनी देखावइ बरे उ पचे आपन-आपन मूँड़न पइ माटी डाएन। 13 फुन उ सबइ तीनहुँ मीत अय्यूब क संग सात दिन अउ सात रात तलक भुइँया पइ बइठा रहेन। अय्यूब स कउनो एक सब्द तलक नाहीं कहेस काहेकि उ पचे लखत रहेन कि अय्यूब भयानक पीरा मँ रहा।
साऊल क हिरदय बदलब
9 साऊल अबहुँ पर्भू क चेलन क मारि डावइ क धमकी देत रहा। उ महायाजक क लगे गवा। 2 अउर उ दमिस्क क आराधनालय क नाउँ इ मंसा क चिट्ठी लिहेस कि जेहसे ओका हुवाँ अगर कउनो इ पंथ क चेलन मिलइ, फिन चाहे उ स्त्रियन होइ, चाहे पुरुसन, तउ उ ओका बंदी बनाइ सकइ अउर फिन वापिस यरूसलेम लइ आवइ।
3 तउ जब चलत चलत उ दमिस्क क निचके पहोंचा, तउ एकाएक ओकरे चारिहुँ कइँती अकासे स रोसनी कउँधी 4 अउर उ भुइँया प जाइ गिरा। उ एक अवाज अनकेस जउन ओसे कहत रही, “साऊल, अरे ओ साऊल! तू मोका काहे सतावत अहा?”
5 साऊल कहेस, “पर्भू तू कउन अहा?”
उ कहेस, “मइँ ईसू अहउँ जेका तू सतावत बाट्या। 6 मुला अब तू खड़ा ह्वा अउर नगर मँ जा। हुवाँ तोहका बताइ दीन्ह जाइ कि तोहका का करइ चाही।”
7 जउन मनई ओकरे संग जात्रा करत रहेन, उ पचे चुपचाप रहि गएऩ। उ पचे अवाज तउ अनकेन मुला कउनो क लखेन नाहीं। 8 फिन साऊल भुइँया पइ स खड़ा भवा। मुला जब उ आपन आँखी खोलेस तउ उ कछू भी नाहीं निहारि सका। एह बरे उ पचे ओकर हाथ धइके दमिस्क लइ गएन। 9 तीन दिना तलक उ न तउ कछू निहारि पाएस, अउर न ही कछू खाएस या पीएस।
27 उ खाना क बरे मेहनत न करइ चाही जउन खराब होइ जाइ मुला ओकरे बरे जतन करइ चाही जउन हमेसा उत्तिम बना रहत ह अउर अनन्त जीवन देत ह, जउन तोहका सबक मनई क पूत देई। काहेकि परमपिता ओका मानके आपन मोहर ओह पइ लगाइ दिहे अहइ।”
28 मनइयन ईसू स पूछेन, “परमेस्सर क कारज क बरे हम सब का करी?”
29 ईसू ओनका इ जवाब दिहेस, “जउन परमेस्सर चाहत ह कारज इ अहइ कि तू पचे ओह पइ बिसवास करा जेहिका उ भेजे अहइ।”
30 तउ उ पचे ओसे कहेन, “फिन तू कउन स अद्भुत कारज देखॉवत अहा जेहिका देखिके हम तोह पर बिसवास करी? तू कउन स कारज देखॉवत अहा? 31 हमार पूर्वजन रेगिस्तान मँ मन्ना[a] खाएन, जइसे कि पवित्तर सास्तरन मँ लिखा बा, ‘परमेस्सर ओनका खाइ क बरे सरग स रोटी दिहेस।’(A)”
32 एह पइ ईसू ओनसे कहेस, “मइँ तोहका सच बतावत अहउँ कि मूसा नाहीं, मुला मोर परमपिता तोहका सरग स सच्ची रोटी देत ह। 33 उ रोटी जउन परमेस्सर देत ह, उ सरग स उतरी अहइ, अउर इ संसार क जीवन देत ह।” 34 तउ उ पचे ओसे कहेन, “हे पर्भू, अब हम पचे क उ रोटी द्या अउर हमेसा देत रहा।”
35 ईसू ओनसे कहेस, “मइँ उ रोटी अहउँ जउन जीवन देत ह। जउन मनई मोरे पास आवत ह, उ कबहूँ भूखा नाहीं रहत अउर जउन मोरे मँ बिसवास करत ह, उ कबहूँ पियासा नाहीं रहत। 36 मइँ तोह सबन क पहले स बताइ चुका अहउँ कि तू मोका देख लिए अहा, तबहूँ मोहमाँ बिसवास नाहीं करत्या। 37 एक एक मनई जेहिका परमपिता मोका सौंपे अहइ, मोरे पास आई जउन मोरे पास आवत ह, मइँ ओका कबहूँ न लौटाउब। 38 मइँ सरग स अपनी मर्जी स काम करइ नाहीं आइ अहउँ, मइँ तउ ओकर मरजी क पूरा करइ आइ बाटेउँ, जउन मोका हिआँ भेजे अहइ। 39 अउर उ भेजइवाले क इच्छा इ बाटइ कि जेका जेका उ मोका सौपे अहइ, ओहमाँ म एकउ क न खोइ देउँ अउर आखिरी दिन ओनका सबका जिन्दा कइ देउँ। 40 इहइ मोरे परमपिता क इच्छा अहइ कि हर एक मनई जउन पूत क देखत ह अउर ओहमाँ बिसवास करत ह, अनन्त जीवन पाई अउर आखिरी दिन मइँ ओका जियाइ देइ।”
Awadhi Bible: Easy-to-Read Version. Copyright © 2005 Bible League International.