Book of Common Prayer
नवां करार के महा पुरोहित
8 हमर कहे के सार बात ए अय: हमर करा एक अइसने महा पुरोहित हवय, जऊन ह स्वरग म महामहिम परमेसर के सिंघासन के जेवनी हांथ कोति जा बईठिस, 2 अऊ ओह ओ पबितर जगह म सेवा करथे, जऊन ह अराधना के सही तम्बू ए अऊ एह मनखे के दुवारा नइं, पर परभू के दुवारा खड़े करे गे हवय।
3 हर एक महा पुरोहित ह भेंट अऊ बलिदान चघाय बर ठहिराय जाथे, एकरसेति ए महा पुरोहित बर घलो जरूरी रिहिस कि ओकर करा चघाय बर कुछू रहय। 4 यदि ओह धरती म होतिस, त ओह एक पुरोहित नइं होतिस, काबरकि मूसा के कानून के मुताबिक भेंट चघाय बर पुरोहितमन हवंय। 5 जऊन सेवा ओमन पुरोहित के रूप म पबितर जगह म करथें, ओह ओकर एक नकल अऊ छइहां ए, जऊन ह स्वरग म हवय। एकरसेति जब मूसा ह अराधना के तम्बू ला बनइया रिहिस, त ओला ए चेतउनी मिले रिहिस, “देख, तेंह हर एक चीज ओ नमूना के मुताबिक बना, जऊन ह तोला पहाड़ के ऊपर देखाय गे रिहिस।”[a] 6 पर जऊन सेवकई यीसू ला मिले हवय, ओह अऊ उत्तम अय, जइसने कि ओ करार जेकर मध्यस्थ यीसू अय, जुन्ना करार ले अऊ उत्तम अय, काबरकि एह अऊ उत्तम परतिगियां ऊपर अधारित हवय।
7 यदि पहिली करार म कुछू गलती नइं होतिस, त दूसर करार के जरूरत नइं होतिस। 8 पर परमेसर ह मनखेमन म गलती पाईस अऊ कहिस;
“परभू ह कहिथे, समय ह आवत हवय,
जब मेंह इसरायल के घराना संग
अऊ यहूदा के घराना संग
नवां करार करहूं।
9 एह ओ करार सहीं नइं होवय,
जऊन ला मेंह ओमन के पुरखामन संग करे रहेंव,
जब मेंह ओमन के हांथ धरके ओमन ला
मिसर देस ले निकार लानेंव,
काबरकि ओमन मोर करार के पालन नइं करिन,
एकर खातिर मेंह ओमन के खियाल नइं रखेंव,
परभू ह ए बात कहिथे।
10 परभू ह कहिथे, ओ समय के बाद,
मेंह इसरायल के घराना के संग ए करार करहूं –
मेंह अपन कानून ला ओमन के मन म डालहूं
अऊ ओमन ला ओमन के हिरदय म लिखहूं।
मेंह ओमन के परमेसर होहूं अऊ ओमन मोर मनखे होहीं।
11 कोनो अपन पड़ोसी ला, ए नइं सीखोही
या कोनो अपन भाई ले, ए नइं कहिही कि ‘परभू ला जानव,’
काबरकि छोटे ले लेके बड़े तक, ओमन जम्मो झन मोला जानहीं।
12 मेंह ओमन के पाप ला छेमा करहूं,
अऊ ओमन के पाप ला फेर कभू सुरता नइं करहूं।”[b]
13 ए करार ला “नवां करार” कहे के दुवारा, परमेसर ह पहिली के करार ला बिगर काम के ठहराईस; अऊ जऊन चीज ह बिगर काम के अऊ जुन्ना हो जाथे, ओह जल्दी लोप हो जाही।
यीसू ह एक अधिकारी के बेटा ला चंगा करथे
43 दू दिन के बाद, यीसू ह उहां ले गलील प्रदेस ला चल दीस। 44 (काबरकि यीसू खुदे कहे रिहिस, “एक अगमजानी ला अपन खुद के देस म आदर-मान नइं मिलय।”) 45 जब ओह गलील प्रदेस म आईस, त गलील के मनखेमन ओकर सुवागत करिन, काबरकि ओमन फसह तिहार के बखत यरूसलेम गे रिहिन अऊ ओमन ओ जम्मो बात ला देखे रिहिन जऊन ला यीसू ह उहां तिहार के बखत करे रिहिस।
46 यीसू ह एक बार फेर गलील के काना सहर म गीस, जिहां ओह पानी ला अंगूर के मंद बनाय रिहिस। एक सरकारी अधिकारी रिहिस, जेकर बेटा ह कफरनहूम सहर म बेमार पड़े रहय। 47 जब ए अधिकारी सुनिस कि यीसू ह यहूदिया प्रदेस ले गलील म आय हवय, त ओह ओकर करा गीस अऊ बिनती करिस, “मोर संग कफरनहूम चल अऊ मोर बेटा ला चंगा कर दे; ओह मरइया हवय।”
48 यीसू ह ओला कहिस, “जब तक तुमन चिन्हां अऊ चमतकार नइं देखहू, तब तक बिसवास नइं करव।”
49 ओ अधिकारी ह कहिस, “हे महाराज, एकर पहिली कि मोर लइका ह मर जावय, तेंह जल्दी चल।”
50 यीसू ह ओला कहिस, “तेंह जा। तोर बेटा ह जीयत हवय।” ओ मनखे ह यीसू के बात ला बिसवास करके उहां ले चल दीस। 51 जब ओह अपन घर जावत रिहिस, त रसता म ओकर सेवकमन मिलिन अऊ ओला बताईन, “तोर बेटा ह जीयत हवय।” 52 ओह ओमन ले पुछिस, “कतेक बेरा ओह बने होईस?” ओमन कहिन, “मंझन के एक बजे ओकर जर ह उतर गीस।”
53 तब ओ लइका के ददा ह सुरता करिस कि एह तो ओहीच बेरा ए, जब यीसू ह ओला कहे रिहिस, “तोर बेटा ह जीयत हवय।” तब ओह अऊ ओकर घराना के जम्मो झन यीसू ऊपर बिसवास करिन।
54 एह दूसरा अचरज के चिन्हां रिहिस जऊन ला यीसू यहूदिया प्रदेस ले आके गलील प्रदेस म करिस।
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