Book of Common Prayer
6 एकरसेति आवव, मसीह के बारे म जऊन सुरू के सिकछा ए, ओला छोंड़के हमन ओकर सिकछा म सियान होवत जावन। हमन ए बातमन के नीव फेर झन रखन – जइसने कि ओ काम ले पछतावा करई, जऊन ह हमन ला मिरतू कोति ले जाथे, परमेसर के ऊपर बिसवास करई, 2 बतिसमा, हांथ रखई, मरे मन के जी उठई अऊ सदाकाल के नियाय के बारे निरदेस। 3 अऊ कहूं परमेसर के अनुमती होही, त हमन ए काम घलो करबो।
4 एक बार जऊन मन परमेसर के अंजोर म आ गे हवंय, जऊन मन स्वरगीय बरदान के सुवाद ला चख ले हवंय, जऊन मन पबितर आतमा के भागीदार हो गे हवंय, 5 जऊन मन परमेसर के बचन के भलई अऊ अवइया समय के सक्ति ला जान गे हवंय, 6 कहूं ओमन बिसवास ले भटक जावंय, त ओमन ला पछताप करे बर वापिस लाना असंभव ए, काबरकि अपन नुकसान करके, ओमन परमेसर के बेटा ला फेर कुरुस म चघावत हवंय अऊ खुले आम ओकर ऊपर कलंक लगावथें।
7 परमेसर ह ओ भुइयां ला आसिस देथे, जऊन ह अक्सर अपन ऊपर गिरइया बरसात के पानी ला सोंख लेथे अऊ ओमन बर बने फसल उपजाथे, जऊन मन एम खेती-बाड़ी करथें। 8 पर ओ भुइयां, जऊन ह कांटा अऊ कंटिला पौधा उपजाथे, ओह बेकार ए, अऊ ओकर ऊपर परमेसर ले सराप पाय के खतरा हवय। आखिरी म, एह आगी म बारे जाही।
9 मयारू संगवारी हो, हालाकि हमन अइसने गोठियावत हन, पर हमन ला तुम्हर बारे म अऊ बने बातमन के भरोसा हवय, जऊन बातमन उद्धार के संग आथें। 10 परमेसर ह अनियायी नो हय; ओह तुम्हर काम ला नइं भुलावय, अऊ ओ मया ला नइं भुलावय, जऊन ला तुमन ओकर मनखेमन के मदद करे के दुवारा ओला देखाय हवव अऊ तुमन अभी घलो ओमन के मदद करत हवव। 11 हमन चाहथन कि तुमन ले हर एक झन आखिरी तक अइसनेच मिहनत करते रहय, ताकि तुम्हर आसा ह पक्का होवय। 12 हमन नइं चाहथन कि तुमन आलसी बनव, पर ओमन के नकल करव, जऊन मन बिसवास अऊ धीरज के दुवारा ओ चीज के वारिस बनथें, जेकर वायदा परमेसर ह करे हवय।
यीसू के बारे म यूहन्ना बतिसमा देवइया के गवाही
22 एकर बाद, यीसू अऊ ओकर चेलामन यहूदिया प्रदेस के गंवई इलाका म गीन। उहां ओह ओमन के संग कुछू समय तक रिहिस अऊ मनखेमन ला बतिसमा दीस। 23 यूहन्ना ह घलो सलीम के लकठा म एनोन म बतिसमा देवत रिहिस, काबरकि उहां बहुंत पानी रिहिस अऊ मनखेमन उहां आके ओकर ले बतिसमा लेवत रिहिन। 24 यूहन्ना ह अभी तक जेल म नइं डारे गे रिहिस।
25 यूहन्ना के कुछू चेलामन के, एक यहूदी संग सुध होय के बारे म बहस होय लगिस। 26 ओमन यूहन्ना करा जाके कहिन, “हे गुरूजी, ओ मनखे जऊन ह यरदन नदी के ओ पार तोर संग रिहिस अऊ जेकर बारे म तेंह गवाही दे रहय – देख, ओह घलो बतिसमा देवत हवय, अऊ जम्मो मनखे ओकर करा जावत हवंय।”
27 यूहन्ना ह ओमन ला जबाब दीस, “मनखे ह कुछू नइं पा सकय, जब तक कि परमेसर ह स्वरग ले ओला नइं देवय। 28 तुमन खुदे मोर गवाह हव कि मेंह कहे रहेंव, ‘मेंह मसीह नो हंव, पर मेंह ओकर आघू पठोय गे हवंव।’ 29 दुल्हिन ह दुल्हा के होथे। दुल्हा के संगवारी ह तीर म ठाढ़े रहिथे अऊ ओकर सुनथे अऊ जब ओह दुल्हा के अवाज ला सुनथे, त ओह बहुंत खुस होथे। ओही किसम के खुसी मोर अय, जऊन ह अब पूरा हो गे। 30 ए जरूरी अय कि ओह बढ़े अऊ मेंह घटंव।
31 जऊन ह ऊपर (स्वरग) ले आथे, ओह सबले बड़े होथे। जऊन ह धरती ले आथे, ओह धरती के होथे अऊ ओह धरती के बात गोठियाथे। जऊन ह स्वरग ले आथे, ओह जम्मो के ऊपर होथे। 32 ओह ओ बात ला बताथे, जऊन ला ओह देखे अऊ सुने रहिथे, पर ओकर गवाही ला कोनो नइं मानंय। 33 जऊन ह ओकर गवाही ला मानथे, ओह ए साबित करथे कि परमेसर ह सच्चा ए। 34 काबरकि जऊन ला परमेसर ह पठोय हवय, ओह परमेसर के गोठ गोठियाथे। परमेसर ह ओला अपन आतमा ले भर देथे। 35 ददा (परमेसर) ह अपन बेटा ले मया करथे अऊ ओह जम्मो चीज ला ओकर हांथ म कर दे हवय। 36 जऊन ह बेटा के ऊपर बिसवास करथे, ओकर करा परमेसर के संग सदाकाल के जिनगी हवय, पर जऊन ह बेटा के बात ला नइं मानय, ओह ओ सदाकाल के जिनगी के अनुभव कभू नइं करही, काबरकि परमेसर के कोरोध ह ओकर ऊपर बने रहिथे।”
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