Book of Common Prayer
चेतउनी
2 एकरसेति, जऊन बातमन ला हमन सुने हवन, ओकर ऊपर हमन ला अऊ धियान देना चाही, ताकि हमन ओ बातमन ले झन भटक जावन। 2 काबरकि स्वरगदूतमन के दुवारा कहे गे संदेस ह सच रिहिस अऊ जऊन कोनो ओकर पाछू नइं चलिस या ओला नइं मानिस, ओला ओकर सही-सही दंड मिलिस। 3 यदि हमन अइसने बड़े उद्धार ला धियान नइं देवन, त हमन कइसने बच सकथन। ए उद्धार के बखान पहिली परभू के दुवारा करे गीस, अऊ जऊन मन एला सुनिन, ओमन के दुवारा हमन ला एकर निस्चय होईस। 4 परमेसर ह घलो चिन्हां, अद्भूत काम अऊ कतको किसम के चमतकार के दुवारा एकर गवाही दीस अऊ ओह पबितर आतमा के बरदान के दुवारा घलो एकर गवाही दीस, जऊन ला कि ओह अपन ईछा के मुताबिक मनखेमन ला दे हवय।
यीसू ह अपन भाईमन सहीं बनिस
5 अवइया संसार, जेकर बारे म हमन चरचा करत हवन, परमेसर ह ओला स्वरगदूतमन के अधीन म नइं करिस। 6 परमेसर के बचन म एक झन एक जगह गवाही दे हवय:
“मनखे ह का ए कि तेंह ओकर चिंता करथस,
या मनखे के बेटा ह का ए कि तेंह ओकर देख-रेख करथस[a]?
7 तेंह ओला स्वरगदूतमन ले थोरकन कम करके बनाय,
तेंह ओकर ऊपर महिमा अऊ आदर के मुकुट रखय।
8 अऊ हर एक चीज ला ओकर गोड़ के खाल्हे कर देय।”[b]
हर एक चीज ला ओकर अधीन करके, परमेसर ह अइसने कोनो चीज ला नइं छोंड़िस, जऊन ह ओकर अधिकार म नइं ए। पर अभी हमन हर एक चीज ला ओकर अधीन म नइं देखथन। 9 पर हमन यीसू ला देखथन, जऊन ह स्वरगदूतमन ले थोरकन कम करके बनाय गीस अऊ अब मिरतू के दुःख उठाय के कारन, ओह महिमा अऊ आदर के मुकुट पहिरे हवय, ताकि परमेसर के अनुग्रह के दुवारा ओह जम्मो मनखे बर मर जावय।
10 एह उचित रिहिस कि परमेसर, जेकर दुवारा अऊ जेकर बर हर एक चीज बनाय गीस, ओह यीसू ला दुःख उठाय के जरिये सिद्ध करय, ताकि ओह बहुंते बेटामन ला लानय अऊ यीसू के महिमा म भागी बनावय। काबरकि यीसू ह ओ जन ए, जेकर दुवारा ओमन उद्धार पाथें।
यूहन्ना बतिसमा देवइया के गवाही
(मत्ती 3:1-12; मरकुस 1:1-8; लूका 3:1-18)
19 यूहन्ना के ए गवाही ए, जब यरूसलेम सहर के यहूदीमन कुछू पुरोहित अऊ लेवी मन ला यूहन्ना करा ए पुछे बर पठोईन कि ओह कोन ए? 20 त यूहन्ना ह जबाब दे बर आना-कानी नइं करिस, पर साफ-साफ मान लीस अऊ कहिस, “मेंह मसीह नो हंव।”
21 तब ओमन यूहन्ना ले पुछिन, “त फेर तेंह कोन अस? का तेंह एलियाह अस?”
ओह कहिस, “नइं।”
ओमन पुछिन, “त फेर का तेंह अगमजानी अस?”
ओह जबाब दीस, “नइं।”
22 आखिर म ओमन कहिन, “त फेर तेंह कोन अस? हमन ला बता ताकि जऊन मन हमन ला पठोय हवंय, ओमन ला हमन जाके जबाब दे सकन। तेंह अपन बारे म का कहत हवस?”
23 यूहन्ना ह जबाब दीस, “जइसने यसायाह अगमजानी ह कहे हवय – ‘मेंह निरजन जगह म एक पुकार करइया के अवाज अंव, परभू खातिर रसता ला सीधा करव।’[a]”
24 कुछू मनखेमन फरीसीमन के दुवारा पठोय गे रिहिन। 25 ओमन यूहन्ना ले पुछिन, “यदि तेंह मसीह नो हस, न एलियाह अऊ न अगमजानी अस, त फेर तेंह काबर बतिसमा देवत हस?”
26 यूहन्ना ह ओमन ला जबाब दीस, “मेंह तो पानी म बतिसमा देवत हंव, पर तुम्हर बीच म एक झन ठाढ़े हवय, जऊन ला तुमन नइं जानव। 27 एह ओ अय, जऊन ह मोर पाछू आवत हवय। मेंह ओकर पनही के फीता ला खोले के लइक घलो नो हंव।”
28 ए जम्मो बात यरदन नदी के ओ पार बैतनियाह गांव म होईस, जिहां यूहन्ना ह मनखेमन ला बतिसमा देवत रिहिस।
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