Book of Common Prayer
14 जऊन मन परमेसर के आतमा के अगुवई म चलथें, ओमन परमेसर के संतान अंय। 15 काबरकि तुमन ला गुलामी के आतमा नइं मिले हवय कि तुमन फेर डर म पड़व; पर तुमन ला पबितर आतमा मिले हवय, जऊन ह तुमन ला परमेसर के संतान बनाथे। अऊ ओकरे दुवारा हमन परमेसर ला ए कहिके पुकारथन, “हे अब्बा, हे ददा!” 16 पबितर आतमा ह खुद हमर आतमा के संग गवाही देथे कि हमन परमेसर के संतान अन। 17 अऊ यदि हमन परमेसर के संतान अन, त हमन परमेसर के वारिस अऊ मसीह के संगी वारिस अन; यदि हमन ओकर दुःख म भागी होथन, त ओकर महिमा म घलो भागी होबो।
भविस्य के महिमा
18 मेंह ए समझथंव कि जऊन महिमा हमर ऊपर परगट होही, ओकर तुलना म, हमर अभी के दुःख ह कुछू नो हय। 19 ए सिरिस्टी ह बड़े आसा भरे नजर ले परमेसर के बेटामन (संतानमन) के परगट होय के बाट जोहथे। 20 काबरकि ए सिरिस्टी ला बेकार कर दिये गीस, अऊ एह एकर खुद के ईछा ले नइं, पर परमेसर के ईछा ले ए आसा म करे गीस, 21 कि सिरिस्टी ह खुद बिनास के अपन गुलामी ले छुटकारा पावय अऊ परमेसर के लइकामन के महिमा के सुतंतरता के भागीदार होवय।
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