Book of Common Prayer
10 कहूं तीमुथियुस तुम्हर करा आथे, त तुमन ए बात के खियाल रखव कि तुम्हर संग रहत ओला कोनो बात के चिंता झन होवय, काबरकि ओह घलो मोर सहीं परभू के काम करत हवय। 11 एकरसेति कोनो ओला तुछ झन समझय। ओला सांति के संग बिदा करव, ताकि ओह मोर करा वापिस आवय। काबरकि मेंह ओकर बाट जोहत हवंव कि ओह आने भाईमन संग आही।
12 अब हमर भाई अपुल्लोस के बारे म: मेंह ओकर ले अब्बड़ बिनती करेंव कि ओह भाईमन के संग तुम्हर करा जावय। ओह अभी बिलकुल नइं जाय चाहिस, पर जब ओला मऊका मिलही, त ओह जाही।
13 सचेत रहव। बिसवास म मजबूत बनव। साहसी बनव। बलवान बनव। 14 जऊन कुछू तुमन करथव, मया ले करव।
15 तुमन स्तिफनास के परिवार ला जानथव। ओमन अखया म सबले पहिली मसीह के बिसवास म आईन अऊ अपन-आप ला संतमन के सेवा म लगाईन। 16 हे भाईमन हो! मेंह तुमन ले बिनती करथंव कि तुमन अइसने मनखेमन के बात ला मानव अऊ हर ओ मनखे के बात मानव जऊन ह ए काम म मदद करथे अऊ मिहनत करथे। 17 मेंह स्तिफनास, फूरतूनातुस अऊ अखइकुस के आय ले खुस हवंव, काबरकि ओमन तुम्हर कमी ला पूरा करे हवंय। 18 ओमन मोर आतमा अऊ संगे-संग तुम्हर आतमा ला घलो तरो-ताजा करे हवंय। अइसने मनखेमन के सम्मान करव।
आखिरी जोहार
19 एसिया प्रदेस के कलीसियामन तुमन ला जोहार कहत हवंय। अक्विला अऊ प्रिसकिल्ला ह परभू म तुमन ला बहुंते-बहुंत जोहार कहत हवंय, अऊ वइसने ओ कलीसिया के मनखेमन घलो जोहार कहथें, जऊन मन ओमन के घर म जुरथें। 20 इहां जम्मो भाईमन तुमन ला जोहार कहत हवंय। एक-दूसर ला पबितर चूमा देके जोहार करव।
21 में, पौलुस ह अपन हांथ ले ए लिखके जोहार कहथंव।
22 यदि कोनो परभू ले मया नइं करय, त ओकर ऊपर सराप लगय। हे परभू, आ! 23 परभू यीसू के अनुग्रह तुम्हर ऊपर होवय।
24 मसीह यीसू म मोर मया तुमन जम्मो झन ला मिलय। आमीन।
यीसू अऊ बालजबूल
(मरकुस 3:20-30; लूका 11:14-23)
22 तब मनखेमन एक भूत धरे मनखे ला यीसू करा लानिन, जऊन ह अंधरा अऊ कोंदा रिहिस। यीसू ह ओला चंगा करिस अऊ ओ मनखे ह बोलन अऊ देखन लगिस। 23 जम्मो मनखेमन चकित होके कहे लगिन, “कहूं एह दाऊद के संतान तो नो हय?”
24 पर जब फरीसीमन ए बात ला सुनिन, त ओमन कहिन, “ए मनखे ह परेतमन के सरदार – बालजबूल के मदद ले परेतमन ला निकारथे।”
25 यीसू ह ओमन के मन के बात ला जानके ओमन ला कहिस, “जऊन राज म फूट पड़ जाथे, ओह टिके नइं रहय। 26 यदि सैतान ह सैतान ला निकारथे, त ओह अपन खुद के बिरोधी हो गे हवय। तब ओकर राज ह कइसने टिके रह सकथे? 27 यदि मेंह बालजबूल के मदद ले परेतमन ला निकारथंव, त फेर तुम्हर मनखेमन काकर मदद ले ओमन ला निकारथें? एकरसेति, ओही मन तुम्हर नियाय करहीं। 28 पर यदि मेंह परमेसर के आतमा के मदद ले परेतमन ला निकारथंव, तब परमेसर के राज ह तुम्हर करा आ गे हवय।
29 या कोन ह कोनो बलवान मनखे के घर म घुसर के ओकर संपत्ति ला लूट सकथे, जब तक कि पहिली ओह ओ बलवान मनखे ला नइं बांध लेवय? एकर बाद ही ओह ओकर घर ला लूट सकही।
30 जऊन ह मोर संग नइं ए, ओह मोर बिरोध म हवय, अऊ जऊन ह मोर संग नइं संकेलय, ओह बगराथे। 31 एकरसेति, मेंह तुमन ला कहथंव कि मनखेमन के हर एक पाप अऊ निन्दा ला छेमा करे जाही, पर पबितर आतमा के निन्दा ला छेमा नइं करे जावय। 32 जऊन कोनो मनखे के बेटा के बिरोध म कुछू कहिही, त ओला छेमा करे जाही, पर जऊन ह पबितर आतमा के बिरोध म बोलही, ओला छेमा नइं करे जावय, न तो ए समय म अऊ न ही अवइया समय म।[a]
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