Revised Common Lectionary (Semicontinuous)
दाऊद क एक पद।
1 यहोवा मोर गड़रिया अहइ।
जउन कछू भी मोका अपेच्छित होइ, सदा मोरे लगे रही।
2 हरे भरे चरागाह मँ मोका सुख स उ राखत ह।
उ मोका सांत झरनन पइ लइ जात ह।
3 उ आपन नाउँ क निमित्त मोरी आतिमा क नई सक्ती देत ह।
उ मोर अगुआई करत ह कि उ फुरइ उत्तिम अहइ।
4 मइँ मउत क अँधिअर घाटी स गुजरत भइ नाहीं डेराब,
काहेकि यहोवा तू मोरे संग अहा।
तोहार चरवाहे क लाठी मोका सुख देत हीं।
5 हे यहोवा, तू मोरे दुस्मनन क समन्वा मोर खइया बरे मेज सजाया ह।
तू मोरे मूँड़े पइ तेल उड़ेर्या ह।
मोर कटोरा भरा ह अउ छलकत बाटइ।
6 निहचय नेकी अउ करुणा मोर बाकी जिन्नगी तलक मोरे संग रही।
मइँ यहोवा क मन्दिर मँ लम्बी समइ तलक बार-बार जाबिउँ।
16 यहोवा इ भी कहेस, “जा अउ इस्राएल क बुजर्गन क बटोरा अउ ओनसे कहा, यहोवा, तोहरे पुरखन क परमेस्सर मोरे समन्वा परगट भवा रहा। इब्राहीम, इसहाक अउ याकूब क परमेस्सर मोसे बात किहेस। उ कहेस, ‘मइँ तोहरे बारे मँ अउ ओन सब क बाबत मँ जउन तू पचन क संग मिस्र मँ भवा अहइ खियाल रखे अहइ। 17 मइँ मने मँ ठान लिहे हउँ कि मिस्र मँ जउन दुःख अउ मुसीबत सहत बाट्या ओहसे मइँ तोहका बाहेर निकारि लेबइ। मइँ तू पचन क उ देसे मँ लइ जाब जउन ढेर लोगन जइसे कनानी, हित्ती, एमोरी, परिज्जी, हिब्बी, अउ यबूसी क बाटइ। मइँ तू पचन क एक नीक देसे मँ लइ जाब जहाँ दूध अउर सहद क नदी बहत अहइ।’
18 “बुजर्गन तोहार बातन्क मनिहीं। अउर तब तू अउर बुजर्गन मिस्र क राजा क लगे जाब्या। तू पचे ओसे कहब्या, ‘यहोवा हिब्रू मनइयन क परमेस्सर हम पचन्क लगे आएन अउ उ पचे हम पचन्स तीन दिना ताई रेगिस्तान मँ जात्रा करइ क कहेन ह। हुवाँ हम पचे आपन परमेस्सर, यहोवा क बलि चढ़ाउब।’
19 “मुला मइँ जानत हउँ कि मिस्र क राजा तू पचन्क जाइ नाहीं देई। सिरिफ एक ठु बड़वार सक्ती ही तू पचन्क जाइ देइ बरे मजबूर करी। 20 ऍह बरे मइँ आपन बड़की सक्ती क प्रयोग मिस्र क खिलाफ करबइ। मइँ मिस्र क आपन चमत्कार स तबाह कइ देब। जबहिं मइँ अइसा करिहउँ तउ उ तू पचन्क जाइ देइ। 21 अउर मइँ मिस्री मनइयन क इस्राएलियन बरे कृपालु बनवाउब। तब उ पचे इस्राएलियन क जब उ सबइ मिस्र छोड़िहीं तब ओन लोगन क बहोत सारा उपहार देइहीं
22 “हर एक हिब्रू अउरत आपन मिस्री पड़ोसिन स अउर मिस्री अउरत स आपन घरे मँ रहइ बरे अनुरोध किहेस अउर उ पचे ओका उपहार देइहीं। तोहार लोग उपहार मँ चाँदी, सोना अउ सुन्नर ओढ़ना पइहीं। जबहिं तू पचे मिस्र क छाँड़ि देब्या, तू पचे उ उपहार क आपन गदेलन क पहिरउब्या। इ तरह तू पचे मिस्री मनइयन क धन लइ अउब्या।”
मूसा मिस्र लउटत ह
18 तब मूसा आपन ससुर यित्रो क लगे लौटि आवा। मूसा यित्रो स कहेस, “मेहरबानी कइ क मोका मिस्र जाइ द्या। मइँ मिस्र मँ आपन लोगन क लखइ चाहत हउँ कि मोर लोगन अबहुँ जिअत अहइँ।”
यित्रो मूसा स कहेस, “तू सान्ति स जा। इ ठीक अहइ।”
19 उ समइया जब मूसा मिदियन मँ ही रहा, यहोवा ओसे कहेस, “अब मिस्र वापिस जाइ क तोहारे बरे सुरच्छित टेम अहइ। जउन मनइयन तोहका मारइ चाहत रहेन, उ पचे मरि गएन।”
20 ऍह बरे मूसा आपन मेहरारू अउ आपन बेटवन क लइके गदहा प बइठाएस। अउ मिस्र क वापसी प लौटि गवा। मूसा उ टहरइवाली छड़ी क संग लिहेस जेहमाँ यहोवा क सक्ती रही।
अधिकारी क आग्या माना
13 पर्भू खातिर हर मनवीय अधिकारिक क अधीन रहा। 14 राजा क अधीन रहा। उ सर्वोच्च अधिकारी अहइ। सासकन क अधीन रहा। उ ओनका कुकर्मीमयन क दण्ड देइ खातिर अउर नीक काम क प्रसंसा करइ क खातिर भेजे अहइ। 15 काहेकि परमेस्सर क इहइ इच्छा अहइ कि उ अपने नीक कर्मन क मूरखन क अगियान भरी बातन क चुप कराइ देइ। 16 स्वतंत्र मनइयन क तरह जिआ मुला स्वतंत्रता क बुरे कर्मन क आड़ न बनइ द्या। परमेस्सर क सेवक बनके जिआ। 17 सबन क सम्मान करा। अपने धरम भाइयन तथा बहिनियन स पिरेम करा। परमेस्सर प श्रद्धा रखा। सासक क सम्मान करा।
Awadhi Bible: Easy-to-Read Version. Copyright © 2005 Bible League International.