Revised Common Lectionary (Semicontinuous)
9 हे यहोवा, मोह पइ अनेक संकट अहइँ।
तउ मोह पइ कृपा करा।
मइँ ऍतना बियाकुल अहउँ कि मोर आँखिन दुःखत अहइँ।
मोर गटइ अउ पेट पिरात अहइँ।
10 मोरी जिन्नगी क अंत दुःख मँ होत अहइ।
मोर बरिस आह भरइ मँ बीतत अहइँ।
मोर सबइ बेदना मोर सक्ती क निचोड़त अहइँ।
मोर बल मोर साथ छोड़त जात अहइ।
11 मोर सत्रु मोसे घिना राखत हीं।
मोर पड़ोसी मोर बैरी बना अहइँ।
मोर सबहिं रिस्तेदार मोका राहे मँ लखिके
मोसे डेराइ जात हीं
अउर मोसे सब कतरात हीं।
12 मोका लोग पूरी तरह स बिसरि चुका अहइँ।
मइँ तउ कउनो हेरान अउजार सा होइ गवा हउँ।
13 मइँ ओन भयंकर बातन क सुनत हउँ जउन लोग मोरे बारे मँ करत हीं।
उ पचे सबहिं लोग मोरे खिलाफ होइ ग बाटेन।
उ पचे मोका मारि डावइ क जोजना रचत हीं।
14 हे यहोवा, मोर भरोसा तोहे पइ अहइ।
तू मोर परमेस्सर अहा।
15 मोर जिन्नगी तोहरे हाथन मँ अहइ।
मोरे दुस्मनन स मोका बचाइ ल्या।
ओन लोगन स मोर रच्छा करा, जउन मोरे पाछे पड़ा अहइँ।
16 कृपा कइके आपन दास क अपनाइ ल्या।
मोह पइ दाया करा अउर मोर रच्छा करा।
55 हे यहोवा, मइँ तोहार नाउँ गोहराएउँ।
उ गड़हा क तल स मइँ तोहार नाउँ गोहराएउँ।
56 तू मोर अवाज क सुन्या।
तू कान नाहीं मूँद लिहा।
तू बचावइ स अउर मोर रच्छा करइ स नकार्या नाहीं।
57 जब मइँ तोहार दोहाइ दिहेउँ, उहइ दिन तू मोरे लगे आइ गवा रह्या।
तू मोहसे कहे रह्या, “भयभीत जिन ह्वा।”
58 हे यहोवा, मोरे अभियोग मँ तू मोर पच्छ लिहा।
मोरे बरे तू मोर प्राण वापस लइ आया।
59 हे यहोवा, तु मोर विपत्तियन लख्या ह,
अब मोरे बरे तू मोर नियाव करा
60 तू खुद लख्या ह कि दुस्मनन मोरे संग केतन अनियाव किहन।
तू खुद लख्या ह ओन समूचइ सड्यंत्रन क जउन उ पचे मोहसे बदला लेइ क मोरे खिलाफ रचे रहेन।
61 हे यहोवा, तु सुन्या ह कि मोर अपमान कइसे करत हीं
तू सुन्या ह ओन सड्यंत्रन क जउन उ पचे मोरे खिलाफ रचाएन।
62 मोरे दुस्मनन क बचन अउ बिचार
सारे दिन ही मोरे खिलाफ रहेन।
63 लखा यहोवा, चाहे उ पचे बइठे होइँ, चाहे उ पचे खड़ा होइँ,
कइसे उ पचे हँसी उड़ावत हीं।
64 हे यहोवा, ओनके संग वइसा ही करा जइसा ओनके संग करइ चाही।
ओनके करमन क फल ओनका दइ द्या।
65 ओनकर मन हठीला कइ द्या।
फिन आपन अभिसाप ओन पइ डाइ द्या।
66 किरोध मँ भरिके तू ओनकर पाछा करा।
ओनका बर्बाद कइ द्या।
हे यहोवा, तू ओनका इ धरती स खतम कइ द्या।
ईसू आपन मउत क भविस्सबाणी किहेस
(मत्ती 20:17-19; लूका 18:31-34)
32 फिन उ सबइ यरूसलेम जात जात रस्ता मँ रहेन, ओनमें ईसू सबते आगे चलत जात रहा। उ सबइ खुबइ अचिरजे मँ डेरानेन। जउन पाछे रहेन, उ पचे ससान रहेन। ईसू बारहु प्रेरितन क एक कइँती लइ गवा अउर ओनका बतावइ लाग कि ओकरे संग का घटइवाला अहइ। 33 “सुन, हम पचे यरूसलेम जात अही, अउर मनई क पूत क दुराव स मुख्ययाजकन अउर धरम सास्तिरियन पकड़वाइ के दइ देइहीं। अउर उ सबइ ओका मउत क सजा देइके गैर यहूदी क दइ देइहीं। 34 जउन ओकर हँसी करिहीं अउर उ पचे ओह पइ थुकिहीं। उ सबइ ओका कोड़ा स पिटहीं अउर मारि डइहीं। तीन दिना क पाछे उ जी जाई।”
Awadhi Bible: Easy-to-Read Version. Copyright © 2005 Bible League International.