Revised Common Lectionary (Semicontinuous)
संगीत निर्देसक बरे दाऊद क पद।
1 मूरख आपन मने मँ कहत बाटइँ, “परमेस्सर नाहीं अहइ।”
मूरख लोग तउ अइसे कारज करत हीं जउन भ्रस्ट अउ घिन स भरा होत हीं।
ओनमाँ स कउनो भी भला काम नाहीं करत ह।
2 यहोवा अकासे स मनइयन क लखत ह,
कि कउनो बुद्धिमान मनई ओका मिलि जाइ।
बुद्धिमान मनई परमेस्सर कइँती मदद पावइ बरे मुड़ि जात ह।
3 मुला परमेस्सर स मुड़िके सबहिं दूर होइ ग अहइँ।
आपुस मँ मिलिके सबहिं लोग पापी होइ ग अहइँ।
कउनो भी मनई नीक काम
नाहीं करत अहइ।
4 मोरे मनइयन क दुष्ट लोग नस्ट कइ दिहन।
उ सबइ दुर्जन परमेस्सर क नाहीं जनतेन।
दुस्टन क लगे खाइ बरे भरपूर भोजन बाटइ।
इ सबइ लोग यहोवा क उपासना तलक भी नाहीं करतेन।
5-6 इ सबइ दुस्ट मनई निर्धन क राय सुनइ नाहीं चाहतेन।
अइसा काहे अहइ? काहेकि दीन लोग तउ परमेस्सर पइ निर्भर अहइँ।
मुला दुट्ठ लोगन पइ भय छाइ गवा अहइ।
काहेकि परमेस्सर खरे लोगन क संग अहइ।
7 सिय्योन पइ कउन जउन इस्राएल क बचावत ह? उ तउ यहोवा अहइ,
जउन इस्राएल क रच्छा करत ह!
यहोवा क मनइयन क दूर लइ गवा जवा अउर ओनका दबाव डाइके बन्दी बनावा गवा।
मुला यहोवा आपन मनइयन क वापिस छुड़ाइ लिआइ।
तब याकूब बहोतइ खुस होइ।
4 यहोवा कहत ह,
“इस्राएल, जदि तू लउटि आवा चाहत ह
तउ तू मोरे लगे जरूर लउटि आवा।
जदि तू आपन देवमूरतियन क लोकावा
अउर भटकना बन्द करा,
2 जदि तू मोरे नाउ पइ सच्चाइ स,
निआब स अउर ईमानदारी स इ कहत भए प्रतिग्या करब्या,
‘यहोवा क जिन्नगी क किरया,’
तउ रास्ट्र यहोवा क जरिये बरदान पाइहीं
अउर उ पचे यहोवा क गर्व स बखान करिहीं।”
3 यहोवा यहूदा अउर यरुसलेम क निवसियन स कहत ह,
“उहइ खेत मँ हर चलावा जेका
जोतइ स तू नकार दिहे रहा
काँटा क बीच मँ बिया छिरकान बन्द करा!
4 इ दिखावइ बरे कि तू यहोवा क अहइ खतना करइ लिहा।
मोर अर्थ इ अहइ कि आपन आप क पूरी तरह स मोर बरे अर्पित कइ द्या!
अउर आपन दिल स खिलरी हटा द्या।
जदि तू इ नाहीं करा तउ मइँ बहोतइ कोहान होबउँ।
मोर किरोध आगी क नाई फइली
अउर मोर किरोध तू पचन्क बारि देइ
अउर कउनो मनई उ आगी क बुझाइ नाहीं पाइ।
इ काहे होइ? काहेकि तू पचे बुरे करम किहे अहा।”
उत्तर दिसा स बिध्वंस
5 “यहूदा क लोगन मँ इ सँदेसा क घोसणा करा:
यरूसलेम सहर क हर मनई स कहा,
‘सारे देस मँ तुरही बजावा।’
जोर स नरियाअ अउर कहा,
‘एक संग आवा,
हम सबहिं रच्छा बरे मजबूत सहरन क भाग निकरी।’
6 सिय्योन का सूचक झंडा क उठावा,
कउनो जगह एक ठू सुरच्छा क जगह खोजा, प्रतीच्छा जिन करा।
इ एह बरे करा कि मइँ उत्तर स बिध्वंस लिआवत हउँ।
मइँ भयंकर बिनास लिआवत हउँ।”
7 एक ठु सेर अपनी गुफा स निकरा ह,
रास्ट्रन क बिध्वंसक तेज कदम बढ़ाउब सुरू कइ चुका अहइ।
उ तोहरे पचन्क देसन क बरबाद करइ आपन घर तजि चुका अहइ।
तोहरे पचन्क सहर तहस नहस होइहीं।
ओनमाँ रहइवाला कउनो मनई नाहीं बची।
8 एह बरे टाट क ओढ़ना पहिरा, रोवा,
काहेकि यहोवा हम पइ बहोत कोहान अहइ।
9 इ सँदेसा यहोवा क अहइ,
“अइसे समइ इ होत ह।
राजा अउर प्रमुख हिम्मत हार जइहीं,
याजक डेरइहीं, नबियन क दिल दहली।”
10 तब मइँ यानी यिर्मयाह कहेउँ, “मोर सुआमी यहोवा, तू फुरइ यहूदा अउ यरूसलेम क लोगन क धोखा मँ राख्या ह। तू ओनसे कहया, ‘तू पचे सान्तिपूर्वक रहब्या।’ किन्तु अब ओनके गटइयन पइ तरवार हइँची भइ अहइ।”
झूठे उपदेसक लोग
2 जइसा भी रहा होइ उ संतान क बीच मँ साइत झूठे नबियन देखाइ देइ लगत रहेन बिल्कुल उहइ तरह झूठे उपदेसकन तू सबन्क बीच मँ भी परगट होइही। उ घातक विचारन क सुरुआत करिही अउर उ सुआमी क नकार देइही जउन ओनका आजादी दिआए रहा। इ प्रकार अइसा कइके उ जल्दी बिनास क न्यौतिहइँ। 2 बहोत लोगन ओनकइ अनैतिक भोग-विलास क तरीका क पाछे चलिही ओनहिन क कारण स सत्य क मार्ग स बदनाम होई। 3 लोभ क कारण स उ बनावटी बातन स तोहसे पैसा कमइहइँ। ओनके दंड परमेस्सर क दुआर बहोत पहिलेन स निर्धारित कीन्ह जाइ चुका ह। ओनकर विनास तइयार अहइ अउर ओनकर प्रतीच्छा करत बाटइ।
4 काहेकि परमेस्सर उ पाप करइवाले दूतन तक क नाही छोड़ेस अउर ओनका पाताल लोक अंधेरे कोठरियन मँ डाइ दिहिस कि उ निआव क दिन तक उहइ पइ पड़ा रहइँ,
5 उ उ पुरान संसार क भी नाही छोड़ेस मुला नूह क उ समइ रखवारी किहेस जब अधर्मियन क संसार प जलप्रलय भेजी गइ रही। नूह ओन आठ मनइयन मँ रहा जउन जलप्रलय क समइ बचा रहेन। उ जउन उचित अहइ, ओकर उपदेस देत रहा।
6 सदोम अउर अमोरा ह जइसेन नगरन क बिनास क दण्ड दइके ओनकइ राखी बनाए दीन्ह गवा रहा ताकि अधर्मियन क साथ जउन बाते घटिहइँ, ओनके खातिर इ एक चेताउनी होइ। 7 परमात्मा लूत क बचाइ लिहेस जउन एक अच्छा मनई रहा। उद्दण्ड मनइयन क अनैतिक आचरण स दुःखी रहत रहा। 8 उ धर्मी पुरुस ओन लोगन क बीच मँ रहत भवा रोजइ रोज जउन देखत अउर सुनत रहा ओसे ओनके नेक आतिमा तड़पत रही।
9 एहि प्रकार पर्भू जानत ह कि निआव करत समइ धर्मात्मा मनइयन क कइसे बचावा जात ह अउर दुस्ट लोगन क कउने तरह दण्ड देइ क खातिर कइसे रखा जात ह। 10 खासकर ओन लोगन क बरे जउन आपन पाप स भरी भइ प्रकृति स बुरे कामन क करत जिअत ही।
ओनकइ पापमय मन पर्भू क सत्ता क अवहेलना करत ह। ई पचे उद्दण्ड अउर स्वेच्छा चारी अहइँ इ महिमावान सरगदूतन क अपमानौ करइ स नाही डेरात अहइँ।
Awadhi Bible: Easy-to-Read Version. Copyright © 2005 Bible League International.