Revised Common Lectionary (Semicontinuous)
स्मुरना की कलीसिया को
8 “स्मुरना नगर की कलीसिया के लिए चुने हुए दूत को लिखो:
जो पहिला और अन्तिम है, जिसकी मृत्यु ज़रूर हुई किन्तु अब वह जीवित है, उसका कहना यह है 9 मैं तुम्हारी पीड़ा और कंगाली से परिचित हूँ—किन्तु वास्तव में तुम धनी हो! मैं उनके द्वारा तुम्हारे लिए इस्तेमाल अपशब्दों से भी परिचित हूँ, जो स्वयं को यहूदी कहते तो हैं किन्तु हैं नहीं. वे शैतान का सभागृह हैं. 10 तुम पर जो कष्ट आने को हैं उनसे भयभीत न होना. सावधान रहो: शैतान तुम में से कुछ को कारागार में डालने पर है कि तुम परखे जाओ. तुम्हें दस दिन तक ताड़ना दी जाएगी. अन्तिम साँस तक सच्चे बने रहना और मैं तुम्हें जीवन का मुकुट प्रदान करूँगा.
11 जिसके कान हों, वह सुन ले कि कलीसियाओं से पवित्रात्मा का कहना क्या है. जो जयवन्त होगा, उस पर दूसरी मृत्यु का कोई प्रहार न होगा.”
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