Revised Common Lectionary (Semicontinuous)
1 आवा हम यहोवा क गुण गाई।
आवा हम पचे उ चट्टान क जय जयकार करी जउन हमार रच्छा करत ह।
2 आवा हम यहोवा क धन्यवाद बरे गीत गाई।
आवा हम ओकर बड़कई क गीत आनन्द क संग गाई।
3 काहेकि यहोवा महान परमेस्सर अहइ।
उ महान राजा सबहिं दूसर “देवतन” पइ सासन करत ह।
4 गहिर सबइ गुफा अउ ऊँच पहाड़ यहोवा क अहइँ।
5 सागर ओकर बा, उ ओका बनाएस ह।
परमेस्सर खुद आपन हाथन स झुरान धरती क बनाएस ह।
6 आवा, हम ओका पइलगी करी अउर ओकर उपासना करी।
आवा हम परमेस्सर क गुण गाई जउन हमका बनाएस ह।
7 उ हमार परमेस्सर
अउर हम पचन ओकर बगल मँ भेड़ अही।
कम स कम जदि तू आजु ओकर आवाज़ क पालन करब्या।
8 यहोवा कहत ह, “तू मोका सुनई स वइसा इनकार जिन करा जइसा मरीबा मँ तोहार पुरखन किहे रहेन,
अउ वइसा जिन करा जइसा उ पचे मस्सा मँ रहइ क दिन मँ किहे रहेन।
9 तोहार पुरखन मोका परखे रहेन।
उ पचे मोका परखेन, पर तब उ पचे लखेन कि मइँ का कइ सकत हउँ।
10 मइँ ओन लोगन क चालीस बरिस तलक सहन किहे रहेउँ।
मइँ इ अच्छी तरह जानत रहेउँ कि उ पीढ़ी इमान्दार नाहीं अहइ।
ओन लोगन मोर सिच्छा क नाही सीखेन।
11 तउ मइँ कोहाइ गएउँ अउर मइँ प्रण किहेउँ कि
उ पचे मोर भुइँया मँ आइववाले समई मँ प्रवेस नाहीं कइ पइहीं।”
दाऊद इस्राएल क राजा होत ह
11 इस्राएल क सबहिं लोग हेब्रोन नगर मँ दाऊद क लगे गएन। उ पचे दाऊद स कहेन, “हम तोहार ही रक्त-माँस अही। 2 बीते दिन मँ, जब साऊल राजा रहा तब भी हमार तू जुद्ध मँ सन्चालन किहा। हे दाऊद, यहोवा तोहसे केहस, ‘तू मोरे लोगन क गड़रिया रहब्या। तू मोरे लोगन क ऊपर सासक होब्या।’”
3 इस्राएल क सबहिं प्रमुखन दाऊद क लगे हेब्रोन नगर मँ आएन। दाऊद हेब्रोन मँ ओन प्रमुखन क संग यहोवा क सामने एक समझौता किहस। प्रमुखन दाऊद क अभिसेक किहन। इ तरह उ इस्राएल क राजा बन गवा। यहोवा समूएल दुआरा इ बचन दिहे रहा कि इ होइ।
दाऊद यरूसलेम क कब्जा किहस
4 दाऊद अउ इस्राएल क सबहिं लोग यरूसलेम नगर क गएन। यरूसलेम ओन दिनन यबूस कहा जात रहा। उ नगर मँ रहइवाले यबूसी कहे जात रहेन। 5 उ नगर क निवासी लोग दाऊद स कहेन, “तू हमारे नगर क प्रवेस नाहीं कइ सकत्या।” किन्तु दाऊद ओन लोगन क पराजित किहस। दाऊद सिय्योन क किले पइ कब्जा कइ लिहस। इ जगह “दाऊद नगर” बना।
6 दाऊद कहेस, “उ मनई जउन यबूसी लोगन पइ आक्रमण क संचालन करी, मोर पूरी फउज क सेनापति होइ।” एह बरे योआब आक्रमण क संचालन किहस। योआब सरूयाह क पूत रहा। योआब सेना क सेनापित होइ गवा।
7 तब दाऊद किला मँ आपन महल बनाएस। इहइ कारण अहइ ओकर नाउँ दाऊद नगर पड़ा। 8 दाऊद किले क चारिहुँ कइँती नगर बसाएस। उ एकॉ मिल्लो स नगर क चारिहुँ कइँती की दीवार तलक बसाएस। योआब नगर क दूसर भागन क मरम्मत किहेस। 9 दाऊद लगातार महान बनता गवा। सर्वसक्तीमान यहोवा ओकरे संग रहा।
13 तबहि ओन बुजुर्गन मँ स कउनउँ एक मोसे इ पूछेस, “इ सफेद चोगा पहिरे कउन मनई अहइँ अउर इ कहाँ स आए अहइँ?”
14 मइँ ओनका जवाब दिहेउँ, “मोर प्रर्भू तू तउ जनतइ अहा।”
इ सुनिके उ मोसे कहेस, “इ पचे उहइ मनई अही जउन कठोर अत्याचार क बीच स होइके आवत अहइँ उ सबेन्ह आपन चोगा मेमना क खून स धोइके सफेद अउर उज्जर करे अहइ। 15 इही बरे अउर इ पचे परमेस्सर क सिंहासन क समन्वा खड़ा अहइँ अउर ओनके मंदिर मँ दिन रात ओकर आराधना करत ही। जउन सिंहासन पर बइठा बा, उ ओन पर आपन छाया करी। 16 न तउ कबहूँ ओनका भूख सतावात ह अउर न तउ कबहूँ पियासा रहत ह। सूरज ओनकइ कछू नाहीं बिगाड़ पावत अउर न तउ चिलचिलात धूप ओनका कबहूँ तपावत ह। 17 काहेकि उ मेमना जउन सिंहासन क बीच मँ अहइ, ओनकइ देखभाल करी। अउर ओनकर चरवाहा होइ। उ ओनका जिन्दगी देइ वाले पानी क झरना क पास लइ जाई अउर परमेस्सर ओनकी आंखिन क आंसू क पोछ देई।”
Awadhi Bible: Easy-to-Read Version. Copyright © 2005 Bible League International.