Revised Common Lectionary (Semicontinuous)
आलस के बिरोध म चेतउनी
6 हे भाईमन हो, हमन तुमन ला परभू यीसू मसीह के नांव म हुकूम देवत हन कि हर ओ भाई ले अलग रहव, जऊन ह आलसी ए अऊ ओ बात के मुताबिक नइं चलय, जऊन ला हमन तुमन ला सिखोय हवन। 7 काबरकि तुमन खुदे जानत हव कि तुमन ला कइसने हमर चाल-चलन के नकल करना चाही। जब हमन तुम्हर संग रहेंन, त आलसी बनके नइं रहेंन, 8 अऊ मुफत म हमन काकरो इहां खाना नइं खायेन। पर हमन लगन अऊ मिहनत ले रात अऊ दिन काम करेन, ताकि तुमन के काकरो ऊपर हमन बोझा झन होवन। 9 ए बात नो हय कि हमन ला ए किसम के मदद पाय के हक नइं ए, पर हमन तुम्हर आघू म एक नमूना पेस करे बर वइसने करेन कि तुमन ओकर नकल करव। 10 जब हमन तुम्हर संग रहेंन, त तुमन ला हुकूम देय रहेंन कि कहूं कोनो मनखे काम नइं करय, त ओह खाय घलो झन पावय।
11 हमर सुनई म आवत हवय कि तुम्हर बीच म कुछू झन आलसी हवंय। ओमन कुछू बुता नइं करंय, पर आने मन के काम म बाधा डारथें। 12 परभू यीसू मसीह के नांव म, हमन अइसने मनखेमन ला हुकूम अऊ सलाह देवत हन कि ओमन चुपेचाप अपन काम करंय अऊ अपन कमई के रोटी खावंय। 13 अऊ हे भाईमन हो, तुमन भलई के काम करे म कभू झन थकव।
जुग के अंत होय के चिन्हां
(मत्ती 24:1-2; मरकुस 13:1-2)
5 यीसू के कुछू चेलामन मंदिर के बारे म गोठियावत रिहिन कि मंदिर ह कइसने सुन्दर पथरामन ले अऊ परमेसर ला चघाय दान ले सजाय-संवारे गे हवय। पर यीसू ह कहिस, 6 “ओ चीज जऊन ला तुमन इहां देखत हवव, एक समय आही, जब एको ठन पथरा उहां अपन जगह म नइं बचही; हर एक पथरा ला खाल्हे फटिक दिये जाही।”
7 ओमन पुछिन, “हे गुरू, ए बातमन कब होही? अऊ ए बातमन के होय के पहिली, का चिन्हां दिखही?”
8 यीसू ह कहिस, “सचेत रहव कि तुमन धोखा झन खावव। काबरकि बहुंत मनखेमन मोर नांव म ए कहत आहीं, ‘मेंह मसीह अंव अऊ समय ह लकठा आ गे हवय।’ पर ओमन के पाछू झन जावव। 9 जब तुमन लड़ई अऊ उपद्रव के बात सुनव, त झन डरव। पहिली ए बातमन के होना जरूरी अय, पर ओ समय तुरते अंत नइं होवय।”
10 तब यीसू ह ओमन ला कहिस, “एक देस ह दूसर देस के बिरोध म लड़ही, अऊ एक राज ह दूसर राज के ऊपर चढ़ई करही। 11 जगह-जगह भयंकर भुइंडोल, अकाल अऊ महामारी होही, अऊ अकास ले भयंकर बात अऊ बड़े-बड़े चिन्हां परगट होहीं।
12 पर ए जम्मो होय के पहिली, मनखेमन तुमन ला पकड़हीं अऊ सताहीं। ओमन तुमन ला यहूदीमन के सभा घर म सऊंप दिहीं अऊ तुमन ला जेल म डार दिहीं। ओमन तुमन ला राजा अऊ राजपाल मन करा लानहीं अऊ ए जम्मो बात मोर नांव के कारन होही। 13 एह तुम्हर बर मोर गवाही देय के मऊका होही। 14 अपन मन म ठान लेवव कि एकर बारे म चिंता करे के जरूरत नइं ए कि अपन बचाव कइसने करहू। 15 काबरकि मेंह तुमन ला बचन अऊ बुद्धि दूहूं कि तुम्हर कोनो घलो बईरी तुम्हर बिरोध या खंडन नइं कर सकहीं। 16 अऊ त अऊ तुम्हर दाई-ददा, भाई, रिस्तेदार अऊ संगवारी मन तुमन ला पकड़वाहीं अऊ ओमन तुमन ले कुछू झन ला मरवा डारहीं। 17 मोर कारन, जम्मो मनखेमन तुम्हर ले घिन करहीं। 18 पर तुम्हर मुड़ के कोनो बाल घलो बांका नइं होवय। 19 मोर बिसवास म मजबूत रहे के दुवारा तुमन अपन जिनगी ला बचाहू।”
Copyright: New Chhattisgarhi Translation (नवां नियम छत्तीसगढ़ी) Copyright © 2012, 2016 by Biblica, Inc.® All rights reserved worldwide.