Revised Common Lectionary (Semicontinuous)
68 “इसरायल के परभू परमेसर के इस्तुति होवय,
काबरकि ओह आय हवय अऊ अपन मनखेमन के उद्धार करे हवय।
69 ओह अपन सेवक दाऊद के बंस म हमर बर एक
सामरथी उद्धार करइया दे हवय,
70 (जइसने ओह अपन पबितर अगमजानीमन के दुवारा बहुंत पहिली ले कहत आय हवय),
71 कि ओह हमर बईरीमन ले अऊ जऊन मन हमन ले घिन करथें,
ओमन ले हमन ला बचाही।
72 ओह हमर पुरखामन ऊपर दया करही
अऊ अपन पबितर करार ला सुरता करही।
73 ओह किरिया खाके हमर पुरखा अब्राहम ले कहे रिहिस:
74 कि ओह हमन ला हमर बईरीमन के हांथ ले बचाही,
75 ताकि हमन निडर होके जिनगी भर पबितर अऊ धरमी बनके ओकर आघू म ओकर सेवा कर सकन।
76 अऊ ए मोर लइका! तेंह परम परधान परमेसर के अगमजानी कहाबे,
काबरकि तेंह परभू के रसता तियार करे बर ओकर आघू-आघू जाबे,
77 अऊ ओकर मनखेमन ला तेंह बताबे कि ओमन के पाप छेमा होय के दुवारा ओमन के उद्धार होही।
78 एह हमर परमेसर के बड़े दया के कारन होही,
जब स्वरग ले बिहनियां के अंजोर हमर करा आही,
79 अऊ ओमन ऊपर चमकही जऊन मन अंधियार अऊ मिरतू के छइहां म रहत हवंय,
अऊ हमर गोड़ ला सांति के रसता म ले चलही।”
मसीह के बलिदान ह पाप ला दूरिहा करथे
23 एह जरूरी रिहिस कि स्वरगीय चीजमन के नकल ह ए बलिदानमन के दुवारा सुध करे जावय, पर स्वरग के चीजमन खुद एकर ले अऊ बने बलिदान के दुवारा सुध करे जाथें। 24 काबरकि मसीह ह मनखे के बनाय ओ पबितर जगह म नइं गीस, जऊन ह सही के पबितर जगह के नमूना रिहिस, पर ओह स्वरग म गीस कि अब हमर बर, ओह परमेसर के आघू म परगट होवय। 25 मसीह ह स्वरग म अपन-आप ला बार-बार भेंट चघाय बर नइं गीस, जइसने महा पुरोहित ह हर साल परम पबितर जगह म आने के लहू लेके जाथे, 26 नइं तो जब ले संसार ह रचे गे हवय, तब ले अब तक, मसीह ला कतको बार दुःख उठाना पड़तिस। पर अब ओह ए जुग के आखिरी म, जम्मो के सेति एकेच बार परगट होईस, ताकि अपन खुद के बलिदान के दुवारा पाप ला दूर करय। 27 जइसने मनखे के एक बार मरई अऊ ओकर बाद ओकर नियाय होवई तय हवय, 28 ओहीच किसम ले, मसीह घलो अपन-आप ला एक बार बलिदान कर दीस कि ओह बहुंते मनखे के पाप ला दूर करय। अऊ ओह दूसर बार परगट होही, पर पाप के भार उठाय बर नइं, पर ओमन के उद्धार करे बर, जऊन मन ओकर बाट जोहत हवंय।
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