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Revised Common Lectionary (Complementary)

Daily Bible readings that follow the church liturgical year, with thematically matched Old and New Testament readings.
Duration: 1245 days
Hindi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-HI)
Version
भजन संहिता 57

संगीत निर्देशक के लिये “नाश मत कर” नामक धुन पर उस समय का दाऊद का एक भक्ति गीत जब वह शाऊल से भाग कर गुफा में जा छिपा था।

हे परमेश्वर, मुझ पर करूणा कर।
    मुझ पर दयालु हो क्योंकि मेरे मन की आस्था तुझमें है।
मैं तेरे पास तेरी ओट पाने को आया हूँ।
    जब तक संकट दूर न हो।
हे परमेश्वर, मैं सहायता पाने के लिये विनती करता हूँ।
    परमेश्वर मेरी पूरी तरह ध्यान रखता है।
वह मेरी सहायता स्वर्ग से करता है,
    और वह मुझको बचा लेता है।
जो लोग मुझको सताया करते हैं, वह उनको हराता है।
    परमेश्वर मुझ पर निज सच्चा प्रेम दर्शाता है।

मेरे शत्रुओं ने मुझे चारों ओर से घेर लिया है।
    मेरे प्राण संकट में है।
वे ऐसे हैं, जैसे नरभक्षी सिंह
    और उनके तेज दाँत भालों और तीरों से
    और उनकी जीभ तेज तलवार की सी है।

हे परमेश्वर, तू महान है।
    तेरी महिमा धरती पर छायी है, जो आकाश से ऊँची है।
मेरे शत्रुओं ने मेरे लिए जाल फैलाया है।
    मुझको फँसाने का वे जतन कर रहे हैं।
उन्होंने मेरे लिए गहरा गड्ढा खोदा है,
    कि मैं उसमें गिर जाऊँ।

किन्तु परमेश्वर मेरी रक्षा करेगा। मेरा भरोसा है, कि वह मेरे साहस को बनाये रखेगा।
    मैं उसके यश गाथा को गाया करूँगा।
मेरे मन खड़े हो!
    ओ सितारों और वीणाओं! बजना प्रारम्भ करो।
    आओ, हम मिलकर प्रभात को जगायें।
हे मेरे स्वमी, हर किसी के लिए, मैं तेरा यश गाता हूँ।
    मैं तेरी यश गाथा हर किसी राष्ट्र को सुनाता हूँ।
10 तेरा सच्चा प्रेम अम्बर के सर्वोच्च मेघों से भी ऊँचा है।
11 परमेश्वर महान है, आकाश से ऊँची,
    उसकी महिमा धरती पर छा जाये।

1 शमूएल 25:36-42

नाबाल की मृत्यु

36 अबीगैल नाबाल के पास लौटी। नाबाल घर में था। नाबाल एक राजा की तरह खा रहा था। नाबाल ने छक कर दाखमधु पी रखी थी और वह प्रसन्न था। इसलिये अबीगैल ने नाबाल को अगले सवेरे तक कुछ भी नहीं बताया। 37 अगली सुबह नाबाल का नशा उतरा। अतः उसकी पत्नी ने हर बात बता दी और नाबाल को दिल का दौरा पड़ गया। वह चट्टान की तरह कड़ा हो गया। 38 करीब दस दिन बाद यहोवा ने नाबाल को मर जाने दिया।

39 दाऊद ने सुना कि नाबाल मर गया है। दाऊद ने कहा, “यहोवा की स्तुति करो! नाबाल ने मेरे विरुद्ध बुरी बातें कीं, किन्तु यहोवा ने मेरा समर्थन किया। यहोवा ने मुझे पाप करने से बचाया और यहोवा ने नाबाल को मर जाने दिया क्योंकि उसने अपराध किया था।”

तब दाऊद ने अबीगैल को एक सन्देश भेजा। दाऊद ने उसे अपनी पत्नी होने के लिये कहा। 40 दाऊद के सेवक कर्मेल गए और अबीगैल से कहा, “दाऊद ने हम लोगों को तुम्हें लाने के लिये भेजा है। दाऊद चाहता है कि तुम उसकी पत्नी बनो।”

41 अबीगैल ने धरती तक अपना माथा झुकाया। उसने कहा, “मैं आपकी दासी हूँ। मैं आपकी सेवा करने के लिये तैयार हूँ। मैं अपने स्वामी (दाऊद) के सेवकों के पैरों को धोने को तैयार हूँ।”[a]

42 अबीगेल शीघ्रता से गधे पर बैठी और दाऊद के दूतों के साथ चल दी। अबीगैल अपने साथ पाँच दासियाँ ले गई। वह दाऊद की पत्नी बनी।

लूका 22:39-46

प्रेरितों को प्रार्थना का आदेश

(मत्ती 26:36-46; मरकुस 14:32-42)

39-40 फिर वह वहाँ से उठ कर नित्य प्रति की तरह जैतून—पर्वत चला गया। और उसके शिष्य भी उसके पीछे पीछे हो लिये। वह जब उस स्थान पर पहुँचा तो उसने उनसे कहा, “प्रार्थना करो कि तुम्हें परीक्षा में न पड़ना पड़े।”

41 फिर वह किसी पत्थर को जितनी दूर तक फेंका जा सकता है, लगभग उनसे उतनी दूर अलग चला गया। फिर वह घुटनों के बल झुका और प्रार्थना करने लगा, 42 “हे परम पिता, यदि तेरी इच्छा हो तो इस प्याले को मुझसे दूर हटा किन्तु फिर भी मेरी नहीं, बल्कि तेरी इच्छा पूरी हो।” 43 तभी एक स्वर्गदूत वहाँ प्रकट हुआ और उसे शक्ति प्रदान करने लगा। 44 उधर यीशु बड़ी बेचैनी के साथ और अधिक तीव्रता से प्रार्थना करने लगा। उसका पसीना रक्त की बूँदों के समान धरती पर गिर रहा था।[a] 45 और जब वह प्रार्थना से उठकर अपने शिष्यों के पास आया तो उसने उन्हें शोक में थक कर सोते हुए पाया। 46 सो उसने उनसे कहा, “तुम सो क्यों रहे हो? उठो और प्रार्थना करो कि तुम किसी परीक्षा में न पड़ो।”

Hindi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-HI)

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