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Revised Common Lectionary (Complementary)

Daily Bible readings that follow the church liturgical year, with thematically matched Old and New Testament readings.
Duration: 1245 days
Hindi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-HI)
Version
भजन संहिता 142

दाऊद का एक कला गीत।

मैं सहायता पाने के लिये यहोवा को पुकारुँगा।
    मै यहोवा से प्रार्थना करुँगा।
मैं यहोवा के सामने अपना दु:ख रोऊँगा।
    मैं यहोवा से अपनी कठिनाईयाँ कहूँगा।
मेरे शत्रुओं ने मेरे लिये जाल बिछाया है।
    मेरी आशा छूट रही है किन्तु यहोवा जानता है।
    कि मेरे साथ क्या घट रहा है।

मैं चारों ओर देखता हूँ
    और कोई अपना मिस्र मुझको दिख नहीं रहा
मेरे पास जाने को कोई जगह नहीं है।
    कोई व्यक्ति मुझको बचाने का जतन नहीं करता है।
इसलिये मैंने यहोवा को सहारा पाने को पुकारा है।
    हे यहोवा, तू मेरी ओट है।
    हे यहोवा, तू ही मुझे जिलाये रख सकता है।
हे यहोवा, मेरी प्रार्थना सुन।
    मुझे तेरी बहुत अपेक्षा है।
तू मुझको ऐसे लोगों से बचा ले
    जो मेरे लिये मेरे पीछे पड़े हैं।
मुझको सहारा दे कि इस जाल से बच भागूँ।
    फिर यहोवा, मैं तेरे नाम का गुणगान करुँगा।
मैं वचन देता हूँ। भले लोग आपस में मिलेंगे और तेरा गुणगान करेंगे
    क्योकि तूने मेरी रक्षा की है।

आमोस 5:1-9

इस्राएल के लिये शोक सन्देश

इस्राएल के लोगों, इस सन्देश को सुनो, यह शोक सन्देश तुम्हारे विषय में है।

इस्राएल की कुमारी गिर गई है।
    वह अब कभी उठेगी नहीं।
वह धूली में पड़ी अकेली छोड़ दी गई है।
    उसे उठाने वाला कोई व्यक्ति नहीं है।

मेरा स्वामी यहोवा यह कहता है:

“हजारों सैनिकों के साथ नगर से जाने वाले अधिकारी
    केवल सौ सैनिकों के साथ लौंटेंगे।
सौ सैनिकों के साथ नगर छोड़ने वाले अधिकारी
    केवल दस सैनिकों के साथ लौटेंगे।”

यहोवा इस्राएल को अपने पास लौटने के लिये प्रोत्साहित करता है

यहोवा इस्राएल के घराने से यह कहता है:
“मेरी खोज करते आओ और जीवित रहो।
    किन्तु बेतेल में न खोजो।
गिल्गाल मत जाओ।
    सीमा को पार न करो और बेर्शेबा न जाओ।
गिल्गल के लोग बन्दी के रूप में ले जाए जाएंगे
और बेतेल नष्ट किया जाएगा।
यहोवा के पास जाओ और जीवित रहो।
    यदि तुम यहोवा के यहाँ नहीं जाओगे, तो यूसुफ के घर में आग लगेगी।
    आग यूसुफ के परिवार को नष्ट करेगी और बेतेल में उसे कोई भी नहीं रोक सकेगा।
7-9 तुम्हें सहायता के लिये यहोवा के पास जाना चाहिये।
    ये वही है जिसने कचपचिया और मृगशिरा को बनाया।
वह अंधकार को प्रात: प्रकाश में बदलता है।
    वह दिन को अंधेरी रात में बदलता है।
वह समुद्र से जल को उठाकर उसे पृथ्वी पर बरसाता है।
    उसका नाम यहोवा है
वह शक्तिशाली नगरों के
    मजबूत किलों को ढहा देता है।”

इस्राएलियों द्वारा किये गए बुरे काम

लोगों, यह तुम्हारे लिये बहुत बुरा होगा तुमने अच्छाई को कड़वाहट में बदला।
    तुमने औचित्य को मार डाला और इसे धूलि में मिला दिया।

प्रेरितों के काम 21:27-39

27 जब वे सात दिन लगभग पूरे होने वाले थे, कुछ यहूदियों ने उसे मन्दिर में देख लिया। उन्होंने भीड़ में सभी लोगों को भड़का दिया और पौलुस को पकड़ लिया। 28 फिर वे चिल्ला कर बोले, “इस्राएल के लोगो सहायता करो। यह वही व्यक्ति है जो हर कहीं हमारी जनता के, हमारी व्यवस्था के और हमारे इस स्थान के विरोध में लोगों को सिखाता फिरता है। और अब तो यह विधर्मियों को मन्दिर में ले आया है। और इसने इस प्रकार इस पवित्र स्थान को ही भ्रष्ट कर दिया है।” 29 (उन्होंने ऐसा इसलिये कहा था कि त्रुफिमुस नाम के एक इफिसी को नगर में उन्होंने उसके साथ देखकर ऐसा समझा था कि पौलुस उसे मन्दिर में ले गया है।)

30 सो सारा नगर विरोध में उठ खड़ा हुआ। लोग दौड़-दौड़ कर चढ़ आये और पौलुस को पकड़ लिया। फिर वे उसे घसीटते हुए मन्दिर के बाहर ले गये और तत्काल फाटक बंद कर दिये गये। 31 वे उसे मारने का जतन कर ही रहे थे कि रोमी टुकड़ी के सेनानायक के पास यह सूचना पहुँची कि समुचे यरूशलेम में खलबली मची हुई है। 32 उसने तुरंत कुछ सिपाहियों और सेना के अधिकारियों को अपने साथ लिया और पौलुस पर हमला करने वाले यहूदियों की ओर बढ़ा। यहूदियों ने जब उस सेनानायक और सिपाहियों को देखा तो उन्होंने पौलुस को पीटना बंद कर दिया।

33 तब वह सेनानायक पौलुस के पास आया और उसे बंदी बना लिया। उसने उसे दो ज़ंजीरों में बाँध लेने का आदेश दिया। फिर उसने पूछा कि वह कौन है और उसने क्या किया है? 34 भीड़ में से कुछ लोगों ने एक बात कही तो दूसरों ने दूसरी। इस हो-हुल्लड़ में क्योंकि वह यह नहीं जान पाया कि सच्चाई क्या है, इसलिये उसने आज्ञा दी कि उसे छावनी में ले चला जाये। 35-36 पौलुस जब सीढ़ियों के पास पहुँचा तो भीड़ में फैली हिंसा के कारण सिपाहियों को उसे अपनी सुरक्षा में ले जाना पड़ा। क्योंकि उसके पीछे लोगों की एक बड़ी भीड़ यह चिल्लाते हुए चल रही थी कि इसे मार डालो।

37 जब वह छावनी के भीतर ले जाया जाने वाला ही था कि पौलुस ने सेनानायक से कहा, “क्या मैं तुझसे कुछ कह सकता हूँ?”

सेनानायक बोला, “क्या तू यूनानी बोलता है? 38 तो तू वह मिस्री तो नहीं है न जिसने कुछ समय पहले विद्रोह शुरू कराया था और जो यहाँ रेगिस्तान में चार हज़ार आतंकवादियों की अगुवाई कर रहा था?”

39 पौलुस ने कहा, “मैं सिलिकिया के तरसुस नगर का एक यहूदी व्यक्ति हूँ। और एक प्रसिद्ध नगर का नागरिक हूँ। मैं तुझसे चाहता हूँ कि तू मुझे इन लोगों के बीच बोलने दे।”

Hindi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-HI)

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