Revised Common Lectionary (Complementary)
23 ओ यहोवा के उपासकों, यहोवा की प्रशंसा करो।
इस्राएल के वंशजों यहोवा का आदर करो।
ओ इस्राएल के सभी लोगों, यहोवा का भय मानों और आदर करो।
24 क्योंकि यहोवा ऐसे मनुष्यों की सहायता करता है जो विपति में होते हैं।
यहोवा उन से घृणा नहीं करता है।
यदि लोग सहायता के लिये यहोवा को पुकारे
तो वह स्वयं को उनसे न छिपायेगा।
25 हे यहोवा, मेरा स्तुति गान महासभा के बीच तुझसे ही आता है।
उन सबके सामने जो तेरी उपासना करते हैं। मैं उन बातों को पूरा करुँगा जिनको करने की मैंने प्रतिज्ञा की है।
26 दीन जन भोजन पायेंगे और सन्तुष्ट होंगे।
तुम लोग जो उसे खोजते हुए आते हो उसकी स्तुति करो।
मन तुम्हारे सदा सदा को आनन्द से भर जायें।
27 काश सभी दूर देशों के लोग यहोवा को याद करें
और उसकी ओर लौट आयें।
काश विदेशों के सब लोग यहोवा की आराधना करें।
28 क्योंकि यहोवा राजा है।
वह प्रत्येक राष्ट्र पर शासन करता है।
29 लोग असहाय घास के तिनकों की भाँति धरती पर बिछे हुए हैं।
हम सभी अपना भोजन खायेंगे और हम सभी कब्रों में लेट जायेंगे।
हम स्वयं को मरने से नहीं रोक सकते हैं। हम सभी भूमि में गाड़ दिये जायेंगे।
हममें से हर किसी को यहोवा के सामने दण्डवत करना चाहिए।
30 और भविष्य में हमारे वंशज यहोवा की सेवा करेंगे।
लोग सदा सर्वदा उस के बारे में बखानेंगे।
31 वे लोग आयेंगे और परमेश्वर की भलाई का प्रचार करेंगे
जिनका अभी जन्म ही नहीं हुआ।
हाजिरा का पुत्र इश्माएल
7 यहोवा के दूत ने मरुभूमि में पानी के सोते के पास दासी को पाया। यह सोता शूर जाने वाले रास्ते पर था। 8 दूत ने कहा, “हाजिरा, तुम सारै की दासी हो। तुम यहाँ क्यों हो? तुम कहाँ जा रही हो?”
हाजिरा ने कहा, “मैं अपनी मालकिन सारै के यहाँ से भाग रही हूँ।”
9 यहोवा के दूत ने उससे कहा, “तुम अपनी मालकिन के घर जाओ और उसकी बातें मानो।” 10 यहोवा के दूत ने उससे यह भी कहा, “तुमसे बहुत से लोग उत्पन्न होंगे। ये लो इतने हो जाएंगे कि गिने नहीं जा सकेंगे।”
11 दूत ने और भी कहा,
“अभी तुम गर्भवती हो और तुम्हे एक पुत्र होगा।
तुम उसका नाम इश्माएल रखना।
क्योंकि यहोवा ने तुम्हारे कष्ट को सुना है
और वह तुम्हारी मदद करेगा।
12 इश्माएल जंगली और आजाद होगा
एक जंगली गधे की तरह।
वह सबके विरुद्ध होगा।
वह एक स्थान से दूसरे स्थान को जाएगा।
वह अपने भाइयों के पास अपना डेरा डालेगा
किन्तु वह उनके विरुद्ध होगा।”
13 तब यहोवा ने हाजिरा से बातें कीं उसने परमेश्वर को जो उससे बातें कर रहा था, एक नए नाम से पुकारा। उसने कहा, “तुम वह ‘यहोवा हो जो मुझे देखता है।’” उसने उसे वह नाम इसलिए दिया क्योंकि उसने अपने—आप से कहा, “मैंने देखा है कि वह मेरे ऊपर नज़र रखता है।” 14 इसलिए उस कुएँ का नाम लहैरोई पड़ा। यह कुआँ कादेश तथा बेरेद के बीच में है।
15 हाजिरा ने अब्राम के पुत्र को जन्म दिया। अब्राम ने पुत्र का नाम इश्माएल रखा।
पतरस का कथन: यीशु मसीह है
(मत्ती 16:13-20; लूका 9:18-21)
27 और फिर यीशु और उसके शिष्य कैसरिया फिलिप्पी के आसपास के गाँवों को चल दिये। रास्ते में यीशु ने अपने शिष्यों से पूछा, “लोग क्या कहते हैं कि मैं कौन हूँ?”
28 उन्होंने उत्तर दिया, “बपतिस्मा देने वाला यूहन्ना पर कुछ लोग एलिय्याह और दूसरे तुझे भविष्यवक्ताओं में से कोई एक कहते हैं।”
29 फिर यीशु ने उनसे पूछा, “और तुम क्या कहते हो कि मैं कौन हूँ।”
पतरस ने उसे उत्तर दिया, “तू मसीह है।”
30 फिर उसने उन्हें चेतावनी दी कि वे उसके बारे में यह किसी से न कहें।
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