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Revised Common Lectionary (Complementary)

Daily Bible readings that follow the church liturgical year, with thematically matched Old and New Testament readings.
Duration: 1245 days
Hindi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-HI)
Version
भजन संहिता 38

हे यहोवा, क्रोध में मेरी आलोचना मत कर।
    मुझको अनुशासित करते समय मुझ पर क्रोधित मत हो।
हे यहोवा, तूने मुझे चोट दिया है।
    तेरे बाण मुझमें गहरे उतरे हैं।
तूने मुझे दण्डित किया और मेरी सम्पूर्ण काया दु:ख रही है,
    मैंने पाप किये और तूने मुझे दण्ड दिया। इसलिए मेरी हड्डी दु:ख रही है।
मैं बुरे काम करने का अपराधी हूँ,
    और वह अपराध एक बड़े बोझे सा मेरे कन्धे पर चढ़ा है।
मैं बना रहा मूर्ख,
    अब मेरे घाव दुर्गन्धपूर्ण रिसते हैं और वे सड़ रहे हैं।
मैं झुका और दबा हुआ हूँ।
    मैं सारे दिन उदास रहता हूँ।
मुझको ज्वर चढ़ा है,
    और समूचे शरीर में वेदना भर गई है।
मैं पूरी तरह से दुर्बल हो गया हूँ।
    मैं कष्ट में हूँ इसलिए मैं कराहता और विलाप करता हूँ।
हे यहोवा, तूने मेरा कराहना सुन लिया।
    मेरी आहें तो तुझसे छुपी नहीं।
10 मुझको ताप चढ़ा है।
    मेरी शक्ति निचुड़ गयी है। मेरी आँखों की ज्योति लगभग जाती रही।
11 क्योंकि मैं रोगी हूँ,
    इसलिए मेरे मित्र और मेरे पड़ोसी मुझसे मिलने नहीं आते।
    मेरे परिवार के लोग तो मेरे पास तक नहीं फटकते।
12 मेरे शत्रु मेरी निन्दा करते हैं।
    वे झूठी बातों और प्रतिवादों को फैलाते रहते हैं।
    मेरे ही विषय में वे हरदम बात चीत करते रहते हैं।
13 किन्तु मैं बहरा बना कुछ नहीं सुनता हूँ।
    मैं गूँगा हो गया, जो कुछ नहीं बोल सकता।
14 मैं उस व्यक्ति सा बना हूँ, जो कुछ नहीं सुन सकता कि लोग उसके विषय क्या कह रहे हैं।
    और मैं यह तर्क नहीं दे सकता और सिद्ध नहीं कर सकता की मेरे शत्रु अपराधी हैं।
15 सो, हे यहोवा, मुझे तू ही बचा सकता है।
    मेरे परमेश्वर और मेरे स्वामी मेरे शत्रुओं को तू ही सत्य बता दे।
16 यदि मैं कुछ भी न कहूँ, तो मेरे शत्रु मुझ पर हँसेंगे।
    मुझे खिन्न देखकर वे कहने लगेंगे कि मैं अपने कुकर्मो का फल भोग रहा हूँ।
17 मैं जानता हूँ कि मैं अपने कुकर्मो के लिए पापी हूँ।
    मैं अपनी पीड़ा को भूल नहीं सकता हूँ।
18 हे यहोवा, मैंने तुझको अपने कुकर्म बता दिये।
    मैं अपने पापों के लिए दु:खी हूँ।
19 मेरे शत्रु जीवित और पूर्ण स्वस्थ हैं।
    उन्होंने बहुत—बहुत झूठी बातें बोली हैं।
20 मेरे शत्रु मेरे साथ बुरा व्यवहार करते हैं,
    जबकि मैंने उनके लिये भला ही किया है।
मैं बस भला करने का जतन करता रहा,
    किन्तु वे सब लोग मेरे विरद्ध हो गये हैं।
21 हे यहोवा, मुझको मत बिसरा!
    मेरे परमेश्वर, मुझसे तू दूर मत रह!
22 देर मत कर, आ और मेरी सुधि ले!
    हे मेरे परमेश्वर, मुझको तू बचा ले!

यशायाह 30:18-26

परमेश्वर अपने लोगों की सहायता करेगा

18 यहोवा तुम पर अपनी करुणा दर्शाना चाहता है। यहोवा बाट जोह रहा है। यहोवा तुम्हें सुख चैन देने के लिए तैयार खड़ा है। यहोवा खरा परमेश्वर है और हर वह व्यक्ति जो यहोवा की सहायता की प्रतीक्षा में है, धन्य (आनन्दित) होगा।

19 हाँ, हे सिय्योन पर्वत पर रहने वालो, हे यरूशलेम के निवासियों, तुम लोग रोते बिलखते नहीं रहोगे। यहोवा तुम्हारे रोने को सुनेगा और वह तुम पर दया करेगा। यहोवा तुम्हारी सुनेगा और वह तुम्हारी सहायता करेगा।

20 यद्यपि मेरा यहोवा परमेश्वर तुम्हें दु:ख और कष्ट दे सकता है ऐसे ही जैसे मानों वह ऐसा रोटी—पानी हो, जिसे तुम हर दिन खाते—पीते हो। किन्तु वास्तव में परमेश्वर तो तुम्हारा शिक्षक है, और वह तुमसे छिपा नहीं रहेगा। तुम स्वयं अपनी आँखों से अपने उस शिक्षक को देखोगे। 21 तब यदि तुम बुरे काम करोगे और बुरा जीवन जीओगे (दाहिनी ओर अथवा बायीं ओर) तो तुम अपने पीछे एक आवाज़ को कहते सुनोगे, “खरी राह यह है। तुझे इसी राह में चलना है।”

22 तुम्हारे पास चाँदी सोने से मढ़े मूर्ति हैं। उन झूठे देवों ने तुमको बुरा (पापपूर्ण) बना दिया है। लेकिन तुम उन झूठे देवों की सेवा करना छोड़ दोगे। तुम उन देवों को कूड़े कचरे और मैले चिथड़ों के समान दूर फेंक दोगे।

23 उस समय, यहोवा तुम्हारे लिये वर्षा भेजेगा। तुम खेतों में बीज बोओगे, और धरती तुम्हारे लिये भोजन उपजायेगी। तुम्हें भरपूर उपज मिलेगा। तुम्हारे पशुओं के लिए खेतों में भरपूर चारा होगा। तुम्हारे पशुओं के लिये वहाँ बड़ी—बड़ी चरागाहें होंगी। 24 तुम्हारे मवेशियों और तुम्हारे गधों को जैसे चारे की आवश्यकता होगी, वह सब उन्हें मिलेगा। खाने की इतनी बहुतायत होगी कि तुम्हें अपने पशुओं के खाने के लिए भी फावड़ों और पंजों से चारा को फैलाना होगा। 25 हर पर्वत और पहाड़ियों पर पानी से भरी जलधाराएँ होंगी। ये बातें तब घटेंगी जब बहुत से लोग मर चुकेंगे और मीनारें ढह चुकेंगी।

26 उस समय चाँद की चाँदनी सूरज की धूप सी उजली हो जायेगी। सूर्य का प्रकाश आज से सात गुणा अधिक उज्ज्वल हो जायेगा। सूर्य एक दिन में उतना प्रकाश देने लगेगा जितना वह पूरे सप्ताह में देता है। ये बातें उस समय घटेंगी जब यहोवा अपनी टूटे लोगों की मरहम पट्टी करेगा और सजा के कारण जो चोटें उन्हें आई हैं, उन्हें अच्छा करेगा।

प्रेरितों के काम 14:8-18

लिस्तरा और दिरबे में पौलुस

लिस्तरा में एक व्यक्ति बैठा हुआ था। वह अपने पैरों से अपंग था। वह जन्म से ही लँगड़ा था, चल फिर तो वह कभी नहीं पाया। इस व्यक्ति ने पौलुस को बोलते हुए सुना था। पौलुस ने उस पर दृष्टि गड़ाई और देखा कि अच्छा हो जाने का विश्वास उसमें है। 10 सो पौलुस ने ऊँचे स्वर में कहा, “अपने पैरों पर सीधा खड़ा हो जा!” सो वह ऊपर उछला और चलने-फिरने लगा।

11 पौलुस ने जो कुछ किया था, जब भीड़ ने उसे देखा तो लोग लुकाउनिया की भाषा में पुकार कर कहने लगे, “हमारे बीच मनुष्यों का रूप धारण करके, देवता उतर आये है!” 12 वे बरनाबास को “ज़ेअस”[a] और पौलुस को “हिरमेस”[b] कहने लगे। पौलुस को हिरमेस इसलिये कहा गया क्योंकि वह प्रमुख वक्ता था। 13 नगर के ठीक बाहर बने ज़ेअस के मन्दिर का याजक नगर द्वार पर साँड़ों और मालाओं को लेकर आ पहुँचा। वह भीड़ के साथ पौलुस और बरनाबास के लिये बलि चढ़ाना चाहता था।

14 किन्तु जब प्रेरित बरनाबास और पौलुस ने यह सुना तो उन्होंने अपने कपड़े फाड़ डाले[c] और वे ऊँचे स्वर में यह कहते हुए भीड़ में घुस गये, 15 “हे लोगो, तुम यह क्यों कर रहे हो? हम भी वैसे ही मनुष्य हैं, जैसे तुम हो। यहाँ हम तुम्हें सुसमाचार सुनाने आये हैं ताकि तुम इन व्यर्थ की बातों से मुड़ कर उस सजीव परमेश्वर की ओर लौटो जिसने आकाश, धरती, सागर और इनमें जो कुछ है, उसकी रचना की।

16 “बीते काल में उसने सभी जातियों को उनकी अपनी-अपनी राहों पर चलने दिया। 17 किन्तु तुम्हें उसने स्वयं अपनी साक्षी दिये बिना नहीं छोड़ा। क्योंकि उसने तुम्हारे साथ भलाइयाँ की। उसने तुम्हें आकाश से वर्षा दी और ऋतु के अनुसार फसलें दी। वही तुम्हें भोजन देता है और तुम्हारे मन को आनन्द से भर देता है।”

18 इन वचनों के बाद भी वे भीड़ को उनके लिये बलि चढ़ाने से प्रायः नहीं रोक पाये।

Hindi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-HI)

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