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Revised Common Lectionary (Complementary)

Daily Bible readings that follow the church liturgical year, with thematically matched Old and New Testament readings.
Duration: 1245 days
Hindi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-HI)
Version
यशायाह 40:21-31

21 निश्चय ही, तुम सच्चाई जानते हो, बोलो निश्चय ही तुमने सुना है!
    निश्चय ही बहुत पहले किसी ने तुम्हें बताया है! निश्चय ही तुम जानते हो कि धरती को किसने बनाया है!
22 यहोवा ही सच्चा परमेश्वर है!
    वही धरती के चक्र के ऊपर बैठता है!
उसकी तुलना में लोग टिड्डी से लगते हैं।
    उसने आकाशों को किसी कपड़े के टुकड़े की भाँति खोल दिया।
उसने आकाश को उसके नीचे बैठने को एक तम्बू की भाँति तान दिया।
23 सच्चा परमेश्वर शासकों को महत्त्वहीन बना देता है।
    वह इस जगत के न्यायकर्ताओं को पूरी तरह व्यर्थ बना देता है!
24 वे शासक ऐसे हैं जेसे वे पौधे जिन्हें धरती में रोपा गया हो,
    किन्तु इससे पहले की वे अपनी जड़े धरती में जमा पाये,
परमेश्वर उन को बहा देता है
    और वे सूख कर मर जाते हैं।
    आँधी उन्हें तिनके सा उड़ा कर ले जाती है।
25 “क्या तुम किसी से भी मेरी तुलना कर सकते हो नहीं!
    कोई भी मेरे बराबर का नहीं है।”

26 ऊपर आकाशों को देखो।
    किसने इन सभी तारों को बनाया
किसने वे सभी आकाश की सेना बनाई
    किसको सभी तारे नाम—बनाम मालूस हैं
सच्चा परमेश्वर बहुत ही सुदृढ़ और शक्तिशाली है
    इसलिए कोई तारा कभी निज मार्ग नहीं भूला।

27 हे याकूब, यह सच है!
    हे इस्राएल, तुझको इसका विश्वास करना चाहिए!
सो तू क्यों ऐसा कहता है कि “जैसा जीवन मैं जीता हूँ उसे यहोवा नहीं देख सकता!
    परमेश्वर मुझको पकड़ नहीं पायेगा और न दण्ड दे पायेगा।”

28 सचमुच तूने सुना है और जानता है कि यहोवा परमेश्वर बुद्धिमान है।
    जो कुछ वह जानता है उन सभी बातों को मनुष्य नहीं सीख सकता।
यहोवा कभी थकता नहीं,
    उसको कभी विश्राम की आवश्यकता नहीं होती।
यहोवा ने ही सभी दूरदराज के स्थान धरती पर बनाये।
    यहोवा सदा जीवित है।
29 यहोवा शक्तिहीनों को शक्तिशाली बनने में सहायता देता है।
    वह ऐसे उन लोगों को जिनके पास शक्ति नहीं है, प्रेरित करता है कि वह शक्तिशाली बने।
30 युवक थकते हैं और उन्हें विश्राम की जरुरत पड़ जाती है।
    यहाँ तक कि किशोर भी ठोकर खाते हैं और गिरते हैं।
31 किन्तु वे लोग जो यहोवा के भरोसे हैं फिर से शक्तिशाली बन जाते हैं।
    जैसे किसी गरुड़ के फिर से पंख उग आते हैं।
ये लोग बिना विश्राम चाहे निरंतर दौड़ते रहते हैं।
    ये लोग बिना थके चलते रहते हैं।

भजन संहिता 147:1-11

यहोवा की प्रशंसा करो क्योंकि वह उत्तम है।
    हमारे परमेश्वर के प्रशंसा गीत गाओ।
    उसका गुणगान भला और सुखदायी है।
यहोवा ने यरूशलेम को बनाया है।
    परमेश्वर इस्राएली लोगों को वापस छुड़ाकर ले आया जिन्हें बंदी बनाया गया था।
परमेश्वर उनके टूटे मनों को चँगा किया करता
    और उनके घावों पर पट्टी बांधता है।
परमेश्वर सितारों को गिनता है
    और हर एक तारे का नाम जानता है।
हमारा स्वामी अति महान है। वह बहुत ही शक्तिशाली है।
    वे सीमाहीन बातें है जिनको वह जानता है।
यहोवा दीन जन को सहारा देता है।
    किन्तु वह दुष्ट को लज्जित किया करता है।
यहोवा को धन्यवाद करो।
    हमारे परमेश्वर का गुणगान वीणा के संग करो।
परमेश्वर मेघों से अम्बर को भरता है।
    परमेश्वर धरती के लिये वर्षा करता है।
परमेश्वर पहाड़ों पर घास उगाता है।
परमेश्वर पशुओं को चारा देता है,
    छोटी चिड़ियों को चुग्गा देता है।
10 उनको युद्ध के घोड़े और शक्तिशाली सैनिक नहीं भाते हैं।
11 यहोवा उन लोगों से प्रसन्न रहता है। जो उसकी आराधना करते हैं।
    यहोवा प्रसन्न हैं, ऐसे उन लोगों से जिनकी आस्था उसके सच्चे प्रेम में है।

भजन संहिता 147:20

20 यहोवा ने किसी अन्य राष्ट्र के हेतु ऐसा नहीं किया।
    परमेश्वर ने अपने नियमों को, किसी अन्य जाति को नहीं सिखाया।

यहोवा का यश गाओ।

1 कुरिन्थियों 9:16-23

16 इसलिए यदि मैं सुसमाचार का प्रचार करता हूँ तो इसमें मुझे गर्व करने का कोई हेतु नहीं है क्योंकि मेरा तो यह कर्तव्य है। और यदि मैं सुसमाचार का प्रचार न करूँ तो मेरे लिए यह कितना बुरा होगा। 17 फिर यदि यह मैं अपनी इच्छा से करता हूँ तो मैं इसका फल पाने योग्य हूँ, किन्तु यदि अपनी इच्छा से नहीं बल्कि किसी नियुक्ति के कारण यह काम मुझे सौंपा गया है 18 तो फिर मेरा प्रतिफल काहे का। इसलिए जब मैं सुसमाचार का प्रचार करूँ तो बिना कोई मूल्य लिये ही उसे करूँ। ताकि सुसमाचार के प्रचार में जो कुछ पाने का मेरा अधिकार है, मैं उसका पूरा उपयोग न करूँ।

19 यद्यपि मैं किसी भी व्यक्ति के बन्धन में नहीं हूँ, फिर भी मैंने स्वयं को आप सब का सेवक बना लिया है। ताकि मैं अधिकतर लोगों को जीत सकूँ। 20 यहूदियों के लिये मैं एक यहूदी जैसा बना, ताकि मैं यहूदियों को जीत सकूँ। जो लोग व्यवस्था के विधान के अधीन हैं, उनके लिये मैं एक ऐसा व्यक्ति बना जो व्यवस्था के विधान के अधीन जैसा है। यद्यपि मैं स्वयं व्यवस्था के विधान के अधीन नहीं हूँ। यह मैंने इसलिए किया कि मैं व्यवस्था के विधान के अधीनों को जीत सकूँ। 21 मैं एक ऐसा व्यक्ति भी बना जो व्यवस्था के विधान को नहीं मानता। यद्यपि मैं परमेश्वर की व्यवस्था से रहित नहीं हूँ बल्कि मसीह की व्यवस्था के अधीन हूँ। ताकि मैं जो व्यवस्था के विधान को नहीं मानते हैं उन्हें जीत सकूँ। 22 जो दुर्बल हैं, उनके लिये मैं दुर्बल बना ताकि मैं दुर्बलों को जीत सकूँ। हर किसी के लिये मैं हर किसी के जैसा बना ताकि हर सम्भव उपाय से उनका उद्धार कर सकूँ। 23 यह सब कुछ मैं सुसमाचार के लिये करता हूँ ताकि इसके वरदानों में मेरा भी कुछ भाग हो।

मरकुस 1:29-39

यीशु द्वारा अनेक व्यक्तियों का चंगा किया जाना

(मत्ती 8:14-17; लूका 4:38-41)

29 फिर वे आराधनालय से निकल कर याकूब और यूहन्ना के साथ सीधे शमौन और अन्द्रियास के घर पहुँचे। 30 शमौन की सास ज्वर से पीड़ित थी इसलिए उन्होंने यीशु को तत्काल उसके बारे में बताया। 31 यीशु उसके पास गया और हाथ पकड़ कर उसे उठाया। तुरंत उसका ज्वर उतर गया और वह उनकी सेवा करने लगी।

32 सूरज डूबने के बाद जब शाम हुई तो वहाँ के लोग सभी रोगियों और दुष्टात्माओं से पीड़ित लोगों को उसके पास लाये। 33 सारा नगर उसके द्वार पर उमड़ पड़ा। 34 उसने तरह तरह के रोगों से पीड़ित बहुत से लोगों को चंगा किया और बहुत से लोगों को दुष्टात्माओं से छुटकारा दिलाया। क्योंकि वे उसे जानती थीं इसलिये उसने उन्हें बोलने नहीं दिया।

लोगों को सुसमाचार सुनाने की तैयारी

(लूका 4:42-44)

35 अँधेरा रहते, सुबह सवेरे वह घर छोड़ कर किसी एकांत स्थान पर चला गया जहाँ उसने प्रार्थना की। 36 किन्तु शमौन और उसके साथी उसे ढूँढने निकले 37 और उसे पा कर बोले, “हर व्यक्ति तेरी खोज में है।”

38 इस पर यीशु ने उनसे कहा, “हमें दूसरे नगरों में जाना ही चाहिये ताकि वहाँ भी उपदेश दिया जा सके क्योंकि मैं इसी के लिए आया हूँ।” 39 इस तरह वह गलील में सब कहीं उनकी आराधनालयों में उपदेश देता और दुष्टात्माओं को निकालता गया।

Hindi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-HI)

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