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Revised Common Lectionary (Complementary)

Daily Bible readings that follow the church liturgical year, with thematically matched Old and New Testament readings.
Duration: 1245 days
Hindi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-HI)
Version
भजन संहिता 63

दाऊद का उस समय का एक पद जब वह यहूदा की मरूभूमि में था।

हे परमेश्वर, तू मेरा परमेश्वर है।
    वैसे कितना मैं तुझको चाहता हूँ।
जैसे उस प्यासी क्षीण धरती जिस पर जल न हो
    वैसे मेरी देह और मन तेरे लिए प्यासा है।
हाँ, तेरे मन्दिर में मैंने तेरे दर्शन किये।
    तेरी शक्ति और तेरी महिमा देख ली है।
तेरी भक्ति जीवन से बढ़कर उत्तम है।
    मेरे होंठ तेरी बढाई करते हैं।
हाँ, मैं निज जीवन में तेरे गुण गाऊँगा।
    मैं हाथ उपर उठाकर तेरे नाम पर तेरी प्रार्थना करूँगा।
मैं तृप्त होऊँगा मानों मैंने उत्तम पदार्थ खा लिए हों।
    मेरे होंठ तेरे गुण सदैव गायेंगे।
मैं आधी रात में बिस्तर पर लेटा हुआ
    तुझको याद करूँगा।
सचमुच तूने मेरी सहायता की है!
    मैं प्रसन्न हूँ कि तूने मुझको बचाया है!
मेरा मन तुझमें समता है।
    तू मेरा हाथ थामे हुए रहता है।

कुछ लोग मुझे मारने का जतन कर रहे हैं। किन्तु उनको नष्ट कर दिया जायेगा।
    वे अपनी कब्रों में समा जायेंगे।
10 उनको तलवारों से मार दिया जायेगा।
    उनके शवों को जंगली कुत्ते खायेंगे।
11 किन्तु राजा तो अपने परमेश्वर के साथ प्रसन्न होगा।
वे लोग जो उसके आज्ञा मानने के वचन बद्ध हैं, उसकी स्तुति करेंगे।
    क्योंकि उसने सभी झूठों को पराजित किया।

योएल 3:9-21

युद्ध की तैयारी करो

लोगों को यह बता दो:
    युद्ध को तैयार रहो!
शूरवीरों को जगओ!
    सारे योद्धाओ को अपने पास एकत्र करो।
    उन्हें उठ खड़ा होने दो!
10 अपने हलों की फालियों को पीट कर तलवार बनाओं
    और अपनी डांगियों को तुम भालों में बदल लो।
ऐसा करो कि दुर्बल कहने लगे कि
    “मैं एक शूरवीर हूँ।”
11 हे सभी जातियों के लोगों, जल्दी करो!
    वहाँ एकत्र हो जाओ।
    हे यहोवा, तू भी अपने प्रबल वीरों को ले आ!
12 हे जातियों! जागो!
    यहोशापात की घाटी में आजाओ!
मैं वहाँ बैठकर
    सभी आसपास के देशों का न्याय करूँगा।
13 तुम हँसुआ ले आओ,
    क्योंकि पकी फसल खड़ी है।
आओ, तुम अंगूर रौंदो
    क्योंकि अंगूर का गरठ भरा हुआ है।
घड़े भर जायेंगे और वे बाहर उफनेंगे
    क्योंकि उनका पाप बहुत बड़ा है।

14 उस न्याय की घाटी में बहुत—बहुत सारे लोग हैं।
    उस न्याय की घाटी में यहोवा का दिन आने वाला है।
15 सूरज चाँद काले पड़ जायेंगे।
    तारे चमकना छोड़ देंगे।
16 परमेश्वर यहोवा सिय्योन से गरजेगा।
वह यरूशलेम से गरजेगा।
    आकाश और धरती काँप—काँप जायेंगे
किन्तु अपने लोगों के लिये परमेश्वर यहोवा शरणस्थल होगा।
    वह इस्राएल के लोगों का सुरक्षा स्थान बनेगा।
17 तब तुम जान जाओगे कि मैं तुम्हारा परमेश्वर यहोवा हूँ।
    मैं सिय्योन पर बसता हूँ जो मेरा पवित्र पर्वत है।
यरूशलेम पवित्र बन जायेगा।
    फिर पराये कभी भी उसमें से होकर नहीं जा पायेंगे।

यहूदा के लिए नया जीवन का वचन

18 उस दिन मधुर दाखमधु पर्वत से टपकेगा।
    पहाड़ों से दूध की नदियाँ और यहूदा की सभी सूखी नदियाँ
    बहते हुए जल से भर जायेंगी।
यहोवा के मन्दिर से एक फव्वारा फूटेगा
    जो शित्तीम की घाटी को पानी से सींचेगा।
19 मिस्र खाली हो जायेगा
    और एदोम एक उजाड़ हो जायेगा।
क्योंकि वे यहूदा के लोगों के संग निर्दयी ही रहे थे।
    उन्होंने अपने ही देश में निरपराध लोगों का वध किया था।
20 किन्तु यहूदा में लोग सदा ही बसे रहेंगे
    और यरूशलेम में लोग पीढ़ियों तक रहेंगे।
21 उन लोगों ने मेरे लोगों का वध किया था
    इसलिये निश्चय ही मैं उन्हें दण्ड दूँगा।

क्योंकि परमेश्वर यहोवा का सिय्योन पर निवासस्थान है!

मत्ती 24:29-35

29 “उन दिनों जो मुसीबत पड़ेगी उसके तुरंत बाद:

‘सूरज काला पड़ जायेगा,
    चाँद से उसकी चाँदनी नहीं छिटकेगी
आसमान से तारे गिरने लगेंगे
    और आकाश में महाशक्तियाँ झकझोर दी जायेंगी।’[a]

30 “उस समय मनुष्य के पुत्र के आने का संकेत आकाश में प्रकट होगा। तब पृथ्वी पर सभी जातियों के लोग विलाप करेंगे और वे मनुष्य के पुत्र को शक्ति और महिमा के साथ स्वर्ग के बादलों में प्रकट होते देखेंगे। 31 वह ऊँचे स्वर की तुरही के साथ अपने दूतों को भेजेगा। फिर वे स्वर्ग के एक छोर से दूसरे छोर तक सब कहीं से अपने चुने हुए लोगों को इकट्ठा करेगा।

32 “अंजीर के पेड़ से शिक्षा लो। जैसे ही उसकी टहनियाँ कोमल हो जाती हैं और कोंपलें फूटने लगती हैं तुम लोग जान जाते हो कि गर्मियाँ आने को हैं। 33 वैसे ही जब तुम यह सब घटित होते हुए देखो तो समझ जाना कि वह समय निकट आ पहुँचा है, बल्कि ठीक द्वार तक। 34 मैं तुम लोगों से सत्य कहता हूँ कि इस पीढ़ी के लोगों के जीते जी ही ये सब बातें घटेंगी। 35 चाहे धरती और आकाश मिट जायें किन्तु मेरा वचन कभी नहीं मिटेगा।”

Hindi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-HI)

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